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एक आंटी मुझे ऑटो में मिली और वो मुझे अपने घर ले गई. घर जाकर मुझे लगा कि आंटी सेक्स के लिए मुझे अपने घर लेकर आई है.
फ्रेंड्स मेरा नाम विवेक शर्मा है, मेरी उम्र 22 साल है. आज मैं आपको अभी कुछ दिन पहले की कहानी बता रहा हूँ.
अभी कुछ दिन पहले मेरे कार खराब हो गई थी, बाइक मेरा भाई काम पर ले गया था तो मैंने सर्विस सेंटर पर फोन कर कहा कि मेरी कार घर पर आकर ठीक कर दें. और मैं ऑटो से जाने के लिए घर से निकल गया. ऑटो आई और मैं उसमें बैठ गया. कुछ दूर चलने के बाद उस ऑटो मैं एक बहुत सुंदर सी आंटी आकर बैठ गई, उसकी उमर यही कुछ 25-26 साल की होगी.
मैं उसके एकदम बगल में बैठा हुआ था, उसकी टाँगें मेरी टांगों से एकदम चिपकी हुई थी. मन ही मन मैं सोच रहा था कि क्या मस्त टाँगें हैं इसकी! और वो अपनी टाँगें बार-2 मेरी टांगों से छुआ रही थी.
स्टॉप आते हम लोग उतर गये, मैं पैसे देकर पान की दुकान पर मसाला खाने लगा, तभी मैंने देखा कि ऑटो वाला और वो आंटी झगड़ रहे थे. वो आंटी अपना पर्स लाना भूल गई थी, वो कह रही थी- मेरा घर यही पास में है, आप चलो, मैं पैसे दे रही हूँ! पर वो कहाँ मानने वाला था.
मैंने उसके भी पैसे दे दिए और वो ऑटो वाला चला गया. उस आंटी ने मुझको कहा- चलो आप घर, मैं आपको पैसे देती हूँ! पहले मैंने मना किया- अरे रहने दीजिए! लेकिन वो तो जैसे मुझको घर पर ले जाने के लिए पागल थी.
उसके बहुत कहने पर मैं उसके साथ चल दिया. उसके घर पहुंच कर उसने मुझे बैठाया और मेरे लिए ठंडा लेकर आई. उसके घर पर कोई नहीं था, मैंने उसको पूछा- आप? ‘मैं अकेली रहती हूँ!’ ‘आपके पति कहाँ हैं?’ वो बोली- वो यहाँ नहीं रहते! ‘आपके पति क्या करते हैं?’ वो बोली- वो सऊदी अरब में हैं, हम लोगों की शादी को अभी तीन साल हुए हैं, शादी के 6 महीने के बाद ही वो चले गये थे, अब उनका कभी कभी ही आना होता है.
फिर वो आंटी बोली- अब आए हैं तो कुछ खा कर जाना आप! उसके बहुत कहने पर मैं रुक गया.
उसके बाद वो चेंज करने चली गई, जब वो चेंज करके आई तो मैं उसको देखता रह गया, वो बहुत पतली सी नाइटी पहन कर आई थी जिसमें उसकी ब्रा और पेंटी एकदम साफ दिख रही थी. वो बोली- क्या देख रहे हो आप? मैं एकदम से झेंप गया. वो बोली- अरे… आप तो शरमा गये. अरे किसी की जवानी को देखना बुरी बात थोड़ी है.
मैं आंटी का इरादा समझ गया कि लगता है कि इसकी चूत बहुत दिन से मचल रही है सेक्स के लिए, चुदवाने के लिए! मैं उसको बोला- आप अपना घर मुझको दिखाओ? उसने मुझको अपना घर दिखाया और फिर अपने बेडरूम में ले जा कर बैठा दिया और बोली- आप वाइन पियोगे? मैं बोला- है तो ले आओ! वो दो गिलास और वाइन लेकर आ गई और हम लोग बैठ कर पीने लगे.
पीने के बाद मुझसे रहा नहीं गया, वो सामने खड़ी होकर कुछ निकल रही थी उसकी पेंटी मुझको एकदम साफ दिखाई दे रही थी.
मैंने उसको उसकी कमर से पकड़ लिया. वो बोली- अरे! आप यह क्या कर रहे हैं? मैं बोला- आप किसी अनजाने को घर पर बुला कर उसके सामने ऐसे कपड़े पहन कर उसको दारू पिला रही हो… उसका मतलब मैं ना समझ पाऊँ… मैं इतना पागल तो नहीं हूँ. आंटी यह सुन कर हंस पड़ी और बोली- तो देर किस बात की है? फिर आज मेरी सेक्स की पूरी प्यास बुझा दो ना! यह सुनते ही मैंने उसकी नाइटी को उतार दिया, अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में पड़ी थी. उसका बदन बहुत गोरा था, इतना गोरा बदन मैंने अपनी लाइफ में कभी नहीं देखा था.
कुछ देर में मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया, वो एकदम नंगी पड़ी थी मेरे सामने! मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा. यह आंटी सेक्स की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
वो एकदम पागल होने लगी, कहने लगी- आज कस के चुदाई कर दो मेरी… मेरे बरसों की प्यास को बुझा दो प्लीज! मैं उसको किस करने लगा. मेरी हरकतों से वो एकदम पागल सी होने लगी, उसने मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाल लिया और खूब मस्ती में चूसने लगी.
उसके बाद मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में रख कर कस के धक्का मारा, मेरा पूरा लंबा लंड उसकी चूत में समा गया. वो एकदम चीख पड़ी- आआहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… और चोदो! ‘प्लीज प्लीज!’ कहने लगी.
मैंने उसकी चुदाई शुरू की, उसकी चूत बहुत टाइट थी और उसकी चूत से खून भी निकल रहा था लेकिन मैं चुदाई मैं एकदम मग्न था. वो बोली- और कस के चोदो! कस के! मैं पूरी अपने दम से चुदाई कर रहा था और वो आआहहा आआ कर रही थी.
अब उसकी चूत से पानी निकालने लग गया था, ऐसा लग रहा था कि वो दो-तीन साल के बाद चुदाई करवा रही हो. मैं समझ गया कि अब यह झड़ने वाली है, मैं और कस के धक्के मारने लगा और वो वक़्त आ गया कि जब हम दोनों झड़ गये. वो इतनी जोर से झड़ी कि उसकी चूत का सारा रस उसके बिस्तर में गिर गया.
हम दोनों थक कर लेट गये, मैं कुछ देर तक उसके ऊपर ही लेटा रहा. अब वो भी एकदम शांत हो गई थी. मैंने उसको बोला- मजा आया? आंटी बोली- इतने मस्त सेक्स के लिए मैं कब के तड़प रही थी!
उसके बाद मैंने उसकी फिर से चुदाई की इस बार मैंने उसकी गांड भी मारी. ये सब होने के बाद मैं अपने काम पर चला गया.
जाते समय वो बोली- रात को कभी आ जाया करो तो मेरी प्यास बुझ जाया करेगी. मैं अभी भी कभी-2 उसकी चुदाई करने जाता हूँ.
उम्मीद करता हूँ कि आपको यह कहानी बहुत पसंद आई होगी. मुझे आंटी सेक्स के लिए जरूर मेल करें. [email protected]
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