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इस सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि पड़ोसी राजू ने मोना को उसके चचिया ससुर का लंड चूसते देख लिया था. काका की बात सुनकर राजू को गुस्सा आ गया.. वो खड़ा हो गया- हे राम.. आप इंसान हो या हैवान? कविता दीदी आपकी बेटी जैसी है.. आपने उसके साथ ऐसा घिनौना काम किया! काका- चुप, साला हरामी वो साला तेरा जीजा उसको बांझ कहता था.. उसको तलाक देना चाहता था। पता है तेरी बहन मरने जा रही थी। मैंने उसे बचाया और उससे कारण पूछा, तब उसने अपनी कहानी मुझे सुनाई और मैंने उसको यकीन दिलाया कि उसको जल्दी बच्चा हो जाएगा.. उसकी जिंदगी पहले जैसी हो जाएगी, तब जाकर वो मानी। साला मुझे हैवान कहता है।
राजू को अपनी ग़लती का अहसास हो गया क्योंकि एक साल पहले उसकी बहन बहुत दुखी थी, उसका जीजा उसे बहुत मारता था मगर उसके पेट में बच्चा है, ये बात सुनकर उसका जीजा एकदम बदल गया। ये सब काका की करनी थी.. ये उसे आज ही पता लगा।
राजू- मुझे माफ़ कर दो काका, मैंने आपको गलत समझा। भगवान के लिए ये बात किसी को मत बताना मेरी दीदी का घर बिखर जाएगा। काका- अगर बताना होता तो अब तक बता चुका होता। तू भी आज की बात भूल जाना.. और मेरी बहू की बदनामी से पहले अपनी बहन को याद कर लेना.. समझा! राजू- नहीं.. मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा, आप बेफ़िक्र रहो। मगर काका, भाभी बहुत सुन्दर है, कल मुझे बहुत मज़ा दिया.. बस एक बार मैं भी उनको मज़ा देना चाहता हूँ।
काका- तू अपनी औकात भूल रहा है और तेरे जैसे नामर्द से वो खुश नहीं हो सकती.. भूल जा उसको तू, समझा! राजू- काका बस एक बार.. फिर कभी नहीं कहूँगा और उसके बदले मैं आपको एक ऐसा राज बताऊंगा कि आप खुश हो जाओगे। काका- कैसा राज कमीने.. चल पहले बता मेरे काम का हुआ तो आज मोना से तेरी चुदाई करवा दूँगा।
राजू ने बोलना शुरू किया तो काका के होंठों पर एक मुस्कान आ गई। उनकी आँखों में अलग ही चमक नज़र आने लगी।
काका- वाह मेरे बेटे.. ये हुई ना बात, मेरी बहू तो कुछ दिन बाद चली जाएगी मगर तूने तो मुझे यही खजाना बता दिया। अब तो हर रात मेरे मज़े हो गए। राजू- तो आज मेरी चुदाई पक्की ना काका! काका ने उसको हाँ कहते हुए समझा दिया कि कब और कैसे उसको क्या करना है। फिर काका वापस घर चला गया और मोना को ढूँढने लगा।
मोना कमरे में बैठी दाल चुन रही थी और उसके पास कोई नहीं था। काका ने मौका देखा और अन्दर चला गया। मोना- आप यहाँ क्यों आ गए.. माँ जी आ जाएंगी.. आप यहाँ से जाओ। काका- अरे भाई.. मेरा घर है मुझे कौन रोकेगा। तुम शायद भूल रही हो तुम मेरी बहू हो.. समझी कोई आएगा भी तो क्या?
