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बुढ़िया सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने पड़ोसी लड़के की गांड मारना चाहता था पर उसकी मम्मी ज्यादा तेज निकली. उसने मुझसे अपनी चूत गांड चुदवा ली.
दोस्तो, मेरा नाम गोलू है. मेरी पहली सेक्स कहानी मम्मी पापा की चुदाई में मैं भी शामिल आपको काफी अच्छी लगी और आप सभी ने मुझे काफी संख्या में मेल भी किए थे.
अब मैं आपको अपनी एक और बुढ़िया सेक्स कहानी लिख रहा हूं, अन्तर्वासना पर ये मेरी अपनी घरेलू चुदाई की कहानी है.
मां की लाइव चुदाई देखकर मेरी वासना की भूख बढ़ गई थी. मुझे भी किसी की चुदाई करने की बहुत इच्छा हो रही थी. हाथ चलाने से लंड तो झड़ जाता था मगर मन नहीं भरता था.
जब तक चुत में लंड न जाए और चुदाई के समय लड़की के दूध हाथ में न हों, तब तक किसी भी तरह से मन को शांति नहीं मिलती है.
मेरे पड़ोस में एक लकी नाम का लड़का, उसकी मां और बहन रहती थीं. उसके पिता बाहर कहीं जॉब करते थे.
लकी एक गोरा हैंडसम लड़का था. मेरी उस पर पहले से ही नजर थी लेकिन मौका नहीं मिल रहा था. जब भी मौका मिलता, मैं उसकी गांड पर हाथ फिरा देता और उसका का लंड मसक देता था.
लकी झुंझलाकर रह जाता था. वो मुझसे कुछ कह नहीं पाता था.
एक दिन की बात है … जब मैं लकी के घर गया, तो घर का गेट खुला हुआ था. दरवाजा थोड़ा सा अड़का था.
मैं दरवाजा खोलकर अन्दर गया, तो मुझे कोई नजर नहीं आया. मुझे तेज पेशाब लग रही थी, तो मैं सीधा बाथरूम में घुस गया और बिना कुछ देखे पेशाब करने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने पलट कर देखा तो लकी की मम्मी बिल्कुल नंगी नहा रही थीं. मैं उन्हें देख कर घबरा गया और तेजी से बाहर निकल आया. उधर से मैं सीधा अपने घर चला गया.
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था और डर लग रहा था कि कहीं आंटी सब कुछ मेरी मां को ना बता दें.
दो तीन दिन तक जब कुछ नहीं हुआ तो मैं फिर लकी से मिलने उसके घर गया.
इस बार भी लकी घर पर नहीं था … केवल आंटी भर थीं. वो कमरे में थीं. मैंने कमरे के बाहर से पूछा- आंटी लकी है? आंटी अन्दर से ही बोलीं- वो काम से बाहर गया है.
मैंने कहा- ठीक है, मैं बाद में आता हूं. तो आंटी बोलीं- रुक जरा … मैं आ रही हूँ.
मेरी घिग्घी बंध गई कि पता नहीं आंटी क्या कहेंगी.
आंटी कमरे से बाहर और मैंने जैसे ही उनको देखा, तो दंग रह गया. वे केवल एक पतला सा गाउन पहनी हुई थीं. गाउन एकदम झीना सा था. अन्दर का सारा नजारा दिखाई दे रहा था.
आंटी ने अन्दर ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी तो गाउन में से आंटी के बूब्स और चुत साफ साफ नजर आ रही थी.
मैं उन्हें इस तरह से देख कर उत्तेजित हो गया और मेरा लंड खड़ा हो गया. मेरे लोअर के ऊपर एक टीला सा बन गया. मैंने अपना लंड हाथ से ढक लिया और आंटी के पास पलंग पर बैठ गया.
आंटी बोलीं- लकी से कोई काम था? मैंने कहा- नहीं … बस यूं ही मिलने आया था.
आंटी से थोड़ी देर इधर उधर की बातें होती रहीं.
फिर आंटी ने मुझसे कहा- देखो तो गोलू … मेरी जांघ पर किसी ने कीड़ा ने काट लिया.
ये कहते हुए उन्होंने अपना गाउन ऊपर कर दिया. मैं अपने हाथ से आंटी की जांघ पर देखने लगा कि कीड़ा ने कहां काटा है. मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया.
आंटी बोलीं- और ऊपर देखो … शायद ऊपर काटा हो.
धीरे धीरे करके उन्होंने मेरा हाथ अपनी चुत तक पहुंचा दिया और अपना गाउन कमर तक ऊपर कर दिया.
यह देखकर मैं शर्मा गया.
अब आंटी ने मेरी उंगली पकड़ कर अपनी चुत में डाल दी और कहा- यहां पर कीड़ा काट रहा है.
आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं था. उनकी चुत एकदम गोरी गोरी और गुलाबी रंग की थी. आंटी की चूत मोटी फांकों वाली एकदम उभरी हुई चुत थी.
