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मेरा नाम राहुल है। इस वक्त मेरी उम्र 20 साल की है। आज मैं आपको अपने जीवन की पहली सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। मेरी हाइट 6 फुट है और मैं दिखने में एकदम स्मार्ट हूँ। इसी तरह मेरे लंड की लम्बाई भी औसत से काफी अधिक है।
बात तब की है, जब मैं इंटर में पढ़ता था। उसी स्कूल में प्रिया नाम की एक लड़की पढ़ती थी। प्रिया दिखने में एकदम गोरी और बहुत सेक्सी थी, उसका फिगर 32-28-34 का था। वो हमेशा स्कूल में शर्ट और हाफ स्कर्ट पहन कर आती थी। उसको देख कर हर किसी का लंड खड़ा हो जाता था।
पढ़ते तो हम एक ही स्कूल और क्लास में थे.. लेकिन सब्जेक्ट अलग-अलग थे, वो कॉमर्स से थी और मैं साइंस साइड से था। स्कूल में उसका और मेरा क्लासरूम लगे हुए थे।
यूं तो उसके पीछे सारा कॉलेज दीवाना था, सभी उसके आगे-पीछे फिरते रहते थे। मैं भी एक साल से उसको पटाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बात बन नहीं रही थी। इस साल हम दोनों स्कूल की अंतिम क्लास में आ गए थे, पर वो मुझसे पट ही नहीं रही थी।
हमारे स्कूल में एक्सट्रा क्लास भी होती थीं। मैं भी डेली एक्सट्रा क्लास में जाता था और प्रिया भी जाती थी।
एक दिन हम दोनों एक्सट्रा क्लास होने के बाद संयोग से हम दोनों ही स्कूल में किसी काम से रुक गए। हालांकि हमारी क्लास अलग अलग रूम में होती हैं।
मैंने देखा कि वो स्कूल से बाहर जा रही है, तो मैं भी दौड़ कर उसके पीछे गया और दूर से उसे आवाज देते हुए ‘हाय प्रिया…’ कहा। उसने पीछे मुड़कर देखा तो वो मुस्कुराई और उसने हाय कहते हुए मुझे उत्तर दिया।
उसकी मुस्कराहट से मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे मेरी मंज़िल मिल गई हो।
हम दोनों ने बस स्टैंड तक बहुत सारी बातें की। हम बस स्टैंड पर आ चुके थे लेकिन बस नहीं आ रही थी। तब मैंने उससे कुछ खाने के लिए पूछा, तो वो मना करने लगी। जब मैंने ज़्यादा जोर दिया तो वो गोल-गप्पों के लिए मान गई।
मैंने उसे गोल-गप्पे खिलाए और बहुत सारी बातें की।
कुछ ही देर में उसकी बस आ गई और वो बस में बैठ कर चली गई।
उस दिन मैं बहुत खुश था.. मुझे पूरी रात को नींद नहीं आई और मैंने प्रिया की याद में रात को 3-4 बार मुठ भी मारी।
अब हम दोनों रोज़ की तरह ही मिलने लगे, एक्सट्रा क्लास ख़तम करके हम दोनों बस स्टैंड तक साथ ही जाते.. वहाँ मैं उसे कभी कुछ, कभी कुछ खिलाता रहता था।
अब तो मैं रोज उसे चोदने के सपने भी देखने लगा था.. पर हकीकत में मुझे कोई मौका नहीं मिल रहा था।
एक दिन मैंने उसे प्रपोज कर दिया.. तो वो कुछ देर तक मेरी तरफ़ देखती रही और मैं उसकी तरफ़.. फिर वो एकदम से मेरे गले लग गई और उसने मुझे लिप किस भी किया। मुझे तो मानो इस चुम्बन ने उसको चोदने का सर्टिफिकेट दे दिया था। फिर वो बस में बैठ कर चली गई।
अगले दिन मैंने उससे कहा- आज हम एक्सट्रा क्लास नहीं करेंगे और मेरे कमरे पर चलेंगे.. तो वो थोड़ी घबराई और फिर उसने ‘हाँ’ में सर हिला दिया। मेरे मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगे।
स्कूल की छुट्टी होने पर मैं प्रिया को लेकर अपने रूम पर आ गया.. वहाँ हम दोनों ने अपने स्कूल बैग उतार कर एक तरफ़ रख दिए। मैंने उसे बिस्तर पर बैठाया, उसको पानी लाकर दिया। उसने थोड़ा पानी पिया, वो थोड़ी घबरा रही थी। मैंने उससे कहा- घबराने की कोई बात नहीं है।
फिर मैं भी उसके पास बैठ गया और मैं उसके होंठों पेर किस करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं शर्ट के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा, वो मदहोश सी होने लगी।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ लगाते हुए जोरों से किस करने लगा। साथ ही मैं उसकी शर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा। उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं ‘अएये.. उईई उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊओह..’
फिर मैंने उसकी शर्ट को उतार दिया.. उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी। उसकी छोटी सी ब्रा में से उसकी चुची बाहर आने को तड़प रही थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चूसने लगा, तो प्रिया मचल उठी।
मैं उसकी एक चुची चूस रहा था और दूसरी को दबा रहा था। प्रिया भी मेरा साथ दे रही थी.. जैसे वो चुदने के लिए न जाने कब से प्यासी हो।
कुछ देर बाद मैंने उसकी स्कर्ट भी निकाल दी और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में मेरे सामने पड़ी थी। उसके मुँह से लगातार कामुक सीत्कारें निकल रही थीं ‘एयेए ऊह उउउ एम्म..’