मोना- वो तो ठीक है.. मगर आप कोई हरकत ना करना, और उसका क्या हुआ वो किसी को कुछ बता ना दे? काका- मैंने उसका बंदोबस्त कर दिया.. बस रात को एक बार तू उसे खुश कर देना। मोना- ये आप कैसी बात कर रहे हो.. उस कमीने की मैं शक्ल भी ना देखना चाहूँ और आप ऐसा कैसे बोल सकते हो? मैं आपके घर की इज़्ज़त हूँ.. कोई रंडी नहीं.. जो उसको खुश करूँ? काका- ज़्यादा नखरे मत कर.. उस कमीने की वजह से ही तुझे रात को चुदाई का सच्चा सुख मिला है और रही बात रंडी की.. तो मेरी मोना रानी जो औरत अपने पति के अलावा किसी पराए मर्द के साथ सोती है ना.. वो रंडी ही होती है। जैसे रात को तू मेरी रंडी बनी थी समझी! अब ये सती सावित्री बनने का नाटक बंद कर और जिंदगी के खुल के मज़े ले। वैसे भी वो साला नामर्द 5 मिनट में ढेर हो जाएगा। मोना- ठीक है काका.. जैसा आप कहो.. मगर कोई और पंगा ना खड़ा हो जाए इसका आप ख्याल रखना बस। काका- उसकी चिंता मत कर.. मैं किस लिए हूँ।
काका के जाने के बाद मोना को अहसास हुआ कि औरत चाहे कितनी भी शरीफ क्यों ना हो, भले मजबूरी में सही मगर अपने पति के अलावा वो किसी के साथ सोती है.. तो रंडी ही बन जाती है। मगर मोना ने अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए रंडी बनना मंजूर कर लिया। अब वो रात के बारे में सोचने लगी।
दोस्तो, रात की बात रात को देखेंगे.. अभी यहाँ मज़ा नहीं है चलो थोड़ा घूम कर आते हैं। सुमन का हो गया संजय और पूजा का भी हो गया.. अब फ्लॉरा और टीना भी तो घर गई थीं.. उनका भी देख आते हैं.. क्यों सही है ना?
रात की ज़बरदस्त चुदाई के बाद जब फ्लॉरा घर गई तो उसकी मॉम ने डोर खोला। ममता… ये हैं फ्लॉरा की मॉम.. नॉर्मल हाउसवाइफ हैं, उम्र करीब 43 साल.. बाकी कुछ खास नहीं है।
ममता- अरे कहाँ गई थीं तुम? और ये क्या हाल बना रखा है.. किसी से लड़ाई करके आई है क्या.. बाल बिखरे हुए हैं और ये चेहरे पे निशान कैसे.. बता बेटी क्या हुआ? फ्लॉरा- अरे कुछ नहीं मॉम.. बताया तो था फ्रेंड की बर्थडे पार्टी है, वहीं गई थी। वहां सब फ्रेंड्स ने मस्ती की तो ये सब हो गया.. आप भी ना बहुत फ़िक्र करती हो।
फ्लॉरा तो थकी हुई थी मगर उसकी माँ कहाँ मानने वाली थी।
ममता- फ़िक्र कैसे ना करूँ.. मेरी बेटी ये शहर के बारे में बहुत सुना है अकेली लड़की को ये शहर खा जाता है। फ्लॉरा- मॉम प्लीज़.. अभी तो आप भाषण मत दो, मुझे बहुत नींद आ रही है मुझे सुकून से सोने दो.. बाइ गुड नाईट।
फ्लॉरा जाने लगी तो उसकी मॉम को उसके मुँह से बियर की बदबू आई।
ममता- ओह गॉड.. तुमने पी हुई है.. कितनी बार समझाया ये पीना-वीना लड़कियों के लिए अच्छी बात नहीं है। जॉय- अरे क्या हुआ ममता.. क्यों आधी रात को घर का दरवाजा खोलकर खड़ी हो?
ये है जॉय मार्टिन.. फ्लॉरा के पापा, नॉर्मल मैन.. इनकी एज करीब 45 की होगी।
ममता- अपनी लाड़ली को देखो, पीकर आई है, ये सब आपकी वजह से हुआ है। मैंने कितनी बार कहा कि ये बुरी आदत इसे मत सिख़ाओ। फ्लॉरा- पापा प्लीज़.. आप ही समझाओ, मैं चली सोने.. अब मुझसे ये भाषण नहीं सुना जाता।
फ्लॉरा गुस्से में वहां से चली गई और जॉय ममता के पास आ गया।
जॉय- क्यों लड़ती हो तुम उससे.. एक ही तो बेटी है हमारी। ममता- एक है इसी लिए डरती हूँ, कहीं कुछ हो गया तो? और आपने इसे वाइन की गंदी आदत भी डाल दी है। जॉय- अरे वाइन तो अच्छी चीज है और वैसे भी ये किसी खास मौके पर ही पीती है.. अब चलो सो जाओ, मुझे सुबह जल्दी जाना है।
