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नमस्कार दोस्तो और सहेलियो.. मेरा नाम विजय है। मैं 22 साल का हूँ.. लखनऊ कैंट के पास रहता हूँ और यहीं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। मैं सन 2012 में इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद से लखनऊ में ही रह रहा हूँ।
मुझे शुरूआत में ऑटो या बस से जॉब पर जाना पड़ता था, जो कि मेरे रूम से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। सुबह के टाइम तो बस ये ऑटो मिलने में कोई दिक्कत नहीं होती है.. पर रात में अक्सर लौटते टाइम कोई भी साधन नहीं मिलता तो लिफ्ट ले कर ही आना पड़ता था।
ये बात जून 2013 की है, उस रात भी मैं ऑटो से सीएम हाउस के पास उतरा और वहाँ से पैदल ही चल दिया। मैंने सोचा रास्ते में कोई मिलेगा तो लिफ्ट ले लूँगा। एक-डेढ़ किलोमीटर चलने के बाद मुझे एक स्कूटी की आवाज आई, तो मैंने पीछे मुड़ कर देखा।
मुझे एक स्कूटी आती दिखी तो मैंने हाथ से लिफ्ट के लिए इशारा किया लेकिन रात का समय था तो उसने रोका नहीं। जब वो आगे निकली तो मैंने सोचा कि लड़की है इसीलिए उसने नहीं रोका। वैसे भी यहाँ लड़कियों की सुरक्षा काफी खस्ता हाल है, तो मैं अपनी धुन में चलने लगा। लेकिन मैंने जैसे ही सिर उठाया तो देखा कि उसने स्कूटी रोकी हुई थी और वो पीछे देख रही थी।
मैं दौड़ कर उसके पास पहुँचा और उसको ‘हाय’ बोल कर पूछा- मुझे कैंट जाना है, क्या आप ड्रॉप कर सकती हो? तो उसने पहले तो अजीब तरीके से मुझे देखा, फिर बोली- ओके।
मैं पीछे बैठ गया। वहाँ बैठते ही मुझे उसके डियो और खुले बालों की महक से प्यार हो गया। मैंने अभी तक उसकी शक्ल नहीं देखी थी, पर मुझे उससे प्यार होने जैसे फीलिंग आ रही थी। मैंने थोड़ी देर बाद उससे उसका नाम पूछा तो उसने चित्रा बताया और मेरा नाम पूछा। मैंने अपना नाम बताया और पूछा- कहाँ से आ रही हो? तो वो बोली कि वो बैंक में क्लर्क है उसका बैंक भी मेरी कंपनी से 3 किलोमीटर की दूरी पर था।
कुछ देर हमने ऐसे ही बात की, तब तक मेरी मंज़िल आ गई थी।
मैंने उससे बोला- अब कब मिलोगी? तो बोली- जब किस्मत होगी। मैंने ‘ओके..’ बोला और बाय बोल कर अपने रास्ते चल पड़ा।
फिर मैं 3-4 दिन उसी टाइम पर उस जगह से निकलता रहा, लेकिन वो नहीं दिखी। मुझे रोज़ उदास होना पड़ता था। करीब एक हफ्ते बाद वो फिर मिली, तो मैं फिर उसके साथ चल दिया। मुझे उसकी महक से सच में प्यार हो गया था।
तब मैंने अपनी पूरी हिम्मत जुटाई और उससे उसका फोन नंबर मांगा। बड़ा हाथ-पैर जोड़ने के बाद उसने नंबर देने के लिए ‘हाँ’ की।
फिर मैं अपने रूम के पास पहुँच गया तब उसने नंबर दिया और चली गई। मुझे रात भर नींद नहीं आई। मैंने अभी तक उसकी शक्ल बिना हेलमेट के नहीं देखी थी.. मैं बड़ी मुश्किल से सोया। दूसरे दिन ऑफिस से लौटते टाइम उसको कॉल किया और पूछा- कहाँ हो.. बैंक के आस-पास हो तो मुझे भी छोड़ दो।
