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शादी के बाद अपने पति और अपनी सेक्स लाइफ से नाखुश होने पर टीचर ने अपनी चुत चुदाई अपनी कोचिंग पर आने वाले एक लड़के से करवा ली!
दोस्तो.. मेरा नाम प्रमिला है, मैं 28 साल की जवान हॉट सेक्सी महिला हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ, मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं। मगर मैं अपनी सेक्स लाइफ से खुश नहीं हूँ.. क्योंकि मेरी पति आशीष जो 32 साल के हैं, उन्होंने अपने बचपन की गलतियों के कारण अपने लंड का कबाड़ा कर लिया है और अब उनका लंड ढंग से खड़ा तक नहीं होता है। अगर होता भी है तो बहुत ही जल्दी 2-4 मिनट में बैठ भी जाता है।
सीधे-सीधे शब्दों में कहूँ तो मेरी पति में अब मेरी चुत को चोदने का दम नहीं बचा था, वो अब कमजोर हो चुके थे। जिस वक्त मेरी जवानी और मेरा यौवन अपनी चरम सीमा पर था, उस वक्त मेरे पास ऐसा लंड नहीं था जो मेरी जवानी का पूरा मजा मुझे दिला सके इसलिए मैंने तय कर लिया था कि अब मैं नए लंड की खोज करूँगी।
मैंने सोचा अगर मैं किसी बड़ी उम्र के लड़के के साथ सम्बन्ध बनाती हूँ तो शायद वो मुझे बाद में ब्लैकमेल करे.. इसलिए मैंने सोचा कि मैं अपने से छोटी उम्र के किसी लड़के के साथ में सम्बन्ध बनाऊँगी। उसी समय मैंने कोचिंग क्लासेस चालू कर दीं। मेरे पड़ोस में ही एक लड़का रहता था जो 12वीं में था।
उसकी माँ मेरे घर आईं और उन्होंने कहा- आप मेरे बेटे को कोचिंग पढ़ाएंगी? मैंने कहा- क्यों नहीं.. मैं उसे जरूर पढ़ाऊंगी.. आप उसे कल से मेरे पास भेज दीजिएगा। उन्होंने कहा- ठीक है।
अगले दिन मेरे पति जब ऑफिस चले गए तो दोपहर दो बजे मेरे घर की डोरवेल बजी, मैंने दरवाजा खोला तो देखा एक बहुत ही सुंदर और क्यूट सा लड़का खड़ा है.. उसकी बॉडी बहुत ही गजब की थी.. शायद वह जिम जाता था। उसने कहा- गुड आफ्टरनून मेम। मैंने कहा- गुड आफ्टरनून.. आप कौन? उसने कहा- मैं सुदीप हूँ मेरी माँ ने आपसे बात की थी ना कल शाम को.. मैंने कहा- हाँ हाँ.. याद आया, तुम विमला जी के बेटे हो? उसने कहा- हाँ मेम.. मैं विमला जी का बेटा हूँ। मैंने कहा- अन्दर आओ।
उसके अन्दर आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने सुदीप को बैठने को कहा, वो बैठ गया। मैंने उसे गौर से देखा तो मैं हैरान थी कि एक 18 साल का लड़का इतना जवान कैसे दिख सकता है.. ये तो ऐसे लग रहा था जैसे 24-25 साल का हो। उसकी बॉडी देख कर कोई ये नहीं कह सकता कि वो 18 साल का है।
मैं उसे निहारती रही.. इतनी अच्छी बॉडी तो मैंने आज तक किसी की नहीं देखी थी। वो टी-शर्ट और जींस पहन कर आया था। मेरा मन तो उसे देख कर ऐसा कर रहा था कि अभी उसके साथ सब कुछ कर लूँ मगर मैंने सोचा कोई भी मुझे गलत नहीं समझे, इसके लिए मुझे समझदारी से काम लेना होगा।
पहला दिन था तो मैंने उससे उसकी हॉबी पूछी कि तुम्हें क्या पसंद है क्या नहीं और इन सब बातों में कब समय निकल गया.. पता ही नहीं चला। इतनी बातें करने के बाद वो मुझसे फ्रेंक हो गया था। मैंने उससे कहा- हम कल से पढ़ना शुरू कर देंगे। उसने कहा- ठीक है मेम। मैंने उससे कहा- आज के बाद तुम मुझे मेम नहीं कहोगे.. प्रमिला भाभी कह सकते हो। उसने कहा- ठीक है प्रमिला भाभी.. आज से मैं आपको प्रमिला भाभी ही कहूंगा। मैंने मुस्कुरा कर कहा- ठीक है।
