This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मैं अपने स्टूडेंट कबीर के साथ उसके एक दोस्त नदीम के घर में थी। ‘हाय नदीम? कैसा है?’ ‘अच्छा हूँ तू बता? अचानक कैसे आ गया? अरे! यह तो अपनी इंग्लिश वाली टीचर शहनाज़ मैडम हैं…? कैसी हो मैडम? अन्दर आइये न मैडम!’ ‘आई एम फ़ाइन नदीम!’
मैं और कबीर अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गए, कबीर नदीम को एक तरफ लेकर गया और धीरे से उससे बात की- यार नदीम, मेरी एक हेल्प कर न? ‘हाँ बोल न। दोस्त के लिए जान भी हाज़िर है।’ ‘यार तू कुछ देर के लिए फ्लैट से बाहर जा सकता है?’ ‘अरे मैं दूसरे रूम में चला जाता हूँ। मौक़ा मिला है तो तू चोद ले, शहनाज़ मैडम मस्त माल है यार! सुना है इसके शौहर के दोस्तों से चक्कर है। अभी इस उम्र में भी माल दिखती है। यार मुझे भी दिला न इसकी?’
‘बकवास मत कर, शहनाज़ मैडम अब मेरी गर्लफ्रेंड है, कोई रांड नहीं है।’ ‘ठीक है तू रूम के अन्दर चला जा मैं बाहर हूँ।’ नदीम ने रूम की तरफ इशारा करते हुए कहा।
इसके बाद कबीर मुझे लेकर रूम के अन्दर चला गया।
कबीर ओवरकोट को खुद और मुझको पूरी तरह से सर के ऊपर से ढकते हुए चिपट गया ताकि मेरा शरीर ओवरकोट से बाहर ना निकले। मैंने भी अपने शरीर को अपने स्टूडेंट से सटा दिया।
कबीर ने मुझसे कहा– मैडम, मैं एक बात तो तुझे बताना ही भूल गया। मैं– कौन सी बात? ‘मैंने दोस्त नदीम को तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड बताया तब जा कर राज़ी हुआ। ‘लेकिन तूने ऐसा क्यों किया?’ ‘ऐसा नहीं करता तो कमरा मिलना मुश्किल हो जाता। वह भी आपको चोदने की ज़िद कर रहा था।’ ‘लेकिन मैं इतनी जवान थोड़े ही ना हूँ जो तेरी गर्लफ्रेंड दिखूंगी?’
‘अरे तू अभी भी एकदम जवान दिखती है।’ ‘चल हट पगले… अच्छा अब जल्दी कर, मेरा शौहर बहुत शक्की है।’ मैंने कबीर हाथ पकड़ कर अपने कठोर भरे भरे मम्मों पर रख दिया, उसे करंट सा लगा। मैं बोली- कबीर मेरी प्यास बुझा दो… मैं कब से तड़प रही हूँ।
इतना बोलते बोलते मैंने पैन्ट के ऊपर से ही कबीर के लंड को सहलाना शुरू कर दिया। उसका हाथ भी मेरे मम्मों पर चल रहा था, मैं मुँह से अजीब-अजीब आवाज निकाल रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसका लंड भी अब पूरा तन चुका था, मैंने कहा- बाहर से दिखा यार… देखूं तो तू अपनी टीचर को संतुष्ट कर भी पायेगा? कुछ समय के बाद मैं उठी और उसके घुटनों में बैठ गई, पैन्ट की चैन खोल कर उसका 7″ का लंड बाहर निकाला और एकदम से उस पर टूट पड़ी… जैसे कोई भूखा खाने पर टूटता है- वाह… कबीर तेरा तो बहुत मोटा है। अपनी प्यारी मैडम को इससे चोदेगा न?
