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दोस्तो, मेरी कहानियाँ पढ़कर मुझे आप लोगों से बहुत मेल आते हैं, जिनमें से कुछ पाठक दोस्त मुझे इन कहानियों का किरदार मान लेते हैं और बड़े रोचक प्रस्ताव देते है। दोस्तो, मेरी सभी कहनियाँ आप लोगों के बीच से ही निकल कर आती हैं। अब अपने अनुभवों को हर आदमी शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता तो मैं उसका माध्यम बन जाता हूँ। जो कुछ भी हम सोचते हैं, यकीन मानिए दुनिया में वो कहीं न कहीं, किसी न किसी के मध्य हो रहा होता है। आज की दुनिया में सब संभव है, हर एक को रोमांच चाहिए। आज के विवाहित जोड़े जीवन में रोमांचक सेक्स चाहते हैं, चाहे उसके लिए उन्हें कितना भी आगे जाना पड़े और इसमें वो पति पत्नी पूरा मजा लेते हुए एक दूसरे को सहयोग भी करते हैं।
मेरी आज की कहानी एक ऐसे ही जोड़े की कहानी है।
मनोज और डिम्पल का विवाह हुए 12 साल हो गए, ये लोग लखनऊ रहते हैं। उनका एक ही बेटा है जो देहरादून हॉस्टल में पढ़ता है। मनोज एक कंपनी में मार्केटिंग है और डिम्पल एक कान्वेंट स्कूल में टीचर… दोनों की कमाई अच्छी है और जीवन उन्मुक्त! डिम्पल अपने खुले और फैशनेबुल ड्रेस सेंस के लिए अपनी दोस्तों में मशहूर है तो मनोज आशिक मिजाज सोच के लिए। मनोज और डिम्पल दोनों को ही सेक्स में रोमांच पसंद है।
मनोज ने अपने घर में होम थिएटर लगा रखा है, उस पर फुल स्क्रीन में पोर्न फिल्म देखना उन दोनों को बहुत अच्छा लगता है। डिम्पल तो अपनी सहेलियों के साथ भी कई बार मूवी देख लेती है। मनोज, डिम्पल को बाहर घूमना और पार्टी करने का भी शौक है। महीने में एक दो बार तो उनके घर फ्रेंड्स पार्टी हो ही जाती है। ड्रिंक्स और डिनर के साथ नॉन वेज मजाक… मगर मनोज सेक्स के मामले में डिम्पल के प्रति बहुत वफादार है, पर रोज रोज की पोर्न मूवीज ने अब उनकी सोच बदलनी शुरू कर दी है।
अब मनोज मूवी देखते समय या बेड पर डिम्पल को उकसाता कि एक बार वो दो लोगों के साथ सेक्स करे। डिम्पल भी उससे कह देती कि देखा जाएगा पर अगर मनोज चाहे तो वो अपनी किसी सहेली को पटा लेगी और दोनों के साथ मनोज सेक्स कर ले। पर बात यहीं ख़त्म हो जाती।
मनोज खुद तो किसी दूसरी के साथ सेक्स करने में ज्यादा इंटरेस्टेड नहीं था पर उसे इस बात की धुन लग गई थी कि एक बार डिम्पल दो लोगों से चुदे। अब वो दोनों सेक्स के दौरान अक्सर यही बात करते कि अगर एक और आ जाये तो आज तो डिम्पल की फाड़ ही देंगे वगैरह वगैरह…
डिम्पल की बड़ी बहन मुक्ता दिल्ली रहती थी और उसके पति दीपक व्यापार करते थे, उनका भी हर महीने लखनऊ आना होता था। मुक्ता डिम्पल से केवल एक साल बड़ी थी, दोनों बहनों में गहरी छनती थी और इनके बीच सब कुछ खुला था।
मुक्ता सौम्य और शांत स्वभाव की लड़की थी पर थी बहुत सुंदर और भरे शरीर की! वो अपने पति की बहुत लाड़ली थी और दीपक और मुक्ता की सेक्स लाइफ मनोज डिम्पल जैसी रोमांचक तो नहीं थी पर सेक्स नियमित था। दीपक मनोज जितना ही मस्त और रंगीला था। उसकी और मनोज की हंसी मजाक और ड्रिंक्स खुली हुई थी। दीपक और डिम्पल की छेड़छाड़ बहुत रहती थी। डिम्पल दीपक की लाड़ली साली थी, वो तो जब भी मुक्ता के पास जाती तो दीपक से हर समय चिपटी रहती तो मुक्ता भी हंस कर उन्हें छूट दे देती थी। उनके बीच कुछ भी गलत नहीं होते हुए भी कुछ ऐसा था कि अनजान देख ले तो शक करे।
डिम्पल बिल्कुल साली आधी घरवाली की तरह ही दीपक के साथ मस्त रहती। दीपक जब भी लखनऊ आता, डिम्पल ‘जीजू जीजू…’ करके उसका बहुत ध्यान रखती और दीपक भी हमेशा ही उसके लिए कुछ न कुछ गिफ्ट लाता, चाहे वो गिफ्ट भले ही मुक्ता ही भेजती थी। रात को दीपक और मनोज ड्रिंक्स लेते, हंसी ठट्ठा करते!
