This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
स्कूल गर्ल सेक्स दो चूत एक साथ-1 स्कूल गर्ल सेक्स दो चूत एक साथ-2
दोनों मेरे लंड को पकड़ कर उसके सुपारे पर अपनी उंगली फेरती तो कभी दोनों सुपारे के कट पर नाखून चलाती जाती. मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया और यह वीर्य उनके हथेलियों के ऊपर गिरा। दोनों लड़कियाँ अपने-अपने हाथ को चाटने लगी।
मेरा लंड इस बीच मुरझा चुका था। उसके बाद दोनों खड़ी हुई और दोनों ने मेरे एक-एक निप्पल को पकड़ लिया और चूसने लगी। मैंने भी दोनों की कमर में हाथ डालकर अपने से बिल्कुल सटा लिया और अपनी भावना को काबू में करते हुए बोला- तुम दोनों ने ये सब कहाँ से सीखा? तो इस बार फिर सुधा बोली- ब्लू फिल्म से! तुम देखते हो? ‘हाँ, बिल्कुल मैं भी देखता हूँ।’ ‘मजा मिलता है?’ ‘हाँ, बहुत मिलता है!’ ‘अंग्रेजी ब्लू फिल्म देखकर तो और मजा मिलता है। कई स्टाईल से करते हैं।’ मरियम बोली.
तभी मरियम बोली- हमारी तरह कितनी नंगी लड़कियाँ देख चुके हो? ‘दो… और वो भी तुम दोनों!’ ‘हम दोनों की बुर चाटोगे?’
चूंकि मैंने काफी ब्लू फिल्म देखी थी इसलिये मुझे मालूम था, मैंने भी हामी भर दी। सुधा बेड पर लेट गई और अपनी टांगों को जमीन पर लटका कर उनको फैला दिया, मरियम सुधा की दोनों टांगों के बीच आई और उसने भी अपनी टांगों को हल्का सा फैला लिया और सुधा की जाँघों को पकड़ते हुए थोड़ा झुक गई और अपनी जीभ सुधा की फांकों पर चलाने लगी।
मैं मरियम के पीछे आया, उसकी चूत दोनों टांगों के बीच कैद सी नजर आ रही थी, हालाँकि मुहाना हल्का सा खुला हुआ था, मैं घुटने के बल बैठ गया और उसकी चूत में अपनी उंगली चलाने लगा, कुछ लसलसा सा मेरी उंगली में लगा, सूंघने लगा तो मुझे समझ में नहीं आया कि ये कैसी गंध है। मैंने अपनी उंगली को मरियम की जांघ से साफ की. तभी मरियम बोली- भोसड़ी के, चूत ही देखेगा कि चाटेगा भी? मैं सोच नहीं पा रहा था कि क्या करूं कि तभी मरियम ने मेरे सर को थोड़ा सा पुश किया और अपनी चूत से सटाते हुए बोली- भोसड़ी के, अब अपनी जीभ चला कर मेरी चूत को चाट! इतना कहने के साथ ही अपने कमर के हिस्से को हल्के सा हिलाई डुलाई.
ये मेरे मन की बात है कि मैं ब्लू फिल्म देखता था और सोचता भी था कि अगर चूत चाटने को मिली तो ऐसे चाटूंगा वैसे चाटूंगा, लेकिन चूत सामने थी तो मेरी गांड फटी पड़ी थी कि कैसे चाटूं। मैं अभी भी सोच ही रहा था कि सुधा उठी और मेरे पास आई, जबकि मरियम वैसे ही पोजिशन में खड़ी रही, सुधा ने मरियम की टांगों को हल्का सा और चौड़ा किया और टांगों के बीच में घुटनों के बल बैठकर अपने दोनों हाथों का प्रयोग करते हुए मरियम की चूत फैलाई और फिर उसमें अपनी जीभ चलाने लगी.
