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चाची की चुत तक का सुहाना सफ़र-1 चाची की चुत तक का सुहाना सफ़र-2 अब तक की इस चाची सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि चाची भी मुझसे चुदने को मचल उठी थीं पर चाचा के कारण उन्होंने दूसरे दिन चुदाई का कार्यक्रम तय कर लिया था. अब आगे..
सुबह चाची ने मुझे चाय के लिए उठाया और बोलीं- उठो जनाब, पेपर देने नहीं जाना क्या? तो मुझे उनके बोलने के अंदाज पे हंसी आ गई, मैं बोला- हाँ आज और भी बहुत तैयारी करनी है. चाची थोड़ा सा मुस्करा कर मेरी बाँहों में आ गईं. फिर हमने थोड़ी देर चूमा-चाटी की. चाची बोलीं- रात को ही आना.. पहले आज घर मत आना, नहीं तो इन्तजार नहीं होगा और मजा भी नहीं आएगा.
यह बोल कर चाची मेरा लंड दबा के हंसते हुए चली गईं. मैं भी उठा और घर आके एग्जाम देने चला गया. उस दिन लास्ट एग्जाम था तो थोड़ी मस्ती की और घर आ गया. अब मैं बस रात का इन्तजार कर रहा था.
शाम को चाचा घर आए और मुझे और रवि को चाची के पास ही सोने का बोल के खुद बाहर चले गए. अब मेरी ख़ुशी एकदम से गायब हो गई.. मुझे सारा प्लान चौपट होता दिखने लगा. ये रवि नाम की बला बीच में कहाँ से आ गई. खैर.. मैं रात को बुझे मन से चाची के घर पहुंचा जाके देखा तो रवि चारपाई पे सो रहा था और पास में चाची का लड़का भी सो रहा था.
मैंने चाची को इशारा करके उनके बारे में पूछा, तो वो हंसने लगीं और मुझे किस करके बोलीं- मेरे कन्हैया.. पूरे 3 साल हो गए मुझे इस पल का इंतजार करते.. आज मिला तो ऐसे कैसे जाने देती? मैंने इनको नींद की गोली देकर सुला दिया है.. ये दोनों सुबह से पहले नहीं उठने वाले.
चाची सेक्स के लिए तैयार हैं, यह सुनते ही मैंने उन्हें गले लगा लिया. उन्होंने भी भरपूर जवाब देते हुए मुझे अपनी बाँहों में भींच लिया. अब मेरा तूफ़ान उठ चुका था मैंने चाची के होंठ चूम लिए, पर मैं सही से कर नहीं पा रहा था. चाची ने कहा- होंठ खोल और जीभ अन्दर तक डाल कर जैसे मैं कर रही हूँ वैसे कर! तो मैं वैसे ही करने लगा.
सॉरी दोस्तों ऐसे अगर उन्होंने क्या सिखाया.. ये बताने लगा तो आपको मजा नहीं आएगा इसलिए मैं इसको थोड़ा काल्पनिक बना रहा हूँ.. एन्जॉय करो.
अब हम किस करते हुए बेड पे पहुँच गए. चाची ने दोनों लाइट बन्द कर दी और छोटी वाली लाइट जला दी. अब कमरे का माहौल एकदम मस्त और सेक्सी हो गया था. मैंने चाची को फिर से पकड़ लिया और किस करने लग गया. वो बहुत आराम से और प्यार से किस कर रही थीं.
अब मेरे हाथ नीचे की ओर बढ़ने लगे. मैंने चाची की नाईटी के हुक खोल के हाथ अन्दर घुसा दिया और कमर पे हाथ घुमाते हुए उनकी ब्रा की स्ट्रिप्स में उंगली घुसा दी. फिर वहीं से रगड़ते हुए हाथ को आगे तक लाया तो इससे चाची की आह निकल गई और उन्होंने मुझे होंठ पे काट लिया.
