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अब तक आपने इस सेक्सी स्टोरी में जाना था कि संजय अपनी मुँहबोली बहन की कमसिन लड़की पूजा के साथ अपने वासना का खेल शुरू करने वाला था। अब आगे..
संजय को देख कर पूजा ने हल्की सी मुस्कान दी- क्या हुआ.. क्यों मुस्कुरा रही है? पूजा- मामू अब पढ़ाई बहुत हो गई.. अब हम थोड़ा रेस्ट करेंगे ना? संजय- हाँ तो कर लो किसने रोका है। पूजा- मामू आप कल की तरह वहाँ कुर्सी पर रेस्ट करो ना.. साथ में मुझे भी झूला झुला देना।
संजय ने मन में कहा कि साली इत्ती सी है.. मगर इसको मज़ा पूरा चाहिए.. इसको नहीं मालूम कि जब मेरा लंड घुसेगा.. ये मज़ा इसकी सज़ा बन जाएगी। पूजा- क्या सोचने लगे आप आओ ना।
संजय ने दरवाजा बंद किया और कल की तरह लाइट ऑफ कर दी।
पूजा- वाउ मामू आप ग्रेट हो.. आज भी आप कल की तरह मज़ा दोगे ना? संजय- हाँ मेरी जान.. आज तुझे उससे भी अच्छा मज़ा दूँगा आ जा जल्दी से! पूजा- मगर मामू आज भी अगर सूसू आया तो मुझे छोड़ देना.. मैं भाग कर बाथरूम में चली जाऊंगी। संजय- नहीं पूजा वो सूसू नहीं होता है वो मज़ा रस होता है.. तुम सोचो अगर सूसू होता तो मेरे भी सारे कपड़े गंदे हो जाते ना कल! पूजा- हाँ मामू.. मैंने कल सोचा कि वो इतना ज़्यादा भी नहीं आया था.. ये मज़ा रस क्या होता है मामू? संजय- ये तुझे बाद में समझा दूँगा.. अभी तो आ जा.. झूले का मज़ा ले ले और हाँ.. आज तू अपनी चड्डी निकाल कर बैठना.. नहीं तो कल की तरह फिर गंदी हो जाएगी। पूजा- हाँ मामू सही है.. मगर चड्डी नहीं होगी तो आपके कपड़े गंदे होंगे ना? संजय- अरे मेरे होंगे तो होने दे.. मैं तो यहीं रहता हूँ, तुझे घर जाना होगा.. तेरी मॉम को पता लगेगा तो गुस्सा करेगी। पूजा- हाँ सही है मामू.. वैसे मेरी कल वाली चड्डी कहाँ है मामू?
पूजा की बात सुनकर संजय को रात की बात याद आ गई.. जब वो टीना को चोद कर वापस घर आया था। उसका लंड फिर खड़ा हो गया था तब उसने पूजा की चड्डी पर मुठ मारी थी, तब कहीं उसको सुकून आया था।
पूजा- मामू बताओ ना.. आप बार-बार कहाँ खो जाते हो? संजय- अरे वो मैंने धोकर सुखा दी है.. तू जाते टाइम ले जाना। पूजा- ठीक है मामू.. चलो अब बैठ जाओ, मैं भी चड्डी निकाल कर आती हूँ।
संजय कुर्सी पर बैठ गया, उसने बरमूडा नीचे कर लिया और पूजा को उल्टा ही पास आने को कहा ताकि उसको लंड दिखाई ना दे।
वैसे तो लाइट बंद थी.. मगर दिन की रोशनी अलग ही होती है ना, कितना भी लाइट बुझाओ थोड़ा बहुत तो दिख ही जाता है।
जैसा संजय ने कहा.. पूजा उल्टे पाँव उसके पास आ गई। जब वो बैठने लगी संजय ने उसका स्कर्ट ऊपर कर दिया और उसको कल की तरह बैठा लिया। अब लंड सीधे चुत से टकराया तो पूजा सिहर उठी। पूजा- इससस्स उफ़फ्फ़ मामू आपकी गोद में आज ये गर्म-गर्म क्यों लगा? संजय- तूने चड्डी नहीं पहनी ना इसलिए.. अब बोल मत बस मज़ा ले।
संजय का लंड भी कुँवारी चुत की गर्मी महसूस कर रहा था। अब वो धीरे-धीरे कुर्सी हिलाने लगा और लंड को चुत पर घिसने लगा था।
पूजा- सस्स आह.. मामू आज तो आह.. कल से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा है उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ़ जोर-जोर से हिलाओ ना आह.. मज़ा आ रहा है।
संजय को खुद बहुत मज़ा आ रहा था वो और तेज कुर्सी हिलाने लगा।
