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दोस्तो, मैं यश होटशॉट एक बार फिर हाजिर हूँ एक नंगी चुत चुदाई की कहानी के साथ… आशा करता हूँ कि जैसे पहली सभी स्टोरी पसन्द आई, यह भी पसंद आएगी। मैं अपने दोस्तों, सेक्सी भाभी और सभी जवान हॉट लड़कियों को धन्यवाद करता हूँ कि सब मेरी स्टोरी पढ़ कर मेल करते हैं।
बात पिछले साल अप्रैल की है, मैं बी.ए 1st ईयर में था, मेरे मौसी के लड़के की शादी थी, मेरी मौसी गाँव में रहती है तो सभी लोगों को बुलाया गया था।
हम गांव आ गए। शादी बहुत अच्छी से बीती पर एक बात कि भाई की साली बहुत सेक्सी थी, उसका नाम श्रेया था। उसको भी मैंने कुछ महीनों बाद चोदा पर वो कहानी बाद में! शादी के बाद मुझे दिल्ली आना था, मेरे साथ मेरे चाचा का लड़का राहुल और मैं हम दोनों स्टेशन पहुँचे, ट्रेन 5 बजे की थी, ट्रेन आई और हम दोनों चढ़ गए ट्रेन में!
भीड़ कुछ ज्यादा ही है, मैंने अपने छोटे भाई को खिड़की के पास बैठा दिया, कुछ ही देर में ट्रेन चल पड़ी, मैं अपना सामान सेट कर रहा था। इतने में मेरे छोटे भाई ने मुझे कोहनी मारी, मैंने कहा- क्या है? मेरा ध्यान तो समान सेट करने में लगा हुआ था।
तो राहुल ने मुझे आंखों से इशारा किया। मैंने देखा कि यहाँ अभी तो कोई नहीं था और अभी यहाँ पर एक मस्त हॉट और सेक्सी फिगर वाली और एकदम गोरे रंग वाली लड़की दिखाई दी। उसका चेहरा गोल और थोड़ा भरा हुआ था। उसने लाल रंग की टॉप और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी, एकदम मस्त माल था! उसको देखते ही मेरा लंड टाइट हो गया और मन किया कि बस अभी मिल जाये तो पटक के चोद दूँ।
मैं अपने भाई से बात करने लगा तो वो मेरी तरफ देख रही थी, मैं भी उसको देख रहा था।
थोड़ी देर में राहुल बोला- भाई, मुझे खाना खाना है! हम दोनों खाना खाने लगे पर मेरा सारा ध्यान तो उसकी चुची और जांघों पर था, वो भी चोर नजर से मुझे देख रही थी।
खाना खाने के बाद कुछ ही देर में सब सो गए, बस राहुल, मैं और वो लड़की जाग रहे थे। वो बीच वाली सीट में लेटी हुई थी पर उसका सारा ध्यान और नजर मेरे ऊपर थी। मैंने राहुल को कहा- राहुल, तुम ऊपर वाली सीट पर चले जाओ, मैं नीचे ही हूँ। राहुल चला गया।
ट्रेन तेज चल रही थी। मैं सीट पे लेट गया पर नींद नहीं आ रही थी, मुझे उस लड़की की प्यारी और सेक्सी कमर दिख रही थी, उसकी गांड की गोलाई देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं अपनी आँखों से उसके कपड़े उतारने लगा, मैं उसकी नंगी चुत की कल्पना करने लगा।
कुछ देर ऐसे ही उसकी नंगी चुत के बारे में सोच कर मेरा लंड खड़ा हो गया कि इतने में उसने अपना चेहरा मेरी तरफ किया तो मुझे होश आया, वो नंगी नहीं थी, यह सिर्फ मेरी सोच थी कि मुझे एक नंगी चुत दिख रही थी। मुझे देख रही थी, मैं उसको देख रहा था।
मैंने हल्के से इशारे में उसका नाम पूछा तो हल्की सी प्यारी आवाज आई- दिशा! फ़िर मैंने उसके फेस की तरफ इशारा किया और बोला- आप बहुत खूबसूरत हो! तो दिशा ने कहा- थैंक्स!
