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अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! यह मेरी पहली कहानी है लड़की की बुर की चुदाई की.. और पूरी तरह से सच है।
अब मेरे बारे में बता देता हूँ, मेरा नाम विनय है, प्यार से लोग मुझे विनी बुलाते है, मेरी उम्र 22 साल है, मैं अलवर, राजस्थान का रहने वाला हूँ और M.com प्रथम वर्ष में हूँ।
यह बात दो महीने पहले की है, हमारे घर के सामने वाले घर में एक परिवार किराये पर रहने के लिए आया था। एक अंकल आंटी और उनके दो बच्चे एक लड़का और एक लड़की। लड़का 15 साल का था और लड़की 19 साल की थी, उसका नाम निशिका था। अब उसके बारे में क्या बताऊँ यारों 32-28-32 का साइज था उसका, गोरा रंग, भूरे बाल, काली-काली बड़ी-बड़ी आँखें, गुलाबी होंठ, कसे हुए चूचे, उभरे नितंब। उसे देखकर किसी भी लड़के का लंड खड़ा हो जाए। एक दिन मौसम अच्छा था, मैं अपने घर की छत पर बैठ कर पढ़ाई कर रहा था, निशिका और उसके पापा अपने घर की छत पर घूम रहे थे. मेरी नजर किताब पर कम और निशिका पर ज्यादा थी क्योंकि जब से मैंने उसे देखा था, तब से उसे चोदने के सपने देख रहा था।
इतने में उसके पापा ने मुझे आवाज लगाई- बेटा विनी, हमारे कंप्यूटर में कोई समस्या आ गई है, तुम एक बार इसे देख लोगे क्या? मैंने कहा- अंकल, अभी बस दो मिनट में आया!
मेरे लिए तो यह बहुत खुशी की बात थी क्योंकि हो सकता है उससे बात करने का मौका मिल जाए।
मैं उनके घर पहुंच गया। अंकल ने कहा- बेटा PC देख लो। इतने में निशि भी आ गई, उसने कहा- पापा, आपको मम्मी ने बुलाया है। उसके पापा ने कहा- बेटा, तू विनी को प्रोब्लम बता, मैं जाता हूँ।
निशिका ने कहा- स्टार्ट नहीं हो रहा है! मैंने देखा तो वायर निकला हुआ था, मैंने वायर लगा दिया और कंप्यूटर ओन किया. निशिका ने कहा- थेंक यू, इतनी छोटी सी प्रोब्लम के लिए मैंने आपको परेशान किया।
मैंने कहा- मैडम, आप हमारी पड़ोसी हैं, और आपकी सहायता करना तो हमारी जिम्मेदारी है।
फिर उसके पापा आ गये, उन्होंने कहा- बेटा हो गया? मैंने कहा- हां अंकल, बस एक वायर निकल गया था! अब मैं चलता हूँ. तो उन्होंने कहा- बेटा, आप पहली बार घर आए हो, कुछ खाए बिना तो तुम्हें नहीं जाने दूँगा।
मैंने कहा- अंकल क्या जरूरत है! पर वो नहीं माने, उन्होंने कहा- बैठो, मैं तुम्हारे लिए कुछ नाश्ता लाता हूँ! और वो चले गये।
अब मैं और निशिका बात करने लगे… बात करते-करते मैं उसकी चूची को देख रहा था. शायद उसे इस बात का पता लग गया और मुझसे अचानक पूछ लिया- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? मैंने कहा- ऐसी कोई मिली नहीं जिसे मैं अपनी गर्लफ्रेंड कह सकूँ। फिर उसने कहा- आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो। मैंने कहा- आप भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
इतना कहकर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और फ्रेंच किस करने लगा। मुझे उसके पापा के आने की आवाज आई तो हम अलग हो गये। उसके पापा ने कहा- लो बेटा, नाश्ता करो। मैंने नाश्ता किया और चला गया।
उस दिन के बाद उसे चोदने का मौका नहीं मिल रहा था।
एक दिन दोपहर में मैं खाना खा रहा था, इतने में निशिका का फोन आया, उसने कहा- विनी, मेरे पापा टूर पर दिल्ली गये हैं, मम्मी सत्संग में गई हैं और मेरा छोटा भाई स्कूल गया है। आप मेरे घर आ जाओ ना प्लीज! मेरी तो जैसे लाटरी लग गई थी, मैं समझ गया कि आप मुझे बुर की चुदाई करने को मिलेगी.
मैं तुरन्त उसके घर पहुँचा, उसने लाल रंग की मेक्सी पहनी हुई थी, उस लिबास में वो कयामत लग रही थी।
मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसके होंठों को चूसने लगा। फिर मैंने उसे पलंग पे पटक दिया और खुद उसके ऊपर लेटकर उसके पूरे बदन को मेक्सी पर से ही चूमने लगा। लगभग 15 मिनट की चूमा चाटी के बाद मैंने उसकी मेक्सी को निकाल दिया. अब वो हसीना सिर्फ ब्रा और पेंटी में मेरे सामने थी।
मैंने अपना टी-शर्ट और जींस उतार दिया और उसकी चूची को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। उसने कहा- विनी, प्लीज अब ज्यादा मत तड़पाओ, कुछ करो ना!
फिर मैंने उसकी ब्रा और उसकी पेंटी को उतार दिया… अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। उसकी निप्पल एकदम गुलाबी थी, मैंने अपना मुँह उसकी निप्पल पर रखा और उसे किस करने लगा और चूसने लगा।
वो बेकाबू हुए जा रही थी, उसका हाथ मेरे अंडरवियर पर गया, अंडरवियर एक ही झटके में नीचे खिसका दिया और मेरे 6″ लंड को अपने हाथों से पकड़कर ऊपर नीचे करने लगी।
अब हम अलग हुए और मैंने अपना लंड उसे मुँह में लेने के लिए कहा, उसने तुरन्त ही लंड को मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चाटने और चूसने लगी। मैंने उसकी गुलाबी बुर पर अपने होंठ रखे और बुर चाटने लगा। 5 मिनट उसकी बुर चाटने के बाद हम अलग हुए।
अब बारी थी उसकी बुर चोदने की… मैंने अपना लंड उसकी बुर पर रखा और एक धक्का मारा और आधे से ज्यादा लंड उसकी बुर में घुस गया और उसकी चीख निकल गई। उई मम्मी… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह! मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसे किस करने लगा.
जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लंड उसकी बुर ने निगल लिया और उसकी चीख मेरे मुँह में ही दब गई। अब मैं धक्के पे धक्के मारे जा रहा था और वो अपनी गांड उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी। कुछ मिनट की बुर की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये, मैंने अपना सारा वीर्य उसकी बुर में ही गिरा दिया।
हम दस मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे और उसके बाद हम साथ में ही नहाने के लिए बाथरूम गये।
फिर मैंने उसे अपना लंड चुसाया और जब मेरा नागराज खड़ा हो गया तो बाथरूम में ही उसकी एक टाँग उठाकर उसकी बुर में अपना लंड डाल दिया और फिर से उसकी चुदाई की।
बुर की चुदाई की इस कहानी पर आपके विचार मुझे मेल कीजिये. [email protected]
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