This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मैं आप सभी से अपनी बाप बेटी की चुदाई की कहानी शेयर करना चाहती हूँ। यह सब जानते हुए भी कि ऐसी घटनाएं हमारे समाज में स्वीकार नहीं की जाती हैं और ऐसे सम्बन्ध बहुत बुरे माने जाते हैं। इन्हीं बातों को देखते हुए नाम और स्थान को कहानी में चेंज कर दिया गया है। इससे पहले मैंने अपनी इस कहानी को किसी से भी शेयर नहीं की है।
मेरा नाम फौजिया है और मेरा संबंध पंजाब के एक गांव से है। मेरे परिवार में मेरी बड़ी बहन, जिसकी 2 साल पहले शादी हो चुकी थी, लेकिन एक साल बाद तलाक हो जाने के कारण वो अपने एक बेटे साथ हमारे साथ रहती है। उसके बाद मेरे एक भाई हैं, जो नौकरी के चलते देश से बाहर रहते हैं और सबसे अंत में मेरा नंबर है।
मेरी कहानी आज से 3 साल पहले शुरू होती है, जब मैंने गांव के स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की। मुझे आगे पढ़ने की बहुत इच्छा थी, लेकिन मेरी अम्मी किसी तरह से राजी नहीं हो रही थीं कि मुझे शहर में शिक्षा के लिए भेजा जाए।
तब भी मेरी जिद की वजह से अम्मी अब्बू से बात की। मेरे अब्बू रोजगार के चलते कराची में पिछले 13 से एक चिकित्सा कंपनी में मार्केटिंग पर्सन का काम कर रहे हैं। अम्मी ने अब्बू से कहा कि आप फौजिया को अपने पास बुला लें, इस तरह वह अपनी पढ़ाई पूरी कर लेगी और आपकी भी घर के कामकाज से जान छूट जाएगी।
चूँकि मेरे अब्बू अपनी ड्यूटी के बाद अपने घर का कामकाज खुद ही करते थे, अब्बू ने तुरंत कहा- ठीक है, उसे भेज दो मैं यहाँ उसकी सब व्यवस्था कर दूंगा। मैं मन ही मन में खुश हो रही थी कि शहर जाऊँगी और कॉलेज में दाखिला लूंगी।
फिर सब तय हुआ और करीब 2 महीने के बाद अब्बू 10 दिन के लिए घर आए और वापसी में मैं भी उनके साथ कराची के लिए रवाना हो गई। कराची पहुंचने पर पहले तो बहुत खुश हुई लेकिन यहाँ यातायात और भीड़ देखकर मेरा दिल घबरा गया। एक पल को तो मैंने सोचा कि अब्बू से बोलूं कि मुझे वापस भेज दें, लेकिन फिर मैं यह सोच कर चुप हो गई कि कुछ दिनों में इस माहौल की आदी हो जाऊँगी।
यही हुआ भी यहां की चहल-पहल और शोर-शराबे के भी आदी हो गई।
कुछ दिनों के बाद अब्बू ने मेरा एडमिशन एक कॉलेज में करवा दिया। कॉलेज घर से करीब था और मैं नियमित रूप से कॉलेज जाने लगी। शुरू के दिनों में मुझे कुछ समस्या हुई.. लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता मैं इस सबकी आदी हो गई।
अब जिन्दगी की रवायत सी हो गई थी कि कॉलेज से वापस आकर घर की साफ-सफाई करती, जो अब्बू कभी ठीक से नहीं कर पाते थे।
धीरे-धीरे मैंने पूरे क्वार्टर को साफ कर दिया.. इसमें 2 कमरे, किचन और 1 बाथरूम है।
फिर मेरे आग्रह पर अब्बू ने घर का रंग रोशन भी फिर से करा दिया और हमारा घर साफ-सुथरा हो गया।
अब्बू ने यह सब देखा तो वे बहुत खुश हो गए और कहने लगे- यहाँ जीवन बीत गया है.. कभी समय पर खाना भी नहीं खा पाया है, लेकिन तुम्हारे आने से यह घोंसला एक घर बन गया है.. जो पहले केवल एक क्वार्टर था।
धीरे-धीरे समय बीतता गया और मुझे यहां रहते हुए 7 महीने बीत गए।
इतने समय में, मैंने खुद को काफी बदल लिया था और यहां के रहन-सहन के अनुसार भी ढल चुकी थी। मुझे में यहां आकर कुछ निखार भी आ चुका था। उसी दौरान मैंने नोटिस किया कि अब्बू मुझसे बातें भी अधिक करने लगे थे और वह कोशिश करने लगे थे कि मेरे साथ खाना खाएं, जबकि पहले वह हमेशा कहते थे कि तुम खाना खा लेना.. मेरा नहीं पता मैं कब वापस आ पाऊँगा।
