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सनी ने राहुल को अपने पीछे आने का इशारा किया और बाथरूम की तरफ चल पड़ी, राहुल भी उसके पीछे-2 हो लिया। राहुल उसकी भरी-2 गोल गांड देख रहा था ‘साली पूरी चुदक्कड़ रंडी है इतना चुदने के बाद भी अभी इसे और चाहिए!’ उसने मन में सोचा और अपने लंड और टट्टों को और बड़ा कर लिया वो सनी को बुरी तरह चोदने का प्लान बना चुका था।
बाथरूम में सनी ने राहुल को एक कोने के साथ सट कर बैठने को कहा और उसे सनी राहुल के ऊपर आ गई और उसे चूमने चाटने लग पड़ी। राहुल ने भी उसके मम्मों को पकड़ कर चूसना शुरु कर दिया। दोनों काम लीला में खो गए और भूखे जानवरों की तरह एक दूसरे पर टूट पड़े।
काफी चूमा चाटी के बाद सनी ज़मीन पर लेट गई उसने अपनी टाँगें ऊपर उठा लीं और अपनी गांड का छेद राहुल को दिखाते हुए बोली- आ जा मेरे भूत राजा और डाल दे अपना एनाकोंडा मेरी गांड में और बुझा दे मेरी गांड की आग! राहुल ने सनी की टाँगें पकड़ के नीचे को दबा दीं जिससे टाँगें सनी के कंधों को छूने लगी और गांड ऊपर की ओर उठ गई। ‘डाल दूँ?’ ‘हाँ डाल दे… बहुत दिन हो गए, अच्छे से गांड चुदाई नहीं हुई मेरी!’ यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
राहुल उसके ऊपर चढ़ गया और लंड को गांड पे सेट करके अपना वजन डालना शुरू किया। एकदम कसी हुई गांड थी, लंड अंदर जाने से मना कर रहा था। राहुल ने अपना पूरा वजन डाल दिया उसका 2 किलो की लौकी जितना बड़ा लंड आखिर अंदर घुस ही गया। ‘आह… ओ.. मदर फकर… मर गई मैं… कितना चला गया?’ सनी बिलबिला उठी। ‘मेरी जान, अभी तो बस टोपा ही गया… पर मुझे पक्का विश्वास है तू पूरा का पूरा ले लेगी!’ राहुल ने एक झटका मारते हुए कहा। ‘साले बहनचोद… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आराम से कर!’ ‘साली कुतिया, एक तो खुद चोदने को कहती है और अब नाटक करती है!’ राहुल ने लंड को हल्का सा पीछे खींच कर एक और घस्सा लगाया. इस बार काम बन गया, लंड सरसराता हुआ आधा अंदर घुस गया।
सनी की साँसें चढ़ गईं, आँखें बाहर की और आ गईं… पर राहुल आधे लंड से ही चुदाई शुरू कर दी… हर धक्का सनी पर कहर की तरह टूट रहा था पर वो शुरुआती दर्द को सह गई। राहुल उस पर पूरी तरह चढ़ गया, उसने सनी के होंठों को मुँह में लिया और चूसते हुए सनी की गांड ठुकाई करने लगा। गांड एकदम आग सी गर्म थी राहुल को जल्दी ही महसूस हो गया कि वो झड़ जाएगा, उसने लंड गांड से निकाल के सनी की चूत में पेल दिया और सनी को हल्के-2 थप्पड़ मारते हुए चोदने लगा।
सनी लगातार झड़ती जा रही थी उसकी हालत सांड के आगे आई बछड़ी सी थी… मजा भी आ रहा था और वो कुछ कर भी नहीं सकती थी।
राहुल चुदाई के नशे में कब झड़ गया उसे खुद नहीं पता चला। उसे पता तब लगा जब लंड सिकुड़ने के कारण ख़ुद चूत से बाहर आ गया। राहुल ने सनी को देखा बेचारी बेहोश थी और उसके मुँह और मम्मों पर मार के निशान थे। राहुल सनी हालत देख कर हैरान रह गया ‘उफ्फ बेचारी…’ उसने मन में सोचा और जल्दी से कपड़े पहन कर गायब हो गया और कमरे से बाहर आ गया।