वो चला गया।
मैं रात को सोते समय सुदीप के ही बारे में सोचती रही और रात को दो बार उसके नाम से अपनी चूत में उंगली भी की और अपने आपको शांत किया।
अगले दिन फिर दोपहर दो बजे सुदीप आया.. मैं पहले से तैयार थी। मैंने नाईट गाउन पहना हुआ था जो पिंक कलर का था। जैसे ही मैंने दरवाजा खोला सुदीप मुझे देखते ही रह गया। उसने कहा- भाभी आज तो आप कमाल लग रही हो। मैंने कहा- थैंक्स, अन्दर आ जाओ। वो अन्दर आ गया।
मैंने उसे बैठने को कहा और हम दोनों पढ़ाई के बारे में बात करने लगे। मैंने नोटिस किया कि वो मुझे बहुत घूरे जा रहा था शायद उसका ध्यान मेरे मम्मों की तरफ था। मैंने अपने मम्मे उसकी तरफ तानते हुए उससे पूछा- क्या देख रहे हो सुदीप? उसने कहा- कुछ नहीं भाभी.. मुझे फ्रेश होने जाना है। मैंने कहा- ठीक है बाथरूम उस तरफ है।
वो जाने लगा.. मैंने देखा कि उसका लंड एकदम तन गया था। मैं समझ गई कि ये बाथरूम किस लिए जा रहा है।
मैंने भी उसका पीछा किया और मैं बाहर की बालकनी में चली गई। वहाँ से बाथरूम की खिड़की थी तो मैं बाथरूम में बाहर से झांक सकती थी।
मैंने देखा.. ओ माय गॉड ये क्या..? सुदीप अपने आँखें बंद करके बाथरूम में अपनी जींस को नीचे करके अपने 6 इंच लम्बे और ढाई इंच मोटे लंड को हाथ में लिए खड़ा था और अपने लंड को हिला रहा था। मैं उसके लंड को देख कर हैरान थी कि किसी 18 साल के लड़के का लंड इतना बड़ा और इतना मोटा हो सकता है क्या।
मैं अपने आप पर अब कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। मैंने देखा सुदीप मेरा नाम ले रहा था, वो कह रहा था- आहहह ओह्ह्ह प्रमिला भाभी क्या मस्त बूब्स हैं आपके.. कितनी मस्त गांड है आपकी.. ओह्ह्ह यस प्रमिला भाभी मेरे लंड को चूस लो.. आह..
उसकी ऐसी बातें सुन कर मैं पागल हो गई और वहीं अपनी चुत में उंगली करने लगी। सुदीप ने अपनी हाथों की स्पीड बढ़ा दी और जोर से चीख पड़ा ‘आअह्ह्ह प्रमिला भाभी.. खा जाओ मेरे लंड के रस को.. आह्ह यस..’ और उसने जोर की एक पिचकारी मारी और उसके लंड से रस की धार निकल पड़ी।
ओ माय गॉड.. कितना सारा रस निकाल दिया उसने.. इतना तो मेरे पति दस-पन्द्रह बार में भी नहीं निकाल सकते।
मैं सुदीप की पूरी तरह से दीवानी हो चुकी थी। मैंने जल्दी से अपने आपको सम्हाला और अन्दर हॉल में जाकर बैठ गई। थोड़ी देर में सुदीप भी आ गया मैंने पूछा- काफी टाइम लग गया? उसने कहा- हाँ भाभी, फ्रेश होने में टाइम लग गया।
मुझे तो पता था कि किस चीज में सुदीप को टाइम लगा था। मेरी नजर अब बस सुदीप के लंड की तरफ रहने लगी। मैंने उसे जल्दी से पढ़ाया और वो चला गया और मैं ये सोचने लगी कि मैं किस तरह से सुदीप का लंड अपनी चुत में ले सकती हूँ।
मैंने प्लान बनाया कि कल जब सुदीप आएगा तो मैं उस टाइम बाथरूम से नहा कर निकलूंगी और वो मुझे घूर कर देखेगा और शायद उसकी वासना जग जाए और वो मुझे चोद दे।
