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यह X हिंदी स्टोरी एक स्मार्ट लेडी की है जो ब्यूटी पार्लर की मालकिन थी. अपने काम से मैं ब्यूटी पार्लर में गया था। वहां वो लेडी अन्तर्वासना की पाठिका निकली।
दोस्तो, कैसे हो? उम्मीद है आप सब मस्त होंगे और खूब चुदाई कर रहे होंगे।
मेरी पिछली कहानी थी: मेरी भाभी सेक्स की पाठशाला
मैं यहां आप लोगों के लिए एक कहानी लेकर आया हूं जो एकदम नई है।
यह लॉकडाउन के एकदम बाद की X हिंदी स्टोरी है।
पहले मैं अपने बारे में आपको बता देता हूं। मेरा नाम सचिन है। मेरे लंड का साइज जो आम भारतीयों का रहता है वही मेरा है। यानि कि 6 इंच का लंड है। मैं एक ऑनलाइन पेमेंट कंपनी में काम करता हूं।
मैं भोपाल का रहने वाला हूं। यह कहानी भोपाल की एक कॉलोनी में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली एक लेडी के बारे में है जो कि मेरे और उसके बीच घटित हुई थी।
यहां पर उस लेडी के ब्यूटी पार्लर और उस लेडी का नाम दोनों ही बदले हुए हैं इसके अलावा इस कहानी में जो भी कुछ होगा वह पूरी तरीके से सही और सच होगा।
लॉकडाउन खत्म हो चुका था। सभी कंपनियों ने अपने मार्केटिंग के बंदे मार्केट में उतार दिए थे तो हम भी मार्केट में काम करने के लिए निकल पड़े। लॉकडाउन लगने की वजह से बहुत से लोगों के ऐप ने काम करना बंद कर दिया था।
कारण था कि उन लोगों ने उस एप्लीकेशन को अपडेट नहीं किया था तो हम लोगों को कंपनी ने मुख्य काम दिया था कि जो मर्चेंट पुरानी एप्लीकेशन यूज कर रहे हैं उसे अपडेट करो और विजिट करो। वही काम मुझे करना था।
ऐसे ही विजिट करते हुए मैं एक ब्यूटी पार्लर के पास पहुंचा जिसका नाम अदिति ब्यूटी पार्लर (बदला हुआ नाम) था। काफी बड़ा और आलीशान लग रहा था ये। इसे देखकर ही लग रहा था कि यहां हाई प्रोफाइल लेडी ही आती होंगी।
बाहर जो गेट लगा था वह कांच का लगा हुआ था, जिसमें अंदर नहीं देखा जा सकता था। कोई धुंधली सी पट्टी उसमें लगी हुई थी।
मैंने बाहर लगी हुई बेल बटन को दबाया और घंटी की आवाज सुनाई दी।
मैं थोड़ा पीछे हट गया। कुछ देर बाद गेट खुला और एक खूबसूरत महिला ने गेट खोला। उसके मुंह पर मास्क लगा हुआ था और हाथों में ग्लव्स थे।
उन्होंने मुझसे पूछा- जी बोलिए, क्या काम है? मैं- मैडम, मैं ऑनलाइन पेमेंट कंपनी से आया हूं जिसका क्यू आर कोड आपके टेबल पर रखा होगा जिसको स्कैन करके आप पेमेंट लेते हो।
महिला- अच्छा हुआ आप आ गए। मैं बहुत दिन से ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रही हूं, और ना ही ले पा रही हूं। जरा देखिए इसमें क्या हो गया है। आपको तो पता ही होगा कोरोना की वजह से कैश पेमेंट सुरक्षित नहीं है और वैसे भी आजकल लोग ऑनलाइन पेमेंट ही कर रहे हैं।
मैं- ठीक है मैम, मैं देख लेता हूं कि क्या दिक्कत आ रही है। महिला- आप एक काम कीजिए, अंदर आ जाइए और यह सैनिटाइजर रखा हुआ है इससे अपने हाथों को अच्छी तरीके से साफ कर लीजिए।
मैं- जी मैडम। मैं उनके पीछे-पीछे गेट के अंदर हो गया। अंदर गया तो देखा ब्यूटी पार्लर एकदम खाली पड़ा हुआ था। मतलब रिसेप्शन पर भी कोई नहीं था और वह महिला रिसेप्शन पर आकर बैठ गई।
वो बोली- आपका नाम क्या है? मैंने अपना नाम सचिन बताया।
महिला- ओके, मेरा नाम देविका है। मुझे आप देविका जी बोल सकते हो। मुझे मैडम जी सुनना अच्छा नहीं लगता है।
मैं- मेरा काम ही ऐसा है कि मुझे यही बोलना पड़ता है मैम। देविका- कोई बात नहीं, मुझे उससे कोई प्रॉब्लम नहीं है मगर मुझे आप देविका जी बोलिए। मैं- ठीक है. मैं आपको देविका जी ही कहूंगा।
फिर मैंने पूछा- क्या प्रॉब्लम आ रही है देविका जी आपको एप्लीकेशन यूज करने में? मैंने हाथ सेनीटाइज करते हुए उससे पूछा.