वो विश्वास नहीं कर पा रहा था कि उसने आज सनी लियोनी को चोदा है। उसे बेहद अच्छा लग रहा था। वो मस्ती में होटल में इधर उधर घूमने लगा। उसका तो मन कर रहा था वो यहीं रह जाय उम्र भर… पर घर जाना भी ज़रूरी था, वो होटल के गेट से बाहर निकलने ही वाला था कि उसे अपना नाम सुनाई दिया। ‘यह राहुल भी न इतनी रात को न जाने कहाँ चला गया?’ उसे एक जानी पहचानी लड़की की आवाज़ सुनाई दी। ‘तुम टेंशन मत लो, वो खुद को सम्भाल सकता है’
राहुल ने पीछे देखा तो एक लड़का-लड़की आपस में बात कर रहे थे। उनकी पीठ उसकी तरफ थी वो झट से उनके सामने पहुंचा तो लड़की की शक्ल देखकर एक पल के लिए तो वो चक्कर ही खा गया। ‘गरिमा? और यहाँ इस वक़्त?’ उसने खुद से सवाल किया। पर उसकी आँखें इतना बड़ा धोखा नहीं खा सकती थीं।
गरिमा ने फूलों के प्रिंट वाली स्लीव लेस फ्रॉक-ड्रेस पहन रखी थी जो उसके घुटनों तक आ रही थी, वो बेहद सुंदर लग रही थी। लंबे-2 काले बाल उसके गोरे चेहरे को और भी आकर्षक बना रहे थे। श्रद्धा कपूर जैसे नैन-नक्श और फेस कट देखकर कोई भी उसे श्रद्धा की जुड़वां बहन समझ सकता था। बस वक्ष कुछ अधिक ही भरा हुआ था राहुल ने अंदाज़ा लगाया 34B या 34c तो कम से कम होगा ही!
लड़के की मजबूत बाजू गरिमा की पतली कमर के चारों और सांप की तरह लिपटी हुई थी। लड़का भी काफी हैंडसम था, 6 फुट से ज्यादा लंम्बा और बॉडी बिल्डरों जैसी बॉडी वाला, हालांकि उसका रंग बेहद काला था पर काला रंग उसे और आकर्षक बना रहा था।
राहुल चुपके से उनके पीछे-2 चल पड़ा और उनकी बातें सुनने लगा। गरिमा- कर्ण, मुझे टेंशन हो रही है। ‘तो इसका नाम कर्ण है.’ राहुल ने खुद से कहा और उनके पीछे-2 चलता रहा।
कर्ण- गरिमा, मैं तुम्हें यकीन दिलाता हूं कि राहुल को कुछ नहीं होगा। गरिमा- तुम नहीं समझोगे, वो पहली बार अकेला घर से बाहर है और अभी तो वो उनका आदी भी नहीं हो पाया। कर्ण- गरिमा मैंने उससे बात भी की है और उसके दिमाग को पढ़ा भी है मेरा यकीन मानो वो बेहद ताकतवर है वो और चालाक भी।
तो यह था जो मुझसे बात कर रहा था। राहुल का मन हुआ कि वो अभी जाए और कर्ण को गले लगा ले पर वो जाते-2 रुक गया। वो अपने बारे में और उन दोनों के बारे में और जानना चाहता था। गरिमा- तुम्हें लगता है कि राहुल ही वो लड़का है जिसे हम ढूंढ रहे थे? कर्ण- हाँ बिल्कुल, उसकी डीएनए रिपोर्ट भी यही कहती है।
राहुल उन दोनों के पीछे-2 लिफ्ट में घुस गया। लिफ्ट एकदम खाली थी। कर्ण ने गरिमा को बाहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगा पर गरिमा ने उसे पीछे धकेल दिया। कर्ण- क्या गरिमा इतने दिनों बाद तो आई हो, आज तो चूम लेने दो। गरिमा- नहीं। कर्ण- क्यों? गरिमा- तुम जानते हो। कर्ण- गरिमा, समझने की कोशिश करो, उसमें बेहद खतरा है। मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।
