Chamatkaari Baba, Ek Number Ka Chodu – Part 4

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चमत्कारी बाबा जैसे ही रजनी के घर से निकलता है वैसे ही मुखिया उनके पैरों मे गिर जाता है.

अब आगे..

बाबा मुखिया से- आप कौन है?

मुखिया- बाबा मै इस गॉव का मुखिया गजराज हुँ.

बाबा- मुखियाजी हमें अभी कहीं और जाना हैं. हम आपके यहॉ फिर कभी आ जायेंगे.

मुखिया- बाबा बस एक बार चल कर देख लो मेरा घर यहीं पास ही है.

बाबा मुखिया के घर जाने के लिए राजी हो गया और मुखिया के घर पहुच जाता है.

बाबा जैसे ही घर के अन्दर पहुचा बाबा का बहुत अच्छी तरहा से स्वागत हुआ.

मुखिया ने अपनी बेटी अंजली को आवाज देकर बुलाया.

अजली के आते ही मुखिया ने बाबा से कहा- बाबा ये मेरी बेटी अंजली है.

अंजली 22 -23 साल की दिखने मे ज्यादा सुन्दर तो नही थी, मगर सॉवले रंग की युवती थी जिसका शरीर गढिला था उसके चुचे उठे हुये चुतर बाहर की ओर निकले हुये थे और जब बाबा के सामने आई तो लंहगा चोली पहनी हुई थी, चेली मे कसे हुये उसके चुचे आजाद होने के लिये मचल रहे थे.

बाबा की नजर जैसे ही अंजली पर पड़ी बाबा का लंड़ पैंट में ही दहाडे मरने लगा.

अंजली को देख कर बाबा ने कहा- मुखिया जी हमें कुछ पल का समय दीजिये हम देख के बताते है क्या परेशानी है, और अंजली की आँखों मे देखकर अपनी ऑखे बंद कर ली और जब बाबा ने ऑखें खोली तो उनके चहरे पे चिंता के भाव थे.

मुखिया ने पुछा – क्या बात है बाबा?

बाबा – मुखिया जी बात तो बहुत गम्भीर है, आपकी बेटी की कोख सूख चुकी है और ये कभी भी मॉ नही बन पायेगी.

मुखिया- बाबा आप हमारी आखरी उम्मीद हैं कोई तो उपाय होगा?

बाबा – मैं कोशिश कर सकता हुं बाकि ऊपर वाले की मर्जी.

मुखिया – बाबा बताईये क्या करना होगा?

बाबा ने एक लिस्ट बनाकर दे दी और अपने लिये नयी धोती मंगबा ली.

थोडी देर मे मुखिया का नौकर सब सामान लेकर आ गया.

बाबा ने अपनी बातों का ऐसा जाल बुना की मुखिया बाबा की हर बात मानने लगा.

बाबा ने मुखिया को पुजा के लिये एकांत की जगह का प्रबंध करने के लिये कहा. मुखिया की हबेली मे बहुत सारे कमरे थे मुखिया ने पुजा के लिये बाबा को ऊपर का एक कमरा दे दिया.

बाबा, मुखिया और अंजली तीनों ऊपर पहुचे.

ऊपर पहुच कर बाबा ने अंजली को अपने सामने बैठने के लिये कहा.

अंजली बाबा के सामने बैठ गई.

बाबा ने अग्नि जलाई और मंत्रों का उचारण करने लगा, मगर बाबा की बडी बडी ऑखें अंजली की दोनों चुचियों पर जो उसके बैठने के बाद और ज्यादा उभर कर सामने आ गई थी मे गढ़ चुकी थी.

बाबा ने कुछ पल के लिये ऑखे बंद की और कहा- मुखिया तेरे घर मे जितनी भी औरत है उनको बुला लो.

मुखिया ने सबको बुला लिया, मुखिया के घर पर दो और औरत थीं, उसकी बीबी चंपा जिसकी उम्र 45 और उसकी बहु काजल जिसकी उम्र 22 साल थी. मुखिया का बेटा फौज में रहता था, अभी 6 महीने पहले उसकी शादी हुई थी, शादी के 3 दिन बाद ही उसे वापस जाना पडा़.

जब काजल और चंपा ऊपर आंईं तो बाबा काजल को देखकर बाबा के लंड ने धोती में ही उसे सलामी दे दी, अब तो बाबा के लिये चुत का पुरा गोदाम लग चुका था बस उसे नाटक तैयार करना था.