अब मैंने इशारे में कहा- क्या आप ट्रेन के दरवाजे पर मिल सकती हो? तो उसने हाँ में सर हिलाया।
मैं जल्दी से दरवाजे के पास गया, कुछ ही पल में दिशा भी आई मैं हाथ आगे बढ़ाते हुए बोला- हेल्लो दिशा! दिशा बोली- हेलो… आपका नाम क्या है? मैंने कहा- मेरा नाम यश हॉटशॉट है। दिशा बोली- बहुत अच्छा नाम है! मैंने पूछा- कहाँ से हो आप? दिशा बोली- मैं गोरखपुर से हूँ, और आप कहाँ से हो? मैंने कहा- मैं दिल्ली से हूँ।
दिल्ली का नाम सुनते ही बोली- मैं वैसे गोरखपुर से हूँ लेकिन पढ़ाई करने के लिए दिल्ली में ही रह रही हूँ। हमने कुछ देर ऐसे ही बात की, फिर उसका मोबाइल नंबर ले लिया मैंने, फिर हम अपनी सीट पर चले गए। इशारे में कुछ देर ऐसे ही बात करी होगी कि पता ही नहीं चला कब नींद आ गई।
सुबह 6 बजे राहुल ने मुझे उठाया, बोला- भाई मुझे खिड़की पर बैठना है। मैंने देखा कि दिशा अभी भी सो रही है और बहुत ही प्यारी लग रही थी। मैंने सोचा कुछ ही देर इससे देख पाऊँगा, क्यों न इसे परेशान करूँ।
ट्रेन स्टेशन पर रुकी, चाय वाला आया तो हम दोनों उसकी नक़ल करने लगे और थोड़ी तेज आवाज में बोल रहे थे जिससे दिशा की नींद खुल गई पर गुस्से से उसका लाल चेहरा और भी सेक्सी बना रहा था।
अब ट्रेन दिल्ली आ गई, कोई उसे लेने आया था।
दिशा ने इशारे में बाय किया और चली गई और मैं घर आ गया। 2 दिन बाद उसकी कॉल आई, बोली- हेल्लो, आप यश बोल रहे हैं? मैंने कहा- हाँ जी! दिशा बोली- हेल्लो हॉटशॉट, कैसे हो?
मैंने आवाज पहचान ली पर फिर भी उसके मुँह से ही सुनना चाहता था, मैंने कहा- आप कौन? दिशा बोली- भूल गए इतनी जल्दी? ट्रेन में मिले थे दो दिन पहले! मैंने कहा- ओह दिशा… कैसे हो जी?
फिर ऐसे ही बात हुई। दो हफ्ते बाद दिशा ने किसी पार्क में मिलने के लिए बुलाया, मैं दिशा से मिलने उसकी बताई हुई जगह गया, वो पार्क के गेट पर ही खड़ी थी, उसने सफेद रंग का फुल कसा हुआ सूट पहना हुआ था और बालों को खुला करके एक तरफ कर रखा था। सब कुछ मिला के साफ़ कहूँ तो अपने पे काबू करना मुश्किल हो रहा था।
हम दोनों मिले, पार्क के अंदर गए, मैंने देखा कि पार्क में काफी कपल्स थे, कोई किस कर रहा था तो कोई किसी की बाँहो में! हम एक जगह जाकर बैठ गए, मैंने दिशा को बोला- आज आप बहुत सुन्दर लग रही हो! दिशा थोड़ी शरमाते हुए बोली- थैंक्स यश!