पूजा मज़े से सिसकियां ले रही थी.. अब तो संजय का लंड भी बहुत गर्म हो गया था.. उसमें से बूंदें यानि प्रीकम बाहर आने लगा था। यही हाल पूजा का था उसकी चुत भी पानी छोड़ने लगी थी।
पूजा- आह.. उफ़फ्फ़ ससस्स मामू आह.. बहुत मज़ा आ रहा है आह.. सस्स.. संजय धीरे से बोला- रानी अभी ये मज़ा ले ले.. फिर तुझे चोद कर असली मज़ा दूँगा।
मज़ा लेते हुए पूजा को जाँघों पर चिपचिपा सा लगा तो उसने आगे हाथ डाल कर चैक किया और जैसे ही उसने नीचे हाथ दिया.. संजय का लंड उसके हाथ में आ गया, जोकि लोहे जैसा सख़्त और गर्म था। लंड का स्पर्श पाते ही वो घबरा गई और जल्दी से उठ गई।
संजय को कुछ करने का मौका भी नहीं मिला.. अब तक पूजा पलट गई थी और उसने लंड महाराज के दर्शन कर लिए। पूजा- ऊऊ बाप रे.. मामू अपने भी चड्डी निकाली हुई है और आपकी फुन्नी कितनी बड़ी है।
संजय इस हमले से बौखला गया मगर फ़ौरन उसने अपने आपको संभाल लिया। संजय- अरे तू उठ क्यों गई.. ऐसे मैंने चड्डी इसलिए निकाली कि तेरे मज़ा रस से ये खराब ना हो। पूजा- वो तो ठीक है मामू मगर आपकी फुन्नी आर्यन से कितनी बड़ी और मोटी है! संजय- तूने कब देखी आर्यन की फुन्नी? पूजा- मॉम उसको नहलाती हैं.. तब मैंने कई बार देखी। संजय- अरे वो छोटा है ना.. इसलिए उसकी छोटी है और मैं बड़ा हो गया हूँ इसलिए मेरी बड़ी है, चल अब आजा बैठ जा। पूजा- मामू कल आपकी फुन्नी मुझे चुभ रही थी ना और ये इतनी गर्म क्यों है? संजय- अरे पगली कल भी यही थी और ये तो गर्म ही रहती है.. तेरी फुन्नी भी तो गर्म है.. हाथ लगा के देख!
पूजा ने अपनी चुत पर हाथ लगा कर देखा वो भी कामवासना में जल रही थी। पूजा- हाँ मामू, मेरी फुन्नी भी गरम हो रही है मगर ये ऐसे गर्म क्यों है? संजय- अरे भोली गुड़िया जब मेरी फुन्नी और तेरी फुन्नी आपस में मिलती हैं ना.. तब ये गर्म होती हैं और तभी चुत रस एम्म.. मेरा मतलब है मज़ा रस बाहर आता है। अब तू सवाल ही करती रहेगी या मज़ा भी लेगी! पूजा- मामू आपकी फुन्नी और मेरी फुन्नी मिलती है तब मज़ा भी बहुत आता है इसी लिए मज़ा रस निकालता है। संजय- हाँ अब सुन तुझे और ज़्यादा मज़ा लेना है क्या? पूजा- हाँ मामू मुझे बहुत.. बहुत सारा मज़ा लेना है। संजय- अच्छा फिर कुर्सी को जाने दे तू बिस्तर पर सीधी लेट जा, मैं मेरी फुन्नी को तेरी फुन्नी से अच्छे से मिलाऊंगा तब बहुत ज़्यादा मज़ा आएगा।
पूजा बेचारी मज़े की मारी संजय की बातों में आ गई। अब संजय के मज़े थे वो खुल कर मज़ा ले सकता था।
संजय ने पूजा के पैर फैलाए और लंड को हाथ से पकड़ कर चुत पर घिसने लगा। पूजा- आह आह मामू सच्ची आह.. अब ज़्यादा मज़ा आ रहा है.. ससस्स उफ़फ्फ़ गुदगुदी हो रही है आह.. मेरा बदन भी आह.. मामू गर्म हो रहा है। संजय- आह.. मेरी पूजा आह.. तेरी चुत कितनी गर्म है आह.. बाहर लंड रगड़ रहा हूँ तो आह.. ये हाल है अन्दर जाएगा तो पता नहीं आह.. उफ़फ्फ़ जल ही जाएगा।
संजय धीरे से बोला था और जोर से भी बोलता तो भी शायद पूजा ध्यान नहीं देती, वो तो अपने मज़े में आँखें बंद करके आहें भर रही थी।
संजय- आह.. आ पूजा तू बहुत प्यारी है उफ़ तेरी जैसी लड़की मेरे नसीब में आई आह.. शायद मैंने आह.. कोई अच्छे कर्म किए होंगे आह.. ले आह.. मज़ा आ रहा है ना! पूजा- ससस्स आह मामू बहुत मजा आ रहा है उफ़.. कल जैसे ही आह.. आज भी सूसू जैसा लग रहा है आह.. आह..
