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मेरे प्यारे दोस्तो.. आप सबकी इच्छा पर मैंने अपनी सुहागरात की सेक्स स्टोरी लिखने का तय किया है। मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सब लोगों को मेरी ये कहानी अच्छी लगेगी।
वैसे मैंने पहले ही अपने बारे में अपनी कहानी देवर ने ब्लू-फिल्म दिखा कर फंसाया और चोदा में सब कुछ बताया है.. इसलिए आप लोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए मैं सीधे अपनी कहानी शुरू कर रही हूँ।
मेरी शादी की रात सारी रस्में खत्म होने के बाद मेरी ननद मुझे एक कमरे में ले कर गई.. जो पहले से फूलों और दूसरी सजावटी चीजों से सजा हुआ था, साथ ही उस कमरे में से एक अलग ही खुशबू आ रही थी।
मुझे कमरे में छोड़ कर मेरी ननद चली गई और फिर मैं अपना घूँघट काढ़ कर बिस्तर पर बैठ गई और पति का इंतजार करने लगी।
उस समय मेरी हालत बहुत बुरी हो रही थी क्योंकि उस रात में किसी और की होने वाली थी, अन्दर से थोड़ा डर भी लग रहा था और उत्साह भी था कि आज मेरी चुदाई होने वाली थी।
कुछ समय मैं कमरे में अकेली ही बैठी थी.. पर थोड़ी देर बाद कमरे के बाहर से लड़कियों की हँसने की आवाज आई.. फिर मेरे कमरे का दरवाजा खुला और मेरे पति ने कमरे में अन्दर आकर दरवाजा बन्द कर दिया।
मेरे पति मेरे पास आकर बैठ गए और मेरा घूँघट उठाने लगे, मैं शर्म के मारे अपनी आँखें बन्द करके बैठी थी।
फिर मेरे पति ने मेरी ठोड़ी को उठा कर मेरा चेहरा अपनी ओर घुमाया.. तो मैंने धीरे से उनकी आँखों में देखा, उनकी आँखों में मुझे एक अलग ही किस्म की शरारत दिख रही थी, मैं भी हल्के से मुस्कुरा उठी।
फिर थोड़ी देर तक वे मेरे साथ प्यार भरी बातें करने लगे.. और इसी दौरान उन्होंने मुझे धीरे से अपनी बांहों में भर लिया, मैंने भी समर्पण करते हुए उनका साथ दिया।
अब उन्होंने अपने हाथों से मेरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया और फिर मेरी ओर अपना मुँह लाकर पहले मेरे सर पर चूमा और फिर गालों पर किस करते हुए मेरे होंठों को चूमना चालू कर दिया।
उनके चुम्बन के दौरान मैंने भी अपने हाथों को उनके गालों पर सहलाते हुए किस करने में उनका साथ देना चालू कर दिया।
फिर धीरे से किस करते हुए वो आगे बढ़ने लगे और मेरी गर्दन पर चुम्बन करने लगे। इसी दौरान उन्होंने मेरी साड़ी का पल्लू हटा कर मेरे ब्लाउज पर से ही मेरे मम्मों को दबाना चालू कर दिया और मेरे गर्दन पर और जोर से किस करने लगे। इस सब में मुझे कुछ अलग ही मजा आ रहा था और धीरे धीरे मैं गर्म भी हो रही थी।
कुछ पलों बाद वो मेरे गले में से मेरे गहने निकाल कर बाजू में रखने लगे.. साथ ही साथ वे मेरे शरीर को किस भी करते जा रहे थे। कुछ मिनट में ही उन्होंने मेरे सारे गहने निकाल दिए.. फिर मेरी साड़ी को निकाल कर मुझे ब्लाउज और पेटीकोट में ला दिया।
मुझे अब थोड़ी अधिक शर्म आ रही थी.. तो मैंने अपनी आँखें बन्द कर दीं। वो मुझे बांहों में भरके मुझे फिर से किस करने लगे। मुझे भी थोड़ा जोश आ रहा था.. तो मैं भी उनके शरीर पर किस करने लगी।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और वो मुझ पर छा गए। इसके बाद वो मेरे होंठों को किस करते हुए अपने हाथों से मेरे मम्मों को दबाने लगे। मुझे भी मजा आने लगा, वो बहुत जोर-जोर से मेरे मम्मों को मसलने लगे।