आंटी ने मेरा हाथ अपनी चुत पर रख दिया और बोलीं- इसे मसलो और मुँह से चूसो.
मैं सब समझ रहा था लेकिन डर रहा था.
मैंने जल्दी से अपनी उंगली हटा ली और कहा- ये क्या कर रही हो आंटी? आंटी बोलीं- कुछ नहीं, तू इसमें अपनी उंगली डाल और खुजली कर. मैंने कहा- आंटी यह सब ठीक नहीं है.
आंटी बोलीं- बाथरूम में मुझे नंगी देखकर खड़ा रहा … तो वो ठीक था. साले तूने मेरी बात नहीं मानी तो मैं तेरी मम्मी से सब कुछ कह दूंगी.
ये कह कर उन्होंने मेरा लंड लोअर के ऊपर से ही पकड़ लिया. मैं डर गया.
आंटी बोलीं- जैसा मैं कहती हूं … करते जाओ. अब आंटी ने अपना गाउन उतार दिया और मेरा लोअर और चड्डी उतार कर मुझे भी नंगा कर दिया.
आंटी ने मुझे खींच कर अपने ऊपर 69 की स्थिति में लिटा लिया और बोलीं- मेरी चुत को चाटो.
उन्होंने मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चाटना शुरू कर दिया. मैं पहले से ही उत्तेजित था … अब तो बेकाबू हो रहा था इसलिए मैं भी उनका साथ देने लगा.
दस मिनट बाद आंटी ने मुझे अपनी जांघों के बीच बैठने को कहा और लंड चुत में डालने को कहा.
मैंने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और एक ही झटके में आंटी की चुत में अपना लंड डाल दिया.
आंटी की चुत पानी तो पहले से ही छोड़ चुकी थी और अब मेरा लंड भी आंटी की चुदाई करने तड़पने लगा था.
मैंने तेज तेज झटके देना शुरू कर दिया. पन्द्रह मिनट बाद मैं आंटी की चुत में ही झड़ गया और उन्हीं के ऊपर लेट गया.
बहुत देर तक हम दोनों नंगे इसी तरह चिपके लेटे रहे, फिर मैं कपड़े पहन कर अपने घर चला गया.
आंटी के चार बच्चे थे इसलिए उनकी चुत फैल गई थी. इसी वजह से मुझे कुछ आंटी को चोदने में ज्यादा मजा नहीं आया था.
मगर आंटी को मेरा लंड पसंद आ गया था.
अब मैं आंटी से कन्नी काटने लगा. मेरी नजर आंटी की लड़की और लकी की बहन पर थी. लेकिन आंटी मुझे अकेले में मिलने की कोशिश करती रहती थीं. तो मैंने लकी के घर जाना बंद कर दिया था.
एक दिन लकी मेरे घर आया और कहने लगा- मुझे पढ़ा दो, कल मेरा एग्जाम है. मैंने कहा- ठीक है … तू रात में आ जाना.
लेकिन वह मुझसे अपने घर आने की जिद करने लगा. मुझे भी लकी की गांड मारना थी … यह अच्छा मौका था.
उस रात को 10:00 बजे मैं लकी के घर पहुंच गया.
लकी मुझे अपने कमरे में ले गया और हम दोनों रात 12:00 बजे तक पढ़ते रहे.
उसके बाद लकी बोला- मुझे नींद आ रही है. मैंने कहा- ठीक है.
मैंने लाइट बंद कर दी और लकी की गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. कुछ पल बाद मैंने उसका लंड पकड़ लिया तो लकी गुस्सा होने लगा.
वो कहने लगा- यह सब मुझे पसंद नहीं है. मैंने कहा- मुझे तेरी गांड मारना है … आसानी से मरवाओगे तो ठीक … नहीं तो जबरी मार दूँगा. वह भी अड़ गया और कहने लगा- मैं शोर मचा दूंगा.
मैं डर गया कि कहीं आंटी ना जाग जाएं. आंटी बगल के कमरे में सो रही थीं. मैं चुपचाप लेट गया. थोड़ी देर में लकी गहरी नींद में सो गया … मगर मैं लंड सहलाते हुए लकी की गांड मारने कि सोचता रहा.
तभी आंटी मेरे कमरे में आईं और कहने लगीं- मेरे कमरे में चलो. मैंने कहा- आंटी मुझे आपकी चुत मारने में मजा नहीं आता … एकदम ढीली हो गयी है. आंटी बोलीं- तू चल तो … आज तुझे पूरा मजा दूंगी.
वो मेरा हाथ खींचते हुए मुझे अपने कमरे में ले गईं.
आंटी ने मेरा लोअर चड्डी उतार दी और मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगीं.
मैंने आंटी के होंठों पर अपने होंठ और रख दिए और हाथ से उनकी चूचियां दबाने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने आंटी के बूब्स अपने मुंह से चूसना शुरू कर दिए और आंटी की चुत में उंगली करना शुरू कर दिया.
आंटी उत्तेजित हो गईं और चुत खोल कर सीधी लेट गईं. उन्होंने अपनी दोनों टांगें फैला दीं.