दीपक का मनोज के पास फोन आया कि परसों वो आ रहा है दो दिन के लिए, उसे सचिवालय में कुछ काम था। मनोज ने डिम्पल को शाम को घर आते ही बता दिया तो डिम्पल ने तुरंत दीपक को फोन किया कि जीजू जब मेरे घर आ रहे हो तो मुझे बताना चाहिए या मनोज को? अब आप मनोज के साथ ही उसके ऑफिस में रहना…
बात हंसी की थी, मनोज का मूड बढ़िया था, उसने डिम्पल को कहा- आज डिनर बाहर से मंगा लेते हैं, तुम मेरे साथ बैठो… डिम्पल समझ गई कि मनोज का ड्रिंक का मूड है, उसने फटाफट रोस्टेड काजू और कटलेट्स बना दिए और मनोज की ड्रिंक की ट्राली सजा लाई।
मनोज ने कपड़े बदल लिए थे, उसने डिम्पल से भी चेंज करने को कहा। डिम्पल चेंज का मतलब जानती थी, वो सूट बदल कर केवल एक फ्रॉक पहन कर आ गई। बॉडी स्प्रे की मदहोश गंध और फ्रॉक से झांकती उसकी चिकनी जांघों ने मनोज की मस्ती और बढ़ा दी। डिम्पल मनोज की गोद में बैठ गई और ड्रिंक बना दी।
मनोज ने पहला सिप उसी से करवाया और स्क्डिम्पलपर मूवी चला दी। जैसा कि वो आजकल अक्सर ऐसी ही मूवी देख रहे थे जिसमें एक लड़की को दो लोग चोद रहे होते हैं, आज की मूवी में भी यही था कि मियाँ बीवी चुदाई में लगे हैं, तभी मियाँ का दोस्त आ जाता है और तीनों मिलकर सेक्स का मजा लेते हैं। हॉट मूवी, डिम्पल की जवानी और ड्रिंक के सरूर ने आज कहर ढा दिया। मनोज ने तो आज दीपक का नाम ले लिया और डिम्पल से बोला- परसों मैं और तेरे जीजू मिलकर तेरी चुदाई करेंगे। डिम्पल बोली- मेरे जीजू शरीफ आदमी हैं, वो एसा नहीं करेंगे और मैं भी मुक्ता के साथ ऐसा नहीं कर सकती। पर मनोज ने उसकी चूत में उंगली कर करके उसे मना ही लिया। आखिर डिम्पल इस बात के लिए तैयार हो गई कि अगर दीपक पहल करता है तो वो कर लेगी, पर कभी भी दीपक या मनोज मुक्ता को नहीं बताएँगे और यह सिर्फ इसी बार ही होगा।
मनोज ने उसकी सहमति पाकर आज वो मस्त चुदाई करी कि डिम्पल तो बस निहाल ही हो गई। मनोज ने उससे यह वादा ले लिया कि दीपक को कुछ वो उकसाएगा, कुछ डिम्पल को भी उकसाना होगा तभी तो दीपक की शर्म हटेगी!
