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मेरा नाम आर्या है, गाज़ियाबाद में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है.. बात आज से छह साल पहले की है, जब मैं कॉलेज में था। यह कहानी मेरी और मेरे एक कॉलेज की एक फ्रेंड के बारे में है, उसका नाम हिना था, वो मेरे साथ ही मेरी क्लास में पढ़ती थी।
उसके फिगर के बारे में बात करूँ.. तो उसका फिगर 32-30-34 का था। वो इतनी मदमस्त आइटम थी कि उसे देख कर बुड्ढे के लंड में भी जान आ जाए।
मुझे अच्छी तरह याद है कि वो मेरे कॉलेज का पहला दिन था। जैसे ही मैं कॉलेज के गेट पर पहुँचा तो मुझे एक पुराना दोस्त मिल गया। थोड़ी देर उससे बात करने के बाद जैसे ही मैं क्लास में पहुँचा, गेट की बगल वाली फर्स्ट सीट पर ही हिना बैठी थी।
उसे देखते ही मेरे होश उड़ गए.. क्या माल लग रही थी.. उसे देख कर यूं लगा जैसे आसमान से कोई परी उतर आई हो। मेरी क्लास में टीचर नहीं आई थीं.. मैं चुपचाप जाकर बैठ गया और पीछे से उसे देखने लगा।
उसकी गदराई जवानी देख कर मेरा लंड टाइट हो गया था, मेरा दिल कर रहा था कि उसके रसीले होंठों को चूस-चूस कर खाली कर दूँ, सच कह रहा हूँ मेरा पूरा दिन ऐसे ही निकल गया।
मेरे कॉलेज में वैसे तो एक से एक पटाखा गर्ल थीं लेकिन ये बहुत खास माल थी।
मैंने अपने दोस्तों से उसके बारे में पता किया और उसे पटाने के लिए जुगत भिड़ाने लगा।
मैं पढ़ने में काफी होशियार था, सब टीचर मेरी तारीफ करते, तो वो धीरे से पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखती। उसकी नजर से ही मेरा दिल एकदम से मचल जाता। धीरे-धीरे मेरी उससे खूब अच्छी दोस्ती हो गई, किंतु मुझे डर लगता था कि कहीं वो नाराज़ न हो जाए। अब हम दोनों हर तरह के मजाक करने लगे।
मैंने एक दिन हिम्मत करके उसे लैब में बुलाया, मुझे डर लग रहा था। वो आकर मुझसे बोली- हैलो आर्या कैसे हो.. बताओ मुझे क्यों बुलाया! मैंने कहा- देखो हिना बुरा मत मानना.. अगर तुमको पसंद नहीं हूँ, तो मना कर देना। वो हँसने लगी- अरे बाबा बोलो तो पहले.. क्या बात है?
मैंने एकदम जोश में आकर उसे किस कर लिया.. वो मेरे इस कदम से एकदम से हड़बड़ा गई, कुछ पल तो उसने मेरा विरोध किया.. फिर वो भी साथ देने लगी।
उसके रसीले होंठ इतने टेस्टी थे कि बयान ही नहीं कर पा रहा हूँ। उसने मुझे गले से लगा लिया और बोली- स्टुपिड.. मैं कब से इंतजार कर रही थी। मैं एकदम ख़ुशी से झूम उठा।
इस तरह हम रोज मिलने लगे.. उसके मम्मों को टच करना, उसे किस करना.. ये सब कई दिन तक चला। अब मैं आगे कुछ करना चाहता था और वो भी उत्तेजना में थी.. कब हम दोनों एक-दूसरे में समा जाए।
फिर एक दिन हमको टाइम मिल गया, उस दिन कॉलेज में एक प्रोग्राम था और फिज़िक्स की लैब की एक चाभी मेरे पास रहती थी। मैंने उसे फोन करके लैब में बुला लिया। वो ब्लैक जीन्स टॉप पहन कर आई थी, एकदम पटाखा लग रही थी।
उसके आते ही मैंने गेट बंद करके उसे गले से लगा लिया और उसके रसीले होंठों को किस करने लगा। सच में वो बहुत मस्ती से किस करती थी।
अब धीरे-धीरे मैं उसके मम्मों को दबाने लगा। उसकी मादक सिसकारियां सुन कर मैं जोश में आ गया ‘आह आहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हह आर्या आई लव यू.. वेरी मच..’
