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कॉलेज टाइम में मेरा एक जिगरी दोस्त था मुदस्सर. हमारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी. जिस कारण हम दोनों सेक्सी कहानियाँ पढ़ते हुए एक दूसरे की मुठ मार दिया करते थे. फिर हम दोनों एक दूसरे का लंड मुँह में लेने लगे. मैं अपना लंड मुदस्सर को चुसवाता. फिर मैं उसका लंड चूसकर उसको ठंडा करता. नेचर से हम दोनों गे नहीं थे लेकिन जैसा अक्सर होता है कि चूत की कमी ने हम दोनों को धीरे धीरे गांडू बना दिया था. घर की छत पर, खंडहर में मुदस्सर मेरी गांड मारता मैं उसकी जमकर गांड मारता था.
ऐसे ही एक दिन हम लोग खंडहर में गए तो चुपके से देखा कि एक सफ़ेद ड्रेस में, भरे हुए गोरे बदन की जवान लड़की अपनी सलवार खोले झुकी हुई है. उसका दुपट्टा और बैग वहीं पास में रखा था, दो लड़के उसको झुककर बारी बारी से चोद रहे थे. मैंने पहचान लिया यह मुदस्सर की गली के आरिफ और अनुज थे. वह इक्कीस बाईस साल की भरे हुए जिस्म की गोरी लड़की झुकी हुई मज़े से चुदवा रही थी. उसके बाल चेहरे पर थे इस लिए पहचान में नहीं आ रही थी.
हम दोनों उनको देखने लगे. आरिफ उसके मुँह में लंड दिए हुए था अनुज उसकी चूत की चुदाई कर रहा था. लेकिन जब अनुज उसकी चूत में झड़ गया तो वह दुपट्टे से अपनी चूत पौंछती हुई उठकर खड़ी हुई. उसका चेहरा देखकर हमारे पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गई, वह लड़की कोई और नहीं मुदस्सर की बाजी (बड़ी बहन) परवीन थी.
‘उफ़! यह तो मेरी बाजी परवीन है इनके साथ, अभी जाता हूँ.’ ‘नहीं मुदस्सर, ऐसी ग़लती मत कर, देख चुदवा तो वह चुकी ही है. अब अगर तू अचानक गया तो बहुत बवाल होगा. किसी और को मालूम पड़ गया तो तेरे घर वालों की बहुत बदनामी होगी.’ ‘तो मैं क्या करूँ?’ ‘चुपचाप देखता रह… घर पर उसको समझाएँगे. समझा?’ मैंने मुदस्सर को रोक लिया.
इसके बाद हम दोनों परवीन की चुदाई देखते रहे. आरिफ उसको ज़मीन पर गिराकर उसके पैर ऊपर करके उसकी चूत चोद रहा था. अनुज के झड़ चुके लंड को वह हाथ से सहलाते हुए खड़ा करने की कोशिश कर रही थी.
पौन घंटे तक उस खंडहर में परवीन की चुदाई होती रही, फिर उसने अपने कपड़े झाड़े, सलवार खींचकर ऊपर बाँधी और दुपट्टा डालकर वहाँ से चुपचाप निकल गई.
उस दिन के बाद से हम दोनों परवीन पर नज़र रखने लगे तो पता चला कि परवीन घर वालों से छुपकर कालोनी के कई लड़कों से चुदवा रही थी. यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
वह मुदस्सर की बड़ी बहन थी इसलिए मैं भी उसको बहन ही मानता था लेकिन उसको यूं सबसे चुदवाता देखकर मैंने पक्का उसको ठोकने का सोच लिया था. अब वह मेरे दोस्त की बहन नहीं, एक भरे हुए गोरे जिस्म की चौबीस साल की लड़की थी. जिसकी जवानी उससे सम्भल ही नहीं रही थी. मैं मुदस्सर से उसके बारे में हर तरह की बात करने लगा था. वह जानता था कि मैं उसकी बहन को बाकी लड़कों की तरह चोदना चाहता हूँ. उसको कोई दिक्कत नहीं थी. मेरी और मुदस्सर की सोच अब बदल गई थी.