डिनर करके रात को दोनों ने एक बार और बेड पर धमाल मचाया और नंगे ही सो गए। डिम्पल का मन भी अंदर से तो उछल रहा था क्योंकि दीपक उसे अच्छा भी बहुत लगता था और कितनी बार उसने दीपक को अपने मम्मों की ओर झांकते हुए और उसके खड़े हुए लंड के उभार को भी देखा है। चुम्मी तो दीपक ने उसकी कितनी ही बार ली है।
सोमवार को सुबह शताब्दी से दीपक आ गया, मनोज ने उसे स्टेशन से ले लिया और वहीं से दीपक मनोज की गाड़ी लेकर अपने काम निपटाने चला गया। उधर डिम्पल 11 बजे करीब ब्यूटीपार्लर चली गई और फुल बॉडी टोन अप कराकर लौटी। आज तो उसकी स्किन ग्लो कर रही थी। मनोज ने उससे चूत कल ही चिकनी करवा ली थी… सुबह जाते समय डिम्पल ने मनोज को किस करते हुए पूछ लिया था- आर यू रियली सीरियस… कुछ गलत तो नहीं हो जाएगा? अगर जीजू बुरा मान गए या उन्होंने मना कर दिया तो? मनोज ने डिम्पल को बाहों में भर कर कहा- तुम जैसी अप्सरा को देख कर दीपक की क्या औकात कि वो मन कर दे! और ड्रिंक के दौरान दीपक से उसने पूछा था कि अगर मौका मिले तो दोनों मिल कर बाहर कहीं मजे लें तो दीपक ने हंस के बस यही कहा था कि बस घर वालियों को नहीं पता चलना चाहिए।
मनोज ने डिम्पल से कहा कि उन्हें तो सिर्फ दीपक को उकसाना है, अगर दीपक पहल करता है तो फिर डिम्पल को आगे आना होगा। डिम्पल मुस्कुरा दी।
दीपक ने काम निपटाकर 4 बजे मनोज को फोन किया तो मनोज ने उससे कहा- तुम घर पहुँचो, कुछ खाओ पियो, मैं 6 बजे तक आता हूँ।
दीपक सीधा घर आ गया। मनोज ने डिम्पल को फोन कर के बता दिया और प्यार से यह भी कह दिया कि दीपक का ख्याल रख लेना। डिम्पल समझ गई वो क्या कहना चाह रहा है।
डिम्पल फटाफट फ्रेश हो गई, उसने एक लॉन्ग स्कर्ट और टाईट टॉप पहना। उसने पैडेड ब्रा पहनी थी, जिससे उसके मम्मे कुछ ज्यादा ही मस्त नजर आ रहे थे। हाई हील और ऑरेंज नेल पेंट्स से वो क़यामत ढा रही थी।
डोर बेल बजी, दीपक था, उसने डिम्पल को देखते ही सीटी मारी, दरवाजा बंद कर के डिम्पल दीपक से लिपट गई, बोली- जीजू, सुबह से अब आये हो? कुछ खाया भी नहीं होगा।
वैसे तो वो दीपक से हमेशा ही लिपटी थी पर आज उसके मम्मों का दबाव कुछ ज्यादा था और आज चुम्मी दीपक की उसने ली। दीपक तो बस… हाल बुरा हो गया था उसका! वो वाशरूम गया, उसका लंड खड़ा हो गया था डिम्पल के मम्मों के दबाव से! दीपक का मन हुआ कि मुट्ठी मार ले पर उसने अपने को शांत किया और फ्रेश होकर बाहर आया। डिम्पल ने टेबल लगा रखी थी, उसने दीपक के मनपसंद डोसा इडली बनाये थे। डिम्पल ने भी सुबह से कुछ नहीं खाया था, दोनों ने खाना खाया और फिर गप्पें मारने लगे।
आज दीपक की निगाहें डिम्पल से हट नहीं रहीं थी और डिम्पल ने भी दीपक का हाथ छोड़ा नहीं था, बल्कि वो तो दीपक की गोदी में सर रख कर लेट गई थी, दीपक के लंड का उभार उसे मजे दे रहा था।
