This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
सुबह के करीब 10 बजे थे, लेकिन भाभी की चुदाई के बाद मुझे नींद सी आ रही थी, मैं एक बार फिर से सो गया।
कोई एक-आध घन्टे के बाद नींद खुली तो भाभी भी उसी तरह से चिपकी हुई सो रही थी। मुझे भाभी और भी हसीन और प्यारी लग रही थी। मैं उसके गालों को चूमने लगा और चुची को दबाने लगा। भाभी भी कसमसाई और सीधी हो गई, मैंने अपनी टांग को भाभी की कमर में फंसा दी।
थोड़ी देर हम लोग इसी तरह लेटे रहे, फिर भाभी ने मुझे अपने से अलग किया और पैसे देते हुए एक छोटी सी स्लिप पकड़ाते हुए बोली- स्लिप पर लिखे हुए सामान को मार्केट से ले कर आ! मैं कपड़े पहन कर सामान लेने चला गया।
सामान लेकर मैं वापस लौटा तो भाभी अभी भी नंगी थी, भाभी ने मुझसे सामान लेकर डायनिंग टेबल पर लगाया। फिर मैं और भाभी नाश्ता करने बैठ गये।
नाश्ता करने के बाद भाभी मुझसे बोली- अब क्या इरादा है? मैं झट से बोल उठा- चूत और लंड के मिलन का इरादा है। ‘तो देर किस बात की… मेरी चूत तैयार है।’
‘हाँ भाभी… पर आप भाई के साथ कुछ नया करती हो, मैंने आप और भाई की बहुत सी वीडियो देखी है। मेरे साथ भी कुछ और नया करो ना?’ ‘ह्म्म! कहकर भाभी सोचने की मुद्रा में आ गई, काफी देर तक वो सोचती रही और मैं उनकी तरफ देख रहा था।
मैंने एक बार फिर उनकी जांघ में हाथ फेरते हुए कहा- भाभी, कुछ सोचा आपने? ‘हाँ यार, सोच रही हूँ, सोचने तो दे!’ मैं उनके पास ही बैठा हुआ उनके संगमरमरी जिस्म को निहार रहा था।
काफी देर हो गई थी, मुझे पेशाब लगने लगी, मैं उठा और बाथरूम की तरफ बढ़ने लगा तो मेरा हाथ पकड़ते हुए बोली- कहाँ जा रहे हो? ‘पेशाब करने…’ मेरे मुंह से निकला। ‘दो मिनट बैठो, मुझे एक आईडिया आया है जिसमें कुछ नयापन होगा। लेकिन हाँ… तुम फिर मना नहीं करोगे!’
‘क्या बात करती हो भाभी?’ मैं जल्दी से बोला- मैं क्यों मना करने लगा? वैसे भी मैं तो अब आपका गुलाम हो गया हूँ और आपकी हर अदा पर मैं फिदा हूँ। आप जो बोलोगी, वो मैं करूंगा। ‘तो ठीक है, तुम मूतने जा रहे थे।’ ‘हाँ…’ मैं उठ खड़ा हुआ।
भाभी ने फिर रोका- अरे रूको तो सही!! ‘अब क्या हुआ?’ मैं बोला। ‘मेरी गांड और चूत के अन्दर मूतो और फिर उसके बाद मेरे दोनों छेद को चाटना। मजा बहुत आयेगा। उसके बाद मैं तेरी गांड के अन्दर मूतूँगी और चाटूँगी। और उसके बाद तुम मुझे यही गिरी हुई पेशाब के ऊपर लेटा कर चोदना।’
मैंने भाभी के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपने से चिपकाते हुए बोला- भाई सही में आपको कमीनी कहते हैं। इतना सब सोच कहाँ से लेती हो? ‘अपनी चूत के लिये सब सोच लेती हूँ।’
उसके बाद हम दोनों ने मिलकर डायनिंग टेबल को खाली किया, चारों तरफ पड़ी कुर्सी को एक किनारे कर दिया। मुझे पेशाब जोर से आ रही थी।
जब अच्छे से जगह बन गई तो भाभी डायनिंग टेबिल पर उल्टी झुक गई और अपनी गांड को फैला लिया। मैंने गांड से सट कर मूत की धार को छोड़ दिया। ‘आह… मेरे राजा मजा दे दिया रे तूने!’ जैसे जैसे मैं धार उनकी गांड पर छोड़ रहा था, उसी तरह से उनके मुंह से निकलती हुई आवाजें तेज और धीमी हो रही थी।