मुझे कुछ दर्द सा होने लगा था.. इस वजह से मेरे मुँह से आवाज निकलने लगी, पर वो मेरे होंठों को अपने होंठों से बन्द करके मेरी आवाज को दबा दे रहे थे। मुझे दर्द तो हो रहा था पर साथ में मजा भी आ रहा था।
फिर वो मेरे ऊपर से हटे और मुझे बिठा कर मेरा ब्लाउज निकालने लगे। मैं थोड़ा शर्माने लगी.. फिर भी उन्होंने मेरा ब्लाउज़ निकाल दिया और अब मैं ब्रा में रह गई। उन्होंने भी अपनी शर्ट और बनियान निकाल दी और ऊपर से नंगे हो गए।
उनके खुले शरीर को देख कर मुझे कुछ कुछ होने लगा था.. लेकिन मुझे साथ में बड़ी शर्म भी आ रही थी। मैं अपनी ब्रा को हाथों से छुपा रही थी.. तो वो मेरे हाथों को खोलने की कोशिश कर रहे थे।
जब उनकी हाथ हटाने जोर बढ़ा तो मैंने उनसे लिपट गई और उनकी गर्दन पर किस करने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.. तो मैं उनका साथ देने लगी और वो भी मेरी गर्दन पर किस करते हुए मेरी ब्रा का हुक खोलने लगे।
फिर उन्होंने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा को हटा दिया मेरी चूचियाँ नंगी हो गई और हम दोनों ऊपर से पूरे नंगे हो गए थे।
इसके बाद उन्होंने गालों पर किस करते हुए मेरे मम्मों को चूमना चालू कर दिया। फिर मेरे निप्पलों को अपने दांतों से हल्का-हल्का काटने लगे.. और साथ में मेरे मम्मों को जोर-जोर से मसलने लगे।
इस सब में मुझे बहुत मजा आ रहा था तो मैं अपने हाथ से उनका सर मेरी नंगी चूची पर खींचने लगी.. और इससे वो भी बड़े जोश में आकर मेरे मम्मों से खेलने लगे।
थोड़ी देर मेरे मम्मों के साथ खेलने के बाद वो अपना एक हाथ धीरे से मेरी चुत की ओर ले गए और पेटीकोट के ऊपर से ही मेरी चुत को अपने हाथ से मसलने लगे।
फिर उन्होंने मुझे इशारे से कहा- इसे निकाल दो.. मैं तुरंत खड़े होकर अपना पेटीकोट निकालने लगी.. और इसी समय उन्होंने भी अपनी पैंट निकाल दी। अब हम दोनों अब सिर्फ अंडरवियर में आ गए थे।
इतनी देर के प्रेमालाप में हम दोनों एक-दूसरे के साथ खुल गए थे और मेरी शर्म भी अब चली गई थी।
पेटीकोट निकालने के बाद मैं सिर्फ पेंटी में ही बिस्तर पर लेट गई और वो मेरे पास आकर बैठ कर मुझे किस करते हुए अपने एक हाथ से मेरे मम्मों को दबाने लगे और दूसरे हाथ से मेरी चुत को सहलाने लगे।
मैंने पहले से ही अपनी चुत के बालों को साफ करके रखा था.. इसलिए वो बहुत खुश हुए और मुझसे अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने मेरे हाथ को अपने अंडरवियर पर रख दिया।
उनकी अंडरवियर गीली हो गई थी और मैं उनके कड़क लंड को अंडरवियर के ऊपर से महसूस कर सकती थी। उनके बड़े लंड को अंडरवियर के बाहर से महसूस करने के बाद मैं अंडरवियर के अन्दर हाथ डाल कर उनके लंड को मसलने लगी।
तभी मेरे मुँह में से निकल गया- अब नहीं रहा जा रहा है.. इस मेरे अन्दर डाल दो!
फिर क्या था.. वो भी इसी बात का इंतजार कर रहे थे और फिर उन्होंने बिस्तर के नीचे से एक पैकेट निकाला, जो कि कंडोम का था। उस पैकेट से एक कंडोम निकाल कर उन्होंने मेरे हाथ में रख दिया और कहा- लो तुम ही पहना दो इसे!