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद सुधा अपनी जीभ बाहर निकालते हुए बोली- आओ, मेरे पास आकर अपनी जीभ निकालो और मेरी जीभ से टच करो! मैंने इस बार बिना किसी झिझक कर मैंने अपनी जीभ सुधा की जीभ से टच कर दी, सुधा ने मेरी जीभ को अपने होंठो के बीच फंसा लिया और जो मेरी लार थी उसको चूस ली, उसके बाद बोली- अब तुमको भी इसी तरह करना है! और फिर उसने अपने दांतों से लार को जीभ के किनारे लाकर अपनी जीभ मेरी तरफ बढ़ा दी, मैंने भी सुधा की तरह से उसके लार को चूस लिया, फिर वो मरियम की टांगों के बीच से बाहर निकली और उसकी चूत की फांकों को फैलाते हुए बोली- लो अब चाटो!
सुधा के आदेश का पालन करते हुए मैंने मरियम की चूत को चाटना शुरू किया, जैसे ही मैंने अपनी जीभ मरियम की चूत में फिराई, मुझे कसैला सा स्वाद लगा, मैंने अपने मुंह को पौंछा और दुबार जीभ फिराई, करीब तीन-चार बार ऐसा ही करता रहा और फिर जब वो कसैला स्वाद मेरी जीभ में बैठ गया तो मुझे उसकी चूत चाटने में मजा आने लगा। मैं उसकी चूत चाटता और अपना सिर उठाता, ऐसा करते समय मेरी नजर मरियम की लपलपाती हुई गांड के छेद पर पड़ी जो खुल बन्द हो रही थी, मेरी जीभ ने उस छेद के द्वार पर दस्तक दे दी और इधर उधर टहलने लगी.
मेरे ऐसा करने से मरियम अपने हाथ से अपनी गांड को और फैला दी ताकि मेरी जीभ उस छेद में अच्छे से घूम सके।
उसके बाद मरियम सुधा को बोली- ऐ बहन की लौड़ी, अब घूम, मुझे तेरी गांड भी चाटनी है। ‘गांड?’ सुधा बोली। ‘हाँ बहन की लौड़ी, सुन नहीं पाती है, क्या, चल घूम जा और अपने हाथों से अपनी गांड फैला ताकि मैं अच्छे से चाट सकूं।’
मजा तो दोनों को मिल रहा था, पर मैं अपने लंड की सेवा खुद ही कर रहा था। मरियम की चूत और गांड काफी गीली हो चुकी थी। मैं भी बीच-बीच में अपने थूक से अपने लंड को गीला कर रहा था। मेरा लंड तन कर तम्बू हो चुका था, मैं खड़ा हुआ और मरियम की चूत को लंड से सहलाने लगा।
कुछ देर ऐसे ही चलता रहा। अपनी चूत पर लंड की गर्माहट पाकर मरियम अपनी चूत की फांकों को और फैलाने लगी और चूत को लंड की तरफ पुश करने लगी, थोड़ा जोर मैंने लगाया, दो तीन बार लंड फिसलकर जगह से हट गया, लेकिन अगली बार प्रयास करने से मेरा सुपारा उसकी चूत की गुफा में फंस गया था. मरियम के मुंह से ‘आह…’ निकला, मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड किसी बहुत ही गर्म जगह पर जाकर फंस गया है, मेरे हाथ-पाँव काम्प रहे थे, मुझे लगा कि कोई चीज मेरे अन्दर से बाहर आना चाहती है। उसके मुंह से बस वो हल्की सी आह निकली, मरियम ने मेरी तरफ देखा और फिर वो सुधा के मम्मों को पीने लगी.
इधर मैं अपने फंसे हुए सुपारे को चूत के और अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था, पर मुझे ऐसा लगा कि मेरे लंड के खाल को कोई चाकू लेकर छील रहा है। तीव्र जलन और दर्द का अहसास हो रहा था, मैंने लंड को बाहर निकाल लिया। लंड बाहर आते ही मुझे सकून सा लगा.
