मैं बेचारी जवानी की आग में जल रही थी

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मैं मधु जायसवाल आप सभी पाठकों का अपनी सच्ची आत्मकथा में सारे कपड़े खोल कर स्वागत करती हूँ और आज आप लोगों को आदेश देती हूँ कि अपनी इस प्यारी लेखिका की चूची को धीरे-धीरे निचोड़ कर पिये और मेरी आत्मकथा का आनन्द लें।

मेरी पिछली सेक्सी कहानी मेरी गांड का दीवाना और मेरी चुची चुदाई में आपने देखा कि किस तरह मैंने अपने इंस्टिट्यूट के लड़के के साथ मजेदार चुत चुदाई की और किस तरह मेरे पूरे शरीर पर वीर्य की वर्षा हुई और उस वीर्य को लेकर जैसे तैसे घर पहुँची। अब आगे…

मैंने घर पहुँच कर सबसे से नज़र चुराकर पहले स्नान किया और फिर खाना खाकर बेड पर लेट गई। पता नहीं कब मैं नींद की आगोश में चली गई। एकदम बेहोशी की हालत में सोई हुई थी और बेहोश होऊँ भी क्यों न पूरे दिन 2 लंडों ने मुझे जमकर रौंदा था।

अचानक मेरी नींद खुली तो घड़ी में देखी कि सुबह के 8 बज रहे थे। मैं जैसे तैसे उठी और नीचे जाने लगी तो मम्मी पापा में झगड़े की आवाज़ सुनाई दी। मैं भाग कर नीचे गई।

जैसे ही नीचे पहुंची, मम्मी ने मुझे जोर से एक थप्पड़ जड़ दिया. मैं समझ ही नहीं पाई कि क्या हुआ है. और मम्मी पापा को बोली- ये सब तुम्हारी लार प्यार का नतीजा है। करवा दिया ना मुँह काला, और बिठाओ सर पर!

मैं कुछ समझ पाती, इससे पहले मेरी माँ ने मुझे एक MMS दिखाया, जिसे देख कर मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई। यह तो मेरी चुदाई की वीडियो थी… और वो भी कल की मेरे और संतोष की चुदाई की… वो भी FULL HD में… शूट करने वाले ने दिल से शूट किया था। मेरी तो जैसे बोलती बंद हो गई थी। उसके बाद मम्मी ने मेरा कॉलेज, इंस्टीट्यूट बंद करवा दिया। यहाँ तक वो मुझे घर से भी निकलने नहीं देती थी और मेरी शादी के लिए लड़के ढूंढने लगी। जो भी मुझे देखने आता, मुझे एक ही बार में पसन्द कर लेता। करे भी क्यों ना… मेरी गर्म जवानी देख कर तो बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाये। फिर तो ये सारे जवान थे और कुँवारे भी!

लेकिन मैं जानबूझ कर किसी को भी पसन्द नहीं करती थी। यह बात मेरी मम्मी पापा समझ गये और मेरी शादी उन्होंने एक फौजी के साथ ठीक कर दी वो भी बिना मुझे बताये।

एक दिन लड़के वाले मुझे देखने आये… लड़का तो मुझे देखते ही मेरा दीवाना हो गया। उसका नाम अमित था। अमित भी देखने में काफी स्मार्ट था, लम्बा चौड़ा एक गबरू जवान था। वैसे भी वो फौज में था इसलिए एकदम फिट था। पर मैं शादी नहीं करना चाहती थी इसलिए मैंने मना कर दिया लेकिन मम्मी पापा नहीं माने और मेरी शादी अमित से ठीक करवा दी और हम दोनों की सगाई करवा दी।

शादी की तारीख 6 महीने बाद की निकली। फिलहाल अमित फ़ोन पे मुझसे बात करने लगे। धीरे-धीरे हम नॉन वेज बात करने लगे, हम फ़ोन पे चुदाई करने लगे थे। वो तो मुठ मार कर शांत हो जाता था लेकिन मैं बेचारी जवानी की आग में जल रही थी। बस दिल कर रहा था कि कोई आकर जोरदार चुदाई कर दे। और मम्मी पापा मुझे घर से निकलने ही नहीं देते कि किसी से चुदवा भी लूँ। अमित रोज मेरी गर्म जवानी पर और पेट्रोल डाल देता।