तो वो बताने लगी कि बैंक में उसका काम 5 बजे ही खत्म हो जाता है.. वो डाटा एंट्री की पार्ट टाइम जॉब करती है, इसलिए उसको टाइम लगता है और आज वो जल्दी घर चली गई। मैंने मायूसी से कहा- ओके।
फिर ऐसा ही चलता रहा। कई दिनों तक मैं उसके साथ ऑफिस से वापस आता और उसकी यादों में डूबा रहता। मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता था कि वो मेरे बारे में क्या सोचती है।
लगभग 3 महीने बीतने के बाद मैंने सोचा कि उससे अपने दिल की बात बोल देनी चाहिए बाकी जो होगा वो देखा जाएगा। तब मैंने उसे ऑफिस के बाद CCD में कॉफी पिलाने के लिए ले गया क्योंकि यहाँ ज्यादा भीड़ भी नहीं होती और रास्ते में भी पड़ता है।
हम दोनों वहाँ रुके और कॉफी ऑर्डर करके बातें करने लगे।
फिर मैंने बहुत ज़ोर लगा के अपनी हिम्मत को बांधा और उसको आई लव यू बोल दिया, वो शर्मा गई या गुस्सा हुई मुझे नहीं पता चला।
लेकिन थोड़ी देर घूरने के बाद बोली- ठीक है मुझे सोचने के लिए टाइम चाहिए। मैंने भी कहा- ठीक है
फिर सब नॉर्मल चलने लगा। हमने कॉफी पी, उसने मुझे ड्रॉप किया और मैं उसके जवाब का इंतज़ार करने लगा।
अगले दिन उसने बैंक से निकलने से पहले मुझे कॉल किया और बोली- कॉफी पीने चलना है। तो मैंने कहा- मैं 7 बजे फ्री हो जाऊंगा फिर चलते हैं।
उसके बाद हम फिर कॉफी पीने गए। वहाँ उसने टिशू पेपर पर लिख कर मुझे ‘आई लव यू टू..’ कहा तो मैं खुशी से उछल पड़ा।
इसके बाद तो हम दोनों एक-दूसरे से बहुत खुल गए और हर तरीके की बातें होने लगीं। लेकिन मैं उससे सच्चा प्यार करता था और अब भी करता हूँ। इसलिए मैं उससे सेक्स करने के बारे में बोलना नहीं चाहता था और मैंने बोला भी नहीं।
हम किस करते पर उससे आगे कंट्रोल रखते थे।
ऐसे ही सर्दियों में मेरे मकान मालिक के बच्चों की छुट्टियाँ हुईं, तो वो सब गाँव रवाना हो गए।
इसके अगले दिन ही मैं ऑफिस से उसके साथ सीधे अपने रूम पे आ गया और उसको बोला- आज यहीं रुक जा.. घर पे बता दे कि सहेली के यहाँ हूँ.. काम ज्यादा है।
उसने घर पर पूरी रात काम का बोला।
अब मस्ती करने के लिए पूरी रात का टाइम हमारे पास था। हम दोनों ने मिल कर डिनर बनाया.. फिर खाया। फिर मैंने वूफ़र पर स्लो साउंड में म्यूजिक बजाया और हम दोनों ने साथ डांस किया। डांस करते-करते मैं उससे रोमांटिक पोज में घुमा रहा था। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.. जैसे हम दोनों सालों से ये करते रहे हों।
हमारा रोमान्स चलते-चलते कब वासना की तरफ बढ़ चला.. हमें पता ही नहीं चला। हम दोनों किस करने लगे और पहली बार मेरे हाथ उसके नर्म गुलाबी गालों को छोड़ कर उसके मम्मों पर आ पड़े। लेकिन उसने भी कोई विरोध नहीं किया.. शायद आज रात वो भी यही चाहती थी।
धीरे-धीरे हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े उतार दिए। वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में और मैं सिर्फ चड्डी में था।