इसके बाद हम दोनों ने मिल कर परवीन को जम कर ठोका. लेकिन इस चक्कर में मुझे अपनी छोटी बहन रूबी को भी चुदवाना पड़ गया था. रूबी मासूम थी, कब मुदस्सर ने उसको पटा लिया, पता ही नहीं चला. मुदस्सर उसकी कच्ची मासूम जवानी का रस चूस रहा था. उसके नींबू जैसे उभार देखते ही देखते भरने लगे. मुझे शक हुआ और फिर मैंने उन दोनों को घर में ही पकड़ा. मुझे उसका कोई अफ़सोस नहीं था. क्योंकि मैं जानता था कि रूबी अब बड़ी हो रही थी मुदस्सर नहीं, तो कोई अनजान लड़का उसका बॉयफ्रेंड बनकर उसको चोदेगा ही. यारी दोस्ती में चुदवा लेगी तो क्या हर्ज है. हम दोनों के परिवार वालों को इसकी भनक नहीं थी कि हम दोनों सिस्टर स्वैपिंग कर रहे थे.
एक साल बाद मुदस्सर दुबई चला गया, परवीन की शादी हो गई, मेरी छोटी बहन रूबी ने भी अपना बॉयफ्रेंड बना लिया था और अकेलेपन से बचने के लिए मैंने शादी कर ली. लेकिन छोटी बहन को और दोस्त की बाजी को चोद कर मेरे अन्दर अब तरह तरह की फैंटेसी जन्म ले चुकी थी. असल कहानी की शुरुआत यहाँ से होती है.
मेरी बीवी अमिता दिखने में बहुत ही सुंदर और मोर्डन औरत है और उसके बूब्स भी बहुत अच्छे आकार के बड़े आकर्षक लगते हैं क्योंकि उसके बूब्स एकदम गोरे, बड़े आकार के, उभरे हुए मस्त दिखाई देते हैं, जो हर एक सेक्सी औरत में होना चाहिए वो सब बातें उसमें हैं। अब तक हमारी सेक्स लाइफ बहुत ही अच्छी तरह से चल रही थी और हम सेक्स में बहुत मजा करते थे, लेकिन अब कुछ दिनों से हमारे सेक्स में कुछ कमी आ गई थी मुझे चुदाई करते समय उतना मजा नहीं आता था जितना, परवीन और रूबी की चुदाई के समय आता था. मुझे ग्रुप सेक्स का चस्का जो था और मेरी पत्नी एकदम भोली भाली!
ऐसा काफी टाइम तक चलता रहा और मैं अक्सर चुदाई के बीच सोचता रह जाता हूँ कि काश उसे कोई और चोद रहा हो और मैं उसे चुदता देखूँ। मेरी फैंटसी थी कि मैं अपनी पत्नी को किसी मोटे लंड से चुदते हुए देखूं.. मेरा कोई दोस्त मेरी पत्नी को बेहद जोर से चोद रहा हो!
‘अमिता हम लोग हाई सोसाइटी में रहते हैं. यहाँ यह गाँव वाला सोच नहीं चलेगी. शहर में लोग सेक्स में नयापन लाने के लिए बहुत कुछ करते हैं.’ ‘ओह! ऐसा, तो आप बोलिए… मैं करुँगी न आपके लिए!’ ‘अमिता, मैं तुमको किसी गैर मर्द से चुदते हुए देखना चाहता हूँ!’ ‘ऐसा क्यों? धत.. पत्नी हूँ तुम्हारी मैं!’ ‘पत्नी को गई मर्द से चुदते हुए देखना एक फैंटेसी ही है. मुझे अच्छा लगेगा मेरी मासूम पत्नी किसी मज़बूत जिस्म के मर्द की बाँहों में हो और वो उसको चोद रहा हो.’ ‘छीई…कितने गंदे हो आप!’
इस तरह से मैंने कई बार अपनी पत्नी को बोला कि मैं उसको किसी मर्द से चुदते हुए देखना चाहता हूँ लेकिन वह हर बार गुस्सा होकर मना कर देती.
‘बात को समझो मेरी डार्लिंग, सब कुछ सीक्रेट ही रहेगा, बस हम दोनों को ही मालूम होगा यह! तुम नहीं जानती, सेक्स में नयापन लाने के लिए पुरुष तो घर से बाहर रहते हुए किसी भी पराई औरत लड़की या कॉलगर्ल को चोदकर अपने आप को खुश कर लेते हैं. लेकिन यही काम अगर पत्नी करे तो लोग उसको बदचलन आवारा गश्ती औरत का खिताब दे देते हैं. यदि मर्द कई औरतों को चोदकर अपनी सेक्स की हवस को फैंटसी नाम देकर पूरा कर सकता है तो औरत ऐसा क्यों नहीं कर सकती. यह कैसा इन्साफ है कि कोई औरत सारी उम्र अपने पति के साथ ही सोये.’
