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दोनों कपल में एक दूसरे के प्रति लगाव हो गया था, वे एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे, दोनों की बीवियाँ एक दूसरे के पति को प्रेम करने लगी थी। जिसमें नैना को आरव से बहुत ज्यादा प्यार हो गया था, वह जब आरव के साथ घूमने वगैरा जाती तो बोलती- काश मैं तुम्हारी पत्नी होती! हम पूरा दिन साथ साथ रह पाते! मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहूँगी! पर आरव हंस कर टाल देता था।
ऐसे ही दोनों जोड़ों की लाइफ चल रही थी जिसमें खुशियाँ भरपूर थी।
पर एक बार जब मिलन बाहर गया था तो उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया, अस्पताल से नैना को फ़ोन आया कि आपके किसी रिलेटिव का एक्सीडेंट हुआ है, आप आ जायें, उसके मोबाइल में से आपका नंबर मिला इसलिए फ़ोन किया।
तब नैना को पता चला कि मिलन का एक्सीडेंट हुआ है, वह तो पूरी की पूरी टूट गई, वह जल्दी जल्दी अस्पताल पहुँची, उसने आरव और इशिता को भी फोन करके बुला लिया।
आरव और इशिता अस्पताल पहुँचे, तब इशिता और नैना एक दूसरे के गले पड़ के जोर जोर से रोने लगी। अभी भी मिलन आई सी यू में था। ऐसे ही रात से सुबह हुई, तब डॉक्टर ने बाहर आकर बोला- सॉरी… हम उन्हें नहीं बचा पाये!
चारों और सन्नाटा छा गया, सब बिखर गया, इशिता और नैना चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी। मिलन को अग्निदाह दिया गया और सब विधि सम्पन्न की गई।
नैना को कुछ दिन इशिता अपने घर ले आई ताकि नैना अपने दुःख से उबर सके और नए सिरे से जिंदगी चालू कर सके, पुरानी यादें भुला सके! पर जब भी वह यहाँ इशिता और आरव को साथ में देखती तो उसे मिलन की याद आती, तब जोर से रोने लगती, नैना को शांत कराने के लिए आरव और इशिता नैना को बीच में बिठा के उसे हंसाने की कोशिश करते। आरव और इशिता कहीं भी जाते तो नैना को साथ ले जाते और पूरा ख्याल रखते नैना का!
हफ्तों के बाद महीने और महीने पे महीने बीत गये, अब नैना अपना दुःख भूलने लगी थी और अपने घर जाकर ब्यूटी पार्लर संभाल लिया था पर इशिता और आरव नैना से मिलने जाते रहते।
एक बार इशिता 2-3 दिन के लिए अपने मायके गई, तब आरव का खाना वगैरा नैना के घर ही होता था, तब वह रात रुकता था और नैना और आरव दोनों भरपूर चुदाई करते थे। खूब मदमस्त चुदाई होती थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
जब तीसरी रात को दोनों चुदाई खत्म करके बात कर रहे थे तब नैना बोली- डार्लिंग, तुम इशिता को छोड़ दो! आरव- हट… तू तो बड़ी चुदक्कड़ है। नैना- क्यों न हम दोनों शादी कर लें, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ। आरव- पागल जैसी बातें मत करो, इशिता को क्यों छोड़ूँ मैं? मैंने उससे शादी की है, खेल थोड़े ना खेला है!
नैना- तो क्या मैं इशिता जितनी खूबसूरत नहीं? आरव- ऐसी बात नहीं, तुम पागलपन दिखा रही हो! नैना गुस्सा होकर- अगर मैं इशिता को मार दूँ तो? तब तो मुझसे शादी करोगे ना?
आरव पूरे गुस्से में नैना को धक्का देकर जाने लगा, तब नैना ने हाथ खींच के रोका और बोली- अरे बाबा, मैं तो मजाक कर रही थी! आरव- ऐसा मजाक मुझे नहीं पसंद… दोबारा न करना! नैना- ठीक है बाबा सॉरी! पर आरव नहीं जानता था कि नैना के दिल में उसे पाने की इतनी चाह है।
उसके बाद जब इशिता और नैना मिली तब मजाक मजाक में नैना ने इशिता को भी कहा- आरव को छोड़ दो, तुम्हें तो कोई भी अच्छा लड़का मिल जायेगा। तब इशिता ने हल्के में लेकर बोली- मुझे तो आरव ही चाहिए! नैना- मुझे भी!