देविका- मैं ना तो कहीं पेमेंट कर पा रही हूं, ना ही पेमेंट ले पा रही हूं। मैं- ठीक है मैम, मैं आपका मोबाइल चेक कर लेता हूं।
अभी तक हम यहां ब्यूटी पार्लर के रिसेप्शन पर बैठे हुए थे। मैं गर्मी में मार्केट से आया हुआ था तो मुझे पसीना बहुत आ रहा था।
उन्होंने मेरा पसीना देखते हुए बोला- यहां बहुत गर्मी है। आप अंदर चल कर वहां बैठकर काम कर लीजिए। वहां पर ए.सी. चल रहा है।
मैं- मगर देविका जी, आपके यहां अभी क्लाइंट होंगे? देविका- सचिन मैंने ब्यूटी पार्लर आज ही खोला है और अभी किसी की बुकिंग नहीं है और ना ही कोई स्टाफ है। तो आप निश्चिंत होकर यहां पर अपना काम कर सकते हो।
हम उठ कर उनके पर्सनल केबिन में चले गए जहां पर ए.सी. लगा हुआ था।
दोस्तो, यहां पर मैं ब्यूटी पार्लर के बारे में कुछ बता देता हूं। अंदर से काफी बड़ा था यह और हर जगह सजावट थी। जिसे देखकर लगता था यहां पर वीआईपी महिलाएं ही आती होंगी। काफी अच्छे से सजाया हुआ था।
उन्होंने अपने मोबाइल में एप्लीकेशन ओपन करके मुझे दे दी। मैं अपना काम करने लगा।
काम करते-करते मैंने देविका से पूछा- देविका जी, आपके यहां पर लगभग कितना स्टाफ काम करता होगा?
देविका- क्यों पूछ रहे हो? मैं- इसलिए पूछ रहा हूं, क्योंकि आपका ब्यूटी पार्लर काफी बड़ा दिख रहा है और मेरे हिसाब से यहां पर कम से कम 15 लड़कियों का तो स्टाफ होगा ही?