ऐसे ही 6.30 बज गए और मनोज भी आ गया। दीपक को चाट बहुत पसंद है तो मनोज गोल गप्पे और समोसे लाया था। दीपक से पूछ कर मनोज ने ड्रिंक बना ली और डिम्पल ने पकोड़ी और सेक दी।
इस बीच में मनोज और दीपक चेंज करके आ गए, दोनों ने हाफ पेंट और टीशर्ट पहनी थी।
ड्रिंक का जो दौर शुरू हुआ तो कब 9 बज गए पता नहीं चला। हालाँकि बहुत हल्की ड्रिंक ली थी दीपक और मनोज ने पर सरूर तो हो ही गया था। डिनर की गुंजाइश नहीं थी क्योंकि डिम्पल ने बीच में एक बार और पनीर पकोड़े बना लिए थे।
दीपक हमेशा गेस्ट रूम में सोता था, पर आज मनोज ने सुबह ही गेस्ट रूम में पेट्रोल की महक कर दी थी जिसकी वजह से डिम्पल ने दीपक से अपने बेड रूम में ही सोने को कहा।
दीपक ने कुछ संकोच किया तो डिम्पल बोली- क्या जीजू, इतनी बड़े बेड पर हम तीनों आराम से सो सकते हैं। और अच्छा है जगह कम होगी तो मनोज मुझ से ज्यादा चिपकेगा।
सब हंस पड़े तो दीपक ने भी बेशर्मी से कह दिया- डिम्पल, आज तो तुम्हें बीच में सोना पड़ेगा। डिम्पल की तो मानो मन की मुराद पूरी हो गई।
डिम्पल ने फटाफट नहाकर कपड़े बदले और एक शार्ट नाइट सूट पहन लिया… ब्रा पेंटी का तो कोई मतलब ही नहीं था। उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था। वो जब बाहर आई तो उसने देखा मनोज और दीपक कल वाली पोर्न मूवी देख रहें हैं और आपस में हंस हंस कर मजाक कर रहे हैं।
उसे आता देख मनोज ने मूवी बंद कर दी और बोला- चलो भाई, अब सोते हैं, मुझे तो बहुत जोर से नींद आ रही है। तीनों हंसते हुए बेड रूम की ओर चल दिए।
डिम्पल कोने में लेटी तो मनोज ने उसे धक्का देकर बीच में कर दिया। फरवरी का महीना था, हल्की ठण्ड तो थी ही इसलिए डिम्पल ने एक डबल और एक सिंगल फ्लीस रखी थी। मनोज ने यह पहले ही देख लिया था तो वो जानबूझ कर सिंगल फ्लीस की ओर लेटा, लेटते ही फ्लीस ओढ़ ली और गुड नाइट कह कर आँखें बंद कर लीं।
डिम्पल संकोच से बीच में होने से मनोज की फ्लीस में ही घुसी, मनोज ने डिम्पल से लाइट बंद करने को कहा तो डिम्पल समझ गई कि आज मनोज नहीं छोड़ेगा। लाइट बंद करके जब डिम्पल मनोज की फ्लीस में घुसी तो मनोज बोला- अरे इसमें कहाँ जगह है, आज तुम अपने जीजू के साथ फ्लीस शेयर कर लो।
यह सुन कर दीपक ने भी अपनी फ्लीस को डिम्पल के ऊपर भी डाल दिया।
डिम्पल का दिल जोर जोर से धड़क रहा था, उसने मनोज का हाथ अपने मम्मों पर महसूस किया, जो वो हमेशा करता था। डिम्पल कुछ मनोज की ओर सरकी और अपना हाथ मनोज के लोअर के अंदर करके उसका तना लंड पकड़ लिया।
मनोज सोते सोते बोला- आज तो तुम्हारे दोनों हाथों में लड्डू हैं। डिम्पल बोली- लड्डू या कुछ और?अब दीपक बोला- क्या पहेलियाँ बुझा रहे हो तुम दोनों? डिम्पल हंस पड़ी, बोली- जीजू, आप सो जाओ, मनोज को चढ़ गई है।
मनोज ने डिम्पल के निप्पल को मसलना शुरू कर दिया, उसे मालूम था कि ऐसा करने से डिम्पल की कामाग्नि जग जाती है। डिम्पल बोल उठी- चलो अब सब सो जाओ!
