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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय ने पूजा की कमसिन चुत में काफी अन्दर तक लंड पेल दिया था और अन्दर-बाहर करने लगा था.. उधर पूजा बेहोश हो चुकी थी. अब आगे..
जब पूजा वैसे ही बेजान पड़ी रही तो उसको अहसास हुआ कि पूजा अब भी बेहोश है, तो उसने पास पड़ी पानी की बोतल से थोड़ा पानी पूजा के चेहरे पे गिराया, जिससे वो होश में आई.
संजय ने अब तक पूरा लौड़ा फिट कर दिया था और वो पूजा के होंठ चूसने लगा था. पूजा पानी के कारण अब जाग गई थी.. और उसको अभी भी बहुत दर्द हो रहा था, मगर वो चिल्ला नहीं रही थी. उसने इशारे से संजय को हटने के लिए कहा.. तो वो हट गया.
पूजा- उउउ उउउ आह.. एमेम मामू आह.. एमेम मेरी आह.. ज्ज़ान निकाल जाएगी उउउ प्लीज़ आह.. निकाल लो ना आह.. उउउ उउउ.. संजय- अरे मेरी प्यारी पूजा, तू तो बहुत बहादुर है ऐसे नहीं रोते, अब कुछ नहीं होगा.. जो दर्द होना था हो गया. देख मेरा पूरा लंड अन्दर घुसा हुआ है.. अब बस मज़े ही आएँगे समझी.
संजय की बात सुनकर पूजा ने गौर किया तो उसको अहसास हुआ कि सच में पूरा लंड चुत की गहराई में है. पूजा- आह.. ये तो पूरा घुस गया.. तभी आह.. मेरी जान निकली मामू उफ़ आह.. संजय- देख ये पूरा अन्दर है.. अब तू कहे तो आगे-पीछे करूँ.. बस थोड़ा सा दर्द होगा तुझे.. उसके बाद नहीं होगा. पूजा- ठीक है आह.. मामू आह.. लेकिन ससस्स आह.. ज़्यादा दर्द होगा तो आह.. आप रुक जाना. संजय- ठीक है मेरी जान.. तू बोलेगी तब रुक जाऊंगा मगर ज़्यादा दर्द हो तभी रोकना.. थोड़ा तो होगा तू सह लेना ओके.
पूजा ने ‘हाँ’ का इशारा किया तो संजय फिर शुरू हो गया. वो धीरे-धीरे चुदाई करने लगा.. पूजा को दर्द तो हो रहा था मगर उन 5 मिनटों में संजय ने स्पीड से लौड़ा अन्दर-बाहर किया था, जिससे अब चुत में लौड़ा बराबर फिट हो गया था और आराम से तो नहीं मगर टाइटली अन्दर-बाहर हो रहा था. इस वक़्त तो पूजा को कुछ मज़ा नहीं आ रहा था.. बस हल्का मीठा-मीठा सा दर्द हो रहा था. ऐसे ही 10 मिनट गुजर गए. अब संजय ने थोड़ी स्पीड भी बढ़ा दी थी और पूजा भी मस्ती में आने लगी थी. पूजा- आह.. आ सस्स मामू आह.. ऐसे ही करो.. उफ़ आह.. दर्द के साथ आह.. थोड़ा आह.. मज़ा भी आने आह.. सस्स उ लगा है आह.. करो. संजय- मैंने कहा था ना.. उहह उहह मज़ा आएगा आह.. ले पूजा आह.. सच में आह.. तेरी आह.. चुत बहुत टाइट है उफ़ आह.. साला लौड़ा आह.. फँसा हुआ है.. आह ले आह.. ले..
पूजा अब कमर को हिलाने लगी, उसकी चुत अब पानी छोड़ने लगी थी. वो उत्तेज़ित हो गई और चुत के पानी चोदने से लंड को भी फिसलने में मदद मिल गई. पूजा- आह.. अब ज़ोर से करो आह.. मामू उई नहीं आह.. सस्स ज़ोर से ककककरो आह.. पानी आह.. आआ आआ आने वाला आह.. ज़ोर से आह.. करो मामू एयेए एयेए.