हम ऐसे ही रोज बात कर रहे थे, तभी अमित ने एक दिन मुझे होटल में मिलने का प्रपोजल दिया। मैं समझ गई कि अमित मुझे चोदना चाहता है। लेकिन मैं भाव खाने लगी और मना कर दिया. लेकिन वो नहीं मान रहा था, वो जिद करने लगा कि सिर्फ एक बार करेंगे। लेकिन मैंने यह कहकर मना कर दिया कि शादी से पहले नो सेक्स… लेकिन वो नहीं माना और मम्मी को फोन कर दिया कि वो मुझे शॉपिंग के लिए ले जाना चाहता है।

मम्मी ने हाँ कर दी और मुझे बोली- कल अमित के साथ शॉपिंग पर चली जाना और सीधे घर आ जाना। मैंने मम्मी को हाँ कर दी।

तभी अमित का फोन आया और बोला- थैंक्यू बेबी… मैं अभी होटल का एड्रेस और रूम नम्बर What’s app करता हूं। कल 10 बजे पहुँच जाना! और किस देते हुए फोन काट दिया।

तो मम्मी ने पूछा- क्या कह रहा था? मैं बोली कि अमित बोला है कि टाइम पर आ जाना! उन्हें क्या पता था कि उनकी बेटी शादी से पहले अपने होने वाले पति से सुहागरात मनाने की बात हो रही है। तभी अमित का SMS आ गया।

मैं होटल का नाम देखकर हैरान हो गई और थोड़ी सी डर भी गई क्योंकि इस होटल में मैं कई बार संतोष के साथ जाकर चुद चुकी हूँ।

जिसकी वजह से इस होटल के रिसेप्शनिस्ट सहित 3-4 स्टाफ मुझे और संतोष को पहचानते थे। जब भी जाती सब समझ जाते कि चुदने आई हूँ और रिसेप्शनिस्ट तो मुझसे चुदाई के बाद जब भी मिलती तो मेरी चुदाई के बारे में पूछती थी और इधर-उधर हाथ भी लगा देती थी। वो दोस्त की तरह बन चुकी थी। इसलिए डर रही थी कि कोई अमित के साथ देख कर कुछ बोल न दे और मैं अमित को मना भी नहीं कर सकती थी, नहीं तो फालतू में शक करता। इसलिए सोची जो होगा अब देखा जाएगा। अब तो बस कल का इंतज़ार था।

जैसे तैसे करके इंतज़ार की घड़ी खत्म हुई और मैं सुबह उठकर पहले अच्छे से नहाई और चुत के बाल साफ किये। फिर अच्छे से चुत की क्रीम से मसाज की फिर अच्छे से चुत पर पाउडर लगाया। फिर चूत पर मादक सुगन्ध वाली परफ्यूम अच्छे से डाली और मन ही मन सोचा कि आज मेरी चूत अपने असली हक़दार से चुदेगी। और फिर एक सेक्सी सी पिंक कलर की पेंटी से अपने चूत को ढक ली और जीन्स और टॉप पहन कर रेडी हो गई।

तभी मम्मी ने आवाज़ दी- कि नाश्ता कर लो। मैं नाश्ता करने चली गई।

तभी मम्मी बोली- क्या पहन कर अमित से मिलने जाओगी? मैं बोली- यही जीन्स और टॉप! तभी मम्मी बोली- पागल है क्या… शॉपिंग पे जा रही हो या तीर्थयात्रा पर? फिर मैं बोली- तो क्या पहनूँ? तभी मम्मी ने एक लाल रंग की स्कर्ट और सफेद रंग की टॉप दी, बोली- ये पहन कर जाओ और अच्छी सी परफ्यूम भी लगा लेना, अमित को अच्छा लगेगा।

मम्मी को क्या पता कि उनकी बेटी काम वाली (चूत) जगह को दुल्हन की तरह सजा कर जा रही है। मम्मी मुझे ये कपड़े देगी में सोची भी नहीं थी।