समय बीतता गया और पता भी नहीं चला कि मैं कब सेकंड ईयर में आ गई। सब कुछ सामान्य था। अम्मी से भी दैनिक बात होती रहती थी। अम्मी हमेशा यही कहती थीं कि अब्बू का ख्याल रखना.. वे सारा दिन काम करते हैं, तुम उन्हें समय पर खाना बनाकर देना आदि आदि।
मैं भी यही जवाब देती कि अम्मी मैं यह सब कर रही हूँ। फिर वह कहतीं कि ठीक है.. अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना, जिसके के लिए तुम उधर गई हो.. सब काम दिल लगाकर करना। मेरा यही जवाब होता कि हाँ अम्मी आप चिंता न करें.. ऐसा ही करूँगी।
यूं ही समय बीतता गया.. फिर अचानक से मैंने नोट किया कि अब्बू काम से लेट आने लगे और कभी-कभी तो मैं सो जाती थी और वे कब आते थे, मुझे पता ही नहीं चलता था।
कुछ दिन यूँ ही गुजर गए।
फिर एक दिन मैंने अब्बू से पूछा- आप लेट क्यों आते हैं.. आप पहले समय पर आ जाते थे? उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि काम अधिक होता है इसलिए लेट हो जाता हूं।
मैंने उनकी बात पर विश्वास कर लिया और अपने सामान्य जीवन में व्यस्त हो गई।
फिर एक दिन ऐसा हुआ कि अब्बू बहुत लेट आए और वो कुछ अजीब-अजीब सी बातें कर रहे थे। फिर मुझे कुछ अनुमान हुआ कि वे सामान्य स्थिति में नहीं हैं.. उन्होंने कुछ नशा कर रखा है। उनके मुँह से बदबू आ रही थी.. जो बाद में किसी कॉलेज की सहेली से पता करने पर पता चला कि यह शराब की गंध थी।
खैर अस्थाई तौर पर परेशान जरूर हुई.. लेकिन जीवन की गाड़ी आगे बढ़ती चली गई और मेरा शैक्षिक सिलसिला आगे बढ़ता गया। मेरी अम्मी से बात होती रहती थी और वह हमेशा यही कहती थीं कि अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो और अपना हमेशा ध्यान रखना।
मैं भी उनकी नसीहत पर सोचती कि आखिर माँ हैं.. जवान बेटी की चिंता करना उनका अधिकार भी है और जिम्मेदारी भी है।
एक रात ऐसा हुआ.. मैं गहरी नींद में सो रही थी और अब्बू देर से घर आए और वह मेरे पास आकर लेट गए। पहले तो मुझे नींद की वजह से पता नहीं चला, लेकिन जब मेरी आंख खुली तो मैंने महसूस किया वह मेरी छाती पर हाथ फेर रहे थे। पहले तो मैं घबरा गई और उठकर दूसरी चारपाई पर जाकर सो गई।
सुबह जागने पर मुझे रात की बात पर आश्चर्य हो रहा था और मैं सोच रही थी कि यह सब कैसे संभव है कि एक बेटी अपने पिता से शारीरिक रिश्ता रखे।
इसी परेशानी में, मैंने यह बात अपनी बहन से शेयर की.. लेकिन मेरी बहन के जवाब ने मुझे आश्चर्य में डाल दिया। उसके अनुसार बेटी का अपने पिता की ओर आकर्षित होना नेचुरल बात है। मेरे और पूछने पर दीदी ने आश्चर्यजनक खुलासे किए जो मैंने पहले जीवन में न कभी सुने थे और न देखे थे।
पहली बार मुझे पता चला कि मेरी बहन का क्यों तलाक हुआ था और इसका कारण मेरे अब्बू थे, जिनके मेरी बहन से छह साल से शारीरिक संबंध रहे थे। जब दीदी गर्भावस्था में हुई थीं, तो दीदी की शादी कर दी गई थी, लेकिन जल्द ही उनके शौहर को मालूम हो गया था कि दीदी पहले से ही गर्भवती हैं तो उन्होंने तलाक दे दिया था।
बकौल दीदी जब भी अब्बू घर में छुट्टी में आते थे, वे अम्मी के बजाए दीदी के साथ सोते थे।
दीदी जब ये बातें कर रही थीं, तो उनके लहजे से जरा भी महसूस नहीं हो रहा था कि वह क्या कह रही हैं। जब मैंने जोर दिया तो दीदी ने कहा कि मुझे पता है कि यह सब ठीक नहीं है, लेकिन जो भी तेरे साथ हुआ है.. उसमें अम्मी का हाथ भी है, शायद अम्मी ने अपने अस्तित्व लिए यह सब किया हुआ हो; क्योंकि अम्मी अब्बू से बड़ी उम्र की लगती हैं। शायद यही वजह रही होगी कि अम्मी को अब्बू पसंद नहीं करते हैं और अम्मी से अपनी बेटी को उनके आगे कर दिया।
