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आशु जब रूम में आया तो नेहा मुँह ढक कर लेटी थी, आशु ने लाइट बंद करी और बेड पर पहुँच कर जब चादर हटाई तो देखा नेहा सारे कपड़े उतार कर नंगी लेटी मुस्कुरा रही है।
नेहा ने आशु को बेड पर खींच लिया और उसकी शॉर्ट्स भी उतार फेंकी और नीचे होकर उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और लगी लोलीपॉप की तरह चूसने! आशु का लंड पूरा खड़ा था, वो हंस कर बोला- आज पूरा निचोड़ दोगी क्या? नेहा बोली- आज तुम्हें मुझे दो लंड का मजा देना होगा। आशु बोला- जब दो लंड के मजे लेने हैं तो रवि को क्यों जाने दिया, चलो अब बुला लेते हैं.. नेहा बोली- उसकी क्या जरूरत है, तुम ही दो बार करना। कह कर वो चढ़ गई आशु के ऊपर और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया।
नेहा आशु के ऊपर जोर जोर से उछल रही थी और आशु भी नीचे से धक्के दे रहा था। नेहा कर तो चुदाई आशु से रही थी पर मन में तो उसके रवि चल रहा था। मन तो उसका भी रवि से आज ही चुदने का था पर वो सोच रही थी कि अगर आशु को पता न चले तो बढ़िया है।
खैर धक्का मुक्की में आशु ने अपना माल उसकी चूत में निकाल दिया। चूंकि वो ऊपर बैठी थी इसलिए सारा माल बह कर नीचे बेड शीट पर आ गया। नेहा उठी और टॉवल से अपने को और बेड शीट को साफ़ किया।
इसके बाद नेहा वाशरूम में जाकर शावर लेने लगी। पीछे पीछे आशु भी आ गया, दोनों ने साथ साथ शावर लिया और बेड पर आकर सो गए।
सुबह आशु के ऑफिस जाने के बाद रवि का फोन आया, बोला- रात भर तुम्हारे नाम की मुठ मारी है। नेहा हंस पड़ी, उसने पूछा- कहाँ हो? रवि बोला- ऑफिस में, पर मन है तुमसे मिलने का! नेहा भी ऑफिस में ही थी, बोली- लंच साथ कर सकते हैं या शाम को 4.30 ऑफिस छोड़ दूँगी, तुम मुझे मिल जाना।
यह तय हुआ कि शाम को नेहा 4.30 पर चौराहे पर मिलेगी रवि को! दोपहर बाद आशु का भी फोन आया कि शाम को में थोड़ा लेट हो जाऊँगा, 7 बज जायेंगे।
असल में सारा गेम रवि ने प्लान किया था। सपना शाम को 6 बजे लगभग आ रही थी, तो रवि ने आशु को बोला- मैं तो नहीं जा पाऊँगा, सपना को तुम रिसीव कर लो और घर छोड़ देना.. हाँ जब घर पहुँचो तब मुझे फोन कर देना, मैं आ जाऊंगा, एक कप चाय पीकर जाना।
इस तरह से आशु सपना के चक्कर में बिजी भी हो जायेगा और अकेला घर छोड़ने जायेगा तो सपना को मसल कर गर्म भी कर देगा, तब तक रवि और नेहा अपनी गर्मी निकाल लेंगे।
रवि ठीक 4.30 पर चौराहे पर पहुँच गया.. तभी नेहा आती दिखाई दी। रवि ने नेहा को पहले ही बता दिया था कि आशु सपना को लेने जायेगा अतः 7 बजे से पहले रवि के घर नहीं पहुंचेगा और वहां से अपने घर 7.30 से पहले नहीं आ पायेगा।
नेहा बाइक पर बैठती हुई बोली- कहाँ चल रहे हो? रवि मुस्कुरा कर बोला- तुम्हारे घर! रास्ते से नेहा के कहने पर रवि ने समोसे लिए और दोनों घर पहुँच गए। घर के अन्दर आते ही रवि ने नेहा को कस के भींच लिया। नेहा हंसती हुई बोली- जल्दी क्या है, अभी तो दो घंटे तुम्हारी हूँ.. पर एक बात बताओ कि आशु कैसे तैयार हो गया सपना को लाने के लिए?