कह कर उसने दीपक की ओर करवट कर ली। दीपक उसे एकटक देख रहा था, डिम्पल ने फुसफुसा कर पूछा- क्या देख रहे हो जीजू… क्या नींद नहीं आ रही? मुक्ता की याद आ रही है क्या? दीपक बोला- आज तुम बदली बदली सी लग रही हो और जब तुम हो तो मुक्ता की क्यों याद आयेगी? डिम्पल ने मुस्कुरा कर दीपक के हाथ को पकड़ लिया और सोने का नाटक करने लगी। अब मनोज उसकी ओर खिसक गया और पीछे से उसके टॉप के अंदर हाथ डाल कर मम्मे दबाने लगा। इधर दीपक का हाथ डिम्पल ने पकड़ा था तो दीपक का हाथ भी डिम्पल की छाती के पास ही था, जब मनोज ने हाथ घुसाया तो मनोज का हाथ डिम्पल और दीपक के हाथ से टकरा गया।
दीपक हंसते हुए बोला- क्यों मनोज, क्या तलाशी ले रहे हो? तो मनोज भी हंसते हुए बोला- देख रहा था कि आप तो तलाशी नहीं ले रहे? इस पर दीपक बोला- क्यों डर लग रहा है? अब मनोज झेंप गया, बोला- नहीं जी, साली तो आधी घरवाली होती है। और आज तो पूरी आपकी है…
डिम्पल ने मनोज को एक थप्पड़ लगाया, बोली- कुछ भी बोलते रहते हो। चलो आप बीच में आओ और सो जाओ!
कह कर डिम्पल उठ कर मनोज वाले कोने में उसकी ओर पीठ करके फ्लीस ओढ़कर लेट गई । मनोज ने पीछे से उसका टॉप उठा कर उसके मम्मे पकड़ लिए और मसलने लगा।
डिम्पल अब गर्म हो चुकी थी, मनोज ने दीपक का हाथ पकड़ा और डिम्पल के मम्मों पर रख दिया। दीपक का हाथ आते ही डिम्पल को पता चल गया, वो बोली- जीजू क्या बदमाशी है? दीपक ने हाथ हटा लिया, पर अब बारी डिम्पल की थी, वो बोली- आपको अच्छा लगता है तो रख लो, चलो मैं बीच में आ जाती हूँ। डिम्पल फिर बीच में आ गई और मनोज ने उसका टॉप उठा दिया और उसका अब एक मम्मा मनोज मसल रहा था तो दूसरा दीपक! डिम्पल भी कसमसाने लगी, उसने मनोज का लंड पकड़ लिया।
मनोज ने उसके दूसरे हाथ को दीपक की शॉर्ट्स के ऊपर रख दिया जो डिम्पल ने खुद ही अंदर कर लिया और दीपक का मोटा लंड अब उसके काबू में था।
अब दीपक और मनोज उसके मम्मे चूस रहे थे और डिम्पल के दोनों हाथों में एक एक लंड था। मनोज ने अब उसका मम्मा छोड़ा और नीचे होकर डिम्पल की शॉर्ट्स उतार दी और उसकी चूत में अपनी जीभ दे दी।
डिम्पल की चूत तो पानी छोड़ रही थी, अब डिम्पल ज्यादा कसमसाने लगी और दीपक के होठों से उसने अपने होंठ मिला दिए। डिम्पल दीपक के लंड को जोर से मसल रही थी और दीपक भी बेचैन हो रहा था। डिम्पल ने दीपक के लंड को अपने ओर खींचा तो दीपक बैठ गया और अपना लंड डिम्पल के मुँह में दे दिया।
डिम्पल लपर लपर करके उसका लंड चूसने लगी। मनोज ने अब अपने कपड़े उतार फेंके थे और अब उसने डिम्पल की टांगें चौड़ी की और अपना लंड घुसेड़ दिया उसकी चूत में!
डिम्पल के मुँह में दीपक का लंड था तो चूत में मनोज का!