सबके आते ही बाबा ने चंपा से कहा- तुम्हारी बेटी की कोख बचपन मे ही बांध दी गई है जब वो छोटी थी, तो गलती से उसने किसी देवता के स्थान पर पेशाव कर दिया था उसी के श्राप से ये हुआ है, अब अगर तुम सब चाहते हो की अंजली मॉ बने तो उसे श्राप मुक्त करना होगा.

मुखिया बोला – बाबा क्या करना होगा?

बाबा बोले- पहले तो तुमको नीचे जाकर पीले कपडे़ पहनने होंगे और फिर जब तक ये पुजा चलेगी तब तक यंहॉ पर कोई नही आयेगा और मर्द नही ऱह सकता है और फिर तुमको नीचे के कमरे में कर 121 फुलों की 500 माला बनानी होंगी, कर पाओगे?

मुखिया बोला- बेटी की खुशी के लिये हम आप जैसा कहेंगे करेंगे.

ये कह कर मुखिया नीचे चला गया.

बाबा ने पुजा शुरू कर दी.

बाबा ने चंपा को बैठने के लिये कहा और अंजली को अपनी मॉ का हाथ पकडने के लिये कहा.

फिर बाबा ने काजल से एक बाल्टी मे पानी मंगवा लिया, काजल जब पानी लेकर आई तो बाबा ने कहा- बेटा अब हम शुद्धी मंत्र का जाप करेंगे और तुम अंजली को पानी डाल कर शुद्ध कर देना.

फिर बाबा ने अंजली की माँ को ये कह कर नीचे भेज दिया कि अगर आपने अंजली की मॉ को ही देवता को प्रसन्न करने के लिये तरह तरह के पकवान बनाने होंगे और आज की पुजा 4 घंटे चलेगी, इतने ही समय मे आपको पकवान बनाने है और आपके गॉव मे जितने भी मंदिर हैं सब मे जाकर सभी देव़ताओं को भोग भी लगाना है.

अंजली की माँ भी बाबा के बताये अनुसार अपना काम करने ऩीचे चली गई.

अब ऊपर के कमरे मे बाबा, अंजली और उसकी भाभी काजल ही बचे थे.

अंजली की भाभी काजल जो अभी 22 साल की थी, उसका रंग गोरा था, वो बहुत ही सीधी सादी औरत थी ये बाबा ने ताड लिया था.

बाबा को एक बात का और पता चल गया था जो कोई नही जानता था, कि काजल की अभी तक सुहागरात नही मनाई थी, क्योकि जब तक उसका पति उसके पास रहा तब उसका मासिकधर्म चल रहा था.

बाबा ने अपनी ऑखे बंद की.

थोडी देर बाद जब ऑखे खोली तो काजल से बोले- बेटा तु शादी होने के बाद भी अभी तक कवारी है और जिंदगी भर कुवारी ही रहेगी.

काजल ने बाबा के पैर पकड़ लिये और बोली- बाबा आप तो अंतर्यामी हो सब जानते हो, लेकिन आप ऐसा क्यों कह रहे हो?

बाबा बोला- तेरे पति का राहु काल चल रहा है और उसकी कुन्डली मे मृत्यु योग है अगर उसके प्राणों की सलामती चाहती हो तो बच्चा जैसा हम कहेंगे तुमको बैसे ही करना होगा, हम इसी पुजा मे तुम दोनों के कष्ट हर लेंगे.

बाबा की बात सुनकर दोनों डर गईं और हाँ मे सर हिलाते हुये बोलीं- आप जैसा कहेंगे हम लोग वैसा ही करेंगे.

ये बात बाबा जानता था कि गॉव के लोगों को किस प्रकार डराकर वश मे करना है.

अब बाबा ने काजल को अंजली के ऊपर जल डालकर उसे पवित्र करने के लिये कहा.

जब काजल अंजली पर जल डाल रही थी तो पानी की बजह से अंजली का योवन और खिलकर सामने आने लगा, अब बाबा ने अंजली को काजल को जल डालकर पवित्र करने के लिये कहा.

अंजली ने जैसे ही काजल के ऊपर जल डाला तो बाबा के तोते उडने लगे, काजल ने पतली सी स़ाडी़ पहन रखी थी जो पानी पडने से उसके बदन से चिपक गई उसके चुचे साफ दिखने लगे और काजल के चुचे तो अंजली के चुचों से भी बडे थे.

बाबा ने दोनों को बैठने का इशारा किया और फिर मंत्र पढने लगा और दोनों पर ऱोली चावल छिडकने लगा.