अगले दिन जब उसके आने का टाइम हुआ तो मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया और बाथरूम में नहाने चली गई। वो आया.. उसने मुझे आवाज दी। मैं बाथरूम में थी.. मैंने कहा- बाथरूम में हूँ.. थोड़ी देर से आती हूँ तुम तब तक पढ़ाई करो। उसने कहा- ठीक है भाभी।
मैंने टॉवेल लपेटा और बाहर निकल आई। सुदीप ने जब मुझे देखा तो वो बस मुझे देखता ही रह गया। मैं ऊपर से नीचे तक सिर्फ टॉवेल में थी। इस वक्त मेरे मम्मों से लेकर मेरी गांड तक का शरीर ही तौलिया से ढका हुआ था बाकी सब कुछ खुला हुआ था। मेरी जाँघें भी साफ-साफ दिख रही थीं और मैं भी यही चाहती थी।
वो मुझे देख कर पागल हो गया और अपने लंड के ऊपर हाथ फेरने लगा। मैंने कहा- तुम पढ़ाई करो.. मैं कपड़े पहन कर आती हूँ। उसने कहा- ठीक है भाभी।
मैं अपनी गांड मटकाते हुए अपने बेडरूम में चली गई। मेरा ध्यान सुदीप की तरफ ही था मुझे पता था कि वो अपने आपको शांत करने के लिए बाथरूम में जरूर जाएगा और मुठ मार कर आएगा। मैंने जल्दी से अपना सेक्सी सा गाउन पहना और वापस बालकनी में चली गई और वहाँ से देखने लगी कि सुदीप अन्दर क्या कर रहा है।
मैंने देखा सुदीप ने मेरी ब्रा को अपने हाथ में लिए खड़ा था और अपने लंड को जोर-जोर से हिला रहा था, वो कह रहा था- आह्ह प्रमिला.. कितनी मस्त चिकनी जाँघें है तेरी.. ओह्ह्ह! वो अपने लंड को जोर-जोर से मसल रहा था.. फिर मेरी ब्रा को उसने अपने लंड के चारों तरफ लपेटा और जोर-जोर से अपने लंड को हिलाने लगा और चीखते हुए मेरी ब्रा में अपने लंड का सारा रस निकाल दिया।
माल निकालते हुए उसने कहा- प्रमिला भाभी.. तेरी ब्रा भी आज मेरे लंड के रस को पी रही है.. कल तेरी बारी होगी।
यहां मेरी हालत ख़राब थी.. क्योंकि मैं भी पागल हो रही थी। मैं जल्दी से अपने रूम की तरफ भागी और अपने रूम का गेट बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद मैं जब बाहर आई तो देखा की सुदीप बुक लिए पढ़ाई कर रहा था।
मुझे देख कर फिर से उसका लंड फिर खड़ा हो गया था। मैं उसके लंड को देख सकती थी कि उसका लंड उसे कितना परेशान कर रहा था।
आज का दिन भी ऐसे ही निकल गया। सुदीप का लंड अब मेरे जिस्म में बस चुका था। मेरे दिमाग में बस अब उसका तना हुआ लंड ही घूमता था कि कैसे मैं उसके लंड को अपनी चूत के अन्दर ले लूँ।
मैंने सोच लिया था कि कल कुछ भी हो जाए.. मुझे सुदीप का लंड लेना ही है। इसके लिए मैंने 500 mg की वियाग्रा की गोली ले रखी थी ताकि सुदीप का लंड उसके ही वश में ही ना रहे।
अगले दिन जब वो आया तो मैंने उसे जूस पीने को दिया और उसके जूस में मैंने वो वियाग्रा की गोली पीस कर मिला दी.. जो बहुत पॉवरफुल थी।
उसने वो जूस पिया और मैंने उससे कहा- जरा मेरी मदद कर दो.. मुझे अपना फैन साफ करना है.. तो तुम थोड़ी देर के लिए स्टूल को पकड़ लोगे? उसने कहा- क्यों नहीं भाभी बिल्कुल पकड़ लूंगा।
मैं स्टूल के ऊपर चढ़ गई और वो स्टूल पकड़ कर खड़ा था। इस वक्त मैंने सेक्सी साड़ी पहनी हुई थी, जिससे मेरी नाभि अलग ही दिख रही थी। जैसे ही मैंने अपने हाथ ऊपर पंखे को साफ करने के लिए उठाए, मेरी नाभि के ऊपर से साड़ी हट गई और वो एकदम साफ-साफ दिखने लगी।