रवि एक बार तो चौंक गया कि कहीं नेहा को मालूम तो नहीं है, वो कुछ बोलता, इससे पहले नेहा हंस कर बोली- कहीं सपना और आशु का कोई चक्कर तो नहीं है? रवि बोला- ऐसा कुछ नहीं है, बस आशु और सपना एक दूसरे की कंपनी एन्जॉय करते हैं और मैं तुम्हें समय देना चाहता था इसलिए आशु से झूठ बोल दिया कि मैं बिजी हूँ! इसलिए वो चला गया।
नेहा दिन भर ऑफिस में बैठने से बेहाल हो रही थी, इसलिए बोली- तुम बैठो, मैं नहा कर आती हूँ। रवि उसके बेडरूम के बाहर ही पड़ी डाइनिंग चेयर पर बैठ कर मैगजीन पढ़ने लगा और नेहा बाथरूम में घुस गई।
हबड़ दबड़ में नेहा टॉवल बाहर ही बेड पर भूल गई, इसलिए उसने रवि को आवाज दी- प्लीज मेरा टॉवल दे दो। रवि ने उसे टॉवल पकड़ाते पकड़ाते उसका हाथ पकड़ लिया। नेहा ने बहुत कहा कि छोड़ दो… पर रवि जब नहीं माना तो नेहा ने उसे भी अंदर खींच लिया और एक मग्गा पानी का उसके ऊपर डाल दिया। रवि हंस पड़ा, उसकी शर्ट और पैंट दोनों गीली हो गई थीं।
अब उसके सामने भी कोई विकल्प नहीं था कि वो कपड़े उतारे। नेहा ने तो टॉवल लपेट लिया था और वो वाश रूम से बहार आ गई। रवि ने भी बाहर आकर कपड़े उतारे और सूखने डाले। रवि ने नेहा से एक टॉवल मांग कर लपेटा।
नेहा बोली- अब तुम भी नहा ही लो! रवि फटाफट शावर लेकर आ गया।
नेहा ने अभी तक टॉवल लपेटा हुआ था और वो ड्रायर से बाल सुखा रही थी। रवि टॉवल लपेट कर ही आया और पीछे से नेहा से चिपट गया। दोनों के टॉवल जमीन पर आ गिरे थे।
गीला बदन वैसे ही आग लगा रहा था, रवि ने नेहा के मम्मे चूसने शुरू किये तो नेहा ने उसका लंड पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया। रवि ने नेहा को बिस्तर पर हल्के से धक्के से लिटाया और उसकी चिकनी चूत में अपनी जीभ कर दी। नेहा तो पागल हो उठी थी, वो तो रात से ही तड़फ रही थी रवि के लंड के लिए… नेहा ने रवि को ऊपर खींचा और उसके होठों से अपने होंठ जोड़ दिए।
दोनों मछली की तरह छटपटा रहे थे।
तभी नेहा ने रवि को नीचे किया और ऊपर चढ़ कर अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ और जोर जोर से उछलने लगी। रवि भी नीचे से धक्के दे रहा था।
अब रवि ने नेहा को नीचे किया और उसकी टांगें चौड़ी करके पूरा मूसल घुसेड़ दिया उसकी चूत में! नेहा ने अपनी टांगें ऊपर कर दी और रवि के कंधों को पकड़ कर अपने नाखूनों से दबा कर चुदाई करने लगी। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
रवि ने सारा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया… दोनों निढाल होकर पड़ गए। अब नेहा उठी और नाइटी पहन कर किचन में गई और चाय समोसे ले आई।
इस बीच रवि ने भी अध सूखे कपड़े पहन लिए। चाय पीते पीते ही आशु का फोन आ गया कि उसने सपना को ले लिया है और वो घर पहुँचने वाला है। रवि ने आराम से चाय पी क्योंकि वो चाहता था कि सपना और आशु को इतना समय तो मिल ही जाए की आशु सपना से चूमा चाटी करके उसके मम्मे दबा कर उसे गर्म कर दे ताकि सपना रात को चुदाई में रवि का साथ दे सके!