पूजा के मस्ती में आते ही संजय ने उसकी कमर को पकड़ा और दे.. दनादन शॉट मारने लगा. अब लौड़ा 200 पम्प प्रति मिनट की स्पीड से अन्दर-बाहर होने लगा. पूजा तो सच में हवा में उड़ने लगी थी.. उसकी चुत से रस का झरना बहने लगा. उसको ऐसा मज़ा शायद पहले चुत चटवाकर भी नहीं आया होगा.. वो बस आँखें मींचे झड़ रही थी.
संजय तो झटके मारने में बिज़ी था उसको ऐसी कच्ची चुत जो मिल गई थी. इधर पूजा झड़ गई और निढाल पड़ गई.
संजय समझ गया कि ये ठंडी हो गई है, तो उसने अपनी रफ़्तार कम कर दी और पूजा के होंठ चूसने लगा. उसके छोटे-छोटे निप्पलों को उंगली से सहलाने लगा, कभी उसके बूब्स को पूरा मुँह में लेता, तो कभी जीभ से निप्पल को घुमाता.. बस एक लड़की को गर्म करने के लिए और क्या चाहिए.
पूजा- आह.. सस्स मामू उफ़ आह.. करो आह.. ऐसे ही चूसो आह.. आपने आह.. सही कहा था मामू उफ़फ्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है आह.. और करो मामू उफ़ मेरी चुदाई करो आह.. संजय- क्यों मेरी जान.. अब तुझे दर्द नहीं हो रहा क्या.. बोल ज़ोर से करूँ अब? पूजा- आह.. दर्द तो हो रहा है मामू सस्स मगर आह.. दर्द के साथ जो उफ़फ्फ़ मज़ा मिल रहा है आह.. वो ज़्यादा अच्छा है उह धीरे करो.. काटो मत आह.. ज़ोर से करो ना आह..
पूजा फिर से उत्तेज़ित हो गई थी. इधर पूजा की टाइट चुत की गर्मी से संजय का लौड़ा भी बेहाल हो गया था. वो अपने चरम पे पहुँच गया था. संजय- ले मेरी जान उहह उहह आज तेरी चुत की आह.. आ सारी क्सावट आह.. खत्म आह.. कर दूँगा आह.. उहह फिर आह.. तुझे रोज चोदूंगा आह.. मज़े से आह.. तेरी जवानी को आह.. भोगूंगा. पूजा- आह.. मामू मैं आपकी ही हूँ आह.. उई रोज चोदना उफ़फ्फ़ ससस्स आह.. फास्ट मामू फास्ट आह.. मेरी चुत में जोरों से खुजली होने लगी.. फास्ट मामू चोदो हाँ ऐसे ही आआह आईईइ दर्द होता है आह.. ऐसे नहीं उफ़फ्फ़ ससस्स..
संजय ने स्पीड तेज कर दी और पूजा के पैर कंधे पर रख कर वो घोड़े की तरह उसको चोदने लगा. जल्दी ही उसके लंड ने जवाब दे दिया और इतना रस फेंका, जिससे पूजा की चुत का कोना-कोना भर गया. गर्म वीर्य जब चुत की दीवारों से टकराया.. साथ में पूजा भी झड़ गई.
दोनों के पानी का मिलन हो गया. संजय जैसे ही उठा.. फच्च की आवाज़ के साथ लौड़ा बाहर निकाला, जिस पर खून और वीर्य लगा हुआ था. ये इन दोनों की चुदाई की कहानी ब्यान कर रहा था.
पूजा- आ.. आह.. धीरे मामू दर्द होता है उफ़ निकाला तो जान निकल गई.
संजय वैसे ही बैठा रहा और पूजा की चुत को देखने लगा.. जो खून और वीर्य से सनी हुई थी. संजय ने नीचे टी-शर्ट को भी देखा, उस पर भी बहुत खून पड़ा था. यानि सील टूटने से कुछ ज़्यादा ही खून बह गया. संजय ने सोचा कि अब अगर पूजा इसे देखेगी तो डर जाएगी, यह सोच कर उसने पूजा को बताना ठीक समझा.
