सेक्स की प्यासी आंटी और दोस्त की बहन की साजिश-1

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मैं दीप पुणे से हूँ, मेरी उम्र 26 साल की है। मैं पहली बार कोई चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ। मैं हमेशा अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ता रहा हूँ। इसलिए मुझे भी अपनी चुदाई की कहानी लिखने का मन हुआ और आज मैं अपनी एक सच्ची घटना आप सबके सामने लाया हूँ।

मेरा फैमिली बिजनेस है और एक खुद का छोटा सा शाकाहारी होटल है। मैं साल में 3 महीने बारिश के समय फ्री रहता हूँ, बाकी दिन मैं बिजी रहता हूँ। बारिश के समय मैं बाहर ही घूमना पसंद करता हूँ।

बारिश की छुट्टी में मैं मुबंई आया था तो वहाँ मैंने एक रूम दो महीने के लिए रेंट पर ले लिया था।

मैं तीसरे फ्लोर पर रहता था। दिन भर मैं घर में पड़ा रहता था। वहाँ मैं किसी को भी नहीं पहचानता था इसलिए शाम को घूमने के लिए बाहर आता था।

मैं आपको इधर बताना चाहता हूँ कि मुझे कुकिंग का बड़ा शौक है। मैं दिन में घर बैठे कुछ नई डिशेज बनाता रहता था तो उसकी बहुत अच्छी खुशबू आजू-बाजू में फैलती थी, उसकी वजह से मेरे आजू-बाजू वाले मेरे से पहचान बनाने के लिए कोशिश करने लगे थे।

वैसे मैं दिखने में ज्यादा खूबसूरत नहीं हूँ, पर इतना बुरा भी नहीं हूँ। मेरी जल्दी सबसे बनती है.. और मुझमें कोई एटिट्यूड भी नहीं है।

मेरे सामने वाले फ्लैट में देशमुख नाम की एक फैमिली रहती है उनके घर में रमेश अंकल, सीमा आंटी, उनके दो लड़के अभिजीत और संदीप और एक लड़की अंजलि रहते थे। अंजलि को उस घर में सब अंजू बुलाते थे। मेरी उनके घर में सबसे अच्छी बनने लगी, कभी-कभी वो मुझे रात को खाने के लिए भी बुला लेते थे। कुछ दिनों बाद मेरी संदीप के साथ ज्यादा दोस्ती बनने लगी क्योंकि मैं स्मोकिंग करता हूँ और संदीप भी, तो वो मेरे घर पर आ जाता था। संदीप को सोसायटी में सभी पहचानते थे और उसकी वजह से मुझे भी लोग पहचाने लगे।

एक दिन मैं रात को लेट घर आ सका था और उस वक्त लिफ्ट बंद थी, तो मैं सीढ़ियों से ऊपर जा रहा था। उस वक्त मुझे संदीप दूसरे फ्लोर पर एक फ्लैट से निकलते दिखा।

मैंने उसे आवाज दी तो वो डर गया, उसे पसीना आने लगा। मैंने उसके करीब जाकर पूछा- क्या हुआ.. इतना पसीना क्यों आ रहा है? तो उसने मुझसे कहा- पहले घर चल.. बाद में बताता हूँ। हम दोनों घर आ गए।

अब उसने मुझसे कहा- प्लीज़ किसी को भी मत बताना कि मैं उस फ्लैट से बाहर आते रात के टाइम दिखा.. प्लीज़! मुझे कुछ अजीब सा लगा और मैंने उससे कहा- तू ठीक से सब बता.. तो मैं किसी से नहीं कहूँगा। उसने बताना शुरू किया कि उस फ्लैट में नम्रता नाम की एक आंटी रहती हैं.. उनका पति उनके साथ नहीं रहता है। उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है और नम्रता आंटी अकेली ही रहती हैं, तो कभी-कभी मैं उनके साथ सेक्स करता हूँ।

ये सुनने के बाद मैं पागलों की तरह उसे देख रहा था, तो उसकी समझ में आया कि मैं क्या सोच रहा हूँ। अब वो हँसने लगा और उसने कहा- भाई टेंशन मत ले.. तुझे भी चोदने का मौका दिला दूंगा। उसकी बात पर मैं भी हंसने लगा।

उस रात को वो मेरे घर पर ही सोया और सुबह चला गया।

सुबह मैं भी सिगरेट का पैकेट लाने के लिए बाहर निकला, तो मैं लिफ्ट के पास ठिठक गया। मैंने सोचा सीढ़ियों से जाता हूँ.. अगर वो आंटी दिखी तो उसे ठीक से देख सकूँगा। इसलिए और मैं सीढ़ियों की तरफ मुड़ गया।

