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रंडी मामी की हिंदी चुदाई की कहानी-1
अभी तक आपने इस हिंदी चुदाई की कहानी में पढ़ा कि मेरी मामी मुझसे चुदवाने के चक्कर में तो थीं, पर वे यह बात मुझसे कहना नहीं चाह रही थीं। अब आगे..
रात को खाना खाने के बाद मामी बोलीं- मैं नहाने जा रही हूँ यार.. बहुत गर्मी है। मैं समझ गया।
मैं बाथरूम के नजदीक खड़ा हो गया.. वो अन्दर इतनी पागल हुई पड़ी थीं कि बस पूछो ही मत। कुछ ही देर में वो जानबूझ कर एकदम नंगी ही बाहर आ गईं और मेरे सामने अपनी चुत में उंगली डाल कर मुझसे बोलीं- जा.. अब तू नहा ले..
इतना कह कर वो मुझे मस्त निगाहों से अपनी चूचियां मसलती हुई.. नंगी गांड को हिलाते हुए अपने कमरे में चली गईं।
मैं भी नहा कर आया तो मैंने देखा मामी अपने कमरे का दरवाजा खोले हुए.. अब भी पूरी नंगी पैर पसार के लेटी हुई थीं। मैं भी लंड हिलाता हुआ अपने कमरे में आया.. नंगे खड़े लंड को खड़ा किए हुए लेट गया।
मामी तड़पने लगीं.. कई दिनों से यह सब चल रहा था। आख़िर मामी से रहा नहीं गया.. वो आहिस्ते-आहिस्ते मेरे कमरे में घुसीं। मैंने आँखें बंद की हुई थीं और मेरा लंड छत की तरफ मुँह उठाए खड़ा हुआ था, मामी ने आहिस्ते से मेरे नजदीक आकर बिना मुझे टच किए.. मुँह में लंड भरते हुए दो-तीन बार चूसा और झटसे वापस चली गईं।
मैं मन ही मन बोल रहा था- मामी आज तो तुमने कमाल कर दिया.. आके मेरे लंड पर बैठी क्यों नहीं.. मैं नीचे से धक्के भी मारता।
उधर मामी तड़पने लगी थीं। आख़िर रात 2 बजे मैं मामी के कमरे में घुसा.. मामी सोने का नाटक कर रही थीं।
मैंने आहिस्ते-आहिस्ते अपनी एक उंगली मामी की चुत में डाली और हिलाने लगा। मामी मजे से लेटी रहीं, तो मैंने दो उंगलियां.. फिर तीन उंगलियां डाल दीं। मामी ने अपनी चुत पसार दी। मैं अपने एक हाथ से मामी के मम्मों को दबाने लगा।
फिर मैं मामी के ऊपर 69 में लेट गया।
अब मैं अपना लंड मामी के मुँह पर मारने लगा। जैसे ही मैंने चुत को चाटना शुरू किया.. मामी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं।
अब मामी मेरी मेरी पीठ पर.. गांड पर हाथ फेरने लगीं। मैं भी उनकी गांड उठा-उठा कर दबाने लगा। मामी मेरा पूरा लंड गले तक अन्दर लेतीं और चूस लेतीं। आख़िर कुछ पल लंड चुसाने के बाद मैंने लंड बाहर खींच लिया।
अब मैंने मामी के पैर फैलाए.. मामी की आँखें अभी भी बंद थीं। हम दोनों एकदम चुप थे। मैंने मामी के पैरों को अपने कंधे पर ले लिया और लंड को चुत से टच करने लगा। मामी छटपटाने लगीं बोलने लगीं- डाल दे जल्दी से.. मैंने थोड़ा सा लंड अन्दर डाला तो मामी ‘इसस्स्स्स..’ करने लगीं।
मैंने जोर का धक्का मारा तो मामी ने आँखें खोलीं और मस्ती से चिल्लाईं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहाहह.. ओहह.. उहो.. बेटे कितना तड़पाया तूने मुझे.. चोद दे मेरी जान.. अह.. ऐसा बोलकर मामी मुझे खींचने लगीं। मैंने और एक धमाकेदार शॉट मार दिया।
‘अहह.. जोर से बेटे.. मैंने तेरा लंड पाने के लिए क्या-क्या नहीं किया.. तू बोलता तो मैं दिन रात नंगी रहती तेरे सामने.. अह.. आज अगर तू चोदने नहीं आता तो मैं तेरे पास आने वाली थी.. अह.. क्यों तूने इतने दिन में मुझे नहीं दबाया.. अपने लंड से नहीं चोदा..!’ मैं बोला- मामी, अगर कल कुछ गलत हो जाता तो आप बोलतीं कि बेटे समान भांजे ने मुझे चोद दिया। मामी बोलीं- साले अगर नहीं चोदता.. तो मैं ज़रूर सबको बोलती.. अह.. अब हिल कर चोद बेटे.. अह.. जितना चाहे चोद.. अब पूरे तीस घंटे हाथ में हैं; इस तेरी तीस साल की मामी को तीस बार चोदके दिखा दे.. अह..! मैं बोला- मामी तीस बार.. क्या मैं तीस घंटे में बत्तीस बार चोदूंगा.. अह.. ले मेरा लवड़ा खा.. साली मेरा लंड हर पांच मिनट में खड़ा हो जाता है। आप तो बस अपनी चुत खोल कर रख दो। मामी बोलीं- मेरी चुत गांड मुँह.. सब तेरे लिए खुला है.. अहह.. फक मी.. अह फक मी फास्ट फक.. उफफ्फ़..