मनोज अपनी स्पीड बढ़ाये जा रहा था और एक झटके में ही उसने डिम्पल की चूत में अपना माल भर दिया। डिम्पल ने पास रखे टॉवल से अपनी चूत साफ़ की, मनोज वाशरूम में चला गया। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
दीपक बिना देर किये सीधा डिम्पल की चूत में घुस गया, दीपक का लंड मनोज के लंड से मोटा था और नई चूत और नए लंड का मिलन था… डिम्पल ने भी सारी शर्म ताक पर रख कर अपना टॉप उतार फेंकी और दीपक को भी नंगा कर लिया।
दीपक ने डिम्पल के दोनों एड़ियों को ऊपर किया और अपना मूसल जोर जोर से डिम्पल की चूत में करने लगा। डिम्पल चिल्लाने लगी- जीजू मजा आ गया! और जोर से करो! उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय मुक्ता को कितना मजा आता होगा। जीजू आप ऐसे ही आते रहा करो और अपनी साली चुदाई किया करो। दीपक ने अब डिम्पल को घोड़ी बनाया, पीछे से घुस गया उसकी चूत में और अपने हाथों से उसके मम्मे मसलने लगा।
मनोज भी वाशरूम से बाहर आ गया था और मजा लेकर चुदाई देख रहा था। डिम्पल ने उसको बुलाया और उसका लंड मुँह में ले लिया।
दीपक के धक्के बढ़ गए थे और एक धमाके से उसने भी डिम्पल की चूत में सारा माल छोड़ दिया।
डिम्पल भागी वाशरूम में, पीछे पीछे दीपक भी आ गया। अब मनोज भी अंदर ही आ गया, डिम्पल ने बाथटब में खड़े होकर शावर खोल लिया। दीपक और मनोज भी उससे चिपट गए। पानी की गर्म फुहार और नीचे फनफनाते हुए लंड और लपलपाती चूत… एक बार फिर गुत्थम गुत्था हो गई।
हालाँकि लंड अभी खड़े नहीं हो पाए थे पर फिर भी चूत में तो घुस ही गए थे। नहा कर तीनों नंगे ही चिपट कर सो गए।
रात को तीन चार बजे करीब दीपक ने डिम्पल की चूत पर एक बार फिर धावा बोल दिया। मनोज तो खर्राटे ले रहा था।
डिम्पल अबकी बार दीपक के ऊपर चढ़ कर बैठ गई और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में घुसा लिया और जोर जोर से उछल उछल कर चुदाई करने लगी।अब दीपक ने उसको नीचे पलटा और वापिस उसके ऊपर चढ़ कर चुदाई करी और उसके ऊपर ही इसे लेट गया कि उसका वजन डिम्पल पर ना पड़े। उसने अपना सारा माल डिम्पल की चूत में खाली कर दिया।
पौंछने के लिए वो उठना चाह रहा था पर डिम्पल ने उसे चिपटा लिया और अलग नहीं होने दिया। बड़ी मुश्किल से दीपक ने अपने को छुड़ाया, वाश रूम जाकर अपने को साफ़ किया और डिम्पल के पास आकर सो गया।
अगले दो दिन उन लोगों ने जम कर चुदाई की… मनोज के मन की पूरी हो गई थी और डिम्पल को भी दो दो लंड से चुदने का मजा मिल गया था। दीपक आज जा रहा था और अब उसके भी मन में थी कि काश मुक्ता भी एक बार मनोज से ऐसे ही चुद ले।
उसने मनोज से यह बात कही तो मनोज बोला- दीपक, यह तो मेरा मन था इसलिए हो गया और डिम्पल भी तुमसे खुली हुई थी, इसलिए उसे भी कोई परेशानी नहीं हुई। पर मुक्ता को ये अच्छा नहीं लगेगा और जो प्यार हम दोनों परिवारों का है, शायद वो खतरे में पड़ जाए, इसलिए यह खेल यहीं तक ठीक है और आगे भी होगा या नहीं पता नहीं क्योंकि डिम्पल ने यह वादा लिया था कि बार केवल इसी बार…
दोस्तो, कैसी लगी आपको यह कहानी… यह एक सच्चा वाकिया है और दीपक और मनोज के परिवार आज हंसी ख़ुशी से रह रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो। किसी भी ऐसी रिलेशनशिप को एक मुकाम पर रोक देना हमेशा हितकर होगा। यह मनोज ने साबित किया। [email protected]
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