फिर मैं उसे ले कर बेड पर गिर गया और उसको चूमने लगा वो भी मुझे चूम रही थी हम दोनों एक-दूसरे में खो से रहे थे, फिर मैंने उसकी ब्रा खोली और उसके मम्मों को चूसने और किस करने लगा, वो बहुत तेज़ साँसे ले रही थी और अपने हाथो से मुझे जकड़ने की कोशिश कर रही थी।
फिर मुझे लगा कि ये अब और झेल नहीं पाएगी तो मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी धीरे-धीरे चूत सहलाते हुए अपना लंड उसके छेद पे रख के दबाया, तो वो उछल पड़ी। मैं थोड़ा रुका, फिर मैंने फिर से उसको एक हाथ से कंधे से पकड़ा और दूसरे हाथ से खुद को सेट किया और जब लंड फंस गया तो मैंने दोनों हाथ से उसका कंधा पकड़ा और एक ज़ोर का झटका लगा दिया। इस झटके ने मेरा आधा लंड अन्दर कर दिया, मुझे करेंट सा लगा और बहुत तेज जलन होने लगी। उधर वो बेचारी तो दर्द से बिलबिला उठी, फिर मैं वैसे ही रुका रहा उसे प्यार करता रहा। जब मैंने लंड बाहर निकाला तो वो खून से सराबोर था। ये देख कर मुझे दुख हुआ। फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो बोलने लगी- कोई बात नहीं.. ये तो पहली बार में होता ही है।
फिर मुझे उस पर बहुत ज्यादा प्यार आने लगा और मैंने उसे फिर से किस करना शुरू किया। कुछ ही पलों बाद मेरा लंड भी अब उसकी चूत में आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था। वो भी अपनी साँसों और धक्कों से मेरा साथ और जबाव दोनों दे रही थी। लगातार 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैं झड़ने वाला था.. मैंने उससे बताया तो वो बोली कि अन्दर ही निकाल दो। मैंने कहा- रिस्क नहीं लेना चाहिए। तो वो बोली- मेरा भी होने वाला ही है.. सुबह पिल ले लूँगी।
फिर मैं पूरे जोश में धक्के मारने लगा। करीब 10-12 धक्कों के बाद वो झड़ उठी और उसके पानी की गर्माहट से मुझे भी अजीब सा फील हुआ। मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी चूत के बाहर झड़ गया, ये देख कर वो काफी खुश थी कि मैंने उसके कहने के बाद भी अपना बाहर ही निकाला। उसने मुझे चूमा और हमने अपने आपको साफ किया। फिर ऐसे ही नंगे चिपक कर एक-दूसरे के साथ रात भर तृप्त होकर नींद ली।
सुबह जब मैं उठा.. तो मैं बैठ कर उसका सोता हुआ मासूम चेहरा तब तक देखता रहा, जब तक वो जाग नहीं गई।
उस दिन मैंने और उसने ऑफिस से छुट्टी ले कर पूरा दिन घूमा, शॉपिंग की.. फिर रात को वो मुझे घर छोड़ कर चली गई। वो मेरी और उसकी आज तक की एक मात्र चुदाई थी। हम आज भी रिलेशनशिप में हैं, लेकिन उस रात के बाद भी हम दोनों वैसे ही मिलते हैं, जैसे उस रात के पहले मिलते थे। हम दोनों खुद पे’ कंट्रोल रखते हैं और अब शादी के बारे में सोच रहे हैं।
कहानी पढ़ने के लिए सबका शुक्रिया प्लीज मेल जरूर कीजिएगा लेकिन कुछ बुरा मत लिखिएगा, ये विनती है, बाकी आप क्या सोचते हैं, उस पर निर्भर करता है। धन्यवाद! [email protected]
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