इशिता हंस कर बोली- तो हम मिल बांट के खाएँगी! और हंसने लगी दोनों!
पर नैना के दिमाग में आरव को पाने की चाह बढ़ने लगी, दिमाग में इशिता को मारने और आरव से अलग करने की तरकीबें सूझने लगी। पर इशिता उसकी सहेली थी, इसलिए उसे मारना नहीं चाहती थी पर कुछ ऐसा करना चाहती थी कि आरव उसे छोड़ दे!
तब उसे एक तरकीब सूझी कि फेशियल के बहाने इशिता के चेहरे को बिगाड़ दूँ कुछ केमिकल वगैरा से… और आरव उसका मुँह देखना भी पसंद न करे! तब आरव मेरे पास ही रहेगा और मैं सारा दोष प्रोडक्ट पर डाल दूंगी कि उसकी स्किन को सूट नहीं किया और रिएक्शन हो गया।
ऊपर वाले की करनी भी ऐसी थी कि इशिता ने नैना को वैक्स और फेशियल के लिए अपने घर बुलाया और प्लान के मुताबिक नैना गई और इशिता के हाथ पैरों का वैक्स किया, फेशियल किया और आखिर में केमिकल वाला मास्क लगा कर बोली- मुझे पार्लर में काम है, मैं निकल रही हूँ, तुम 15 मिनट के बाद धो देना! ध्यान रहे 15 मिनट से ज्यादा ना हो, वरना स्किन डैमेज हो सकती है! और निकल गई।
5 मिनट के बाद केमिकल ने इशिता के चेहरे पे असर करना चालू किया, उसे जलन होने लगी, इशिता ने अपना मुँह धो डाला पर क्या था एक बार केमिकल स्किन के अन्दर उतर गया था, थोड़ी देर में इशिता का चेहरा लाल पड़ गया और फफ़ोले जैसे पड़ने लगे।
उसने नैना और आरव दोनों को फोन किया। दोनों आ रहे थे, यहाँ इशिता को इतनी जलन हो रही थी कि उससे रहा नहीं जा रहा था। उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया, डॉक्टर ने बताया कि स्किन पे केमिकल रिएक्शन हुआ है।
नैना ने बोला- मैंने इशिता को बोला ही था 15 मिनट के अन्दर धो देना! उसकी स्किन यह सहन नहीं कर पाई! नैना मन में खुश थी, डॉक्टर ने बताया अब इसका चेहरा ऐसा ही रहेगा लाल ब्राउन और फफ़ोले वाला!
तब इशिता खूब रोने लगी। आरव- रो क्यों रही हो पगली, मैं तुम्हारे चेहरे से नहीं, तुमसे प्यार करता हूँ। तब नैना को थोड़ा झटका लगा कि अब भी आरव मेरा नहीं होगा? पर मेरे जलवे से कैसे बचेगा?
जब इशिता को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया तो आरव फीस भर रहा था, तब उसने देखा कि नैना एक आदमी से बात कर रही थी। वह आदमी जब चलता बना तब आरव ने नैना के पास जाकर पूछा- कौन था वह?
अचानक आरव के पूछे जाने पे नैना हड़बड़ा गई और बोली- कोई नहीं… बस हेल्प मांग रहा था पैसे के लिए! और नैना इशिता के पास चली गई।
आरव को लगा कि उस आदमी को हॉस्पिटल में शायद पैसे की जरूरत हो, मैं इशिता के नाम से दान करना चाहूँगा ताकि इशिता जल्द ही ठीक हो जाये।
आरव उस आदमी के पीछे गया और बोला- भाई साहब, आपका कौई हॉस्पिटल में एडमिट है क्या? वह आदमी मुड़ा और बोला- जी हाँ साहब, मेरी पत्नी है। तो आरव ने बोला- कितने पैसे की जरूरत है? आदमी- 30 हजार साहब!
आरव ने पैसे निकाल कर दे दिए। तब वह आदमी रोने लगा। आरव- मैं आपका दुख समझ सकता हूँ, मेरी भी बीवी हॉस्पिटल में है इसलिए अपनी बीवी का इलाज करवाओ।
और जाते जाते आरव ने यों ही पूछ लिया- आप उस औरत से पैसे क्यों मांग रहे थे? आप जानते हैं उसे? वह आदमी- जी हाँ साहब, वह औरत मेरे पास से एक केमिकल ले गई थी। मैं केमिकल की शॉप में काम करता हूँ। यहाँ ये दिखी तो मैंने सोचा कि मैंने इसकी मदद की थी, शायद यह भी मेरी मदद करेगी। पर उसने मुझसे कह दिया कि दोबारा मेरे सामने भी मत आना, निकल जाओ यहाँ से… मैं तुम्हें नहीं जानती!