थोडी देर बाद बाबा ने कहा- तुम दोनों की समस्याओ का समाधान केवल भगवान शंकर के पास है, अगर वो चाहे तो कुछ को सकता है तुम दोनों को बे छिछक होकर शंकर भगवान को प्रसन्न करना होगा.

तभी अंजली बोली- हमें शंकर भगवान कहां मिलेंगे महाराज?

बाबा ने कहा- तुम लोग अपने वस्त्र उतार कर ये जो नये पीले वस्त्र पडें है पहले इनको पहन लो. फिर हम शंकर भगवान का आवहान करेंगे वो हमारे अंदर प्रवेश करके आपकी हर समस्या का तभी समाधान करेंगे, क्या जब तुम दोनो उनको खुश कर पाओगी? बोल कर सकोगी बुलायें उनको या हम जाये?

दोनों एक साथ बोली- नही महाराज आप कहीं मत जाईये आप पुजा कीजिये हम भगवान को पूरी तरह खुश करेंगे.

अब बाबा की कहानी बाबा की जुबानी:

मैने उन दोनों को बातों से पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था, मैने उन दोनों को वस्त्र बदलने के लिये बोला.

काजल ने बोला- बाबा हम अभी कपडे बदल कर आते है.

मैने कहा- तुम दोनों को यही वस्त्र बदलने होंगे क्योकि पुजा स्थान को छोडना़ अवशकुन होता है.

अंजली बोली- लेकिन बाबा आपके सामने कैसे?

मैने कहा- बच्चा हमसे क्या छुपा है और ऐसा क्या है जो हमारे अंतरमन ने नही देख डरो मत हम बर्ह्म स्वरूप हैं.

दोनों ने जो पीली साडी पडी थी उठाई और दोंनो चौंक गईं.

हमने पुछा- क्या हुआ?

काजल ने बोला- महाराज से तो एक ही साडी है और हम दो?

मैने वो साडी़ काजल के हाथ से लेकर बीच मे से दो कर दी और कहा- लो दो हो गईं और हां केबल यही पहननी है.

अब उन दोनों ने वो साडी ले ली लेकिन एक दुसरे की शक्ल देखने लगीं.

मैने कहा- क्या हुआ? जल्दी करो शुभ वक्त निकल गया तो फिर कुछ नही हो पायेगा.

मेरी बात सुनते ही दोनों ने अपने सारे कपडे़ उतार दिये और जल्दी से वो साडी का टुकडा लपेट लिया, मुझे केबल उन दोंनों के चुचों के ही दर्शन हो पा रहे थे, जिनको पाकर ही मेरे लंड मे खलबली मच रही थी. दो दो जवान चुते मेरे आगे़ ढकी पडी थीं, बस अब उनको नंगा करके चोदने का आन्नद लेना था.

मैने अपनी ऑख बंद कर लीं और मंत्र पढने लगा, जोर जोर से मंत्र पढते हुये अग्नि मे आहुति देने के साथ साथ मैं हिलने लगा और 10-15 मिनट बाद भारी आवाज में बोला – क्यों परेशान किया हमें.

फिर हल्की आवाज मे- प्रभु ये बालिकायें बहुत कष्ट मे है इनका उध्धार कीजिये.

फिर भारी आवाज में- हमें सब पता हैं जो इनके साथ हो रहा है वो इनके भाग्य का लेखा है इनको भुगतना होगा सब पुर्वजन्म का फल है.

फिर हल्की आवाज में – भगवन् आप चाहे तो सब संभव है ये बालिकायें अपने पिछले जन्म के किये गुनाह के लिये आप से माफी मा़ग कर आपकी हर तरह से सेवा करने के लिये तैयार है.. बोलो बालिकाओ..!

दोनों एक साथ बोलीं जी भगवन् हम तैयार है.

फिर भारी आवाज में- तो फिर ठीक है इन दोनों को परीक्षा देनी होगी, इन दोनो को एक एक करके शिव लिंग पर जल व दुध चढाना होगा और फिर लिंग पान करना होगा और उसके बाद इन दोनों को गोरी की तरह हमें खुश करना होगा.

लेकिन हम 1 से 2 घंटे ही यहां रहेंगे और अगर इनसे कोई गलती हुई, तो उसी पल हम चले जायेंगें और ये सब इनको उसी अवस्था मे करना होगा जिस अवस्था मे हमने इनको दुनिया मे भेजा था बोलो कर पाओगी?

दोनों झटसे तैयार हो गईं.

मगर काजल ने कुछ सोच कर अंजली से पुछा- दीदी यहॉ पर न तो शिवलिग है और नही दुध, तो हम किसकी और कैसे पुजा करेंगे.