मैंने भी जोश में आकर उनकी नाईटी ऊपर से उतार दी. वो अब सिर्फ ब्रा में थीं और उनके मोटे-मोटे चूचे बाहर आने को बेताब हो रहे थे. मैं उन्हें ब्रा के ऊपर से ही चाटने लगा और दबाने भी लगा. चाची आहें भर रही थीं और भी उत्तेजना में अपने हाथ मेरी कमर पे घुमाने लगीं. फिर मैंने पहले से ही बोबों से भरी ब्रा में हाथ डाल दिया, ब्रा ये तनाव सहन नहीं कर पाई और टूट गई. ब्रा की इलास्टिक चाची की कमर और बगल पर लगे, तो उनके मुँह से जोर से चीख निकल गई.
मैं झट से उनकी कमर और बगलों को चाटने लगा. वो मेरे बालों में हाथ फिराने लगीं और मेरी टी-शर्ट उतार दी. फिर मेरी निप्पल पर किस करने लगीं और इसके साथ ही चाची ने एक हाथ मेरे बरमूडे में डाल दिया.
मैंने उन्हें खड़ा होने का इशारा किया तो उन्होंने खड़े होते ही मेरा बरमूडा भी निकाल दिया और उनकी नाईटी भी नीचे गिर गई. अब हम दोनों सिर्फ अंडरवियर और पेंटी में थे. मैंने चाची को पकड़ कर बेड पे गिरा लिया और उनके ऊपर आकर उनकी चूचियों को चूसने लगा.. निप्पलों को भी काटने लगा. चाची मेरा सर अपने निप्पलों पर दबाए जा रही थीं और आहें भर रही थीं.
चाची मेरा लौड़ा पकड़े हुए थीं और हल्के-हलके दबा भी रही थीं. मैंने भी जवाबी हमला करते हुए चाची की पेंटी में हाथ डाल दिया, चाची की चूत एकदम सफाचट थी. मैं चाची की चुत को मुठ्ठी में भरने लगा.
अब मेरा मुँह उनके एक चूचे पे, एक हाथ दूसरे चूचे पर और दूसरा हाथ चूत पे था. मतलब चाची को सभी तरफ से मजा आ रहा था और उनके मुँह से आवाजें रुक ही नहीं रही थीं. पूरा कमरा उनकी आहों से गूंज रहा था. अब चाची ने भी मोर्चा सम्भाला और मेरा अंडरवियर निकाल कर लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं. तब तक मैं भी उनकी पेंटी निकाल चुका था.
अब मैं उनके पेट पे किस करता हुआ नीचे पहुंचा और चाची की चूत पर होंठ रख कर एक जोरदार किस की, वो बुरी तरह तड़प उठीं और उन्होंने मेरे बालों को पकड़ लिया. चाची ने कहा- ऐसे मुझे अकेले मजा आएगा.. दोनों साथ में मजा लेते हैं.
हम 69 अवस्था में आ गए, चाची लंड चूसने में उस्ताद थीं, वो लंड ऐसे चूस रही थीं जैसे लंड को पी रही हों और इधर मैं भी जहाँ तक मुझे पता था वो ही कर रहा था. मैं अपनी जीभ से चाची की चूत एक प्रकार से चोद ही रहा था.
हम ऐसे ही देर तक एक-दूसरे को मज़े देते रहे. फिर अचानक से चाची ने तेज़ चूसना शुरू कर दिया, मैं भी जोर से चाची की चूत चाटने लगा. चाची का शरीर एकदम से अकड़ने लगा और फिर हम दोनों एक साथ एक-दूसरे के मुँह में झड़ गए. मुझे चाची की चुत के रस का टेस्ट अजीब सा लगा, पर जैसे चाची मेरा पी रही थीं.. वैसे ही मैं पीने लग गया. मैंने उनकी चूत चाट के साफ कर दी.
पर वो मेरी सारी मलाई पीने के बाद भी नहीं रुकीं और लंड चूसती रहीं.