‘हाँ बात तो सही है, हम औरतों का भी कई बार जवान मर्द देखकर पति से छुपकर चुदवाने का मन करता ही है.’ ‘वही कह रहा हूँ. विदेशी समाज ने इस बे सिर पैर की सोच को बहुत पहले ही खत्म कर दिया था. वहाँ आप अपने दोस्त की पत्नी के साथ स्वेच्छा के साथ सेक्स कर सकते हैं या फिर उसको पार्टी में लेकर जाते हैं जहाँ कोई गैर मर्द उसकी पत्नी को चोदता है और पति देखता है.’
‘वैसे देखा जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं ही, अगर पति पत्नी राज़ी हों!’ ‘हाँ, विदेश में इसको वाइफ स्वैपिंग कहते हैं लेकिन हमारे समाज में इसको लोग अच्छा नहीं मानते हैं. इसको बुरा कहने वालों के पास कोई तर्क नहीं है जबकि पत्नियों की स्वेच्छापूर्वक स्वैपिंग से रिश्तो में और मज़बूती आती है. सामाजिक रूप से भी रिश्ते मज़बूत होते हैं.’ ‘ठीक है मैं चुदवा लूँगी किसी गैर मर्द से. आपकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी है. पतिव्रता नारी हूँ.’
दोस्तो, मेरे मन में हमेशा से था कि मैं अपनी पत्नी अमिता को किसी दूसरे मर्द के साथ उसकी मस्त चुदाई करते हुए देख सकूं, लेकिन उस काम के लिए अमिता कभी भी राज़ी नहीं होती थी और में हर कभी रात को उसके साथ सेक्स करते हुए अमिता को बोलता था कि क्या वो कोई दूसरे आदमी से अपनी चुदाई करवाना चाहेगी? लेकिन वो मना कर देती और वो मुझसे कहती कि उसे यह सब अच्छा नहीं लगता है, लेकिन मैंने भी अब मन ही मन में ठान लिया था कि मुझे अब कैसे भी करके अमिता को किसी दूसरे मर्द से उसकी मस्त चुदाई करते हुए देखना ही है।
अपनी पत्नी को अपने सामने किसी ग़ैर मर्द के साथ चुदाई करवाते हुए देखने में जो सुख है उसको सिर्फ महसूस किया जासकता है. आपकी मासूम सी पत्नी किसी अंजान की गोद में नंगी बैठकर उसके लंड को अन्दर तक ले, यह सुख रिश्तों को और भी मज़बूत करता है. वाइफ स्वैपिंग की फिल्में देखते हुए धीरे धीरे पता नहीं कब यह ख्वाहिश इतनी मजबूत हो गई कि मैं रात दिन इसी प्लानिंग में लगा रहता, कि कैसे किसी अनजान मर्द से अपनी पत्नी को चुदवाऊं. लेकिन डरता भी था कि कैसे हो कि मेरी शादीशुदा जिन्दगी भी बनी रहे मैं उसे इतना प्यार भी तो करता हूँ।
मैं जब भी किसी अच्छे खूबसूरत बलिष्ठ पुरुष को देखता तो अपनी पत्नी की उसके साथ चुदाई को कल्पना में डूब जाता. कई बार तो फिल्मी हीरो की भी कल्पना करता कि वह मेरी पत्नी को चोद रहा है.
एक दिन मेरे ऑफिस में एक क्लाइंट मुदस्सर नाम से आया था. मुझे उसके साथ मीटिंग करके प्रोजेक्ट की डील करनी थी. मैं उससे होटल में मिलने गया था. मुझे उसका चेहरा जाना पहचाना स लग रहा था. ‘अरे! मनीष तू..?’ उस व्यक्ति ने बेहद हैरान होकर कहा. मैं अभी भी उसको पहचानने की कोशिश कर रहा था.
‘तू मुदस्सर है न कॉलेज वाला मेरा दोस्त?’ मैंने उसकी तरफ देखकर बेहद खुश होकर कहा. ‘हाँ यार मैं पढ़ाई पूरी करके अपने अंकल के पास दुबई चला गया था. वहाँ उनका बिज़नस है वही सम्भालता हूँ. मुझे एहसास हुआ की दुबला पतला मुदस्सर अब पूरी तरह से एक जट बन चुका था. मुदस्सर से मिला तो पहली ही नजर में लगा कि मेरे बचपन का दोस्त ही मेरे काम का है। वह लम्बा चौड़ा और बेहद मज़बूत बदन का मालिक जो मेरी घरेलू नाज़ुक पत्नी चीखें निकलवा सकता था उसको गोद में लेकर सेक्स टॉयज की तरह मसल सकता था. वैसे भी मैंने झेला हुआ था कि मुदस्सर का लंड बेहद बड़ा और लम्बा था. दरअसल कॉलेज के दिनों में मुदस्सर की छत पर तो कभी मेरी छत पर मैंने उससे काफी गांड मरवाई थी.
