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कामपिसाची का मतलब है- बहुत ज्यादा सेक्स की प्यासी.. मुझे एक लड़की पसंद थी, लेकिन जब उससे सेटिंग हुई और चुदाई हुई तो पता चला कि वो तो जैसे कामपिसाची थी. दोस्तो मेरा नाम प्रिंस है, मैं बिहार, बेगूसराय जिला के एक छोटे गाँव में रहता हूँ। मेरा उम्र 20 साल है। मैं अभी बी ए के पहले साल की पढ़ाई कर रहा हूँ। यह बात उस समय का है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था।
जब सर सभी स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे थे तो मैं भी पढ़ रहा था। सर निषेचन के बारे में बता रहे थे तो मैंने खड़ा होकर सर से पूछा- सर, निषेचन क्या होता है? तो सारे स्टूडेंट्स हँसने लगे. तो मैंने दुबारा पूछा तो मेरे दोस्त ने मुझे कहा- मैं बता दूंगा.
मैंने कहा- ठीक है।
जब मुझे बताया तो मैं समझ गया।
मेरे साथ एक लड़की कोचिंग में पढ़ने जाती थी, उसकी नाम प्रतिभा है वो भी बारहवीं में पढ़ती थी। मैं और वो एक दूसरे को नौवीं क्लास से जानते थे। मैं उससे प्यार का इजहार करना चाहता था पर मुझे डर लगता था। एक दिन जब हम दोनों कोचिंग से घर आ रहे थे तो एक लड़के ने उसे छेड़ दिया. तभी मैं मौका पाकर उस लड़के के साथ झगड़ने लगा. तो प्रतिभा आगे आई और झगड़ा बंद करा दिया। जब घर आ रहे थे तो वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।
घर आने के बाद वो मुझे रात में फोन करके बोली- आई लव यू प्रिंस! मैं तो उसके ये शब्द सुन कर खुशी से पागल सा होने लगा परंतु मैंने उसे कहा- मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ और न ही कर सकता हूँ। तो वो बोली- अगर तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो तो उस लड़के से लड़े क्यूँ? मैंने कहा- पता नहीं। तो वो बोली- मुझे पता है कि तुम मुझसे ही प्यार करते हो और तुम मुझसे झूठ बोलते हो। मैंने कहा- अभी फोन रख… कल हम दोनों जब कोचिंग जायेंगे तो रास्ते में बात करेंगे. तो वो बोली- ठीक है।
अगले दिन जब हम दोनो कोचिंग जा रहे थे तो रास्ते सारे बात होने के बाद मैंने उससे कहा- यदि तुम मुझसे प्यार करती हो तो मेरे साथ सेक्स करोगी? वो मुस्कुरा रही थी और सोच रही थी।
तो मैंने कहा- क्या सोच रही हो? वो बोली- मैं यह सोच रही हूँ कि सेक्स करेंगे कहाँ? तो मैंने कहा- वो सब मुझ पे छोड़ दो, पहले ये बताओ तुम तैयार हो? वो बोली- हाँ। तो मैंने उसे कहा- कल शाम मेरे घर पर सात बजे चली आना!
वो बोली- ठीक है… पर तुम्हारे घर में तुम्हारे मम्मी और पापा या फिर तेरे भाई बहन नहीं होंगे? मैंने कहा- नहीं… मेरे मम्मी पापा या मेरे भाई बहन घर में नहीं होंगे। तो वो बोली- ठीक है मेरे राजा, मैं आऊँगी शाम ठीक 7 बजे!