मैं उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चुत की महक लेने लगा और पेंटी को ऊपर से ही चाटने लगा। उसकी चुत फड़क रही थी। मैं इसी के साथ अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को भी दबा रहा था।
फिर मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसकी चुची को आज़ाद कर दिया। उसकी चुची एकदम से उछल कर मेरे हाथों का शुक्रिया अदा करते हुए मेरे सामने नाचने सी लगीं। मैं प्रिया की चुची को चूसने लगा.. यहाँ-वहाँ किस करने लगा।
फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी, अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थी। मैं उसकी चिकनी चुत को देख कर मदहोश हो गया। मैंने किसी चुत को पहली बार रियल में देखा था। उसकी चुत पर बाल आने अभी शुरू हुए थे.. उसकी चुत अभी तक सील बंद थी।
मैंने अपने कपड़े उतार दिए.. और मैं सिर्फ़ चड्डी में था। मैंने उसकी टाँगों को फैला दिया और उसकी टांगों के बीच में आ गया। वो मेरी तरफ देखने लगी.. मैं चुत को चाटने लगा। उसकी चिकनी चुत पर पहली बार किसी ने किस किया था.. वो ‘आओउ एम्म एयेए उउउंम ईई ऊऊ..’ सिसकारियाँ भरने लगी। मुझे भी चुत चाटने में मजा आ रहा था।
मेरा लंड एकदम खड़ा हो चुका था। मैंने उसकी चुत में एक उंगली डाली, तो वो चिल्ला उठी। मैंने उंगली बाहर निकाल ली.. उसकी चुत बहुत टाइट थी। अब मैंने फिर से धीरे से एक उंगली डाली और उंगली से चुत को सहलाने लगा। फिर मैंने एक किस उसकी चुत पर किया और अपनी चड्डी उतार दी।
वो मेरे खड़े लंड को देख कर डर गई.. मैं उसके ऊपर आ गया और लौड़े के टोपे को उसकी चुत की फांकों पर रख दिया।
उसकी आँखों में देखा और अपने होंठों को उसके होंठों पर टिका कर जैसे ही मैंने एक धक्का मारा तो लंड फिसल गया। चूंकि उसकी चुत बहुत टाइट थी, तो मैंने लौड़े और चुत पर थोड़ा सा सरसों का तेल लगाया।
अब मैंने लौड़े को चुत पर रख कर जैसे ही धक्का मारा.. तो मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया था। उसने बहुत जोर की आवाज़ की- आआआ ईईईईई उउउह.. उम्म्म्मम.. मर गई.. रे..
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया, वो दर्द के मारे छटपटाने लगी। उसने इशारे से निकालने के लिए कहा तो मैंने होंठ हटा कर कहा- अभी थोड़ा दर्द होगा.. लेकिन बाद में मजा आएगा। इतना कहा और फिर से होंठ लगा कर एक झटका और लगा दिया। इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चुत में समा चुका था।
प्रिया दर्द से छटपटा रही थी ‘अया आ आह छोड़ दो.. मुझे दर्द हो रहा है..’ मैंने कुछ नहीं कहा और धीरे-धीरे लंड को आगे-पीछे करने लगा। कुछ देर में वो सामान्य हो गई और मेरा साथ देने लगी।
मैं दनादन उसकी चुत में झटके मारे जा रहा था.. मुझे मजा आ रहा था। थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। उसके मुँह से ‘एयेए अयू एमेम आअहह..’की मादक सिसकारियां निकल रही थीं। फिर कुछ पल बाद वो झड़ गई तो मैंने भी 4-5 झटके और मारे.. और मैं भी झड़ गया। मैं थक कर उसके ऊपर ही ढेर हो गया।
जब मैं उसके ऊपर से खड़ा हुआ तो मेरा लंड खून में सना हुआ था और उसकी चुत भी खून से लथपथ थी। मैंने देखा कि बिस्तर की चादर भी ब्लड से सनी हुई थी। मैंने उसकी चुत एक कपड़े से साफ की और उसको थोड़ा आराम करने दिया।
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं प्रिया की चुत को फिर से चोदने लगा। प्रिया चिल्ला रही थी क्योंकि चुत की कसावट उसको दिक्कत दे रही थी ‘आआहह आ आआह.. उईई..’ कुछ मिनट बाद मैं फिर से झड़ गया।
बाद में उसको उसके कपड़े पहनाए क्योंकि उसमें कपड़े पहनने की हिम्मत नहीं बची थी। फिर मैंने उसको एक पेनकिलर दे और उसे बस स्टैंड तक ड्रॉप करने गया।
उसके बाद हमने 4-5 बार सेक्स किया। इंटर के बाद वो अब किसी दूसरे कॉलेज में पढ़ती है.. मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता है, हम इंटर के बाद से नहीं मिले हैं। उसका फोन नम्बर भी स्विच ऑफ आता है.. शायद उसने नम्बर बदल लिया है।
यह थी मेरी रियल सेक्स स्टोरी, कैसी लगी.. ज़रूर बताएं। धन्यवाद [email protected]
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