मैंने लंड चुत में पेल तो दिया मगर मुझे आंटी की चुत मारने में मजा नहीं आ रहा था … इसलिए मैंने लंड खींच लिया और चुदाई के लिए मना कर दिया.
वो बोलीं- तू जैसे कहे मैं वैसे हो जाती हूँ … मगर चुत चोद दे. मैंने कहा- आंटी, आप घोड़ी बनो.
आंटी घोड़ी बन गईं. मैंने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगाया और उंगली में तेल लगा कर आंटी की गांड के अन्दर तेल लगा दिया.
आंटी समझ गईं कि मैं क्या करने वाला हूँ. आंटी बोलीं- यह सब मुझे पसंद नहीं है. मैंने कहा- आंटी मैंने कुएँ में छलांग लगाना बंद कर दिया … मुझे मजा नहीं आता.
यह कह कर मैंने अपना लंड आंटी की गांड में एक झटके में ही अन्दर डाल दिया. आंटी के मुंह से चीख निकल गई. मैंने उनकी कमर पकड़ कर झटका देना शुरू कर दिया.
आंटी कराहती हुई बोलीं- आह छोड़ दो … मुझे दर्द हो रहा है. लेकिन मैं नहीं माना.
धीरे धीरे आंटी को भी मजा आने लगा. पन्द्रह मिनट बाद मैं आंटी की गांड में ही झड़ गया.
आंटी की गांड चुदाई के दौरान मैंने आंटी की चुत में 4 उंगलियां डालकर आंटी की चुत भी चोद दी थी.
जब बुढ़िया सेक्स का भूत खत्म हुआ तो मैंने देखा खिड़की पर लकी खड़ा है.
आंटी ने लकी को नहीं देखा था. मैं डर गया और कपड़े पहन कर लकी के कमरे में आ गया.
लकी आंखें बंद करके चुपचाप लेटा था. मैं लकी के बगल में आकर लेट गया.
तो लकी कहने लगा- तूने यह ठीक नहीं किया … तूने मेरी मां के साथ गलत किया है. मैं सबको बता दूंगा.
मैंने कहा- मैंने तेरी मां की साथ कुछ भी जबरन नहीं किया है. तेरी मां ने मेरे साथ जबरन सेक्स किया है.
मैंने उसे अपने मोबाइल पर उसकी मां की पिछली चुदाई की वीडियो क्लिप दिखा दी.
चुदाई की फिल्म देख कर लकी नीचे मुँह लटका कर बैठ गया.
मैंने कहा- बोल … किसने गलत किया है? वो कुछ नहीं बोला.
मैंने कहा- तूने किसी से कुछ कहा तो मैं यह वीडियो क्लिप सबको दिखा दूंगा.
अब लकी मुझसे गिड़गिड़ाने लगा और कहने लगा- इसको डिलीट कर दो … किसी को मत दिखाना. मैंने कहा- मेरी एक शर्त है.
लकी बोला- क्या शर्त है? मैंने कहा कि मैं जैसा कहता हूँ, करता जा.
वो बोला- ठीक है. मैंने लकी को अपना लंड पकड़ा दिया और कहा- इसको चूसो.
वो मेरा लंड चूसने लगा. मैंने लकी को नंगा कर दिया और अपने भी कपड़े उतार डाले. कमरे की लाइट ऑन कर दी.
पहली बार मैंने लकी को बिल्कुल नंगा देखा था. लकी एकदम गोरा चिकना लौंडा था.
लकी ने अपने लंड की झांटें बना रखी थीं. उसकी चिकनी गांड देखकर मैं बेकाबू हो गया. मैंने लकी को घोड़ी बनाया और उसकी गांड अपने लंड के निशाने पर ले ली.
लकी बोला- तेल लगाकर मारना ताकि दर्द ना हो. मैंने कहा- साले गांड मराने की सारी तरकीब जानता है. पहले भी मरवा चुका है क्या?
वो कुछ नहीं बोला. मैंने भी कुछ नहीं कहा.
तब मैंने लकी की गांड में तेल लगा दिया और अपने लंड पर तेल लगा कर उसकी गांड में डालने लगा. लकी गांड बहुत टाईट थी … इसलिए मेरा लंड जा नहीं रहा था.
मैंने लकी से कहा- अपनी गांड ढीली करो और तेज सांस लो. लकी ने ऐसा ही किया.
मैंने एक झटके में ही लकी की गांड में अपना लंड डाल दिया. लकी तड़प कर रह गया.
मैंने झटके देना शुरू किए. लकी कराह कर बोला- आह धीरे धीरे करो … दर्द हो रहा है.
मैंने झटके देना जारी रखा और 15 मिनट बाद लकी की गांड में ही लंड झाड़ दिया. हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
इसके बाद मैंने लम्बे अरसे तक लकी और उसकी मां चुदाई की.
लकी की बहन की चुदाई की कहानी अगली बार लिखूंगा.
आपको मेरी बुढ़िया सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करना न भूलें.
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