फिर मैंने अपनी पेशाब रोकी, भाभी टेबल पर लेट गई और अपनी टांगों को फैलाते हुए अपनी चूत को खोल दिया और एक बार फिर मेरी मूत की धार सीधा उनकी चूत के अन्दर जा रही थी। यह अलग बात है कि अन्दर जगह न पाने के कारण मूत भाभी की चूत से बाहर आ रही थी।
पेशाब से पूरा फर्श गीला हो चुका था। भाभी मस्त थी और संवाद में उनके वैसे ही गाली भरी हुई थी, बोली- और मादरचोद, भाभी की चूत में मूतना कैसा लग रहा है? ‘बहुत ही मजा आ रहा है मेरी रंडी भाभी… उम्म्ह… अहह… हय… याह… तुम्हारे सामने तो रंडी भी फेल हो जावे! बहुत मजा आ रहा है।’
मैं मूत चुका था।
भाभी उठी और बोली- चल भोसड़ी के, अपनी गांड खोल कर खड़े हो जा। अब मैं तेरी गांड में मूतूँगी। मैंने उसी तरह खड़े होकर अपनी गांड फैला दी, भाभी बिल्कुल सटकर मेरे गांड के अन्दर अपनी गर्म-गर्म मूत की धार छोड़ने लगी। मैं भी अपनी गांड हिला हिला कर मूत को अपनी गांड में ले रहा था।
कुछ ही देर में धार कम हो गई, उसके बाद मुझे अहसास होने लगा कि भाभी मेरी गांड को चाट रही है। थोड़ी देर तक गांड चाटने के बाद एक जोर सा चपत लगाते हुए बोली- चल मुन्ना, अब तेरी बारी! मेरी चूत में खुजली शुरू हो चुकी है, चल चाट और फिर चोद कर इसकी खुजली मिटा!
मैं टेबल से हटा और भाभी लेट गई, मैं झुकते हुए उसकी चूत चाटने लगा, भाभी भी एक बार फिर मस्ती में आने लगी, मेरे सिर को अपनी दोनों जांघों के बीच फंसा लेती और फिर जांघों को ढीला कर देती।
मैं एक हाथ से अपने लंड को भी मसल रहा था, उसके बाद मैं खड़ा हुआ और भाभी की चूत में लंड को पेल दिया। आईस… यही आवाज उनके मुंह से निकली और फिर मेरा उत्साह को बढ़ाती हुई बोली- अमित मेरी जान, जितनी ताकत तुममें हो, उतनी ताकत से मुझे चोदो।
भाभी की चुदाई शुरू हो चुकी थी, मैं भाभी की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखकर उनकी चुदाई कर रहा था। मैं बार-बार एंगल बदल बदल कर उनको खूब चोद रहा था कभी चूत चुदाई तो कभी गांड चुदाई। इन सबके बीच में उनकी चुची की भी मसलाई हो जा रही थी। यह हिंदी सेक्सी स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं धक्के मारते हुए थका जा रहा था कि तभी भाभी ने मुझे जमीन पर लेटने को कहा। मैं उसी गीली जमीन पर लेट गया, भाभी ने पोज़िशन सेट की और मेरे लंड को अपने अन्दर लेकर उछलने लगी। कभी वो मेरी तरफ पीठ करके उछलती तो कभी उनकी चूचियाँ मेरे सामने उछाले भरती तो कभी वो मेरे से चिपककर मुझे चोदती।
इस तरह से बड़ी देर तक चुदाई का दौर चलता रहा। पोजिशन बदल-बदल कर चुदाई का दौर चलता रहा। उस दिन भाभी का अपने ऑफिस से छुट्टी लेना मेरी हर हसरतों को पूरा करने जैसा था। दोस्तो, मेरी भाभी के साथ का वो अनुभव आज तक मेरे जहन से नहीं उतरा।
हालांकि अब मैं शादीशुदा हूँ और मेरी बीवी एक घरेलू किस्म की महिला है। इसलिये जब भी मुझे आनन्द चाहिये होता है तो मैं अपनी भाभी के पास पहुँच जाता हूँ और वो मुझे खूब मजे देती है।
मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे नीचे दिये ई-मेल पर अपनी प्रतिक्रिया भेजें। आपका अपना शरद… [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000