यह सारी बातें सुनने के बाद मैंने दीदी से पूछा- क्या तुमको यह सब करते हुए शर्म हया नहीं आई? तो दीदी कहने लगीं- शुरू में तो आती थी लेकिन अब नहीं आती है। मेरे आग्रह करने पर वो कहने लगीं कि ऐसे रिश्तों का अपना मजा होता है.. जो नाजायज़ होते हैं। मैंने जितनी बार भी अब्बू के साथ सेक्स किया, मुझे अपने पति के मुकाबले अधिक मजा आया है। उसके साथ सेक्स करके मुझे कभी इतना मजा नहीं आया।
मैं यह सब बातें सुनकर हैरत में पड़ गई और सोचने लगी कि क्या इस दुनिया में ऐसा भी होता है।
ये सब बातें सोचते-सोचते कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए। फिर एक रात ऐसा हुआ कि अब्बू नशे की हालत में घर आए। मैं सो रही थी और वे मेरे पास आकर लेट गए। उनकी उपस्थिति का अहसास होते हुए भी मैं अनजान बनी रही। मैं यह देख रही थी कि अब्बू क्या करते हैं।
अब्बू मेरी शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी छाती पर हाथ फेरने लगे। मैं यह सब महसूस करके यह पता करने की कोशिश कर रही थी कि मुझे कुछ पता नहीं है। मैंने खुद को अब्बू की दया पर छोड़ दिया।
मेरा कोई विरोध न पाकर अब्बू ने मेरी शर्ट ऊपर करके मेरे ब्रा को निकाल दिया। मैं अपनी आँखें बंद रखे हुए चुप लेटी रही। फिर धीरे-धीरे अब्बू ने मेरी सलवार को भी निकाल दिया और मेरी फुद्दी में उंगली करने लगे। जब यह सब मेरी बर्दाश्त से बाहर होने लगा तो मैंने दूसरी तरफ़ करवट बदल ली।
लेकिन अब्बू लगातार मेरी छाती पर अपना मुँह रख कर मेरे निप्पल को चूस रहे थे, जिसकी वजह से मेरी बर्दाश्त से यह सब बाहर हो गया। बाप बेटी की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
अब्बू ने मेरी टांगों को खोल कर अपने कंधे पर रख लीं अपने लंड को मेरी चूत में पेलने लगे। कुछ ही पलों में उनका लंड मेरी बुर में घुस गया और मैं दर्द से तड़फ उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… अब्बू मेरी चूत में अपना लंड का सुपारा पेल कर ऊपर-नीचे करने लगे। उनके ऐसा करने से मेरी जान निकल रही थी लेकिन मैंने अपनी आंखें बंद रखी थीं।
इसी बीच अब्बू ने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया और जोर-जोर से झटके मारने लगे। थोड़ी सी तकलीफ कि बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उनका साथ देने लगी। थोड़ी देर अब्बू मेरे अन्दर बह गए।
मुझे बेचैनी सी हो रही थी क्योंकि मैं अभी बाकी थी। अब्बू समझ गए कि मैं रिलॅक्स नहीं हुई। फिर उन्होंने अपनी उंगली से मुझे चोदा और मैं रिलॅक्स हो गई।
मुझे पता भी नहीं चला और मैं वैसे ही सो गई। जब मैं सुबह उठी तो बिस्तर पर खून के निशान देखकर रात वाली घटना याद आई और मैं बहुत परेशान हो गई।
उस दिन मैं कॉलेज नहीं गई.. सारा दिन घर में बिस्तर पर पड़ी रही और रात वाली घटना को सोच-सोच कर परेशान होती रही।
अचानक से दीदी की कॉल आई और उनसे इधर-उधर की बातें करने के बाद वो मुझसे रात वाली घटना के बारे में बात करने लगीं.. शायद अब्बू ने उनसे कहा होगा कि मुझे समझा दें।
ये थी वो घटना जब मेरे अब्बू ने मुझे चोद दिया। मेरी बाप बेटी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी? [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000