मुदस्सर अब एन आर आई था. मैंने मुदस्सर को ऑफिस के बाद पब में मिलने की बात कही वह राज़ी हो गया.
मैंने उसी दिन से ऐसा माहौल बनाना शुरू कर दिया कि मेरा दोस्त मुदस्सर मेरी पत्नी अमिता के ज्यादा से ज्यादा करीब आ जाये और अमिता को भी उसके सामने बहुत सेक्सी और छोटी छोटी जिस्म को दिखाने वाली ड्रेस डलवाने लगा था. उस दिन अपनी पत्नी अमिता को बेहद सेक्सी सी ड्रेस पहनने को बोला और उसको बताया कि एक दोस्त से मिलने जाना है. अमिता ने एक ब्लैक डीप नैक गाउन पहना जो उसकी गांड पर एकदम टाइट था और जिसमें से उसके क्लीवेज काफी गहराई तक दिख रहे थे.
अमिता पब में मुदस्सर के साथ बैठी थी. हम लोग दो दो पैग लगा चुके थे. अमिता ड्रिंक नहीं करती थी लेकिन मेरे और मुदस्सर के जोर देने पर उसने भी काफी शराब पी रखी थी. मैं सिगरेट के बहाने से बाहर आ गया था. दरअसल मैं चुपके से उन दोनों को देख रहा था.
अमिता पूरी तरह से नशे में मदहोश थी, वह खुद को सम्हाल नहीं पा रही थी. ऐसे मौकों पर मैं अमिता को छोड़कर दूर चला जाता था ताकि पब में कोई उसको अकेला जानकर उसके साथ फ़्लर्ट करे, उसके हिप्स को या उसके बूब्स को बहाने से दबाये. और मैं देखकर खुश होऊं!
फिलहाल आज अमिता मेरे बचपन के दोस्त मुदस्सर के साथ थी. उसको जवानी से ही नई नई लड़कियाँ चोदने का चस्का था.
मैं देख रहा था, मेर दोस्त मुदस्सर मेरी पत्नी अमिता को कसकर जकड़कर स्मूच कर रहा था ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ उसका एक हाथ अमिता के काले सिल्की गाउन के अन्दर उसके बूब्स को मसल रहा था. भरे पूरे पब में मेरी पत्नी मेरी दोस्त के द्वारा मसली जा रही थी. सबकी आँखें उन दोनों पर ही टिकी थीं.
मेरा पूरा जिस्म झनझना सा गया. मेरी घरेलू शर्मीली सी दिखने वाली पत्नी अमिता अब धीरे धीरे खुल रही थी. मुदस्सर उसके गाउन को एक शोल्डर से सरका कर बूब्स को मसल रहा था. उसके गुलाबी टिट्स को उंगलियों से गोल गोल सहला रहा था, उसका एक बूब बाहर था, वह पूरे नशे में चुदने के लिए बेचैन हो रही थी.
मैं चाहता था कि मुदस्सर मेरी पत्नी को वहीं सबके सामने चोदे. लेकिन पब था और उनको मेरे आने का भी डर था. तो वह दोनों सिर्फ स्मूच ही कर रहे थे. मेरी तरफ से अमिता को किसी के साथ भी स्मूच करने की खुली छूट थी. वह पहले एक शादी में भी मेरे छोटे भाई के बहुत मिन्नतें करने पर उसके साथ स्मूच कर चुकी थी.
मैं उनके पास आया. मुझे देखकर वह दोनों अलग हो गए, अमिता अपना गाउन ऊपर करके ब्रा को ठीक करने लगी. ‘कहाँ चले गए थे डार्लिंग…’ ‘बस यहीं सिगरेट पीने.. चलो घर चलते हैं बहुत रात हो गई है. और मुदस्सर तू इतनी रात होटल मत जाना हमारे घर ही रुक जा आज!’ उसने हाँ कर दी हम लोग वहाँ से निकल गए.
वह दिल ही दिल में खुश था, उसके मन की मुराद पूरी होने वाली थी. मेरी मासूम गोरी बदन पत्नी को मेरा दोस्त चोदने की फिराक में था.
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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