पूजा- उफ़ मामू ज़ोर से सूसू आह.. रही है आह.. टॉयलेट कहाँ है? संजय- मेरी जान हिल मत.. पहले तू मेरी बात गौर से सुन ओके.. फिर मैं तुझे बाथरूम लेके जाता हूँ. पूजा- क्या बात है मामू.. मुझे सूसू करना है.. आकर सुना देना. संजय- प्लीज़ एक मिनट सूसू रोक ले और सुन, पहली बार लंड जब चुत में जाता है तो अन्दर से लाल रस निकलता है. पूजा- लाल रस क्यों मामू लाल तो खून होता है.. तो क्या मेरे भी खून निकला है?
पूजा उठकर देखना चाहती थी मगर संजय ने उसको रोक दिया और उसको अच्छी तरह समझाया कि ये सबके साथ होता है, तेरे में से भी निकला.. तू इसे देख कर घबराना मत.. आज के बाद दोबारा नहीं आएगा.
पूजा ने हामी भरी तब संजय ने उसका हाथ पकड़ कर उसको बैठाया. पूजा ने टी-शर्ट का हाल देखा.. साथ अपनी चुत को भी देखा.
पूजा- ऊह मम्मी ये क्या इतना खून मामू.. मेरी चुत फट गई है अब समझी मैं.. आप क्यों बोल रहे थे चुत फट जाएगी?
संजय- अरे पागल अभी इतना समझाया कुछ नहीं फटी.. तू पानी से साफ करके देख लेना.. जैसे पहले थी वैसी ही है. पूजा- मामू सच्ची मुझे डर लग रहा है.. ये नहीं फटी ना? संजय- अरे कुछ नहीं हुआ चल तुझे साफ करके दिखाता हूँ.. तब मानेगी तू!
संजय ने उसको गोदी में लिया और प्यार से उसको वॉशरूम ले गया, वहां पहले उसको साइड में बैठा कर अपना लंड साफ किया, फिर उसकी चुत पे पानी डाल कर हल्का सा रगड़ा क्योंकि खून जम गया था.
पूजा- आह.. मामू धीरे दुखता है.. मैंने कहा था ना चुत फट गई अब क्या होगा? संजय- कुछ भी मत बोल देख सही है.. ये रस जम गया तो दर्द हुआ अब साफ हो गई ना.. देख कहाँ फटी है.
लंड की चोट से चुत सूज कर लाल हो गई थी मगर खुलने के बाद वो ऐसी लग रही थी, जैसे अभी-अभी ताज़ा गुलाब खिला हो, उसे देख कर संजय को उस पर बड़ा प्यार आया उसने एक प्यारा सा किस चुत पे कर दिया.
पूजा- सससा आह मामू आपके किस से कितना सुकून मिला मुझे.. और करो ना! संजय- तुझे सूसू आया था ना.. वो कहाँ गया.. मेरे मुँह में मूतने का इरादा है क्या तेरा हा हा हा.. पूजा- छी: मामू आप भी ना.. मैं ऐसा क्यों करूँगी, सूसू तो आ रहा है आप उठाओ तो करूँ ना.. मुझसे उठा भी नहीं जा रहा है. मेरे पैरों में और चुत में बहुत ज़ोर का दर्द है.
संजय ने उसको उठा कर खड़ा किया और उसकी चुत से लौड़ा टच करके कहा- अब इस पर सूसू कर.. तेरी गर्म सूसू से लंड को आराम मिलेगा.. बेचारा तेरी टाइट चुत को खोलने के चक्कर में घुट गया था.
पूजा ने हल्की सी मुस्कान दी और लंड पर सूसू करने लगी, जो संजय को बहुत अच्छा लग रहा था. उसके बाद संजय ने उसको और खुद को अच्छे से साफ किया और वापस पूजा को उठा कर बेड पर ले आया. फिर वहां से वो खून वाली टी-शर्ट हटा दी और पूजा के पास लेट कर उसके मम्मों को सहलाने लगा.
पूजा- मामू आपको मेरे दूधू अच्छे लगते हैं क्या.. जो बार बार इनसे चिपक जाते हो. संजय- अब बच्चों जैसी बातें मत किया कर.. ये दूधू नहीं चूचे हैं या चूचियां बोल दे. अब तू चुत और लंड के खेल को खेल चुकी है.. बहुत जल्द तेरे ये मम्मों को दबा-दबा कर इतने बड़े कर दूँगा कि तू दिखने में आयशा टकिया जैसी लगेगी.
साथियो, आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें. [email protected] कहानी जारी है.
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