मैंने कनखियों से देखा कि सुदीप मेरी नाभि को बहुत घूर-घूर कर देख रहा था और मैंने उसकी पेंट में भी हलचल देख ली थी। मैं समझ गई कि उसके मन में क्या ख्याल चल रहे हैं। मैंने अपने शरीर को थोड़ा सा और खींचा तो मेरे चूचे भी एकदम साफ-साफ दिखने लगे। उसने एक हाथ से अपने लंड को एडजस्ट किया और मेरी नाभि और मेरे मम्मों को देखने लगा।
मुझे पता था कि उसका मन कहाँ लगा हुआ है। मेरी नाभि बिल्कुल उसके मुँह के पास थी.. उसकी साँसें बहुत गर्म हो रही थीं। उसकी साँसें मेरी नाभि पर सीधी पड़ रही थी। मेरे पसीने छूटने लगे क्योंकि किसी की गर्म साँसें मेरी नाभि पर पड़े या कोई मुझे नाभि पर किस करे तो मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाती.. एकदम पागल हो जाती हूँ।
मेरे द्वारा खिलाई गई वियाग्रा का असर उस पर होने लगा था। उसका लंड तनता ही जा रहा था। उसने अचानक से मेरी कमर को दोनों हाथों से कस कर पकड़ा और मेरी ‘आह्ह..’ निकल गई। मैंने उसे डांटा और कहा- ये क्या कर रहे हो? तो सुदीप ने कहा- भाभी, अब मैं अपने आप पर कण्ट्रोल नहीं कर सकता। यह कहते हुए उसने मेरी नाभि पर जोर से किस कर दिया, मैं एकदम से सिहर उठी।
तभी उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरे बेडरूम में ले गया। मैंने सरगोशी से कहा- ये क्या कर रहे हो? उसने कहा- कुछ नहीं भाभी, अपनी भूख शांत कर रहा हूँ। मैंने कहा- ये गलत है। उसने कहा- कुछ भी गलत नहीं है.. मैं जानता हूँ कि तुम भी मेरा लंड लेने के लिए तड़प रही हो।
यह बोलते ही उसने मेरी नाभि पर और मेरे पूरे शरीर पर किस करना शुरू कर दिया। मैं पागल होने लगी.. मेरा तो पहले से ही कण्ट्रोल नहीं था।
सुदीप मेरे मम्मों को जोर-जोर से मसलने लगा.. मेरे होंठों पर, गले पर, गालों पर, मेरे सीने पर, मेरी कमर पर.. सभी जगह जोर-जोर से किस करते हुए मेरे मम्मों को मसले जा रहा था। मुझे दो सालों में पहली बार ऐसा मजा आ रहा था.. ऐसा लग रहा था जैसे आज दो साल बाद मेरी हर एक ख्वाइश पूरी हो रही हो।
सुदीप ने बिना देर किए मेरी साड़ी निकाल दी.. मेरा ब्लाउज़ व पेटीकोट निकाल दिया और मुझे सिर्फ ब्रा और पेंटी में कर दिया। उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ अंडरवियर को छोड़ कर उसका तना हुआ लंड ये बता रहा था कि वो सेक्स करने के लिए कितना तड़प रहा है। उसने मेरी ब्रा और पेंटी भी उतार दी और मेरे मम्मों को चूसने लगा। थोड़ी देर बार वो मेरी चूत की ओर गया और उसे जोर-जोर से चूमने लगा, मैं पागल हो गई। मैंने अपने दोनों पैर के बीच में उसके सर को जकड़ लिया था और अपने हाथ से उसके सर के बालों को सहलाने लगी।
दो साल के बाद कोई मेरी चूत को इस तरीके से चूस रहा था और मुझे पागल कर रहा था। उसने अपना गर्म लोहे जैसा तपता हुआ लंड मेरी चूत के मुँह पर रख और एक जोर का झटका देते हुए मेरी चूत में आधा लंड उतार दिया।
मैं जोर से चीखी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह्ह मार डाला। कुछ ही देर में मेरे मुँह से गालियां निकलने लगीं और मैं सुदीप को गन्दी-गन्दी गालियां देने लगी, मैंने कहा- कमीने कुत्ते कैसे चोद रहा है मादरचोद.. ढंग से चोदना भी नहीं आता क्या तुझे भैन के लंड.. उसके मुँह से भी गालियां निकलने लगीं- कमीनी कुत्ती.. हरामजादी छिनाल.. आज तेरी चूत की माँ चोद दूंगा। भैन की लौड़ी आज तेरी चूत को भोसड़ा बना दूंगा छिनाल रंडी साली। मैंने कहा- कमीने तेरे लंड में दम भी है? बस मेरा इतना बोलना हुआ कि सुदीप गुर्राते हुए बोला- कमीनी प्रमिला.. तेरी चूत के तो आज चिथड़े उड़ा दूंगा।