आरव को थोड़ा शक हुआ, उसने पूछा- कौन सा केमिकल लेकर गई थी? तब उस आदमी ने बताया कि उसे ऐसा केमिकल चाहिए था कि उससे मौत न हो पर बाल और खाल को नुकसान करे!
तब आरव को पूरी बात समझ में आने लगी, आरव ने उस आदमी को बोला- ठीक है, आप जाओ! और देखिये मैंने आपकी मदद की पर आप ऐसी मदद किसी को दोबारा न कीजिएगा कि किसी को नुकसान हो! ऊपर वाला सब देखता है, आपने बुरा किया तो आपके साथ भी अंजाम बुरा ही हुआ!
वह आदमी- जी साहब, अब मैं कभी ऐसा नहीं करूँगा, आज मेरी आँखें खुल गई!
जाते जाते वह आदमी बोला- साहब, जब मैंने उस औरत से पूछा कि केमिकल क्यों चाहिए तो उसने बोला कि किसी को पाने के लिए! और फिर बोली- तुम्हें इससे क्या मतलब?
आरव को पूरी बात समझ में आ गई, उसने जाते जाते उस आदमी से बोला- तुमने जो केमिकल दिया था, उसका इस्तेमाल मेरी बीवी पर हुआ है और अब वह हॉस्पिटल में एडमिट है।
वह आदमी आरव के पैरों में पड़ गया, रोने लगा- मुझे माफ़ कर दें साहब, मैंने नहीं सोचा था कि मेरी वजह से किसी की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। मैंने आपके साथ बुरा किया, फिर भी आप मेरा भला कर रहे हैं।
आरव- क्योंकि आज मैं आपके साथ बुरा करता हूँ तो उसका अंजाम भी बुरा ही होगा, कभी ना कभी मुझे वह भुगतना पड़ेगा इसलिए मैंने आपको माफ़ किया! आप अपनी बीवी का इलाज करवाएँ।
फिर आरव इशिता को हॉस्पिटल से घर लेकर आया और 2-3 दिन बाद आरव ने अपना ट्रान्सफर दूसरे दूर शहर में करवा लिया, अचानक दोनों ने शहर छोड़ दिया।
उसके बाद जब नैना आरव के घर आई तो देखा घर पर ताला लगा हुआ था। पडोसी से पूछा तो पता चला कि वे लोग शहर छोड़ चुके हैं।
जब नैना ने आरव को फोन लगाया, तब आरव ने बताया- नैना, हमने तुमको हमारी फ्रेंड माना था और हमारे साथ ही तुमने ऐसा किया? नैना को सब समझ में आ गया। आरव- तुम्हें क्या लगता है कि तुम इशिता के चेहरे को बिगाड़ दोगी तो मैं तुम्हारा हो जाऊँगा? मैं इशिता से प्यार करता हूँ, उसके रूप से नहीं!
नैना- मुझे माफ़ कर दो, मैं तुम्हारे प्यार में अंधी हो गई थी… मुझे माफ़ कर दो! आरव- ठीक है, मैंने तुम्हें माफ़ किया। अब से हमें संपर्क करने की कोशिश मत करना क्योंकि अब से यह नंबर भी मैं बंद कर रहा हूँ। तुम अपनी जिंदगी जीओ और हम हमारी! और फोन काट दिया।
5 साल बाद आज आरव और इशिता दोनों ख़ुशी से अपनी जिंदगी जी रहे हैं, आरव ने इशिता की प्लास्टिक सर्जरी करवा दी है और इशिता पहले जैसी ही खूबसूरत लगने लगी है।
वहाँ नैना भी अब अपना ब्यूटी पार्लर संभाल रही है और एक बच्चे की माँ है जिसका पिता आरव है। नैना आज भी आरव की सुहागन बन जी रही है।
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मैं आप लोगों के सुझाव पर ही कहानी लिखता हूँ, किसी का कोई सुझाव हो नई कहानी के विषय पर तो जरूर भेजें ताकि मैं उस विषय पर कहानी लिखूँ। कृपया माँ, बहन, गे और रिश्तेदार की कहानी के आग्रह न भेजें क्योंकि कहानी में सीख मिल सके ऐसे आग्रह ही भेजें।
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