तभी मरियम घूमी और मुझसे बोली- क्या हुआ? मैंने कहा- कुछ नहीं! ‘तो फिर बाहर क्यों निकाल लिया?’ ‘थोड़ा जलन होने लगी थी।’ ‘कोई बात नहीं!’ कहकर वो मेरा लंड चूसने के लिये घुटने के बल बैठ गई और लंड को मुंह में ले लिया.
सुधा भी मरियम के बगल में बैठ गई और दोनों बारी-बारी से मेरे लंड को चूसने लगी। दोनों अपनी जीभ से मेरे सुपारे को ऐसे चाट रही थी जैसे आईसक्रीम चाट रही हों! अब मेरे लंड की जलन और दर्द दोनों कम होने के साथ-साथ खत्म भी हो गया.
उसके बाद मरियम बिस्तर पर लेट गई, मैं उसकी जाँघों के बीच आ गया और सुधा बेड पर चढ़ गई और मरियम के मुंह में बैठ गई, मरियम की जीभ निकली और वो उसकी चूत को चाटने लगी, इधर मैंने भी एक बार हिम्मत की और लंड को मरियम की चूत को लंड से सहलाने लगा और ऐसा करते हुए एक बार फिर सुपारा चूत में जाकर फंस गया.
मैंने इस बार थोड़ा पुश किया तो मरियम चीख पड़ी. इससे पहले की उसकी आगाज बाहर जाती, सुधा उसके मुंह में पूरी तरह बैठ गई, इससे उसकी आवाज गले में फंस कर रह गई, मुझे समझ में नहीं आया। मरियम के चीखने के कारण मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और इस कारण एक जोर का धक्का और लग गया। इस बार मरियम की चीख तो नहीं निकली लेकिन उसने सुधा को धक्का देकर एक किनारे कर दिया और मुझसे बोली- मादरचोद मेरी बुर में अपना लंड डाल रहा है कि चक्कू से मेरी चूत को काट रहा है। तभी सुधा बोली- क्या कह रही हो, चक्कू कहाँ है? मरियम; लगता है तेरी सील फट गई है, इतनी कहानी पढ़ती हो और ब्लू फिल्म देखती हो, फिर भी समझ नहीं पाई। चूंकि कहानी मैं भी पढ़ता था, तो मैं झट से मरियम के मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा। सुधा भी मरियम के बगल में लेट गई और मुझसे उसके भी मम्मे पीने को कहने लगी। अब मेरे पास चार-चार मम्मे थे और मैं सभी को बारी-बारी पी भी रहा था और उन्हें मसल भी रहा था।
अचानक मुझे अहसास हुआ कि मुझे नीचे से धक्का दिया जा रहा है, मैंने पलट कर देखा तो पाया कि मरियम अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे लंड को अपने अंदर लेने की कोशिश कर रही है। मैं सीधा हो गया और धीरे-धीरे मरियम की चूत में धक्के मारने लगा। मेरा लंड अब चूत के अन्दर आसानी से अन्दर बाहर आ जा रहा था.
तभी सुधा उठी और मरियम की नाभि को चूमते हुए उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ चलाने लगी और मरियम का हाथ सुधा की चूत और गांड को सहला भी रहा था और गोद भी रहा था। तभी सुधा मेरी तरफ देखते हुए बोली- मेरी चूत भी तुम्हारे लंड का इंतजार कर रही है!