जब वो आपस में बात कर रहीं थीं तभी नजर बचाकर मैने अपनी धोती एक तरफ कर दी और मेरा खडा लंड बाहर निकल गया.

तभी अंजली की नजर लिंग पर पडी और उसने काजल से कहा वो देखो शिव हमारे सामने है और वो रहा शिवलिंग.

अंजली थोडी तेज थी उसने अपनी भाभी से कहा- भगवान हमारी परीक्षा ले रहे है हमारे पास ज्यादा वक्त भी नही है जल्दी करो.

काजल ने भाग कर दरवाजा बंद कर दिया और फिर दोंनों बिल्कुल नंगी हो गईं.

पहले अंजली ने आगे बढ कर मेरे लंड़ को प्रणाम किया और फिर पानी से बडे प्यार से धोया और फिर अपने सीने से दबा दबा कर दुध निकाल कर मेरे लंड़ पर डालने लगी. उसके बडे बडे चुचों मे से कुछ बुंदे हीं निकल रहीं थी, पर जब वो थक गई तो उसने अपनी भाभी को बुलाकर उससे अपने चुचे दबबाकर दुध निकालने लगी.

फिर अंजली ने बडे प्यार ले मेरे लंड पर अपना मुहं रख दिया और मेरे लंड को चुसने लगी. अंजली के ये सब करने से मेरे अंदर की आग और भडक चुकी थी. अब तो मुझे और मेरे लंड को सामने दो चुते दिख रहीं थी, जिन में से एक तो थोडे बालों से घिरी थी, लेकिन काजल की बिल्कुल चिकनी थी.

फिर काजल ने भी अंजली की तरह मेरे लंड़ के साथ वैसा ही किया जैसा अंजली ने किया था.

अब बारी थी लिंग को योनि मे प्रवेश कराने की.

तो पहले अंजली ने अपनी चुत पर ढेर सारा घी लगाया और मेरे दोंनों तरफ टांगें करके मेरे लंड़ को पकड़ कर उसपर बैढने लगी. जैसे जैसे उसका दबाब मेरे लंड़ पर बढ़ रहा था, मेरा लंड़ अंजली की चुत की दरारों को फैलाकर अंदर जा रहा था.

काफी देर कोशिश करने के बाद भी वो केवल मेरा आधा लंड़ ही अंदर ले पाई थी और मेरा लंड़ 9.5.” लम्बा और 4″ मोटा होने की बजह से उसे बहुत दर्द हो रहा था.

फिर वो ऊपर नीचे होने लगी, धीरे धीरे उसने मेरा 7 इंच तक लोडा अपनी चुत के अंदर ले लि़या, मेरा बुरा हाल था मैं चाह कर भी अभी कुछ नही करना चाहता था, क्योंकि मैं तो भगवान बन कर मजे ले रहा था, जब अंजली मेरे लंड पर झड़ गई तो उसने फिर से मेरे लंड को चुसा और काजल को मेरी तरफ भेज दिया.

ये सब देख कर काजल की हालत खराब हो रही थी, सबसे ज्यादा डर तो उसे मेरे विकराल लंड से लग रहा था, एक तो आज तक वो किसी से चुदी भी नही थी और न ही उसने आज तक ऐसा लंड़ देखा था, मगर यहां बात भगवान को खुश करने की थी इसलिये उसे ये सब करना था.

काजल ने आगे बढकर दोनों टागें फैला कर घी भी लगाकर मेरे लंड पर बैठकर लंड को अंदर लेने की तमाम कोशिश की मगर 1 इंच भी लंड अंदर ऩहीं गया. बस बार बार इधर उधर फिसलता रहा इधर मेरी भी हालत खराब होने लगी, वो तो मैने पहले ही शिलाजित खा ली थी नही तो मैं कब का झड चुका होता, जब मुझसे बर्दास्त ऩही हुआ तो मुझे अपनी चुपी तोडनी पडी़.

बालिके तुमने अभी तक बहुत प्रयास किया, तुम्हारी लगन और आस्था से हम प्रसन्न है और तुमको हम सौभाग्यबती होने का अश्रिवाद देते है और तुम्हें अब हम गोरा की तरह भोगेंगे.

फिर मैने काजल को बडे प्यार के साथ उठाकर वहीं जमीन पर लिटाया और अपने मुह मे काजल की चुची दबा कर चुसने लगा.

काजल ने कुछ नही बोला- लेकिन भगवान को खुश करने की खुशी उसके चहरे पर साफ झलक रही थी और अंजली एक टक इस दर्श्य को देख रही थी.