गरिमा- मैं भी तो तुम जैसी ही हूं? तुम्हारी माँ को कुछ नहीं हुआ बल्कि किसी को कुछ नहीं हुआ फिर मेरे साथ ही ये नाइंसाफी क्यों? कर्ण- गरिमा तुम समझती क्यों नहीं? तुम हम जैसी तो हो पर आधी ही… आधा खून तो तुम्हारी इन्सान माँ का है। गरिमा- तुम्हें मुझ पर भरोसा करना चाहिए कर्ण, मुझे तो लगता है तुम मुझे उस काबिल ही नहीं समझते।
राहुल सांस रोके दोनों की अजीब बातें सुन रहा था उसने इतना अंदाज़ा लगा लिया कि गरिमा शायद रमा और किसी और की औलाद है जो इंसान नहीं था पर पूरी बात उसकी समझ में नहीं आ रही थी। आखिर गरिमा इसे किस बात के लिए इतना मना रही है। एक बार तो उसे लगा कि वो सच में भूत प्रेत या शायद पिशाच हो फिल्मों की तरह… पर उसका मन जानता था कि बात कुछ अलग है और कर्ण की बात ने उसकी सारी दुविधा दूर कर दी।
कर्ण- गरिमा बच्चों सी बातें मत करो, पिछले 10000 सालों से हम पृथ्वी पर रह रहे हैं पर एक भी ऐसा उदहारण सामने नहीं आया जिसमें अगर एक मंगल वासी ने इंसान महिला से उस रूप में सेक्स किया हो और वो महिला मरी न हो। अब तुम ही कहो मैं कैसे तुम्हारी इच्छा पूरी करूँ।
लिफ्ट सातवीं मंज़िल पर रुक गई।
गरिमा की आँखें डबडबा रही थीं, उसने रुमाल से आँखें पौंछी और बिना कुछ बोले ही बाहर निकल गई। फ्लोर के पहले ही रूम के सामने वो रुकी, कर्ण ने चाबी निकाल कर दरवाजा खोला और गरिमा के अंदर जाने का इंतज़ार करने लगा।
दरवाजा खुला देख राहुल उन दोनों से पहले ही रूम में घुस गया।
कर्ण ने गरिमा को अन्दर जाने के लिए कहा और खुद भी उसके पीछे-2 अंदर आ गया और दरवाजा बंद कर दिया। गरिमा चुपचाप बैठी रही, कर्ण कुछ देर इधर उधर टहलता रहा फिर गरिमा के पास जाकर बैठ गया।
कर्ण- गरिमा, तुम यही चाहती हो तो ठीक है, पर तुम जानती हो तुम्हारी जान के अलावा भी खतरे हैं। गरिमा- हाँ मैं जानती हूँ कि जब तुम उस रूप में मेरे साथ सेक्स कर रहे होंगे तो मेरा भी रूप बदल सकता है और शायद मैं अपनी यादाश्त खो बैठूं। पर कर्ण मैं तुम्हें पूरी तरह से पाने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ।
कर्ण खड़ा हो गया उसने आंखें बंद कर लीं जैसे ध्यान लगा रहा हो कुछ ही देर में उसके बदन से अजीब सी रोशनी निकलनी शुरू हुई और अचानक ही रोशनी चमकी, गरिमा और राहुल दोनों की ही आँखें कुछ देर के लिए चुंधिया गईं, वो दोनों ही कुछ भी देख पाने में असमर्थ थे।
राहुल को जब दिखना शुरू हुआ तो कर्ण की जगह एक विशालकाय धूसर रंग का दानव खड़ा था। आठ से नौ फुट ऊंचा आम इंसान से कोई तिगुना चौड़ा बदन पर एक भी कपड़ा नहीं। उसका विशालकाय लंड जो करीब करीब डेढ़ फुट लम्बा और पेप्सी की एक लीटर वाली बोतल जितना मोटा था, 120 डिग्री के कोण पर सलामी दे रहा था।
राहुल ने गरिमा को देखा, वो बिल्कुल भी डर नहीं रही थी बल्कि उल्टे मंत्रमुग्द हो कर उस विशाल लंड को निहार रही थी। ‘क्या है यह?’ राहुल ने खुद से पूछा पर उसके पास कोई जवाब नहीं था. आगे क्या होने वाला है, राहुल जानता था। वो एक कोने में बैठ गया और आगे की क्रिया के होने का इंतज़ार करने लगा।
यह काल्पनिक कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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