वो हंसते हुए बोली- सचिन 15 लड़कियों का स्टाफ तो नहीं है पर हां … यहां पर 15 से ज्यादा लड़कियां ट्रेनिंग लेने के लिए आती हैं। मेरे पास 8 लोगों का स्टाफ है जो लॉकडाउन की वजह से अभी छुट्टी पर है। धीरे-धीरे जब कस्टमर आने लगेंगे तो मैं अपने स्टाफ को बुला लूंगी।
मैं अपना काम करने लगा।
सबसे पहले मैंने उनका एप्लीकेशन चेक किया तो देखा कि उनके दोनों एप्लीकेशन पर्सनल और बिजनेस एप्स दोनों ही लॉग आउट हो चुके थे और उन्हें अपडेट करना था। मैंने उनको प्ले स्टोर में जाकर अपडेट कर दिया।
फिर लॉगइन करने के लिए मिनिमाइज किए हुए ऐप को ओपन करने के लिए लेफ्ट हैंड साइड के ऑप्शन बटन पर क्लिक किया।
इस स्क्रीन पर जो पहले ऐप यूज की हुई थी कुछ देर पहले, वह अभी मुझे दिखाई दी।
ऐप में से एक ऐप मुझे ब्राउज़र दिखाई दिया जिसमें अंतर्वासना की साइट ओपन की हुई थी।
वेबसाइट देखकर अनायास ही मेरे मुंह से निकल गया- देविका जी क्या आप भी इसे पढ़ती हैं? देविका- क्या? किसे पढ़ती हूं? फिर मैंने अपनी बात बदलते हुए कहा- कुछ नहीं मैडम, बस यूं ही पूछ लिया।
देविका- अरे बताओ ना सचिन, क्या पूछ लिया? मैंने उनके पास जाकर दूर से उनके मोबाइल में वह अंतर्वासना की साइट दिखायी।
वह थोड़ा गुस्से से मेरे हाथ से मोबाइल छीन कर बोली- यह क्या बदतमीजी है? तुम जो काम करने आए थे वह काम करो और जाओ। किसी के इंटरनेट वेब ब्राउज़र की हिस्ट्री चेक करने का तुम्हें कोई अधिकार नहीं है। यह गलत बात है।
फिर मैंने उन्हें समझाते हुए कहा- मैडम, सबसे पहले तो सॉरी और दूसरी बात यह मैंने आपकी कोई हिस्ट्री चेक नहीं की है। मैंने जब एप्लीकेशन अपडेट कर दिया और मिनिमाइज की हुई एप्लीकेशन को वापस मैक्सिमाइज करना चाहा तो पहले से जो आपने एप्लीकेशन यूज़ की थी वह भी मैक्सिमाइज हो गई साथ में। तो मुझे यह दिखाई दिया। तो मैंने आपसे पूछ लिया। सॉरी मैं अपना काम करता हूं और जाता हूं।
फिर मैंने उनका एप्लीकेशन में नंबर डालकर लॉग इन किया और बिजनेस एप्लीकेशन भी चालू कर दी. मैंने बोला- मैडम मेरा काम हो गया है। मैं जाता हूं।
देविका- मुझे यह तो बता दो कि पेमेंट कैसे करेंगे क्योंकि जिससे पेमेंट करते हैं, मैं वह यूपीआई पिन में भूल गई हूं। मैं- वह भी चालू कर देता हूं, क्या आप अपना डेबिट कार्ड मुझे देंगी?
वो बोली- क्यों उसका क्या करोगे? मैं- उसी से ही यूपीआई पिन सेट होता है। मैं आपको बताता जाऊंगा, आप खुद से कर लेना।
देविका- ठीक है, क्या करना है बताओ? मैं- अपना एप्लीकेशन ऑन कीजिए और यूपीआई वाले ऑप्शन में जाइए। वहां पर एक ऑप्शन आएगा- फॉरगेट यूपीआई पिन। उस पर क्लिक कीजिए और फिर जो एटीएम की डिटेल मांगेगा उसमें भर देना।
वो बोली- आप ही कर दीजिए, मुझसे नहीं हो पाएगा। प्लीज। मैं- कर देता हूं, आपका एटीएम कार्ड दे दीजिए मुझे। फिर उन्होंने मुझे अपना एटीएम दिया और मैंने उनका यूपीआई पासवर्ड बना दिया।
देविका- थैंक्यू सचिन, आपने मेरा बहुत बड़ा काम कर दिया। मैं- थैंक्यू की कोई बात नहीं मैडम जी, यह तो मेरा काम है। देविका मेरी तरफ देखकर हंसी और बोली- मैडम जी नहीं, देविका जी बोल सकते हो आप!
मैं- देविका जी, आपका काम हो गया हो तो मैं जाऊं? देविका- 2 मिनट रुक जाइए, पानी पीकर जाइए फिर चले जाना।
मैं- आप पानी पिला दीजिए। मुझे हंसी आ गई। वह भी मेरी बात सुनकर हंसने लगी।
देविका- वैसे एक बात पूछूं? मैं- जी बिल्कुल पूछ सकती हैं, पूछो जो पूछना है?
देविका- आप मुझसे पूछ रहे थे कि मैं भी अंतर्वासना की स्टोरी पढ़ती हूं, इसका मतलब है आप भी पढ़ते हैं? मैं- हां देविका जी, मैं 2011 से अंतर्वासना की स्टोरी पढ़ रहा हूं और आप कब से पढ़ती हैं?