मैंने स्कर्ट और टॉप पहन ली, स्कर्ट मेरे घुटनों से थोड़ी ऊपर थी और कसी हुई थी जिससे मेरी गांड एकदम उभर कर निकल गई थी और टॉप का गला बहुत ज्यादा खुला था. इतना कि जिससे चूची की रेखा साफ-साफ दिख रही थी। ऐसा लग रहा था कि मम्मी को पता है कि मैं चुदने जा रही हूं।

मैं अच्छे से परफ्यूम लगा कर निकल गई और टैक्सी लेकर होटल की ओर निकल गई।

टैक्सी वाले ने पूरे रास्ते मुझे खा जाने वाली नज़रों से घूरते घूरते होटल पहुँचा दिया। मैंने होटल में जैसे ही एन्ट्री की वैसे ही, मुझे वहाँ का मैनेजर मिल गया, बोला- अरे मधु जी आजकल आप आती भी नहीं हैं? मैं बोली- थोड़ी बिजी हूँ। यह बोल कर में निकल गई।

फिर मैं रिसेप्शनिस्ट के पास जैसे ही गई, वो मुझे पहले बाहर आकर गले से लगी, फिर बोली- कहाँ हो यार… आजकल कितने दिनों पर आई हो, और तेरा चोदू बॉयफ्रेंड कहाँ है। मैं उससे अलग हुई और बोली- यार अभी बिजी हूँ, बाद में बताऊँगी। तू ये बता अमित कौन से रूम में ठहरा है? तो वो पूछने लगी- कौन अमित? मैं बोली- तू देख ना.. कोई अमित नाम से है? उसने चेक करके बताया- 102 नम्बर में है।

फिर वो मेरे पास आई और बोली- क्या बात है? यार बॉयफ्रेंड चेंज कर लिया? मैं बोली- बाद में बताऊँगी, अभी जाने दे। फिर वो बोली- हाँ हाँ जा, आज तो नए शिकार को खुश कर देना।

मैं हँसते हुये निकल गई। थोड़ी देर में 102 के आगे पहुंच गई, अपने आप को ठीक किया और बेल बजा दी। बेल बजते ही अमित जैसे ही दरवाजा खोला, वो मुझे देखता ही रह गया। वो मुझे इस हॉट लुक में पहली बार देख रहा था, बस मुझे घूरे ही जा रहा था। मैं बोली- अंदर भी बुलाओगे या यहीं सब कुछ करना है। तब उसने मुझे अंदर किया।

फिर बोला- यार, तुम तो इस ड्रेस में काफी हॉट लग रही हो। यह बोलकर उसने दरवाजा बंद किया और मुझे गले से लगा कर मेरी पीठ को सहलाने लगा, मेरे गालों को चूमने लगा।

फिर वो मेरे होंठों को चूमने लगा। चूम कम रहा था, वो मेरे होंठों को खाने लगा था। मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन बोलती, कैसे लिप लॉक थी मेरी! मैंने अमित को धक्का दिया और बोली- यार थोड़ा सब्र रखो, सांस तो लेने दो। तो अमित बोला- मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है।

फिर वो मेरी तरफ बढ़ा, मैंने उसे रोका, बोली- यार, मैं यही हूं, जो दिल में आये करना, तसल्ली रखो। लेकिन मेरी बात सुनता कौन है… उसने मुझे अपनी फिर अपनी सख्त बाजुओं में दबोच लिया और मेरे चेहरे पर चुम्बनों की बरसात कर दी।

फ़िर वो मेरी होंठों को चूसने लगा… इस बार मैं भी उसका साथ दे रही थी, देखते ही देखते दोनों एक दूसरे की होंठों को चूस रहे थे। लेकिन वो चूस कम रहा था और दाँतों से ज्यादा काट रहा था। मैं भी अब काटने लगी थी… यह देख उस में और जोश आ गया और वो मेरी चुची को बुरी तरह मसलने लगा जैसे मैं इसकी होने वाली बीवी नहीं रंडी हूं।