मैंने एक बात जो नोटिस की थी कि जहाँ मरियम बिना गाली के कोई बात नहीं करती थी, वही सुधा गाली के प्रयोग करने से बचती थी।
इतना कहने के साथ सुधा सीधी होकर लेट गई और अपनी टांगों को मोड़ते हुए उसको फैला दी। इसी बीच मरियम बोली- अंकुश, बहुत मजा आ रहा है, मेरे अन्दर से कुछ निकलने को बेताब है; इतना कहने के साथ ही वो अपनी कमर और जोर-जोर से चलाने लगी और साथ ही ‘मादरचोद निकला आ… जल्दी निकल तेरी माँ की…’ फिर अचानक वो सुस्त हो गई अब मरियम में कोई उत्तेजना नहीं बची थी, मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला, वो अभी भी तना हुआ था, लंड में खून लगा हुआ था। मेरी नजर मरियम की चूत पर पड़ी, सफेद सा लिपलिसा उसका माल निकल रहा था और उसी के साथ खून भी आ रहा था।
सुधा अभी भी अपनी टांगों को फैलाये हुए थी और चूत को सहला रही थी और साथ ही अपनी उंगली को मुंह में भरती और गीली करके फिर अपनी चूत सहलाती। मैंने अपने अधर उसकी नंगी चूत पर रख दिए। उम्म्ह… अहह… हय… याह… करके वो गनगना सी गई थी, फिर उसने मेरे सिर को सहलना चालू कर दिया।
इधर मरियम अभी भी अपनी आंखें बन्द किये हुए पड़ी थी और अपनी चूत को सहला रही थी। इस बीच मैंने अच्छे से सुधा की चूत गीला किया, फिर सुधा के ऊपर लेट गया और अपने लंड से उसकी चूत में लंड डालने की जगह को बनाने लगा।
सुधा ने नीचे से अपना हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुहाने में सेट करती हुई अपनी कमर को उठाने लगी, मैंने हल्का सा जोर लगाया और सुपारे ने एक बार फिर अपना काम किया और जाकर सुधा की चूत में फंस गया। दर्द और जलन हो तो रही थी लेकिन इस बार मैंने लंड बाहर नहीं निकाला और सुधा की चूत के अन्दर डालता चला गया, हालाँकि सुधा की चूत भी मरियम की चूत की तरह धधक रही थी, जिससे मुझे मेरे लंड के पिघलने का अहसास सा होने लगा था।
इधर सुधा अपने दाँत भींचे हुई थी, और दर्द को बर्दाश्त कर रही थी। मेरे धक्के के दबाव के कारण लंड चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। मैं सुधा के ऊपर लेट गया और उसके मम्मे को पीने लगा।
अभी भी मरियम अपनी आंखों को बन्द किये हुए थी और चूत को सहला रही थी, मैंने मरियम के निप्पल पर चुकोटी काट ली, वो झट में मेरे हाथ में चपत मारते हुए बोली- सुधा को चोद, अभी मुझे मत छू, मेरी चूत में खूब जलन हो रही है। सुधा ने मेरे दोनों गालों को अपनी हथेलियों के बीच लिया और मेरे होंठ पीने लगी और साथ ही अपनी कमर उचकाते हुए बोली- अंकुश, तुम्हारे लिये मैं पूरा दर्द बर्दाश्त कर लूंगी, आओ अब मेरी भी खुजली मिटा दो।
उसका इतना कहना ही था, मैं जल्दी से उठा और लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और फिर जोर का धक्का लगाते हुए लंड को सुधा की चूत में पेल दिया. वो ‘ऑक्…’ करके रह गई और मुस्कुराते हुए बोली- मजा आ गया। मुझे भी अब लगने लगा कि मेरा लंड से भी कुछ बाहर आने वाला है, इस चक्कर में सुधा को जोर-जोर से चोदने लगा, सुधा भी आह-ओह करती जा रही थी, हम दोनों के शोर से मरियम की आँखें खुल गई और वो हम दोनों की चुदाई देखने लगी.