रवि अपने घर पहुँचा, डोरबेल बजाने पर सपना ने गेट खोला और उसे अंदर करके सपना वहीं चिपट गई उससे और होंठों पर किस किया। उसके होठों से आशु के पान मसाले की खुशबू आ रही थी, रवि समझ गया कि मस्ती हुई है।
अंदर से आशु आया और बोला- ले भाई संभाल ले अपनी अमानत और मैं तो चला! रवि ने कहा- चाय पीकर जाना! तो आशु बोला- मैंने जूस पी लिया। चाय फिर कभी!
हालाँकि रवि चाहता था कि आशु रुके ताकि उधर नेहा को घर और अपने कपड़े ठीक करने का टाइम मिल जाए।
आशु के जाते ही दोनों फिर चिपट गए, सपना जीन्स टॉप पहने थी, पर उसकी जीन्स की ज़िप आधी खुली थी, मतलब आशु ने चूत मालिश भी कर दी है। रवि ने सपना से कहा- चलो नहा लेते हैं। दोनों बाथरूम में कपड़े उतारने लगे तो रवि ने महसूस किया कि सपना ने अपनी पेंटी के अंदर एक रूमाल लगा रखा था जो उसने रवि की निगाह बचाकर कपड़ों के नीचे रख दिया।
नहाकर पहले रवि बाहर आया, सपना दो मिनट बाद आई।
कपड़े पहन कर रवि वापस बाथरूम में टॉयलेट के बहने गया और दरवाजा बंद कर लिया। उसने बहुत ढूंढा तब उसे वो रूमाल टॉवल स्टैंड पर पीछे मिला। वो गीला था, रवि ने सूंघ तो देखा वो वीर्य से भीगा है। मतलब आशु और सपना ने फटाफट सेक्स भी कर लिया था। रवि मुस्कुरा दिया।
अगले दिन नेहा ने दोपहर को रवि को फोन किया कि उसे शक है कि सपना और आशु का गहरा चक्कर है… रवि ने पूछा- क्यों? तो नेहा बोली कि रात को आशु और वो सेक्स करके नंगे ही सो गए तो उसे आशु की पीठ पर नाखून के गहरे निशान दिखे जो निश्चित ही सेक्स के दौरान एक औरत आदमी की पीठ पर बना देती है। इसके अलावा उसे आशु की शर्ट से भी फीमेल परफ्यूम की खुशबु आ रही थी।
नेहा बहुत अपसेट थी, रवि ने उसे समझाया कि उसका शक गलत है क्योंकि कल तो आशु को घर पर रुकने का समय ही 5-7 मिनट का मिला है और इससे पहले आशु कभी सपना से अकेले मिला ही नहीं है। अब गाड़ी में साथ बैठने से परफ्यूम की खुशबू आ जाती है और नाखून के निशाँ हो सकता है नेहा के ही हों, क्योंकि उसकी अपनी पीठ पर भी निशाँ बन गए हैं जो नेहा ने ही कल बनाए थे। हालाँकि रवि ने झूठ बोला था, उसकी पीठ पर कोई निशाँ नहीं बने थे और उसे मालूम था कि आशु उसके घर पर आधे घंटे से ज्यादा रुका है, क्योंकि जब वो अपने घर पहुंचा था तो उसने आशु की कार के बोनेट पर हाथ लगाया था और वो ठंडा था।
दो–तीन दिन ऐसे ही निकल गए, सपना और आशु फोन पर चोंच लड़ाते तो इधर नेहा और रवि! रवि तो इस बीच भी एक बार नेहा को बाइक पर घुमा लाया था। अब नेहा नार्मल थी।
आज रात सपना ने नेहा और आशु को डिनर पर बुलाया था तो चारों ने हंसी मजाक के दौर में डिनर लिया। कोई भी ऐसी बात नहीं थी जिससे नेहा और सपना को कुछ शक हो।
रात को सेक्स के दौरान रवि ने सपना से पूछा की- आशु को बुला लें? तो सपना बोली- मन तो मेरा भी है पर नेहा?