संजय के मन में ख्याल आया कि कच्ची कली का चुत रस कैसा होगा.. उसको तो टेस्ट करना चाहिए। ये सोच कर उसने लंड से घिसाई बंद कर दी।
पूजा- उफ़ क्या हुआ मामू रुक क्यों गए आह.. कितना मज़ा आ रहा था। संजय- मेरी जान क्या तुझे इससे भी ज़्यादा मज़ा लेना है? पूजा- हाँ, मामू लेना है। संजय- तो मेरी बात सुन अपनी आँखें बंद कर ले और कुछ भी हो जाए.. जब तक मैं ना कहूँ खोलना मत। पूजा- ठीक है मामू मैं नहीं खोलूँगी आप बस मुझको मज़ा दो। संजय- तो ठीक है अब देख ऐसा मज़ा दूँगा तू याद करेगी अपने मामू को।
पूजा ने कस कर आँखें बंद कर लीं और संजय कुत्ते की तरह अपनी जीभ से उसकी चुत को चाटने लगा। वैसे तो वो किसी सील बंद तिजोरी की तरह थी, जीभ की नोक भी अन्दर नहीं जा पा रही थी.. मगर संजय नोक से उसको कुरेद रहा था और पूरी चुत को होंठों में दबा कर चूस रहा था।
पूजा को तो जैसे दुनिया का सबसे हसीन तोहफा मिल गया था। वो हवा में उड़ने लगी थी और उसका जिस्म आग की तरह तपने लगा।
पूजा- आह आह आह सस्स मामू उफ़फ्फ़ ये क्या आह.. इतना मज़ा आह.. मेरी आह.. फुन्नी आह.. पता नहीं आह.. मामू उफ़फ्फ़..
मज़े और वासना के चलते पूजा कुछ बोल भी नहीं पा रही थी और संजय तो पक्का खिलाड़ी था। उसने ऐसी ज़बरदस्त चुत की चुसाई की कि बेचारी पूजा 3 मिनट भी नहीं टिक पाई।
पूजा- आह.. आईईइ मामू आह.. मैं आ गई आह.. मेरा आह.. जोर से करो आह.. जोर से करो आह.. मेरा मज़ा रस आह.. निकलने वाला है उफ़ अफ आह.. एयाया आआ आह..
पूजा कमर को जोर-जोर से हिलाने लगी संजय ने उसकी टांगें कस के पकड़ी हुई थीं और वो अपनी बहन की बेटी की चुत के रस की एक बूँद भी वेस्ट नहीं करना चाहता था। उसने बड़े स्वाद से चुत को पूरा चाट कर साफ किया, फिर पूजा से कहा- अब आँखें खोलो।
पूजा के जिस्म से तो जैसे किसी ने सारा खून निचोड़ लिया हो.. वो एकदम बेजान सी हो गई थी।
पूजा- उफ़ मामू सच्ची आज तो बहुत मज़ा आया आह.. ओह मामू आई लव यू। संजय- आई लव यू टू बेबी मेरे साथ रहोगी तो ऐसे ही मज़ा देता रहूँगा।
पूजा को ना जाने क्या याद आया.. उसने नीचे देखा और अपनी चुत को भी हाथ लगा कर चैक किया।
उधर संजय का लंड तो लोहे जैसा सख़्त हो रहा था। वो सोच रहा था कि अब इसे कैसे शांत करूँ, तभी उसकी मुश्किल पूजा ने आसान कर दी।
पूजा- मामू अपने तो मेरी फुन्नी को चाट के साफ कर दिया और सारा मज़ा रस भी पी गए.. आपको घिन नहीं आई फुन्नी चाटने से? संजय- तुझे कैसे पता मैंने चाटा है? पूजा- मामू मेरी आँखें बंद थीं.. मगर इतना तो फील हुआ कि आप चाट रहे हो.. सच्ची बहुत मज़ा आ रहा था। संजय- पूजा फुन्नी से कैसी घिन.. कोई सूसू थोड़े था जो घिन आती, वो तो मज़ा रस था उसमें बड़ा स्वाद होता है। पूजा- सच्ची ओह मामू आप सारा अकेले पी गए.. मुझे भी टेस्ट करना है।
इतना सुनना था कि संजय की बांछें खिल गईं उसको अगला कदम साफ़ दिखने लगा था।
आपको मजा आ रहा है न.. तो जल्दी से मेरी इस बहन की बेटी की चूत की सेक्सी स्टोरी पर मेल लिखो ना। [email protected] कहानी जारी है।
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