कुछ देर के बाद मेरे लंड से कुछ बाहर आने लगा, चूंकि सेक्सी कहानी पढ़ता था तो समझ गया कि मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया है, उसके बाद भी मैं धक्का लगाता रहा। मुश्किल से 10-15 धक्के और लगाए होंगे कि सुधा ने मेरी कमर को अपने पैरों से जकड़ लिया और बोली- मेरा भी पानी निकल रहा है।
हम दोनों साथ ही झड़ चुके थे। मैं औंधे मुंह सुधा के ऊपर गिर पड़ा। काफी देर बाद मैं सुधा से अलग हुआ तो मुझे अहसास हुआ कि मेरा लंड चिपचिपा रहा है, मैं उठ बैठा और अपने लंड को देखा तो खून पहले से और भी गाढ़ा हो गया था। दो चूत एक साथ चुद चुकी थी और गवाही के रूप में दोनों चूतों का खून मेरे लंड पर लगा था।
सुधा और मरियम दोनों उठी और सामने बाथरूम में जाकर मूतने लगी और मैं बाहर से उनको मूतते हुए देखता रहा। उसके बाद दोनों ने चादर उठाई और बाथ टब में डाल कर धोने लगी और सुधा बाहर आकर बिस्तर को सही करने लगी और उसके बाद अपने कपड़े पहनने लगी, उसको कपड़ा पहनते देखकर मरियम ने पूछा तो सुधा घर जाने की बात करने लगी। मरियम ने मजे लेने के लिये उस रात को साथ में ही रूकने के लिये बोला, पर सुधा ने मना कर दिया. इस पर मरियम बोली कि उसकी एक बार और लंड को चूत में लेने की इच्छा हो रही है और वो चाहती है कि इस बार भी सुधा साथ रहे.
अब मुझे भी आपत्ति नहीं थी पर सुधा के कहने पर मरियम ने गाउन पहना और नीचे जाकर कुछ मुआयना किया और आकर बोली- सभी लोग सोये हुए हैं। मैं खड़ा उनकी बातें सुनता रहा, दोनों ने आपस में इशारा किया और मुझे धक्का देकर पलंग पर लेटा दिया और बारी-बारी से मेरे लंड को चूसने लगी। जब एक मेरा लंड चूसती तो दूसरी मेरे मुंह में बैठ जाती और अपनी चूत मुझसे चुसवाती! उनके थोड़े से प्रयास से ही मेरा लंड तनकर एक बार फिर टाईट हो गया था।
लंड टाईट होने के बाद दोनों बिस्तर पर लेट गई और अपनी टांगें फैला दी, मैं बारी-बारी से दोनों की टांगों के बीच जाता और उनकी चूत को अपने लंड से पेलता जाता, इस बार मरियम और सुधा दोनों ही कुतिया पोजिशन में होकर चुदवाई और काफी देर तक मेरे लंड से खेलती रही. इस बार जब मैं अपनी आखरी पोजिशन में पहुंचा तो दोनों मेरे लंड के नीचे आकर अपना मुंह खोल दी और मेरे लंड से निकलने वाले माल को बारी-बारी से लेकर पीने लगी।
इस तरह से मुझे एक ही दिन में दो कुंवारी विरजिन लड़कियों की चूत चोदने को मिली।
हाँ एक बात और, स्कूल में हम तीनों की केमेस्ट्री इतनी अच्छी हो गई थी कि जब भी मुझे उनको मूतते हुए स्कूल में देखना होता तो सबकी नजर बचाकर मेरे सामने मूतती और मैं उनके सामने, लेकिन ये बातें हमेशा छुट्टी के बाद होती ताकि किसी को पता न चले। लेकिन मरियम कुछ थोड़ा सा ज्यादा एडवांस थी, जब भी उसको घर में मौका लगता तो वो मेरे कमरे में आ जाती और मुझे बाथरूम में खींचकर ले जाती और मेरे लंड पर वो मूतती और मैं उसकी चूत में मूतता। यह खेल तब तक चलता रहा जब तक मैं उसका किरायेदार रहा।
तो दोस्तो, स्कूल गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे नीचे दिये ई-मेल पर अपनी प्रतिक्रिया भेजें। आपका अपना शरद [email protected] [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000