मैने धीरे से अपनी अंगुलिसों पर घी लगाया और बडे प्यार से एक अंगुली काजल की चुत पर फिराने लगा.

काजल के मुहं से अहा निकली और काजल ने कहा- बाबा ये गलत हो रहा है.

मैने कहा – बालिके तुम्हारे पास जो है हमने ही तो दिया है और यदि हमारा दिया हमें अर्पण किया तो क्या गलत है बोलों.

काजल बोलती उससे पहले अंजली बोली- कुछ भी गलत नही है सब तो आपका है.

मैं मन ही मन खुश था.

फिर मैने काजल की चुत में दो अंगुली घुसा दीं.

काजल के मुहं से हल्की सी चीख निकलने लगी.

मैने अपने होठ काजल के होठों पर रख दिये और उसकी दर्द भरी अहा को उसके मुह मे ही दबा दिया, फिर मैं धीरे 2 काजल की चुत में अपनी तीसरी अंगुली घुसाने लगा.

काजल का चुत का रास्ता बहुत तंग था, जब अंगुली घुसाने से उसकी चुत थोडी मुलायम हो गई तो मैने धीरे से अपना लंड काजल की चुत के मुह पर रख दिया, काजल दर्द की वजह से बहुत तडफ रही थी, मगर उसकी आवाज मेरे होठों मे कैद थी.

मैने धीरे धीरे अपना लंड़ चुत में घुसाना शुरू कर दिया, थोडी देर मे मेरा आधा लंड काजल की चुत मे घुस गया, जैसे ही आधा लंड़ अंदर गया काजल की चुत से खुन की धारा फुट पडी और काजल बेहोश हो गई.

मैने यही उचित समय समझ और तेजी के साथ लंड़ थोडा बाहर निकाल कर एक झटके मे मेरा सारा का सारा लंड काजल की चुत मे घुसा दिया और आगे पीछे करके धक्के लगाने लगा और अपने मुहं से काजल को पंप करने लगा.

जैसे ही काजल को होश आया उसकी जान गले तक आ गई, दर्द के कारण उसका बुरा हाल था, वो तडफ रही थी लेकिन ऱो नही पा रही थी, क्योकी उसके होठ मेरे होठों मे कैद थे.

अब मैने अपने धक्कों की गति बढा दी और तबातोड धक्के देने लगा, अब काजल का दर्द भी मजे मे बदल गया था, वो भी अब मेरा साथ दे रही थी.

30 मिनट की चुदाई मे काजल दो बार झड चुकी थी, लेकिन मैं अभी तक नही झडा़ था. जब मुझे लगने लगा की अब काजल को मजा नही आ रहा तो मैं खडा हो गया.

क्योकि काजल की ये पहली चुदाई थी और ये बात तो सब जानते है कि पहली चुदाई अगर लम्बे समय तक की जाये तो लडकी की हालत खराब हो जाती है और सब को पता चल जाता.

मैं जैसे ही खडा हुआ वैले ही अंजली मेरे पैरों में गिर गई और मेरे लंड को पकड कर बोली- प्रभु मुझसे क्या गलती हुई जो आपने मुझे अपना आशीर्वाद नही दिया?

और मेर लंड को चुसने लगी.

मैने अंजली के सर पर हाथ रखा और फिर हाथ के सहारे से उसको उठाकर पलंग पर ले गया.

मेरा लंड अब भी खड़ा था, मैने अंजली की दोनों टांगों को फैलाया और अपना लंड अंजली की चुत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा.

मेरा लगभग 6 इंच लंड अभी अंदर बाहर हो रहा था, तो अंजली को बडा मजा आ रहा था, मैं बडे प्यार से उसकी चुची मसल रहा था.

फिर एक चुची को मुह मे भर कर मैने जोरदार प्रहार कर दिया, शायद अंजली ने अभी इसकी कल्पना नही की थी, उसकी जान गले तक आ गई, इस प्रहार के लिये वो तैयार नही थी, मेरा पुरा लड़ एक ही धक्के मे जड़ तक अंजली की चुत मे समा गया और अंजली की चुत अंदर तक फच की आवाज के साथ फट गई और अंजली दबे स्बर मे चिल्लाई- ऊई मॉ मर गई.

मैने अब मैने अपने तुफानी धक्के लगाने शुरू कर दिये और लगा तार धक्के लगाने लगा.

अंजली गांड उठा उठा कर ऩीचे से लंड लेने लगी. क्या बताऊ यारो बडा मजा आ रहा था.

अब आगे की कहानी बाद में, क्योकि अभी तो चुदाई शुरू हुई है..

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