इमेल से होटल रूम तक चुदाई का सफ़र

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अन्तर्वासना के सभी प्रेम पुजारियों को आशिक राहुल की तरफ से एक बार फिर से नमस्कार! प्यारे दोस्तो, मेरी पिछली सेक्सी कहानी तड़पते यौवन को भाई का प्यार मिला में मैंने बताया था कि कैसे एक रईस परिवार की शादीशुदा कामुक नारी ने अपने एक चचेरे भाई के साथ अपनी काम वासना को संतुष्ट किया था. आज उन्हीं के आग्रह पर मैं मेरे और उनके बीच हुए एक अत्यन्त कामुक रोमांचित और आनन्दमयी सेक्स समागम का यहाँ वर्णन करने जा रहा हूँ.

तो लीजिये पेश है आज की कहानी आपके समक्ष:

प्यारे दोस्तो, मैं आशिक राहुल पिछले 6 वर्ष से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और सन 2015 से अब तक मेरी 13 कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी है जिनके जवाब में मुझे बहुत सारे मेल प्राप्त हुए हैं, कई नए दोस्तों से मुलाकात हुई और कुछ से मिलने का मौका भी मिला. मेरी खासियत यह है कि मेरा कॉमिक सेन्स बहुत अच्छा है और मैं अपने से पहले अपने साथी की परवाह करता हूँ, उनकी प्राइवेसी की परवाह करता हूँ. इसलिए अब तक जितने भी लोगों से दोस्ती की है और जिनसे रिलेशन बने, वो हमेशा मेरी रिस्पेक्ट करते है और मैं उनकी.

मेरी एक कहानी प्रकाशित हुई थी शिकारा किश्ती में मादक चुदाई जिसमें मैंने मेरे और मेरी पहली मोहब्बत के बीच हुए एक सेक्स सम्बन्ध के बारे में बताया था. मेरी वो कहानी काफी लोकप्रिय हुई थी और बहुत सारे दोस्तों ने मुझसे मेल करके पूछा भी था कि ये शिकारा किश्ती कैसे और कहाँ कहाँ किराए पर ली जा सकती है?

एक रात करीब दस बजे मैं अन्तर्वासना पर एक रोमांचित कहानी पढ़कर अपने 8 इंच के शैतान लंड को सहला रहा था कि इतने में मेरी निगाह एक मेल पर पड़ी. मैंने वो मेल चेक किया तो एक लड़की का था. यह वही लड़की थी दोस्तो, जिनके बारे में मैंने पिछली कहानी में बताया था, निशा मल्होत्रा. उन्होंने लिखा था कि उन्हें मेरी कहानी बहुत ज्यादा पसंद आई और शिकारा किश्ती में सेक्स का वो आईडिया तो उनके दिल को छू गया.

मैंने भी तुरंत रिप्लाई किया और उन्हें उनके मेल के लिए धन्यवाद दिया. वो भी उस वक़्त ऑनलाइन ही थी और उन्होंने मुझसे मेरे बारे में जानने की इच्छा ज़ाहिर कि अगर मुझे ऐतराज़ न हो तो. मैंने उन्हें अपनी लाइफ के बारे में काफी कुछ बताया किन्तु अपनी रियल लोकेशन शुरू में नहीं बताई जिसका उन्होंने भी सम्मान किया. फिर उन्होंने अपने बारे में बताया कि उनकी शादी होने वाली है उनका रिश्ता तय हो चुका है.

उस रात करीब 12:30 बजे तक हमने मेल पर ही बातें की.

अगल दिन उन्होंने फेसबुक पर बात करने की इच्छा ज़ाहिर की तो मैंने दो नये फेसबुक अकाउंट बनाकर एक उनको दे दिया और एक से मैंने लॉग इन किया. ऐसे धीरे धीरे एक दूसरे के बारे में जानते हुए हमारे बीच बहुत अच्छी दोस्ती कायम हो गई और बातें सेक्स तक भी पहुँच गई.