मैंने उनकी अंडरवियर निकाल दी और उनके 7 इंच के लंड पर कंडोम लगाकर थोड़ी देर हल्के हाथों से लंड को मसलने लगी।
अब उन्होंने मुझे बिस्तर पर चित लेटा कर मेरी पेंटी निकाल दी और मेरी नंगी चूत को सहलाने लगे, फिर अपनी एक उंगली डाल कर मेरी चूत में उंगली को अन्दर-बाहर करने लगे।
पहली बार मेरी चूत में किसी और की उंगली गई थी.. इसलिए मुझे कुछ अलग ही मजा आ रहा था। थोड़ी देर में ही वे मेरी चूत में दो उंगलियां डाल कर थोड़ा जोर-जोर से चूत में फिंगरिंग करने लगे।
मेरी चूत में उंगली डालने की वजह से पूरे रूम में हल्की सी ‘फच..फच..’ की आवाज गूँजने लगी थी।
अगले ही पल वो मेरे ऊपर आ गए और मेरी नंगी चूत पर अपना लंड घुमाने लगे और फिर अपने लंड को मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगे।
दोस्तो.. इधर मैं आपको बता दूँ कि इससे पहले मैंने कभी किसी से चुदाई नहीं थी और खुद ही अपनी चूत में मुश्किल से दो उंगलियां डाल पाती थी.. इसलिए मेरी चूत का छेद छोटा सा था।
शायद इसलिए मेरे पति को मेरी चूत में लंड डालने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी। जब वो अपना लंड मेरी चूत में डाल रहे थे.. तब मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था क्योंकि उनका लंड मोटा था और मेरी चूत छोटी थी, इसलिए दर्द होना लाजिमी था।
इस वजह से मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगीं और कुछ समय में ही उन्होंने जोर से झटका लगा दिया और अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया। लंड घुसने के साथ ही मेरे मुँह से एक जोर से चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
लंड बहुत मोटा था, जिससे मुझे बेहद दर्द हो रहा था। मैं जोर-जोर से आवाज निकाल रही थी, फिर भी वो रुकने का नाम नहीं रहे थे और मेरी चूत में अपना लंड बार-बार अन्दर-बाहर किए जा रहे थे।
थोड़ी देर बाद वो रुके और अपना लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला, तब मैंने देखा कि मेरी चूत खून से लाल हो गई थी। उन्होंने पास में पड़े कपड़े से मेरी चूत को साफ किया और अपने कंडोम पर लगे खून को भी साफ किया।
अब उन्होंने मुझे किस करना चालू किया और जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ.. तब वो फिर मेरी नंगी चूत में अपना लंड डालने लगे।
पर इस बार जब उन्होंने अपना लंड डाला, तब पहले के मुकाबले कम दर्द हुआ। अब उन्होंने अपने लंड को हल्के-हल्के से मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदना चालू किया।
थोड़ी देर हल्के-हल्के झटके मारने के बाद उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ाई और जोर-जोर से मेरी चूत में अपना लंड डालने लगे, पर इस बार दर्द कम हो रहा था और मजा ज्यादा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद मेरी चूत में से पानी निकलने लगा था.. पर वो तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे और मेरी धकापेल चुदाई किए जा रहे थे। चुदाई के साथ वो मेरे मम्मों को दबाते और भंभोड़ते हुए मुझे किस भी कर रहे थे।
इससे हुआ ये कि थोड़ी ही देर बाद फिर से मेरी चूत मजा लेने लगी और कुछ ही पलों बाद चूत फिर अपना पानी निकालने लगी। इतने में ही उनका लंड भी अपना पानी छोड़ने लगा।
थोड़ी देर वो मुझ पर ही ढेर हो गए और मैंने तृप्त होकर उनको किस करते हुए अपनी बांहों में भर लिया।
कुछ देर बाद हम दोनों अलग हो गए और थोड़ी देर अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगे।
करीबन दस मिनट बाद मैं उनके लंड को धीरे-धीरे सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद वो दूसरा राउंड लेने के लिए तैयार हो गए और उन्होंने अपने लंड पर से कंडोम निकाल दिया। वो कंडोम लंड के पानी से काफी भर गया था.. ये देख कर मैं थोड़ी हैरान हो गई कि मेरी चूत में आज इतना पानी चला जाता तो मैं अभी से ही प्रेग्नेंट हो जाती।
फिर उन्होंने मेरे हाथ में दूसरा कंडोम रख दिया और मैंने भी वक्त न गंवाते हुए उनके लंड पर कंडोम लगा दिया।
अब उन्होंने मुझसे कहा- मैं नीचे लेट जाता हूँ और तुम मेरे लंड पर अपनी नंगी चूत लगा कर.. मेरे लंड पर उछलो।
जैसा उन्होंने बताया.. वैसे ही मैं उनके लंड पर बैठ कर उछलने लगी और मज़े से चुदवाने लगी। थोड़ी देर ऐसे पोज़ में चुदाई के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और वो खुद बिस्तर से नीच उतर गए। अब उन्होंने बिस्तर के पास खड़े हो मेरे एक पैर को अपने कंधे पर रख लिया और मेरी चूत को खड़े-खड़े चोदना चालू कर दिया।
उस पोज़ में उनका पूरा लंड मेरी चूत में जा रहा था और मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था। ऐसे ही चुदाई के दौरान हम दोनों फिर एक साथ अपना पानी छोड़ दिया और फिर हम दोनों बिस्तर पर साथ लेट कर प्यार भरी बातें करने लगे।
करीब एक घंटे बातें करने के बाद वो मेरी गांड को सहलाने लगे और मुझसे कहा- अगर तुम तैयार हो.. तो एक राउंड पीछे से भी ले लूँ!
