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मेरा नाम राज है और मेरी चाची का नाम सरिता है। मैं अक्सर अपनी चाची की चुदाई करता हूँ, इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने पहली बार चाची की चूत की चुदाई की.
हम अपनी जॉइंट फॅमिली के साथ दिल्ली में रहते हैं। मेरी चाची फर्स्ट फ्लोर पर और मैं अपने मम्मी-पापा के साथ ग्राउंड फ्लोर पर रहता हूँ। आज मैं 32 साल का हूँ और चाची 45 की हैं। लेकिन यह कहानी उस समय की है, जब मैं 19 साल का था और चाची 32 की थीं। मैं नया-नया जवान हुआ था और दिन में 4 बार मुठ मारता था। मुठ मारते वक्त मेरी कल्पना हमेशा चाची की छलकती जवानी पर ही अटकी रहती थी, उनके मोटे-मोटे मम्मे और उभरी हुई गांड मुझे हमेशा आकर्षित करती थी।
वो जुलाई का महीना था.. मौसम सुहाना था और अचानक बारिश शुरू हो गई। जैसे ही बारिश शुरू हुई मैं छत पर नहाने पहुँच गया। जैसे ही मैं पहुँचा.. तो देखा कि चाची छत की सफाई कर रही थीं। वो इस वक्त सफ़ेद सूट में थीं, जो भीग कर उनके शरीर से चिपका हुआ था और उनके मम्मे साफ़ दिख रहे थे।
चूंकि इस वक्त उन्होंने ना ब्रा पहनी थी और ना पैंटी इसलिए सब कुछ मदमस्त दिख रहा था। मैं शॉर्ट्स में था और उन्हें इस पोजीशन में देखते ही मेरा 7 इंच का लंड सलामी देने लगा। मैं चाची के पास गया और उनसे धीरे से बोला- चाची, आज तो आप भीगी हुए बड़ी ही मस्त दिख रही हो। तो उन्होंने अपने दुपट्टे से अपने मम्मे छुपाने की नाकाम कोशिश की, मुझे लगा कि मेरा कुछ नहीं हो सकता।
लेकिन जैसे ही उनकी नज़र मेरे शॉर्ट्स पर पड़ी.. जिसमें मेरा खड़ा लंड साफ़ दिख रहा था, उनके चेहरे पे ग़ज़ब की चमक आ गई। मैं भी मौके की नज़ाकत समझते हुए उनके साथ खड़ा होकर उनकी हेल्प करने लगा, जिससे कभी मेरी कोहनी उनके मम्मों में लगती, तो कभी मेरा खड़ा लंड उनकी जाँघों से लगता।
अब वो भी समझ गई थीं कि मेरे मन में क्या है, तो वो भी कभी हँसती और कभी मुझे छू कर देखने लगीं। इसी दौरान उनके चेहरे पर शरारत भरी स्माइल भी आ गई थी।
फिर उनके मन में अचानक से क्या आया कि वो सीधी खड़ी हुई और सीढ़ियों की तरफ चल दीं। मुझे लगा कि गया मौका हाथ से लेकिन ये मेरी ग़लतफहमी थी क्योंकि वो सीढ़ियों पर जाकर मुड़ीं और एक सेक्सी स्माइल देकर नीचे चली गईं। मुझे लगा कि अभी नहीं तो कभी नहीं.. और मैं भी उनके पीछे-पीछे चल दिया।
मैं जब उनके कमरे के बाहर पहुँचा तो देखा कि उनका मुँह बिस्तर की तरफ है और वो अपने कपड़े उतार चुकी हैं।
उनकी गोरी और बड़ी गांड देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं भी उनके कमरे में घुस गया। वो अब तक अपने सारे कपड़े उतार चुकी थीं। मैंने हिम्मत करके उनको पीछे से इस तरह पकड़ा कि उनके मम्मे मेरे हाथ में, होंठ उनकी गर्दन पर और खड़ा लंड उनकी गांड में घुस सा गया।
चाची जो पहले से गर्म थी.. लेकिन उन्होंने लगभग कराहते हुए बोला- क्या कर रहे हो राज.. ये ग़लत है? मैं बिना कुछ सुने बस उनको किस करता रहा और उनके मम्मे मसलता रहा और उनकी मस्त नंगी गांड में धक्के लगाता रहा।
अब वो भी आपे से बाहर हो चुकी थीं.. तो उन्होंने हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसे सहलाने लगीं.. जोकि मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था।
मैंने उनको पलट कर उनके होंठों को चूसना शुरू किया और इसमें वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं। इसी 10 मिनट की स्मूच में उन्होंने मेरा शॉर्ट भी उतार दिया और हमारे नंगे जिस्म एक-दूसरे से चिपक कर एक हो गए।
चाची ने वहीं नीचे बैठ कर मेरे लंड को पहले जुबान से चाटा और फिर उसे चूसने लगीं.. जैसे लंड में से जूस निकाल कर पीना चाहती हों।
मैं मस्ती में झूम उठा और जैसे ही मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊंगा, तो मैंने उनको उठाया और बिस्तर पे लेटा कर उनके चूचों पर टूट पड़ा। चाची के कड़क निप्पलों को चूस कर मैंने और टाइट व लंबा कर दिया।
चाची अब इतनी मस्त हो चुकी थीं कि कहने लगीं- राज, बस अब अपना लंड डाल दे मेरी चुत के अन्दर।
मेरी भी हालत खराब थी.. मैंने भी देर ना करते हुए चाची की टाँगों को फैलाया और अपना लंड चाची की प्यारी सी चुत पर रख कर एक ही झटके में पूरा उनके अन्दर पेल दिया।
चाची मस्ती में ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगीं और मुझे तो जैसे स्वर्ग का मजा ज़मीन पर ही मिल गया हो। मैं मस्त होके जोर-जोर से चाची की चुदाई करने लगा।
वो मस्ती में ‘अह स्स ह..’ जैसी आवाज़ें निकाल रही थीं और यही हाल मेरा था।
चाची 5 मिनट में अकड़ने लगीं और मेरे होंठों को जोर से चूमते हुए झड़ गईं। उनके साथ मैं भी अपना पानी छोड़ बैठा लेकिन मैं इतने जोश में था कि मेरा लंड बैठा ही नहीं था और मैं बिना रुके उन्हें चोदता रहा।
चाची जो झड़ कर सुस्त हो गई थीं.. बोलीं- मेरे पैर दर्द कर रहे हैं।
तो मैंने उनको उठाया और बिस्तर के कोने पर घोड़ी बना दिया और झटके में लंड अन्दर डाल कर पेलने लगा। लगभग 15 मिनट उनको ऐसे ही पेलते-पेलते अकड़ कर उनकी चुत में ही सारा माल छोड़ दिया। इसी बीच चाची भी एक बार और झड़ चुकी थीं।
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद चाची उठीं, मेरे होंठों पर एक मस्त किस करके बोलीं- राज, प्लीज़ ये बात हम दोनों के बीच रहनी चाहिए.. किसी से डिसकस भी मत करना। मैंने भी किस करके उनको प्रॉमिस किया, जो आज तक मैंने निभाया भी है।
चाची की चुदाई की सेक्स स्टोरी लिखने से पहले उस दिन से आज तक मैंने अपनी सरिता चाची को अनेकों बार चोदा है.. और आज भी चोदने के बाद ही इस सेक्स स्टोरी को लिखा है।
आपके मेल का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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