जल्दी ही उनकी शादी हो गई और उनसे काफी वक़्त तक बातचीत नहीं हुई.

फिर एक दिन अचानक मैंने देखा कि मुझे निशा का मेल आया हुआ था. अब उनकी शादी को दो साल हो चुके थे. उन्होंने अपनी शादीशुदा लाइफ के बारे में विस्तार में मुझे बताया. शुरू में सेक्स का भरपूर आनन्द लेने के बाद अब उनके पति काम में ज्यादा बिजी रहने लगे हैं और इसी बीच उनके और उनके कजिन के बीच भी सेक्स हो चुका था.

उस रात हम दोनों सेक्स की बाते करते हुए कुछ ज्यादा ही रोमांचित हो गये थे और पहली बार हमने फोन सेक्स किया. वो मुझसे मिलकर मेरे साथ सेक्स का आनन्द लेना चाहती थी. पर हमने तय किया कि हम सिर्फ उसी दिन एक दूजे को देखेंगे जिस दिन हम सेक्स करेंगे उससे पहले कोई फोटो तक नहीं देखेंगे.

कुछ दिन ऐसे ही फोन सेक्स करने के बाद आखिर वो दिन आ ही गया जब उन्होंने मुझे मिलने के लिए कुरुक्षेत्र बुलाया. उस दिन उन्होंने नेट का एग्जाम देने का बहाना करके पूरे दिन का समय निकाल लिया था हमारे मिलन के लिए और मुझे भी बुला लिया था.

उन्होंने मेरे अकाउंट में रूपये भी डाल दिए थे ताकि मैं आराम से आ सकूँ और रहने के लिए होटल का इंतजाम भी कर लूँ अच्छे से. मैंने उनके कहे मुताबिक एक अच्छे होटल में मेरे नाम से एक कमरा बुक किया और कहा कि कोई मुझे डिस्टर्ब न करे, मैं यहाँ एक स्पेशल मीटिंग के लिए आया हूँ और मेरी कम्पनी की एक सहकर्मी आयेंगी मीटिंग करने मुझसे.

कुछ देर बाद निशा ने मेरे बताये हुए होटल में मेरे कमरे पर नॉक किया, मेरे दिल की धड़कनें बहुत तेज हो गई, ऐसा पहली बार होने जा रहा था कि मैं किसी लड़की से इस साईट के जरिये ऐसे मिलने वाला था. मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो कुछ पल के लिए जैसे मेरी आँखें ठहर सी गई, सामने चांदी से चमकते बदन पर ब्लैक साड़ी में एक अल्हड़ जवानी को देख मैं मन्त्र मुग्ध सा हो गया. कुछ पल बाद एक मधुर ध्वनि ने ये कहते हुए मुझे स्वप्न से जगाया- सर अब अन्दर चलें?

दोस्तो, जितनी हसीं वो खुद थी उससे भी मोहक उनकी मधुर वाणी. पहले ही दीदार में जैसे दीवाने से हो गये हम. अन्दर आकर उन्हें बेड पर बैठाया और उनके सामने बैठकर कुछ पल उन्हें ऐसे ही निहारता रहा.

फिर वो बोली- जनाब कब तक ऐसे ही दीदार करते रहेंगे आप? तो मैंने कहा- कि अगर मेरे बस में हो तो कयामत तक. वो बोली- जनाब बड़े आशिक मिजाज भी लगते हैं आप तो? तो मैंने कहा- इसलिए तो नाम के साथ आशिक भी लिखते हैं मैडम.

ऐसे ही बातों के बीच हमने पहले हल्का नाश्ता किया. निशा 34-28-36 साइज़ की बेहद कामुक जिस्म की मालकिन थी. मैं भी 5 फुट तक़रीबन 10 इंच के एक हट्टे कट्टे जिस्म का लड़का हूँ. फिर उन्होंने मुझे कहा कि वो आज के इस दिन को एक यादगार दिन बना कर जीना चाहती है और हमारे पहले मिलन को हमेशा याद रखना चाहती है. इसलिए इसे पूरी तरह एन्जॉय करेंगे हम दोनों.