तभी पीछे से आवाज आई- दीप रुको..! तो मैंने पीछे देखा कि अंजलि ने आवाज दी थी।

मैं वहीं रूका और उसके आने का इंतजार करने लगा। वो मेरे पास आई तो मैं उसे देखने लगा। वो हंस कर बोली- क्या हुआ, ऐसे क्यों देख रहे हो? तो मैंने कहा- आज कुछ स्पेशल है क्या? आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। तो हंसते हुए बोली- आज मेरा जन्मदिन है।

मैंने तुरंत हैपी बर्थडे कह कर विश किया। उसने ‘थैंक्स’ कहा और हम सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे। तभी नम्रता आंटी ने उसे आवाज दी.. हम दोनों ही उनके पास गए, उन्होंने भी उसे विश किया।

फिर अंजलि ने मेरी नम्रता आंटी से पहचान करा दी। आंटी ने मुझसे कहा- हाँ बहुत सुना है तुम्हारे बारे में..! तो मैंने भी थोड़ी शरारत से कहा- आपने अच्छी बातें या बुरी बातें सुनी है? तो वो भी हँसने लगीं और निशा बोली- अरे यार तुम्हारे बारे में कोई बुरी बात बोल भी नहीं पाएगा।

हम सब हँसने लगे और मैं निशा और आंटी से बाय बोल कर वहाँ से निकलने लगा। तभी आंटी ने कहा- रुको तो.. चाय पीकर जाओ ना। अंजलि भी कहने लगी- आ जाओ दस मिनट तो ही लगेंगे।

अब मैं उनके साथ आंटी के आ घर में आ गया और आंटी किचन में चली गईं। इस वक्त हम दोनों हॉल में थे, तभी अंजलि शरारती मूड में मेरे बगल में चिपकी हुई बैठी थी.. मुझे अजीब सा लग रहा था।

उसने हंसते हुए कहा- कितना शरमाते हो तुम? तो मैंने उससे कहा- मैं शर्माता नहीं हूँ, बस हूँ ही ऐसा। तभी आंटी किचन से तीनों के लिए चाय लेकर आईं। शायद उन्होंने हम दोनों की बात सुन ली थी। उन्होंने कहा- वो शर्माता नहीं है.. वो तो बेचारा तुम्हारी इज्जत करता है इसलिए शांत है.. और तुम हो कि उसके साथ मजाक करे जा रही हो।

आंटी की बात पर हम सब हँस पड़े और फिर सभी ने चाय पी ली।

मैंने चाय के बाद कहा- चलो अब मुझे जाने दो, आप लोगों अपनी बातें कीजिए, मैं चलता हूँ। तभी आंटी ने मुझे पूछा- दीप मैंने सुना है कि तुम कुकिंग में एक्सपर्ट हो? इस पर अंजलि ने कहा- हाँ ये क्या मस्त खाना बनाता है।

आंटी ने कहा- प्लीज़ अगले हफ्ते मेरी थोड़ी हेल्प करो न..! मेरी कुछ सहेलियां आने वाली हैं तो कोई अच्छी सी रेसिपी सिखाओ ना मुझे! मैंने जल्दी से ‘हाँ’ कहा और वहाँ से निकलने के लिए आगे बढ़ गया। अंजलि भी वहाँ से मेरे साथ निकली। हम दोनों बातें करते-करते चलने लगे।

जाते टाइम अंजलि ने कहा- मेरा गिफ्ट कहाँ है? तो मैंने भी उससे कहा- क्या चाहिए तुझे बोलो? उसने कहा- ओके.. बाद में सोच के बताती हूँ। हम दोनों गेट तक आए और उसने फिर से पूछा- तुम कहाँ जा रहे हो? तो मैंने जल्दी से उससे कहा- मेडिकल स्टोर पर जा रहा हूँ। ‘ओके.. तो शाम को मिलते हैं।’ कह कर वो चली गई और मैं बाहर आकर सिगरेट पीने लगा।

उधर से वापिस आते टाइम मैंने सिगरेट का पैकेट ले लिया और घर की तरफ आने लगा। तभी मुझे सामने खिड़की में आंटी दिखीं और मैं वापिस उनके बारे में सोचते-सोचते घर पर आने लगा।