मैंने एक टेबल पर उसे लिटा दिया और उसके ऊपर मम्मों पर किस करने लगा। उसके चूचे बहुत ही गोरे और सॉफ्ट थे। वो पागलों की तरह सिसकारी भर रही थी।
मैं धीरे-धीरे उसकी चुत पर हाथ फिराने लगा.. क्या सॉफ्ट थी एकदम साफ़ और चिकनी, झांट रहित। मैंने उसकी तरफ देखा तो मुस्कराते हुए बोली- जान तुम्हारे लिए ही साफ़ की है।
उसकी इस बात से मैं जोश में आ गया और उसके चुत पर किस करने लगा। देर तक चुत चूसने से उसकी चुत का दो बार पानी निकल गया। हिना तड़फ कर बोली- जानू अब रहा नहीं जाता है.. प्लीज़ मुझे अपनी जन्नत में ले चलो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैंने अपने कपड़े उतार दिए और मेरा लंड काले नाग की तरह चुत को डंसने के लिए फुंफकार मारने लगा.. हिना मेरे तने हुए लंड को आँखें फाड़ कर देखने लगी।
मैंने पूछा- क्या हुआ जानू? बोली- जान ये तो मेरी चुत के परखच्चे ही उड़ा देगा! मैंने कहा- चिंता मत करो जान.. सब ठीक हो जाएगा। मैंने उसे लंड चूसने के लिए बोला, तो पहले वो मना करने लगी.. फिर बाद में चूसने लगी।
उसके गर्म मुँह में मेरा लंड आग का गोला बन गया। मैं जन्नत की सैर कर रहा था ‘आह उहह.. आह जान.. मजा आ गया।’
दस मिनट लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे चित लिटा दिया और उसकी चुत पर अपना लंड घिसने लगा। वो उत्तेजना में अपनी कमर को ऊपर-नीचे कर रही थी और उसे तड़पाने में मुझे मजा रहा था।
हिना- क्या हुआ जान करो न! मैं- क्या करूँ जान.. प्लीज़ एक बार अपने मुँह से बोलो न.. कि मुझे चोद दो न.. वो मुस्कुराने लगी लेकिन जब उससे सहन नहीं हुआ तो बोली- जान.. चोद दो ना.. मुझे चोद दो, अब रहा नहीं जा रहा है।
यह सुनते ही मैंने एक जोर का झटका मारा और उसके होंठों को उसकी चीख निकलने से पहले किस करके बन्द करने लगा था.. क्योंकि मुझे पता था कि उसकी टाइट चुत में जब मेरा लंबा और मोटा लंड जाएगा.. तो क्या होगा।
मैंने लंड पेल दिया और थोड़ी देर उसके ऊपर लेटा रहा, साथ ही उसके मम्मों को सहलाता रहा। जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं उसकी चुत में धक्के लगाने लगा। कुछ ही देर बाद वो मेरा पूरा साथ दे रही थी, उसकी सिसकारियां निकलने लगीं- आह ओह फक मी जान.. फक मी हार्ड..
मेरे हर धक्के पर उसकी कामुक सिसकारी निकल जाती, मैंने उसकी दोनों टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया और हचक कर चोदने लगा।
जब उसकी चुत की दीवारों से रगड़ते हुए मेरा लंड आगे-पीछे हो रहा था, तो ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा होऊँ।
कई मिनट की चुदाई के बाद जैसे ही वो दूसरी बार झड़ी, तो उसके अगले कुछ धक्कों बाद मैं भी झड़ गया। मैं अपने लंड की कई पिचकारियां उसकी चुत में छोड़ता हुए उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसके मम्मों को चूसता रहा।
मैंने उस दिन उसे दो बार चोदा.. उसके चेहरे पर एक अलग ख़ुशी दिखाई दे रही थी।
उसके बाद हमने कई बार सेक्स किया, अब उसकी शादी हो गई है. आज के लिए इतना ही दोस्तों.. अगली सेक्स स्टोरी में उसकी भाभी ने मुझे कैसे ब्लैकमेल करके चोदा, वो लिखूंगा। इसके बाद मैंने कई लड़कियों, भाभियों और आंटियों के साथ सेक्स किया।
मुझे आप सबका अच्छा रिस्पॉन्स मिला तो मैं अपने पूरे अनुभव सेक्स स्टोरी के रूप में आपके सामने रखूँगा।
मुझे आप मेरी मेल कर सकते हैं। [email protected]
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