अब मेरा लंड धीरे-धीरे फिर से खड़ा होने लगा, शायद इसलिए चाची लगातार चूसे जा रही थीं. कुछ ही देर में मैं फिर से तैयार हो चुका था.
अब चाची उठीं और सीधा मुझे किस करने लगीं. ये किस इतनी प्यारी थी कि पता ही नहीं चल रहा था, किसकी जीभ कहाँ है. हम दोनों ने बहुत देर तक किस किया. मैंने चाची की चूत में उंगली डाल दी और आगे-पीछे करने लगा. साथ में मैं चाची के चूचे भी दबा रहा था. हम पूरी तरह एक-दूसरे में मानो घुले हुए थे.
चाची जल्द ही मेरा लंड पकड़ के चूत पर रगड़ने लगीं और धीरे से कान के पास काटते हुए बोलीं- अब डाल भी दो बेटा, और इन्तजार नहीं होता. तो मैंने भी उनको एक जोरदार किस की और नीचे की तरफ आ गया. चाची की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, मैंने लंड को चुत के मुहाने पर रखा और डालने की कोशिश की, लेकिन लंड बार-बार फिसल रहा था.
चाची ने अपने हाथ से पकड़ के चूत पे टिकाया और धक्का मारने को कहा. इस बार एक झटके में ही पूरा लंड अन्दर चला गया. चुत के अन्दर बहुत गर्म सा महसूस हुआ.. अगर थोड़ी देर पहले ही मेरा छूटा न होता तो अन्दर डालते ही छूट जाता.
चाची ने मुझे किस किया और थोड़ी गांड उठा कर इशारा किया ‘अब धक्के मारो…’ तो मैं भी शुरू हो गया. मैं बहुत आराम से धक्के लगा रहा था.. तो चाची बोलीं- थोड़ा जोर से कर!
मैं शुरू हो गया. अब हमारा रोम-रोम एक-दूसरे से मिला हुआ था और बहुत ही लय से चुदाई हो रही थी. मैं चाची के शरीर का कोई भी पार्ट अकेला नहीं छोड़ रहा था. कभी मैं चाची के चूचे दबाता तो कभी किस करता.. और चाची भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
पूरा कमरा हमारी कामोत्तेजना से और कामुक आवाज़ों से आनन्दमय हो रहा था. करीब 6-7 मिनट बाद मुझे लगा मेरा होने वाला है, तो मेरी स्पीड बढ़ गई, चाची भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगीं.
दो मिनट बाद मैंने लावा उगल दिया जो चाची की चूत में जाते ही चाची का भी स्खलन हो गया. हम दोनों एक साथ चरमोत्कर्ष पर पहुंचे थे. उसके बाद भी में लगा रहा.. अब फच फच की आवाज़ कम होते-होते बन्द हो गई और मैं निढाल होकर चाची पर ही गिर गया.
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद चाची मेरे ऊपर आ गईं और उन्होंने मेरा लंड चूस कर साफ कर दिया और मेरी छाती पे सर रख लिया.
चाची बोलीं- मेरे कन्हैया, मेरी बहुत पुरानी चाहत तूने आज पूरी कर दी.. लव यू. मैं भी ‘लव यू’ कहते हुए उन्हें किस करने लगा.
हमारा दूसरा दौर शुरू हो रहा था. उस रात मैंने 3 बार चाची से सेक्स किया और हम नंगे ही सो गए.
उसके बाद भी मैंने बहुत बार चाची को चोदा.. वो भी अलग अलग पोजीशन में. उन्होंने मुझे पक्का चुदाई का खिलाड़ी बनाया. उसके बाद मैंने बहुत औरतों को चोदा, जिनमें ज्यादातर घर की ही औरतें थीं. उन सबकी चुदाई की कहानी फिर कभी लिखूंगा, अभी आप मेरी इस चाची सेक्स स्टोरी पर अपने कमेंट्स कर सकते हैं.
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