अगले दिन रवि ने आशु से कहा- आज तुम घर आना सपना तुम्हें मिस कर रही है। आशु बोला- नेहा? रवि ने उसे समझाया कि मैं तुम्हें 8 बजे करीब फोन करूंगा, तुम नेहा को कहना कि मैंने बुलाया है, कहीं जाना है और तुम एक घंटे में आओगे। नेहा को विश्वास दिलाने के लिए मैं अपनी बाइक को तुम्हारे घर के बाहर खड़ी कर दूंगा और तुम्हारे साथ गाड़ी में अपने घर आ जाऊँगा।
उन्होंने ऐसा ही किया पर रवि ने एक चाल और चल दी, उसने नेहा से कहा- बहुत मन है मिलने का! नेहा बोली- मन तो मेरा भी है पर.. तो रवि बोला ऐसा करते हैं, मैं रात को आशु को किसी काम से ले जाऊँगा और उसे किसी काम में उलझा कर तुम्हारे पास आ जाऊंगा। जैसा तय किया था ऐसा ही किया।
आशु और रवि चले तो रवि गाड़ी रुकवा के उतर गया, बोला- आज तू सपना के साथ रह, मैं थोड़ी देर बाद जब तुम फोन करोगे तब आ जाऊँगा। आशु कुछ हिचका तो रवि ने कहा- बन मत, तेरा लंड भी सपना के लिए तड़फ रहा है और मेरे सामने कुछ शर्म हो ही जाती है, आज तू खुद भी पूरी मौज ले और सपना को भी दे। हाँ जब निबट लो तो मुझे फोन करना, मैं तेरे घर से अपनी बाइक लेता आ जाऊँगा।
आशु सपना के पास पहुंचा तो सपना तो तैयार बैठी थी, उसने ब्लैक कलर की जालीदार बहुत ही छोटी नाइट ड्रेस पहनी थी, जिसका पहना न पहनना बराबर था। आशु के पहुंचते ही दोनों के होंठ जुड़ गए और कपड़े उतरते गए।
आज आशु और सपना को न कोई जल्दी थी न कोई डर और न कोई संकोच… सपना ने आशु का लंड मुंह में ले लिया और बड़े ही मादक अंदाज में उसे चूसना शुरू किया। आशु ने भी हाथ बढ़ा कर उसकी चूत में उंगली कर दी थी।
थोड़ी देर में दोनों 69 पोजीशन में आ गए। आशु ने अब सपना को नीचे लिटाया और पूरा उसके ऊपर आ गया। अब उसके होठों से सपना के होंठ मिले थे, छाती से सपना के मम्मे दब रहे थे और आशु का लंड सपना की चूत से रगड़ रहा था।
अब आशु ने धीरे धीरे सपना के शरीर के ऊपर अपना शरीर रगड़ना शुरू किया। सपना की चूत पर उसका लंड धीरे धीरे रगड़ता हुआ ऊपर नीचे हो रहा था और इसी तरह उनके होंठ बार बार मिलते रगड़ते। ऐसी रगड़ाई ने सपना की चूत में आग लगा दी, उसने आशु को रोका और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत में कर दिया और अपनी टाँगें आशु की कमर पर लटका दी।
अब आशु भी घमासान चुदाई के मूड में आ गया और हो गई फक फक चुदाई शुरू! सपना आशु को कह रही थी- वहां तुम्हारे लंड की बहुत याद आती थी। इधर आशु बोला- नेहा को मैं रोज सपना समझ कर ही चोदता था।
निबटने के बाद आशु ने रवि को फोन किया- कहाँ हो? रवि बोला- तुम्हारे घर के पास पहुँच रहा हूँ, तुम आ जाओ!
रवि और नेहा ने भी आज पलंग तोड़ चुदाई की थी। आज नेहा ने पहली बार रवि का वीर्य से भीगा लंड मुंह से चाट कर साफ़ किया था और रवि ने भी आज उसकी चूत फाड़ ही डाली थी। बेड तो ऐसा हो गया था जैसे दो–तीन जोड़ों ने चुदाई की हो।
फोन के बाद रवि फटाफट तैयार हुआ और बाहर आ गया। इधर नेहा ने भी कमरा ठीक किया और नहाने घुस गई।
बाहर रवि खड़ा रहा, थोड़ी देर में आशु आ गया। दोनों मुस्कुराये और अपने अपने घर चल दिए।
तो कैसी लगी आपको कहानी? अब रवि बाबू की सेटिंग कितने दिन चलेगी किसी को नहीं मालूम! फिलहाल तो दोनों परिवार खुश हैं… कोई डर नहीं, चुदाई के हर अरमान पूरे हो रहे हैं। लिखियेगा कैसी लगी ये सेटिंग… कैसी लगी आपको कहानी? [email protected]
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