दोस्तो बोर हो गए क्या.. मगर क्या करूँ ये फ्लॉरा के मॉम-डैड का इंट्रो जरूरी था। ये भी कहानी का हिस्सा है तो चलो टीना के घर भी झाँक लेते हैं।
टीना जब गई तो डोर बंद था। उसने बेल बजाई तो एक नवजवान लड़का सामने था, जो दिखने में स्मार्ट था उसने डोर खोला ये मॉंटी है.. टीना का छोटा भाई।
मॉंटी- क्या दीदी आप भी ना.. बस पार्टी करती रहती हो शाम से मॉम की तबीयत खराब है। टीना- अरे पागल तो मुझे कॉल नहीं कर सकता था तू.. क्या हुआ मॉम को? मॉंटी- आपको कॉल करने से क्या होता। मैंने डॉक्टर अंकल को बुला लिया था.. मॉम को चक्कर आ रहे थे, अब ठीक हैं। आप आवाज़ मत करना.. वो अभी सोई हैं। टीना- ठीक है मेरे सोना.. चल हम भी सो जाते हैं वरना सुबह दोनों लेट हो जाएँगे।
मॉंटी- दीदी आज आपने फिर बियर पी ना.. कितनी गंदी स्मेल आ रही है। टीना- अरे भाई पार्टी में कभी-कभी हो जाता है.. चल अब सो जा, मॉम उठ जाएंगी, तो फिर तू मुझे ही कहेगा।
दोनों चुपचाप अपने कमरे में चले गए और अपने अपने बिस्तर पे सो गए।
आप सोच रहे होंगे कि ये मॉंटी कहाँ से आ गया, तो भाई मैंने पहले ही बता दिया था कि टीना का एक भाई है और सुमन आई, तब ये स्कूल जा चुका था। ज़्यादा सोचा मत करो यार.. आप याद तो कुछ रहता नहीं आपको और मुझे मेल में अजीबोगरीब सवाल करते रहते हो। चलो अब टीना की माँ से सुबह मिल लेना अभी मोना की हालत देख लो।
रात होते होते काका ने सारा बंदोबस्त कर लिया था, वो आज मोना की गांड का भुरता बनाने के मूड में थे। रोज की तरह भाई साहब खेतों पर चले गए और उनकी पत्नी जी सो गईं.. बची काका की पत्नी, तो उसको भी बहुत जोरो की नींद आ रही थी.. वो भी 9 बजे लुढ़क गईं। अब ये कैसे सोईं ये भी जान लो आप काका आज खुलकर मज़ा लेना चाहता था इसलिए दोनों को खाने में धतूरा के बीज खिला दिए थे। अब ये दोनों तो सुबह तक उठने से रहीं।
काका जब मोना के पास गए वो नाइटी पहन रही थी, जिसे देख कर काका को हँसी आ गई।
काका- हा हा हा अरे मेरी मोना रानी.. ये कपड़े क्यों पहन रही है.. आज तो मैं पूरी रात तेरी गांड और चुत को मारूँगा। मोना- आप भी बड़े चोदू हो, इस उमर में ये हाल है तो पता नहीं जवानी में कैसे रहे होगे, बेचारी काकी का क्या हाल करते होगे, आप उनकी तो जान निकल देते होगे। काका- अरे मेरी रानी, वो दिन और थे तेरी काकी तो मुझसे डर कर अपने मायके भाग गई थी मगर मैं भी कहाँ कम था, उसके घर पहुँच गया और वहीं तेरी चाची की जमकर चुदाईकी थी।
मोना- हाय बेचारी काकी, आप बहुत बड़े चोदूमल हो.. अच्छा ये बताओ अपने वो काला सा पाउडर मुझे दिया था खाने में उनको देने के लिए वो क्या था? काका- मेरी जान उसे धतूरा कहते हैं उससे दिमाग़ सुन्न हो जाता है, ये देसी नशा है। अब वो दोनों अब सुबह तक नहीं उठेंगी और मैं तेरी जमकर चुदाई करूँगा। मोना- तो जब तक मैं यहाँ रहूंगी आप रोज उनको ये दोगे क्या? काका- अरे नहीं रानी धतूरा बड़ा घातक होता है.. इसका ज़्यादा सेवन जानलेवा होता है। आज तो तेरी गांड का अच्छे से चोदन कर सकूं इसलिए उनको दिया है, चल अब देर ना कर.. ऊपर छत पर चल.. वही तेरी गांड मारूँगा। मोना- अब छत पर जाने की क्या जरूरत है.. वो तो सोई हैं, यहीं कर लेते है ना?
दोस्तो, आप मुझे मेरी इस सेक्सी कहानी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें! [email protected] सेक्सी कहानी जारी है।
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