वो बस मुझसे खेल रहा था, कभी चूची मसलता तो कभी गांड मसलता… मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन क्या करूँ।

देखते ही देखते उसने मेरा टॉप निकाल दिया और ब्रा को एक झटके में नोच कर फेंक दिया।

मेरी चुची देखकर तो मानो जैसे उस पर भूत सवार हो गया, वो एक हाथ से मेरी एक चुची को बुरी तरह मसल रहा था और एक चुची को अपने दाँतों से जख्मी कर रहा था। वो चूस कम रहा था, और काट ज्यादा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वो मेरी चूची से दूध की जगह खून निकाल देगा।

वो मुझे बुरी तरह रौंद रहा था जिससे मैं काफी गर्म हो गई थी, मैं बोली- यार सब कुछ खड़े-खड़े करना है क्या? यह बात सुनकर उसने मुझे छोड़ा और बोला- नहीं मेरी रानी, आज तो तुझे हर पोज़ में चोदूँगा, आज तेरी सारी गर्मी उतार दूँगा।

फिर मुझे उसने गोद में उठाकर बेड पर पटक दिया और फिर से मेरे ऊपर सवार हो गया। वो अब की बार दोनों हाथों से मेरी चुचियों को मसल रहा था और मेरे होंठों को चबाये जा रहा था। फिर में अमित से जबरदस्ती अलग हुई और थोड़े गुस्से में बोली- यार टाइम नहीं है, जो करना है जल्दी करो!

वो उठा और मेरी स्कर्ट खोल कर उतार दी, अब मैं सिर्फ पेंटी में थी। फिर मैं झट से उठी और उसके कपड़े खोलने लगी।

जैसे ही उसकी शर्ट उतारी, मैं तो देखते ही रह गई, एकदम चौड़ा सीना, सिक्स पैक एक गठीला जवान था… तभी तो मुझे रौंद रहा था… बिल्कुल आर्मी के लायक था।

फिर उसकी पैंट जैसे ही उतारी, उसका लंड उसके अंडरपेन्ट के अन्दर से ही फूँकार मार रहा था। ऊपर से ही लन्ड काफी लम्बा मोटा दिख रहा था। फिर अमित बोला रुक क्यो गई। ये भी उतारो अपने पति की अमानत देखो। फिर में जैसे ही अंडरपेन्ट उतारी अमित का लन्ड खुद कर बाहर निकला। मैं तो लन्ड को देखते ही रह गई।

करीब 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा होगा। में तो देखकर डर गई थी। इसके सामने तो जैसे अंकल और संतोष का लन्ड बच्चा हो। फिर अमित ने लन्ड मेरी मुँह की तरफ बढ़ाया। मैं मना कर रही थी लेकिन वो जबरदस्ती मेरी मुँह में लन्ड पेलने लगा, बड़ी मुश्किल से आधा लन्ड मुंह में घुस पाया होगा कि वो लन्ड को आगे पीछे करने लगा।

मैं भी उसके लन्ड को बिल्कुल लेमनचूस की तरह चूस रही थी और वो मेरी चुचियों को कुचल रहा था। करीब 10 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा। फिर उसने मेरे मुँह से लन्ड निकाला, मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चुत को पेंटी के ऊपर से सूंघने लगा, बोला- क्या खुशबू है। वो मेरी पेंटी को ऐसे सूंघ रहा था जैसे कि वो चुत नहीं फूलों का गुलदस्ता सूंघ रहा हो। मैं अब गर्म हो चुकी थी।

और फिर धीरे-धीरे अपने दाँतो से मेरी पेंटी को उतारने लगा। मैं तो उसकी इस अदा पर फिदा हो गई थी। आखिरकार अमित ने इस पेंटी पर विजय पा ही ली और अपने दाँतों से पेंटी को उसके अपने घर से ही निकाल कर बाहर फेंक दिया। मेरी चुत इतना प्यार बर्दाश्त नहीं कर सकी और पानी छोड़ गई।