मैं मामी को दनादन चोदने लगा ‘ठाप.. ठाप’ की आवाजें आने लगीं। मामी जोर-जोर से चिल्लाने लगीं- अरे साले मुझे कस-कसके चोद.. मेरे दूध दबाओ.. इनको खा ले साले.. मेरी गांड जोर से दबाओ.. अह.. जितनी तेरे में ताकत है.. सारी निकाल और मेरे शरीर की वाट लगा दे.. उहह..
मैं मामी को बेखौफ़ दनादन चोदने लगा, मैं बोला- मामी एक बार चुत में पानी जाने दे.. फिर देखना हम दोनों कई तरह-तरह से चोद-चोद कर मज़ा लूटेंगे अहहह बेटे.. उहह!
‘मामी मेरे लंड का पानी निकलने वाला है..!’
अभी मैं कुछ रुक पाता कि मामी की चुत पूरी भर गई, मामी ने मुझे जकड़ कर रखा- प्लीज़ बेटे अभी लंड को निकालो नहीं.. अहाह.. उह.. कुछ देर बाद लंड बाहर आने लगा।
जैसे ही लंड बाहर आया.. मामी उठीं.. लंड की पप्पी ली और बोलीं- शाब्बास बेटे.. जल्दी-जल्दी तैयार हो जाना।
यह कहने के बाद मामी लंड चूसने लगीं और उसके बाद सुबह तक हम चुदाई में लगे रहे।
मामी बोलीं- बेटा जल्दी-जल्दी नाश्ता कर.. टाइम बर्बाद नहीं करना!
हम दोनों एक घंटे में तैयार हुए.. दूसरे दिन सुबह सात बजे तक मैंने मामी को भरपूर चोदा।
उसके बाद मामा आए.. मामा बोले- बेटे तुम कुछ दिन यहाँ और रहेगा तो मुझे आसानी रहेगी। मुझे दुबई में कांट्रॅक्ट मिला है.. मैं पूरा करके आऊँगा। मैं ‘ना ना..’ बोल कर राज़ी हुआ। मामा दुबई चले गए।
अब हम लोगों को पूरे दिन चोदने के सिवाए और कोई काम ही नहीं था। हम दोनों ही पूरे पागल हो गए थे।
रोज सुबह मामी मेरा जग भर के पेशाब पीतीं। मैं भी मामी की पेशाब को पी लेता।
मामी टब में नंगी घुस जातीं.. और मैं उन पर अपनी पेशाब गिराता, उसका सारा शरीर पेशाब से भर जाता, वो नहाती नहीं थी.. पेशाब पोंछती भी नहीं थीं।
मैं भी वैसा ही करता.. मामी मेरे ऊपर बैठ कर पेशाब करता। हम दोनों ही पोंछते नहीं हैं। हम दोनों सारा दिन वैसे ही पेशाब से नहा कर बने रहते.. सारे घर में दुर्गंध फैल गई थी।
मुझे भी पेशाब से सना शरीर.. पेशाब की दुर्गंध बहुत अच्छी लगने लगी थी।
मामी दिन में दो-तीन बार मेरा वीर्य निकाल कर पी जातीं और सारे शरीर में मल लेतीं।
कई-कई दिन तक तो हम दोनों बिना नहाए बने रहते। कभी मामी खाने में मेरा वीर्य मिक्स कर देतीं.. कभी दोनों का पेशाब मिक्स कर देतीं। घर में हम दोनों नंगे ही घूमते रहते। इसी दौरान कभी-कभी में मामी की गांड में लंड फंसा कर चुदाई कर लेता। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मामी खाना बनातीं और बाथरूम में मुझे नीचे लेटा कर मेरे लंड पर बैठ कर कपड़े धोती रहतीं.. इसी तरह सिंक में बर्तन मांजते समय अपनी गांड में लंड लेकर कुतिया की तरह बनी रहतीं। मामी मुझसे कई तरह की कामोत्तेजक गोलियां और क्रीम मँगवा कर मेरे लंड को एक-एक घंटे तक खड़ा रखती थीं।
कभी-कभी तो मामी मेरे लंड को चम्मच जैसे यूज करतीं। किसी रसीली खाने की चीज में मेरे लंड को डुबो कर लंड चूसतीं.. खीर में डुबो कर लंड चूसतीं और कई टाइप के अचार सॉस आदि लंड पर लगातीं, चूसतीं.. लंड से कोई चीज अपने मम्मों पर लगवातीं।
बहुत बार मैं भी रोटी का कौर चुत रस में लगाकर खाता था। हम दोनों ने एक झूला भी बनाया था। मैं मामी की टांगों को खोल कर उस पर बिठा कर चोदता.. इसमें ऐसा होता कि मामी झूला झूलते हुए आतीं और मेरे लंड को अपनी चुत में जोर से ले लेतीं।
कभी-कभी मेरे लंड पर वो मिर्च लगातीं और जैसे ही मिर्ची लगा लंड उनकी चुत में जाता.. तो हम दोनों के शरीर में आग लग जाती।