ऐसे ही बातें करते कब टाइम बीत गया, पता नहीं चला और जैसे ही हम दोनों खड़े होने लगे तो दिशा का पैर थोड़ा सा मुड़ गया और वो मेरे ऊपर गिरने लगी। दिशा को संभालने में मेरा हाथ उसकी चुची को दबा गया। उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या मुलायम चुची थी।
दिशा मुस्कुराने लगी लेकि अब टाइम ज्यादा न होने के कारण वो बात बन नहीं पाई। मैं सोचते सोचते घर आ गया कि आज अगर थोड़ा टाइम और मिल जाता तो क्या पता बात बन जाती।
रात में दिशा की कॉल आई, खुश लग रही थी, मैंने पूछा- क्या बात है, खुश लग रही हो बहुत? दिशा बोली- थैंक्स यश, आज आपके साथ बहुत अच्छा लगा मुझे! मैंने कहा- इसमें थैंक्स की क्या बात है? मुझे ख़ुशी है कि आपको अच्छा लगा। फिर मैं जानबूझ कर जो दिशा को गिरने से बचाया था, उस बात को बोलने लगा।
मैंने कहा- सॉरी यार, मुझे अच्छा नहीं लग रहा है! दिशा ने कहा- क्या अच्छा नहीं लग रहा है?
मैं बोला- वही यार, जो आप गलती से मेरे ऊपर गिरी और गलती से आपके वहाँ हाथ चला गया। दिशा बोली- कोई बात नहीं यश! फिर हम इधर की बातें करने लगे।
कुछ दिन बीते, अब हम थोड़ा खुल क बात करने लगे।
एक दिन दिशा कॉल आई, उसने मुझे अपने घर बुलाया। अगले दिन दिशा के घर के पास पहुँच कर मैंने उसे कॉल करी कि मैं इस जगह पर पहुँच गया हूँ। दिशा ने कहा- आप रुको, मैं आती हूँ।
कुछ देर में दिशा स्कूटी लेकर आई… सच में क्या देसी माल लग रही थी सूट में! उसने हल्का हरे रंग का सूट पहन हुआ था जो पूरा टाइट था और वो बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने हाथ मिलाया, बोला- देखो जी, ऐसे बन के आई तो कुछ हो गया तो हमें मत बोलना जी! दिशा मुस्कुराई और बोली- क्या हो जायेगा जी?
मैंने कहा- चलो, मुझे चाभी दो, मैं चलाता हूँ स्कूटी! फिर उसके घर आने तक में बीच में कहीं भी ब्रेक मार दिया करता था ताकि उसकी चुची मेरी पीठ से दबे। हम घर पहुँचे, दिशा ने मुझे चाय पिलाई और थोड़ी बातें होने लगी।
फ़िर दिशा ने मोबाइल में एक रोमांटिक सांग चला दिया और मेरे कंधों पर दोनों हाथ रख दिए। मुझे तो जैसे करन्ट सा लगा हो! दिशा ने मेरा हाथ पकड़ के उठाया और अपनी कमर पर मेरा हाथ रख कर एक हाथ को अपने हाथ में पकड़ लिया।
धीरे धीरे हमने डांस करना शुरू किया, इस बीच कभी मेरा हाथ उसकी चुची पर लगता तो कभी उसकी गोल गांड पर! अब दिशा ने दोनों हाथ से मुझे पकड़ के पास खींच लिया मैंने भी ऐसे ही अपने पास खींच लिया। हम दोनों ही इतना चिपक गए थे कि दिशा की चुत से लंड चिपक रहा था। उसका चेहरा लाल हो रहा था!