ऐसा बोलते ही उसने अपने लंड को और जोर से मेरी चूत में पेल दिया और मैं बहुत जोर से चीख पड़ी। मेरी वियाग्रा का असर उस पर अब बहुत जोर से हो रहा था। उसने जम कर मेरी चुदाई जारी रखी। मैं चीखती रही मुझे नहीं पता था कि सुदीप को इतना गुस्सा आ जाएगा कि वो मेरी चूत को फाड़ देगा। वो अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत की चुदाई किए जा रहा था और मैं गांड उठाते हुए चीखे जा रही थी। मेरी चीखों से उसका जोश और भी बढ़ रहा था। लगभग दस मिनट तक उसने मेरी जम कर चुदाई की।
अब तक मेरी चूत दो बार अपना पानी निकाल चुकी थी। मेरी चूत के पानी के कारण ‘फच फच..’ की जोर-जोर की आवाज आ रही थी।
थोड़ी देर बाद सुदीप ने चीखते हुए अपने लंड को चुत से खींचा और उसका सारा रस मेरे मुँह में छोड़ दिया। मैं उसके लंडरस को मजे से पी गई.. वियाग्रा का असर इतना तेज़ था कि उसके लंड के रस निकलने के बाद भी उसका लंड खड़ा था। मानो वो ये कह रहा हो कि मुझे और चूत की चुदाई करनी है।
सुदीप से कण्ट्रोल नहीं हुआ तो उसने मेरे सर को पकड़ा और अपने लंड को जोर-जोर से मेरे मुँह में धकेलने लगा। मेरे मुँह की जोर-जोर से चुदाई करने लगा। वो कभी-कभी तो अपने लंड को इतने जोर से मेरे मुँह में धकेलता कि लंड मेरे गले तक चला जाता। इससे मैं घबरा जाती मगर उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। वो बस अपने लंड को शांत करना चाहता था।
मुझे गाली देते हुए सुदीप ने कहा- छिनाल आज तेरी चूत की सारी खुजली मिटा दूंगा बहनचोदी प्रमिला आज तुझे रांड बना कर ही छोडूंगा।
मुझे नहीं पता था कि एक वियाग्रा की गोली इतना सब कुछ करवा देगी। करीब दस मिनट मेरे मुँह की चुदाई करने के बाद फिर से सुदीप मेरे मुँह में ही झड़ गया और उसके लंड का सारा रस मैं फिर से पी गई, लेकिन मेरी हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी।
सुदीप अब थोड़ा शांत हुआ.. मैं बुरी तरह से थक चुकी थी मगर सुदीप का लंड अब भी शांत नहीं हुआ था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ जिससे उसके लंड को आराम मिले।
सुदीप ने मुझे फिर से पकड़ा और मेरी चूत की फिर से चुदाई शुरू कर दी।
मुझे जिंदगी में पहली बार इतना मजा आ रहा था लेकिन मेरा पूरा शरीर भी दर्द कर रहा था। आखिर में सुदीप ने फिर से मेरी कुछ मिनट चुदाई की और मेरी चूत में ही अपना रस निकाल कर मेरे ऊपर सो गया।
उसे भी उसका होश नहीं था और मुझे भी अपना होश नहीं था। हम दोनों लगभग दो घंटे तक सोये रहे। फिर मेरी नींद खुली.. मैंने सुदीप को उठाया। उसने उठ कर ये सब देखा तो वो घबरा गया कि ये सब क्या हो गया। उसने डरते हुए कहा- भाभी ये बात आप किसी को मत बताना। मैंने कहा- ठीक है.. मैं ये बात किसी को नहीं बताऊँगी।
फिर सुदीप अपने घर चला गया।
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