कई बार मैं मामी को उलटा लिटाकर उनकी चुत में दारू डाल पीता। कभी-कभी मामी ने दो-दो सिगरटें चुत से और गांड से जला कर पीं।
हम महीने में एक-दो बार ही नहाते.. वीर्य और पेशाब की दुर्गंध से हमें दिन-रात चुदवाने का विकार लगा हुआ था।
हम खाना भी ऐसा खाते कि लंड और चुत में आग लगे। इसी तरह मैंने मामी को बहुत चोदा।
अब मामी को उलटियां होने लगीं।
मामी ने पहले मुझे बताया नहीं.. यूं ही चुदवाती रहीं.. जब पेट आगे आने लगा तब बताने लगी तो मैं मामी को जबरदस्ती डॉक्टर के पास लेकर गया।
डॉक्टर बोला कि अब कुछ नहीं होगा बच्चा कई महीने में पेट में है। अब हम चाहते थे कि जल्दी बच्चा हो जाए, ताकि मामा को कुछ मालूम न हो सके, मगर कुछ न हो सका।
फिर जब नौ महीने हुए तो मामी का पेट बहुत फूल गया था। कल मामी की डेट थी.. अचानक एक दिन पहले ही मामा जी आ गए। मामी के पेट का नजारा देख कर वो गुस्से से लाल हुए और मुझे मारने दौड़े, मामी को मारने भी दौड़े।
मामी डर गई थीं और वे बोलीं- मैं क्या करती.. एक दिन रात को आकर कब इसने चुत में लवड़ा घुसा दिया.. मुझे पता ही नहीं चला। जैसे ही आँख खुली तो आपके भांजे ने ढेर सारा माल मेरी चुत में गिरा दिया। उसके बाद हर रात को आकर ये मुझे दबोच लेता था और जैसे ही इसका लंड मेरी चुत में जाता.. मैं मना भी करती, पर ये मनमानी करता था।
मामा ने गुस्से से मुझसे पूछा- साले कितनी बार चोदा.. बता? मैं बोला- 2-4 बार! मामी बोलीं- ये झूठ बोलता है.. इसने और भी ज्यादा बार किया था.. पहले दो दिन में ही इसने मुझे दस बार चोदा था। इसके बाद तो हम दोनों ने ना कुछ खाया.. ना पिया.. ना सोए.. बस खेल करते रहे.. पूछो इसको! ‘साली कुत्ती कमीनी.. तूने आजू-बाजू वालों को क्यों नहीं बुलाया? मामी बोलीं- अगर आजू बाजू में बोलती, तो सबको पता चल जाता कि आपमें दम नहीं था.. तभी इसे चुदवाने के लिए रखा है।
मामा चुप हुए.. तो मामी चिल्लाने लगीं।
फिर मामी को हॉस्पिटल लेकर गए, मामी ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया।
मामा ने मुझे धक्के मार के बाहर निकाल दिया। मामी मेरे जाने से बहुत रोईं।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हुई। मैं कभी-कभी मामी से फोन पर बात करता रहता था। एक दिन मालूम पड़ा कि मामा फिर दुबई गए हैं।
मैं भी मामी को सर्प्राइज़ देना चाहता था। करीब दो साल बाद मौका मिला था। मैं आया और चुपके से अन्दर घुसा। अन्दर से आवाजें आ रही थीं।
‘अह.. अहा.. और जोर से.. और जोर से अहा..’
मैं देखने लगा.. मामी दो-दो आदमियों से चुदने में लगी थीं। वे एक साथ दो-दो लंड आगे-पीछे के दोनों छेदों में घुसवा कर चुदवा रही थीं।
‘अहा.. हाहह.. कल और दो चार फ्रेंड को लेकर आना.. दो लंड चुत में.. दो गांड में और मुँह में लूँगी.. समझे भोसड़ी के.. तभी पैसे दूँगी.. चोदो चोदो.. अह.. और जोर से चोदो.. उह्ह..’
कुछ देर बाद मामी नीचे से गांड उछालते हुए दोनों लंड अपनी चुत में ले रही थीं।
मैंने देखा कि मेरे माल से पैदा मेरे बच्चे बाजू के कमरे में सोए हुए थे।
मैंने उनको बहुत प्यार किया और चुपके से वापस आ गया।
मैंने अपनी पत्नी को सब बताया। फिर कुछ समय बाद मैंने उन बच्चों को अपने पास रख लिया।
अब मामी आज़ाद हो गई हैं। मामा सब जानते हैं कि मामी पूरी रंडी हैं वो सबसे चुदवाती रहती हैं।
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी हिंदी चुदाई की कहानी आप सबको पसंद आई होगी। मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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