मैंने सोचा एक बार ट्राई कर के देखता हूँ, मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसकी पीठ और गांड को सूट के ऊपर से ही सहलाने लगा। दिशा ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मैंने हाथ हटा लिया। पर कुछ देर बाद दुबारा मैं दिशा के कूल्हों पर हाथ ले गया और सहलाने लगा। दुबारा दिशा ने मेरा हाथ पकड़ा पर मैंने उसके दोनों हाथों को पीछे कर के पकड़ लिया। जैसे ही मैंने दिशा के हाथों को पीछे किया तो अब उसकी चुत सलवार के ऊपर से ही मेरे लंड से टकरा रही थी।
दिशा अपने हाथों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी पर कुछ बोल नहीं रही थी। हम दोनों एक दूसरे की बाँहो में थे। मुझे लगा कि दिशा को कुछ कहना होता तो कह देती अभी तक! अब मैंने दिशा के हाथों को छोड़ उसको पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर जोर से चूमने लगा।
इतना सब होने पर दिशा ने ज्यादा कुछ नहीं कहा और न ही मुझसे अलग होने की कोशिश कर रही थी। इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैंने और कस के दिशा को अपनी तरफ दबा लिया।
अब वो बोलने लगी- यश, यह गलत है, मत करो! पर उसका बोलना मुझे और अच्छा लग रहा था, मैं दिशा की गर्दन पर लगातार चूमे जा रहा था। दिशा अब सिसकारियाँ ले रही थी जो मुझे सुनने में बहुत अच्छा लग रहा था।
दिशा का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था, मैंने अपने दोनों हाथों को दिशा के चेहरे पर लगाया और उसके कोमल, गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा! कितने मुलायम और रसीले होंठ थे। कभी कभी मैं उसके होंठों को काट लेता तो तो बोलती- यश, आराम से करो न! काटो मत!
दिशा गर्म हो गई थी और खुल भी रही थी, मेरा साथ दे रही थी।
अब मैंने एक हाथ को दिशा की चुची पर रखा और एक हाथ से उसकी कमर को प्यार से सहला रहा था। कुछ ही देर में मैं उसके शर्ट के अंदर उसके पेट को सहलाने लगा।
पर जैसे ही मैं उसकी सलवार में हाथ घुसाने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। पर जब किसी को प्यार करने का भूत सवार हो जाये तो कोई बात कहाँ मानता है, मैंने उसकी सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा।
दिशा की चुत गीली हो चुकी थी, उसकी चुत को सहलाने से उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मैं उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाल कर नंगी चुत के दाने को सहलाने लगा जिससे उसको और मजा आ रहा था और दिशा के मुख से ‘आआआ ह्ह्ह्ह ह्ह ऊऊ ऊऊऊ’ की आवाजें निकल रही थी।
इतना सब करने से मेरी भी हालत खराब हो रही थी, मेरा लंड भी कब से दिशा की नंगी चुत में जाने को बेकार हो रहा था। मैंने दिशा के शर्ट को ऊपर करना शुरू किया, मैंने शर्ट को निकाल दिया, उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। और कुछ ही देर में सलवार भी निकाल दी, उसने नीले रंग की पेंटी पहनी थी, उसकी चिकनी और मस्त गोरी गोरी टांगों पर नहीं बाल थे।
मैं पेंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा था। दिशा ने थोड़ी मस्त होकर मेरी शर्ट भी उतार दी और फ़िर जीन्स भी! मैं अंडरवीयर में था और दिशा मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी।
मैंने दिशा को लेटाया, उसकी ब्रा खोल दी और उसकी चुची को सहलाने लगा और एक को चूसने लगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
इतने में दिशा की सिसकारियाँ शुरू हो गई ‘आआऊ ऊऊऊ उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊओह्ह यस यश बेबी ऐसे ही चूसो आआह्ह…’
मैं उसकी कमर पर सहलाने लगा, मैंने दिशा की पेंटी और दिशा ने मेरा अंडरवीयर उतार दिया। अब एक जवान नंगी चुत मेरे सामने थी, मैं बेड पर लेट गया, वो मेरे ऊपर ही लेट गई पर दिशा लंड को चूसने के लिए मना कर रही थी पर मेरे मनाने के बाद मान गई, हमने 69 का पोज़ किया, वो मेरे लंड को चूसने लगी, मैं उसकी नंगी चुत चाट रहा था।
इसी बीच मैंने दिशा की चुत में एक उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा तो दिशा ने मुँह में से लंड निकाल दिया, उसकी सिसकारियाँ जब मैं सुनता तो और जोर जोर से उंगली को चुत के अंदर बाहर करता जिससे दिशा को मजा भी आ रहा था और उसकी चुत काफी गीली भी हो गई थी।
मैंने दिशा को पीठ के बल लिटाया और उसकी दोनों टाँगों के बीच में आ गया। मैंने दिशा की चुची को जोर से दबाया तो वो बोली- ऊऊईईई यश आराम से दबाओ न बेबी! फिर मैं दिशा की नंगी चुत पर अपनी जीभ लगा कर उसके दाने को चाटने लगा। दिशा को यह बहुत अच्छा लगा, वो अपनी गांड हिला रही थी, बोल रही थी- यस बेबी, ऐसे ही… और जोर जोर से चाटो! हाँ हा ऊऊ ओह्ह ह्ह्ह ह्ह ह्हम्म मम्म आआह्ह हूऊऊओ बहुत मजा आ रहा है!