अब मेरी चुत बिना अपनों के और बिना कपड़ों के मानो अकेली सी होकर रोने लगी थी और चुत से पानी यानि आंसू निकल रही थी। तभी अमित की नजर मेरी चुत पर पड़ी, अमित ने तो मानो मेरी चुत देखकर अपना आपा खो दिया हो, अमित बोला- यार, मेरी बीवी की चूत कितनी प्यारी है और कितनी फूली हुई है, कितनी खूबसूरत लग रही है। लगता है, बेबी आज स्पेशल चुदने के लिए चुत को इतना सजा कर लाई है।

फिर अमित बोला- आई लव योर चूत! मैं बोली- अच्छा? चुत को ‘आई लव यू’ और जिसने चूत को सजाई उसे भूल गए? अमित बोला- तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ मेरी जान, तुम तो मेरी धड़कन में हो। यह बोल कर अमित मेरी चुत पर आ गया और उसे चूमने लगा।

उसके चूमते ही मेरे पूरे बदन में झनझनाहट सी फैल गई। करीब 10 मिनट तक वो ऐसे ही चूमता रहा। मैं अब फिर से गर्म होने लगी थी और मजा ले रही थी। फिर अमित ने मेरी चुत को अपने मुँह में भर लिया और मेरे मुँह से अचानक जोर से सिसकारी निकल गई। फिर वो मेरी चुत को अपनी जीभ से चोदने लगा, मैं तो बस जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी।

तभी हम दोनों 69 की पोज़ में हो गये और मैं भी उसके लन्ड को चबा रही थी। अमित का लन्ड मानो गर्म लोहा हो, लन्ड बिल्कुल भी दब नहीं रहा था। हम लोग करीब 15 मिनट एक दूसरे के अंगों से खेलते रहे. यह हिंदी चुदाई की सेक्सी कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

तभी मॉम ने फोन कर दिया. मूड तो खराब हो गया लेकिन फिर भी फोन उठाया. मॉम बोली- कहाँ हो और क्या रही हो? तो मैं बोली- मॉल में हूँ मॉम और आइसक्रीम खा रही हूँ। और अमित का लन्ड जोर से चाट कर आवाज़ सुना दी। मॉम को क्या पता लन्ड है या आइसक्रीम…

तभी अमित ने जानबूझ कर जोर से मेरी चुत पे दाँत चुभा दिए। मेरे मुँह से चीख निकल गई। मॉम ने पूछा- क्या हुआ? मैं बोली- कुछ नहीं मॉम, वो दांत में उंगली कट गई। फिर मॉम बोली- जल्दी आ जाना, टाइम बहुत हो गया है। और फोन रख दिया.

मैंने टाइम देखा तो 11:30 हो रहे थे। यानि हम लोग 1:30 घंटे से ये सब कर रहे थे।

तभी मैं मजाक करते हुये बोली- अमित छोड़ो, अब मैं जा रही हूँ। मॉम बुला रही हैं तुरन्त! यह सुनते ही उसका चेहरा एकदम उतर गया, वो बोला- नहीं यार, अभी नहीं, बस अब हो ही गया, सिर्फ 2 मिनट लगेंगे मेरी बीवी की चूत फाड़ने में!

फिर मैं इठलाते हुये बोली- ठीक है, जो करना है, जल्दी कर लो। वो तो यह सुनकर ख़ुशी से झूम उठा और मुझे फिर से लिटा दिया, मेरे मुँह में लन्ड डालकर 5-6 बार आगे पीछे किया और निकाल कर चूत पे रख दिया, फिर चूत के मुँह पर रखकर धक्का मारने ही वाला था कि मैं बोली- यार, कुछ तो लगा लो, नहीं तो चूत फट जाएगी।

तो वो बोला- नहीं यार, मेरा एक सपना था कि मैं अपनी बीवी की सील बिना कुछ लगाए ही तोड़ूँ! और मैं तुम्हें ज्यादा दर्द नहीं होने दूंगा। फिर मैं बोली- कंडोम तो पहन लो। लेकिन अमित ने मना कर दिया, बोला- नहीं आज सारा रस तेरी चूत में छोड़ूँगा। मैं बोली- प्रेग्नेंट हो जाऊँगी। तो अमित बोला- मेडिसन ले लेना!