दोस्तो, मैं क्या बताऊँ, जब प्रतिभा मेरे घर पे आई तो मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। क्या बताऊँ कैसी लग रही थी… लाल कपड़ों में थी। प्रतिभा को देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया, मैं अपने आप में नहीं था।
वो जब मेरे पास आकर खड़ी हो गई तो बिना देर किये ही उसके होंठों पर मैंने अपने होंठ रख दिए… उसकी साँसें एकदम गर्म चल रही थी। मैं लगभग दस मिनट तक किस करता रहा। दोस्तो, मैं आपको दूसरों की तरह नहीं कहूँगा कि मेरे लौड़ा 9,8 या 7 इंच का है, मेरा लौड़ा पौने छः इंच का है मोटाई लगभग 2.5 इंच है।
किस करने के बाद प्रतिभा बिल्कुल गर्म हो गई थी और उसने अपना हाथ मेरी जींस के अंदर डाला और लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी और मैं प्रतिभा के बूब्स पकड़ कर दबाने लगा। मैंने जब उसकी टॉप उतारा तो लाल रंग की ब्रॉ पहनी थी, जब जींस उतारी तो अंदर भी लाल चड्डी पहने हुई थी. मैंने कहा- अरे वाह… सारे के सारे लाल… क्या बात है। तो वो बोली- जल्दी से मेरे प्यास बुझाओ!
जैसे ही उसने ये बात बोली, मैंने झट से अपनी जींस खोली, उसने मेरे चड्डी उतार दी, मेरे खड़े लौड़ा को पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी। मैं उसके बूब्स दबा रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद जब मेरा लौड़ा बिल्कुल टाईट हो गया तो मैंने उसकी पेंटी उतार दी, जब उसकी बुर को देखा, वो बिल्कुल साफ थी और बुर से लसलसा पानी निकल रहा था।
मैंने उस पानी को झट से जीभ से साफ किया. वो तड़प रही थी और बोल रही थी- प्रिंस, अब और मुझे मत तड़पाओ… जल्दी से अपना लौड़ा मेरी बुर में घुसेड़ दो! वो एकदम कामपिसाची सी हो रही थी.
मैंने अपना लौड़ा उसकी बुर के ऊपर सेट किया, जैसे ही धक्का दिया, मेरा लौड़ा फिसल गया, दुबारा सेट किया, वो भी फिसल गया. तीन बार ऐसे हुआ तो मुझे गुस्सा आ गया। मैंने फिर से बुर के मुख पे अपना लौड़ा रखा और दबाया, थोड़ा सा लौड़ा उसकी बुर के अंदर गया तो वो चिल्लाई और मुझे हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उससे चिपका रहा.
जब वो शांत हुई तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसके बाद मैंने जोर से धक्का दिया कि मेरे लौड़ा उसकी बुर में समा गया और वो दर्द के मारे मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी पर मैंने उसे कस के दबाये रखा, उसके होंठों से मैं अपने होंठ चिपकाये रहाँ.
थोड़ी देर बाद वो शांत हुई तो मैं अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगा वो भी गांड हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी. 5-6 धक्के देने के बाद मैं झरने वाला था तो मैंने प्रतिभा से कहा- अंदर ही छोड़ दूँ या बाहर निकालूं? तो वो बोली- अंदर नहीं… बाहर गिरा दो! तो मैंने जोर से धक्का दिया, फिर लौड़ा बाहर करके प्रतिभा के बुर पे सारा माल गिरा दिया।
उसने मुझसे रूमाल माँगा और अपनी बुर साफ की. जब उसने अपनी बुर साफ कर ली तो उसने मेरा लौड़ा भी साफ किया और एक चुम्मा लेकर कहाँ- मेरे राजा, ऐसे ही मुझे चोदते रहना। मैंने भी फिर से प्रतिभा का पूरा बदन चूमा। इतने में ही वो दोबारा गर्म हो गई और मेरे लौड़े को चूसने लगी. फिर मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरा लौड़ा अपनी बुर में ले लिया, मुझे चोदने लगी. वो मेरे लौड़े पर खूब कूदी और झड़ गई. यह कामपिसाची चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
फिर कुछ देर आराम करके प्रतिभा ने अपने कपड़े पहन लिए, मैंने भी पहन लिए। अपने घर जाते समय उसने मेरे गाल को चूमा और चली गई। उसके बाद की चुदाइयों में वो अति कामातुर हो कर कामापिसाची की तरह चुदाई करती थी.
मेरी यह कहानी कैसा लगी, आप मुझे मेल करें! [email protected]
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