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैं अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा, दिशा को बहुत मजा आ रहा था, बोली- बेबी अब डाल भी दो ना… कितना तड़पाते हो।
मैंने दिशा की नंगी चुत पर अपना लंड रख कर एक जोर से झटका मारा, दिशा जोर से चीख पड़ी- आआआ आआआःह्ह ह्ह्ह यश आराम से जान! दिशा की चुत में मेरा आधा लंड चला गया था, दिशा की चुत टाइट थी। मैंने दिशा के लिप्स को किस करना शुरू किया और साथ ही उसकी चुची भी दबा रहा था।
मैं कुछ देर ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया, 5 मिनट हुए होंगे कि अब दिशा अपनी गांड को हिला कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी। मैंने देखा कि दिशा अब ठीक है तो मैं उसकी चुत में हल्के हल्के से धक्का देने लगा और दिशा की आवाज आने लगी ‘ऊओइक आआःह्ह ह्ह ह्म्म म्मम्म ऊऊ!’
करीब 5 मिनट आराम आराम से चोदने के बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज़ कर दी और जोर जोर से उसकी चुत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। वो बोली- यश आराम से करो न! मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
फिर मैंने लंड को हल्का सा बाहर किया और एक और जोरदार धक्का दिया तो दिशा जोर से चिल्लाई- ऊऊऊऊओ यश, आज तो तुम जान ही निकाल दोगे! आराम से करो न… यश दर्द हो रहा है। मैंने कहा- बेबी, आज आपको पूरा मजा देता हूँ। यह कहते ही मैं उसकी चुची को जोर जोर से दबाने लगा, उसको भी मस्ती छाने लगी, वो भी मेरा साथ देने लगी, उसकी मदमस्त सिसकारियाँ मुझे और भी पागल कर रही थी, मैं दिशा को और भी जोर जोर से चोदने लगा।
अब मैंने दिशा को खड़ी करके आगे से झुका दिया यानि दिशा अब घोड़ी बनी हुई थी, पीछे से उसकी गोरी गोरी गांड देख कर मुझसे और रहा नहीं गया, मैंने अपना लंड दिशा की चुत में पेल दिया, उसकी कमर को दोनों तरफ से पकड़ा और उसको चोदने लगा।
दिशा आअह ह्ह्ह हआआ ह्ह्ह किये जा रही थी, मैंने धक्कों की स्पीड और तेज कर दी और दिशा बोलने लगी- आःह ऊह ह्ह आआ येस चोदो और जोर जोर यश और चोदो… मजा आ रहा है।
5 मिनट ऐसे ही चुदाई की तो दिशा अब अकड़ने लगी, कहने लगी यश मेरा होने वाला है। मैंने चुत की चुदाई जारी रखी और दिशा ने माल निकाल दिया मगर मैं दिशा की चुदाई किये जा रहा था।
कुछ ही देर बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने दिशा की चुत से लंड को निकाल के उसके मुँह में डाल दिया और कुछ ही झटके मारने पर सारा माल उसके मुँह में निकल गया।
अब मैं उसकी नंगी चुत को सहला रहा था और वो मेरा लंड चाट रही थी! फिर हम दोनों चिपक कर लेट गए और एक दूसरे को चूमने लगे।
तो दोस्तो, यह थी मेरी और दिशा की सेक्स स्टोरी! मेल करें मुझे! [email protected]
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