यह बोल कर उसने चुत पे लन्ड टिकाया और जोर से धक्का मारा, लन्ड मोटा और बड़ा था इसलिए थोड़ी सी अन्दर गया और थोड़ी दर्द भी होने लगा था, लेकिन मैं एक्टिंग करते हुए जोर से चिल्लाने लगी- निकालो निकालो… मेरी चुत फट जाएगी। लेकिन वो सुनने वाला कहाँ था, उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से बन्द करके एक बार जोरदार झटका मारा। और अबकी बार आधा से ज्यादा लन्ड चुत के अन्दर चला गया।

इस बार सही में तेज दर्द होने लगा था, मैं जोर से चिल्लाना चाहती थी लेकिन उसने मेरे होंठों को बंद किया हुआ था। मैं जोर-जोर कसमसाने लगी लेकिन उसके मजबूत शरीर को हिला भी नहीं पाई। मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था और वो एक हाथ से मेरी चूची को मसल रहा था, अपने होंठों से मेरे होंठों को चबा रहा था और लन्ड तो आज चुत फाड़ने में ही लगा था।

अब दर्द थोड़ी सी कम हुआ, तभी उसने एक जोर का झटका मारा और पूरा का पूरा लन्ड चूत को ककड़ी की तरह चीरते हुए अन्दर चला गया और मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मारी।

मुझे दर्द इतना ज्यादा होने लगा कि मैंने जोर से अमित को धक्का दिया लेकिन वो नहीं हटा, मैं छटपटा रही थी, ऐसा लग रहा था, मानो किसी ने मेरी चूत काटकर गर्मागर्म सरिया डाल दिया हो। मैंने जैसे तैसे करके अपने होंठों को मुक्ति दिलाई और जोर-जोर से रोने लगी।

अमित शायद डर गया इसलिये उसने मेरे मुंह को अपने हाथों से दबा दिया। फिर भी मैं चिल्ला रही थी। फिर अमित ने मेरे दोनों हाथों को ऊपर किया और मेरे होंठों को स्मूच करने लगा और धीरे-धीरे लन्ड आगे-पीछे करने लगा।

करीब 10 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और मजा आने लगा और पता ही नहीं चला कि कब मेरी गांड मस्ती में हिलने लगी। फिर अमित मेरा हाथ छोड़ दिया, मेरी चूची मसलने लगा, और तेजी से लन्ड आगे पीछे करने लगा जैसे वो बीवी को नहीं, रंडी को चोद रहा हो।

अब मुझे भी मजा आने लगा था, मैं भी गांड उचका-उचका कर चुदवा रही थी, मेरे मुँह से अपने आप मादक स्वर निकलने लले थे ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहह हाहह…’

अमित तो पागल सांड बना हुआ था, वो खचाखच पेले जा रहा था, वो ऐसे ही मुझे चोदता रहा। तकरीबन 10 मिनट बाद मैं बहुत तेज से बड़बड़ाने लगी- फाड़ दो मेरी चुत को, भोसड़ा बना दो। ये सब बोलते-बोलते झड़ गई लेकिन अमित आज फुल जोश में था, वो तो बस चोदे जा रहा था, बहुत देर तक वो ऐसे ही खचाखच पेलते रहा। तब तक मैं 3 बार झड़ चुकी थी।

तभी अमित ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और बड़बड़ाने लगा। देखते ही दखते मेरी चुत में उसने गर्मागर्म लावा की बाढ़ ला दी और कराहते हुये मेरे बदन पर लेट गया।

कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर से हटा, मेरे बगल में लेट गया और बोला- मजा आ गया यार तुम्हारी सील तोड़ कर!

मैं अन्दर ही अन्दर मुस्कुराई और सोचा- राजा, तेरी बीवी की सील तो कब की टूट गई और कितनी बार चुद भी चुकी है। लेकिन अमित के इस चुदाई में सील टूटने जितना या उससे भी ज्यादा दर्द और मजा आया।

ऐसे ही सोचते-सोचते हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

आपको मेरी यह सेक्सी कहानी कैसी लगी? मुझे जरूर बतायें कमेंट्स करके!

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