वो हंसते हुए बोली- जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से मैं यही कहानियां पढ़ रही हूं। मैं- क्या अभी कुछ देर पहले कहानी पढ़ रही थी? देविका- हां जब आपने बाहर से गेट खटखटाया था तब मैं स्टोरी ही पढ़ रही थी।
बात करते-करते मेरे लंड में तनाव आने लगा। यह बात देविका ने नोटिस कर ली. देविका हंसते हुए बोली- आपके अंदर तनाव आने लगा है।
फिर उसने पूछा- आपको कहीं जल्दी तो नहीं है जाने की? मैं- नहीं देविका जी, मुझे अपनी कोई जल्दी नहीं है जाने की। मैं फ्री हूं।
देविका- सचिन अब हम अच्छे दोस्त की तरह हैं। तुम भी अंतर्वासना पढ़ते हो। मैं भी अंतर्वासना पढ़ती हूं। तो अब तुम मुझे देविका जी मत कहो, सिर्फ देविका कहो।
मुझे मालूम था कि देविका ने कुछ देर पहले अंतर्वासना की कहानी पढ़ी हुई थी और कहानी पढ़ने की वजह से वह गर्म हो गई थी। फिर हमारे बीच अंतर्वासना की बातें होने लगी तो उसके अंदर गर्मी बढ़ने लगी। इसलिए मुझे वह रोकने के लिए बोल रही थी।
मैं- ठीक है देविका, मैं अब तुमको देविका ही कहूंगा। इस तरह से हमारी काफी देर तक बातें होती रही और बातों बातों में मैंने उन्हें बताया कि मैं भी एक स्टोरी लिख चुका हूं अंतर्वासना की साइट पर।
तो उसे यकीन नहीं हुआ तो मैंने अपनी कहानी का टाइटल उन्हें बताया। देविका- हां, मैंने वह कहानी पढ़ी हुई है। अच्छी कहानी थी मगर आखिरी की कहानी में तुमने जल्दी कर दी।
मैंने उनसे पूछा- लगता है आज आपका स्टाफ नहीं आएगा। आज अकेली ही हो आप! देविका आंख दबाते हुए बोली- क्या इरादा है आपका?
मैं उसकी बातों को समझ गया और मैंने भी बोल दिया- जैसा आपका इरादा हो वैसा ही है। फिर इस बात पर हंसने लगे हम दोनों।
देविका- सचिन मुझे तुम्हारे बारे में कुछ जानना है। फिर तुम मेरे बारे में कुछ जानो। फिर हम आगे बढ़ते हैं। उन्होंने मुझसे मेरे बारे में पूछा तो मैंने मेरे बारे में सब कुछ बता दिया।
फिर मैंने देविका से उसके बारे में पूछा तो उसने बताना शुरू किया। देविका- हमारे घर में हम तीन लोग हैं। मैं, मेरा बेटा और मेरे पति। मेरी उम्र 40 साल है और मेरे पति सरकारी जॉब में हैं। यह मैं जो पार्लर चलाती हूं यह मेरा शौक है।
मैं- देविका क्या मैं तुम्हारा पार्लर अंदर से देख सकता हूं? देविका- हां क्यों नहीं, मगर 1 मिनट रुको।
वह उठकर बाहर की ओर गई और अंदर से गेट लॉक कर दिया और फिर हम उसके पार्लर के अंदर चले गए। वहां घूमते घूमते वह मुझे मसाज रूम में ले गई जहां पर उसके यहां पर लेडीज आती थी और स्पा वगैरह लेकर जाती थी।
जैसे ही मैं अंदर गया और मैंने उसका मसाज रूम देखा तो वह मुझे देख कर मुस्करा दी।
देविका- सचिन मैं चाहती हूं कि तुम मुझे आज बॉडी मसाज दो। जिस तरह से तुमने अपनी स्टोरी में भाभी को मसाज दी थी। मैं- तैयार हूं मैं तो मसाज करने के लिए आपकी!
ये सुनकर देविका खुश हो गई। ऐसा लगा जैसे वो मेरे मुंह से यही सुनना चाह रही थी।
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X हिंदी स्टोरी का अगला भाग: ब्यूटी पार्लर में मसाज और चुदाई- 2
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