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मेरा नाम हरमन है, मैं हरियाणा के हिसार का रहने वाला हूँ, मैं आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक हूँ। मेरी लंबाई पांच फुट और दस इंच है। मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है। जो घटना मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ वो अब से लगभग एक साल पहले की है। मैं नेटवर्किंग मार्किटिंग का काम किया करता था। उसके लिए मुझे टेलीकालिंग करके ग्राहक बनाने पड़ते थे और साथ में काम करने वाले लोगों की तलाश करनी पड़ती थी।
2013 में अक्तूबर के महीने की बात है कि मैं टेली कालिंग कर रहा था। मैंने एक नंबर मिलाया तो उधर से एक मीठी सी आवाज आई। मैंने अपना परिचय दिया और उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम काजल बताया, वह पटियाला से बोल रही थी। बातों ही बातों में पता चला कि उसका ब्यूटी पार्लर का काम है और उसकी उम्र 28 वर्ष है। वो अपनी जिंदगी से परेशान थी। पूछने पर उसने बताया कि वह अपने पति से अलग रहती है और तलाक का केस चल रहा है। उसने कहा की कभी उसका दिल करता है कि वह आत्महत्या कर ले।
मैंने उसे दिलासा दिलाई और हिम्मत से काम लेने को कहकर फोन काट दिया।
अगले दिन सुबह मैंने फिर फोन किया और हालचाल पूछा। अब हर रोज हम फोन पर बात करने लगे, उसको मेरी बातें अच्छी लगने लगी। ऐसे बातें करते हुए हमें एक महीना बीत गया।
अब मैंने उससे मिलने की इच्छा जाहिर की तो उसने कहा कि वह भी मुझसे मिलना चाहती है और मुझे प्यार करती है, मैंने भी अपने प्यार का इजहार कर दिया।
हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया कैथल में! मैं कैथल बस स्टैंड पर पहुंच गया और काजल को फोन किया तो वह पहले से ही वहाँ मेरा इंतजार कर रही थी।
मैं उसे देखता ही रह गया इतनी खूबसूरत थी वो… पांच फुट 6 इंच का कद था उसका, गोरा रंग, गुलाबी होंट, नशीले नैन, काली जुल्फें! हमने एक दूसरे को विश किया, पार्क में बैठकर ढेर सारी बातें की, एक दूसरे को किस किया और शाम को मैं वापिस आ गया।
उसके बाद हम काफी बात मिले और चूमाचाटी की, मैंने उसकी चुची दबाई और उसकी चूत को टच किया, उसने मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाया। मगर समय और स्थान उपयुक्त न होने के कारण मैं उसकी चूत में लंड नहीं घुसा पाया यानि सेक्स नहीं कर पाए।
फिर हमने मिलने का एक प्रोग्राम बनाया कैथल के एक होटल में… एक दोस्त के माध्यम से होटल में एक कमरा बुक किया गया। हम दोनों कैथल पहुंच गए और होटल में चले गए।
रूम में पहुंच कर हमने दरवाजा बंद कर लिया। मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया, मैं उसके गालों को, होंठों को पागलों की तरह चूमने लगा। वाह क्या स्वादिष्ट रस था उसके होंठों का… होठों के बाद मैं उसके गालों को, माथे को, कानों के पास वाली जगह को चूमने लगा।
हम पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे। वो छटपटाने लगी, मैंने उसकी कमीज को निकाल दिया, अंदर का नजारा देखकर मैं पागल हो गया। क्या दूधिया रंग था उसका! मैंने उसको अपने सीने से चिपका लिया, मैं उसके पेट को चूमने लगा। चूमते चूमते मैं उसकी नाभि पर आ गया।
अब मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल कर ब्रा को निकाल दिया। अंदर 34 इंच की चुची गजब ढा रही थी। मैं बारी बारी से उन्हें चूमने लगा। उसकी सिसकारियां निकल रही थी।
नीचे मैंने उसकी पैंटी में हाथ डालकर देखा तो उसकी चूत गीली हो गई थी। मैंने उसकी पेंटी को निकाल दिया और अपना मुंह मैंने उसकी चूत पर टिका दिया। मैं उसकी चूत को पागलों की तरह चूमने लगा। काजल उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाजें निकालने लगी। उसकी चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया, मैंने सारा पानी पी लिया।
अब मैंने उसको लंड चूसने को कहा तो थोड़ी सी ना नुकुर के बाद वह मान गई। चूत में लंड की यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
हम 69 की अवस्था में आ गए, उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया। मैं उसकी चूत के दाने को चूसने लगा। हम दोनों आनन्द के सागर में गोते लगा रहे थे।
कुछ देर बाद उसने कहा- अब बरदाश्त नहीं होता… प्लीज अब डाल दो। मैंने कहा- क्या डालूँ? तो उसने शर्माते हुए कहा- प्लीज़, मेरी चूत में लंड डाल दो।
मैंने उसकी टांगों को अपने कंधों रखा और लंड को चूत के मुंह पर रखकर एक धक्का दिया, चूत में आधा लंड समा गया, वह दर्द से चिल्ला उठी। मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रखकर उसकी आवाज को दबा दिया।
मैंने लंड को पूरा निकाल के एक जोर का धक्का दिया और उसकी चूत में लंड पूरा का पूरा समा गया। अब मैं जोर जोर से धक्के लगा कर उसकी चुदाई करने लगा। वो भी हर धक्के का जवाब देने लगी।
अब उसकी दर्दभरी सिसकारियां मीठी आह में बदल गई। मैं उसकी उसकी चूत में लंड डाल कर पूरी रफ्तार से चोदने लगा, हर धक्के के साथ मजा दोगुना होने लगा।
हमने लगभग 15 मिनट तक जी भर के चुदाई की। अंत में मेरा पानी छूटने को हुआ तो मैं रूक गया और एक मिनट के लिए अपना ध्यान कहीं और लगाया। इस दौरान वह झड़ चुकी थी।
मैं दोबारा फिर शुरू हो गया, 10 मिनट के बाद मेरे लंड ने लावा उगल दिया और उसकी चूत को वीर्य से भर दिया। उसके चेहरे से चुदाई की संतुष्टि के भाव साफ झलक रहे थे।
उसके बाद हमने साथ साथ शावर लिया, एक दूसरे को जी भर के नहलाया।
एक बार फिर बाथरूम में मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने फिर काजल को अपनी ओर खींच लिया और उसकी चूत में लंड डाल दिया और एक बार उसको बाथरूम में चोदा। चुदाई के बाद हम नहाए और कपड़े पहनने के बाद होटल से बाहर आ गए।
काजल अपने घर चली गई और मैं अपने घर आ गया।
फोन पर उसने बताया कि उसे जिंदगी में पहली बार इतना मजा आया।
उसके बाद भी हम कई बार मिले और जी भर के चुदाई की।
आप को चूत में लंड की कहानी कैसी लगी, अपने विचार मुझे मेल करके अवगत कराएं. [email protected]
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