तभी आंटी ने मुझे वापिस आवाज दे कर बुलाया और कहा- मुझे तुम अपनी कोई फेवरेट डिश जरूर बताना। मैंने उनको मेरी फेवरेट डिश चिकन बिरयानी बताई, तो उन्होंने कहा- इसके लिए क्या-क्या चाहिए.. वो सारे मसाले भी बता दो, तो मार्केट से आते टाइम ले आती हूँ। मैं उनको एक लिस्ट लिख रहा था, तभी आंटी ने कहा- ठीक है तुम लिखो तब तक मैं नहा कर आती हूँ।

वो नहाने चली गईं। यहाँ मैंने लिस्ट बनाकर रख दी और आंटी का वेट करने लगा। कुछ देर हुई तो मैंने आवाज दी- आंटी..! तो अन्दर से आवाज आई- हाँ अभी आती हूँ.. बस दो मिनट।

अगले कुछ पलों बाद सामने से आंटी आ रही थीं। मैंने उनको देखकर हैरान हुआ.. मेरी आँखें चुंधिया गईं.. सच में क्या दिख रही थीं वो.. उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा ही हो गया.. मैं उन्हें एकटक देखता ही रह गया।

तभी उनकी नजर मेरे पैंट पे गई और मुझे तब समझ आया कि आंटी ने मेरे लंड का उभार देख कर हँस रही हैं। मैं एकदम से खड़ा होकर उनके हाथ में लिस्ट देकर वहाँ से भागा.. मैंने जाते समय उनसे कुछ भी नहीं कहा।

उधर से मैं सीधे अपने घर पर आकर बेडरूम में जाकर अपनी पैंट निकाली और जोर से लंड को हिलाने लगा। मुझे कण्ट्रोल ही नहीं हो रहा था, बार-बार आँखों के सामने उनकी वो कामुकता बिखेरती 36-34-36 की फिगर आ रही थी। सच में आंटी क्या मस्त माल लग रही थीं, उनके वो मम्मे एकदम कड़क लग रहे थे और उनकी गांड तो जबरदस्त पटाखा लग रही थी। मेरा दिल कर रहा था कि उधर ही आंटी की चुदाई कर दूँ, पर बहुत कण्ट्रोल किया था। मैं अपने बिस्तर पर पड़े-पड़े ही लंड को हिला रहा था। आज पता नहीं क्यों मेरा पानी भी जल्दी निकल ही नहीं रहा था।

तभी आंटी की आवाज आई तो मैंने खिड़की खोल कर देखा तो आंटी मुझे बुला रही थीं, उन्होंने मुझसे कहा- तेरा पैकेट यहीं रह गया है।

मैंने चैक किया तो मेरा पैकेट पीछे की जेब में था, पर मुझे आंटी की जवानी का भूत चढ़ गया था इसलिए मैंने उनसे कहा- आंटी अभी आता हूँ। मैं उनके घर पर वापस गया।

आंटी ने सफ़ेद रंग का ब्लाउज पहना था और उसके अन्दर कुछ भी नहीं था।

मेरी नजर वापिस उनके मम्मों पर टिक गई। तभी आंटी ने मेरी नजर कहाँ है, ये देखा और हँस कर कहा- हम्म.. ये लो तुम्हारा पैकेट! और आंटी ने मेरे हाथ में सिगरेट का पैकेट दे दिया। वो देख कर मेरा मुँह एकदम से लज्जा से झुक गया।

आंटी ने मेरी तरफ देखा और जोर से हँसते हुए मेरे गाल को किस कर लिया। जैसे ही आंटी ने मुझे किस किया.. मुझे अजीब सा करंट सा लगा और मेरा लंड वापिस खड़ा हो गया। आंटी मेरे लंड के उभार को देख कर जोर-जोर से हंसे जा रही थीं।

फिर मुझे भी थोड़ी शरम आई और मैं नीचे सोफे पर बैठ गया। आंटी ने पूछा- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा- नहीं आंटी। आंटी ने कहा- तुम झूठ बोल रहे हो.. ऐसा हो ही नहीं सकता, बता न मुझसे क्या शर्माना? तो मैंने कहा- है ही नहीं आंटी, तो क्यों हाँ कहूँ। तब आंटी ने कहा- ओके ओके.. ठीक है नहीं है तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड… मान लिया। फिर मैंने कहा- जाऊँ.. बहुत देर हो रही है और अंजलि, संदीप से भी मिलना है।

इतना कहकर मैं वहाँ से निकला।

दोस्तो, कहानी थोड़ी लम्बी है.. मजा आया या नहीं, मुझे लिखना जरूर। मेरी यह चुदाई की कहानी जारी है। [email protected]

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