सबसे पहले उनके पास बैठकर मैंने उनकी जुल्फों को थोड़ा पीछे की और सरकाया और फिर उनके गालों पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए उनके गालों पर अपना पहला चुम्बन करते हुए हल्के से काट लिया. उन्होंने एक बड़ी ही कातिल मुस्कान से देखा मुझे और फिर अगले ही पल उनके नीचे वाले होंठ को मैंने अपने होंठ में ले लिया और गुलाब की पंखुड़ियों से रस चूसने का कम शुरू किया. फिर उनके ऊपर वाले पतले से होंठ को अच्छे से चूसा, तब तक वो भी पूरी तरह गर्म होने लगी थी.

तभी मैंने अपनी जुबान उनके मुंह में डाली और वो मेरी जुबान को चूसने लगी. हमारा ये पहला चुम्बन करीब 7-8 मिनट तक चला. फिर उनकी साड़ी के पल्लू को पकड़ उनकी पूरी साड़ी को एक ही बार में उतार दिया. चांदी से चमकते बदन पर पेटीकोट जैसा वस्त्र मुझे काफी अखरने लगा इसलिए तुरंत ही उनके पेटीकोट को भी निकाल दिया.

अब उस रजत जिस्म पर से ब्लाउज को उन्होंने खुद ही निकाल दिया. मैंने मेनका के सौन्दर्य के बारे में सुना था कि वो स्वर्ग की सबसे सुन्दर अप्सरा थी पर आज ऐसा लग रहा था कि अगर कोई अप्सरा है जमाने में तो इससे खूबसूरत कोई नहीं हो सकती. लाल रंग की ब्रा में कैद वो दो कसे हुए मम्में मुझे ललचा रहे थे.

मैंने उन्हें बेड पर बैठाया और पहले उनके गले को चूमते हुए उनके उन मम्मो को ब्रा के ऊपर से सहलाया. उनके मुख से सिसकारियों की आवाजें निकलने लगी और एक झटके से उनकी ब्रा को निकल कर उनके जिस्म से दूर फेंक दिया मैंने.

अब मेरे सामने मेरे सबसे पसंदीदा मम्में थे जिन पर मैं टूट पड़ा. दोनों को बारी बारी से खूब चूसा. बहुत अच्छे से दबाया, उनके साथ खेला. उनके निप्पल को हल्के हल्के दांतों में भरकर खींचा जिस से उनकी चीख निकल गई. उन्होंने मेरा चेहरा ऊपर करते हुए मुझे बदमाश बोला, मेरे लिप्स पर किस करने लगी और हल्के से काट खाया. फिर मेरी तरफ आँख मारी, जैसे कह रही हो कि मैंने अपना बदला ले लिया. मैंने उनके मम्में चूसने के बाद उनके पेट को चूमते हुए उनकी नाभि को किस किया. उनके सपाट चिकने पेट को चूमने में एक अलग ही एहसास हुआ.

अब उनके जिस्म पर बस एक ही अंत:वस्त्र बाकी था जो उनकी काले रंग की डिज़ाइनर पैंटी थी, जिसमें से उनकी चूत उपर तक उभरी हुई नज़र आ रही थी. अब मैंने उनके पैरों को पकड़ा और चुमते हुए ऊपर उनकी जांघों तक पहुंचा. उनकी जांघों को हल्के मसाज़ देते हुए उनकी पाव जैसी फूली हुई चूत को को पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा.

उनकी पैंटी भी ऊपर से पूरी तरह भीगी हुई थी उनकी चूत के स्वादिष्ट रस से. फिर उनकी पैंटी को भी उनके जिस्म से अलग करने के बाद मैं उनकी चूत को पहले अच्छे से निहारने लगा. पाव जैसी उनकी फूली हुई चूत जिस पर कामरस की कुछ बूँदें साफ़ चमक रही थी जैसे मुझे पुकार रही हो कि आओ और आज इसके रस में पूरी तरह से भीग जाओ.