फिर मैंने भी मुस्कुरा कर ‘हाँ’ में जवाब दे दिया।
अब उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अपना लंड मेरी गांड पर घुमाते हुए अन्दर डालने की कोशिश की.. पर मेरी गांड बहुत टाइट होने की वजह से उनका मोटा लंड मेरी गांड में जा नहीं रहा था। गांड में लंड डालने के दौरान मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. तो फिर उन्होंने पास में रखी तेल की बोतल मेरे हाथ में दे दी।
मैंने उनका मतलब समझते हुए उनके लंड की तेल से मालिश की और उन्होंने मेरी गांड के छेद में तेल डाल कर उंगली से छेद को तेल से तर कर दिया।
फिर वे अपने लंड को हाथ से सहलाते हुए मेरे पीछे आए और मेरी गांड में लंड डालने लगे। जब गांड में लंड गया, तब तेल लगा लंड होने की वजह से वो मेरी गांड में तो चला गया.. पर मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
मैंने उनको मना करने की कोशिश की, पर वो नहीं मान रहे थे और उन्होंने मेरी गांड की चुदाई जारी रखी। मुझे बहुत दर्द हो रहा था पर कुछ ही देर में मेरी गांड ने लंड से हार मान ली और मुझे मज़ा भी आने लगा था।
थोड़ी देर की गांड चुदाई के बाद उन्होंने अपने लंड का गर्मागर्म पानी मेरी गांड में डाल दिया और ऐसे मेरी पहली चुदाई पूरी हुई।
चुदाई के बाद हम दोनों बाथरूम में जा कर फ्रेश हो कर आए, फिर नंगे ही एक-दूसरे की बांहों में सोने लगे। मैंने टाइम देखा तो पता चला कि रात के ढाई बज गए थे।
सुबह ही हम दोनों को जल्दी तैयार होना था.. इसलिए मैंने उनको उठाने की ट्राई की.. वो जागे तो, पर वो जागते ही मेरी चुदाई करने की कोशिश करने लगे।
मैं जैसे-तैसे उनसे बच कर बाथरूम में फ्रेश होने चली गई और फिर वो भी फ्रेश होकर रिश्तेदारों से मिलने में बिजी हो गए।
उस रात के बाद अगले दिन रिवाज के मुताबिक एक हफ्ते हम दोनों मेरे पापा के घर रुके थे.. इस लिए सुहागरात के बाद एक हफ्ते तक मुझे मेरे पति के लंड से दूर रहना पड़ा।
रीति रिवाजों के पूरा होने के बाद हम दोनों जम कर लंड चूत चुदाई करते हुए मजा लेने लगे थे।
फिर तो आपको पता है कि कैसे काम की वजह से वो मुझे टाइम नहीं दे पाते थे और इसका फायदा मेरे देवर ने उठा कर मेरी एक साल तक जम कर चुदाई की थी।
अगर आप लोगों ने मेरी वो कहानी नहीं पढ़ी तो आप मेरी वो कहानी जरूर पढ़ना कि कैसे मेरे देवर ने बड़ी चालाकी से मेरी चुदाई की थी।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी सुहागरात की सेक्स स्टोरी.. बताना मत भूलना और प्लीज आप लोगों मुझसे उम्मीद मत रखना कि मैं आप लोगों को अपनी चुदाई करने का मौका दूँगी क्योंकि अब मेरा पति मेरी मज़े से चुदाई करता है और मुझे अब किसी और लंड की तलाश नहीं है.. इसलिए सिर्फ अच्छी बातें करने वाले लोग ही मुझे कमेंट या फिर मेल करें।
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