पहले उनकी चूत की दोनों फांकों के बीच में उंगली रख कर उनकी दोनों फांकों को अलग किया, फिर चूत के दाने को अपनी उंगली से छेड़ने लगा. उनके मुख से तेज तेज सिसकारियाँ निकलने लगी- उम्मम्म उम्म्ह… अहह… हय… याह… उनकी चूत गीली होने लगी.

तभी मैंने अपना मुख उनकी चूत पर रख दिया और उनकी चूत को चाटने लगा, अपनी जीभ उनकी चूत में डाल कर जीभ से चुदाई जैसा रोमांच उन्हें देने लगा. कुछ ही पल में उनकी चूत ने अपना सारा कामरस बाहर उड़ेल दिया.

अब उन्होंने मुझे नीचे लिटाया और एक एक करके मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. फिर मुझे ऊपर से किस करते हुए नीचे लंड राजा तक आ गई और मेरे लंड को चूसने लगी. मैं भी उनका सर पकड़कर जोर जोर से अपना लंड उनके मुख में देने लगा. और उनके मुख में ही झड़ गया.

5 मिनट बाद ही उन्होंने दोबारा चूसकर लंड को डंडे जैसा कड़क कर दिया और अपने कातिल इशारों से मुझे उनकी चूत चुदाई का निमंत्रण देने लगी. मैं भी अब उन्हें चोदने को बेताब था इसलिए उनकी दोनों टाँगें ऊपर करके बीच में आकर अपना लंड सेट किया और एक जोर के झटके के साथ ही अपना आधे से ज्यादा लंड अन्दर पेल दिया. उनके मुख से निकली चीख मेरे होंठों में ही समा गई.

और फिर उन्होंने अपनी गांड को ऊपर उठाना शुरू किया जो इशारा था कि अब जोर से उनकी चुदाई हो. मैंने भी तेजी से धक्के लगाने शुरू किये. 5 मिनट तेजी से चुदाई के बाद उन्हें घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उनकी चूत को चूमने के बाद लंड को चूत में प्रवेश करा दिया. ऐसे ही पीछे से भी उनकी जम कर चुदाई की.

क्यूंकि पहले ही लंड का रस वो निकाल चुकी थी इसलिए अभी मेरा लंड झड़ा नहीं था तो उनको अपने ऊपर बैठाया. इस पोजीशन में चुदाई का अदभुत रोमांच मिलता है. उनके मदमस्त मम्मों को चूसते हुए, चिकनी गांड को सहलाते हुए, लंड उनकी चूत की दरारों को भेदता हुआ अन्दर जाता है. साथ में इसमें अपने पार्टनर की सक्रिय भागीदारी से तन और मन दोनों में अदभुत रोमांचित करने वाली फीलिंग्स आती है.

कुछ पल में ही हम दोनों का कामरस बह गया और हम थककर एक दूसरे के ऊपर नीचे ही लेटे रहे.

उस दिन हमने ऐसे ही 3 बार जम कर चुदाई का आनन्द लिया और फिर शाम को उन्होंने जाने से पहले मुझे बहुत बार थैंक्स कहा और हमेशा जब भी कभी मौका मिले तो टच में रहने की बात कही.

दोस्तो, यह कहानी थी मेरी और निशा जी की जो अन्तर्वासना प्लेटफ़ॉर्म के जरिये मुझसे मिली थी. पिछली कहानी पर आपमें से कुछ दोस्तों ने कहा था कि कहानी को काफी छोटा लिखा था मैंने तो इस बार पूरा विस्तार देने की कोशिश की है. आशा करता हूँ कि आप सभी ने इस कहानी को पढ़कर एन्जॉय किया होगा. आपके मेल का इंतजार रहेगा दोस्तो. मुझे मेल करने के लिए नीचे दी गई मेल आई डी पर मेल करें और ध्यान रखें कि इस ईमेल आई में अंत में याहू डाट कॉम है.

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