‘हाँ मैडम आपका ही है यह!’ ‘बोल कबीर क्या करूँ, आज मैं तेरी मैडम नहीं एक जवान औरत हूँ। अपनी रंडी बनाकर ट्रीट कर मुझे! बोल पहले ब्लो जॉब दूँ या पहले चोदेगा अपनी रंडी टीचर को?’ ‘पहले ब्लो जॉब दो, मुँह में लेकर चूसो लंड को! आआहह्ह…’
ऐसा बोलते ही सेक्स के लिए पागल हो रही मैंने तुरंत झुककर उसका लंड अपने सुर्ख लिपिस्टिक लगे होंठों से चूसते हुए मुँह में ले लिया, मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं उसके लंड को पूरा मुँह में ले कर चूसे जा रही थी।
अचानक उसने मेरे सर को पकड़कर जोर जोर से लंड को मेरे मुँह में चुदाई करना शुरू कर दिया। मैं लंड की भूखी थी, एक सधी हुई पोर्न स्टार की तरह मैं उसके लंड को अपने थ्रोट तक निगल रही थी।
‘आआहह्ह मैडम और जोर से और जोर से…’ वो सिसकारियाँ भरने लगा। फिर ऐसा लगा जैसे गर्म-गर्म लावा उसके लंड से निकल रहा हो, उसका पूरा माल मैं पी गई- वाह कबीर! मजा आ गया।
कबीर ने बताया- यह मेरा पहला मौका था कि किसी लड़की ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं अपनी प्यारी टीचर को इस तरह से चोदूँगा।
हम दोनों कमरे में दीवार के सहारे खड़े थे। मेरे होंठ कबीर के होंठों में थे, एक हाथ मेरी चूची पर और एक हाथ जांघों को सहलाता हुआ मेरी चुत को टटोल रहा था। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
कुछ समय हम ऐसे ही खड़े रहकर एक दूसरे को गर्म करते रहे, उसने धीरे धीरे मेरे टॉप के स्ट्राइप को कंधे से उतारते हुए मम्मों पर हाथ फेरना शुरू किया जिससे उनमें फिर से कठोरता आ गई, बड़े बड़े भरे हुए दूध से सफ़ेद मम्मे छोटी सी गुलाबी ब्रा में कसे हुए थे। और उसका लंड भी धीरे धीरे दोबारा तन गया।
‘मैडम इसको निकाल दूँ?’ उसने मेरे टॉप की दूसरी स्ट्राइप को भी कंधे से उतार दिया। ‘मैं घूम जाती हूँ पीछे से ज़िप खोल कर निकाल दो, सलवटें पड़ गई तो बाहर सब शक करेंगे।’ उसने मेरे पीछे से ज़िप खोली और टॉप को ऊपर खींचते हुए निकाल दिया। अब मैं सिर्फ ब्रा पेंटी और हाई हील की सैंडल में थी।
उसने मेरे खुले हुए काले घने बालों को एक तरफ करके गोरी पीठ पर छोटे से लाल तिल पर एक ज़ोरदार चुम्बन कर दिया। मैं सिसकार उठी।
तभी हमारी नज़र विंडो पर गई, वहाँ नदीम खड़ा हुआ हम दोनों को देख रहा था। कबीर ने चुपके से ही उसको जाने का इशारा किया। लेकिन उसने मुस्कुराकर चुप रहने का इशारा किया।
कबीर धीरे से मुझसे अलग हुआ और रूम से बाहर जाने लगा। ‘क्या हुआ कबीर? कहाँ जा रहे हो? मुझे कंडोम लगा कर चुदवाना पसंद नहीं है।’ ‘नहीं कंडोम नहीं… बस अभी आया।’
वो बाहर जाकर अपबे दोस्त से बोला- क्या कर रहा है यार नदीम? ‘अरे यार, शहनाज़ मैडम को चोद नहीं सकता तो कम से कम उनकी चुदाई देख तो लेने दे यार!’ ‘अरे यार… तू भी न…’ ‘प्लीज यार बस देख ही तो रहा हूँ, तू चोद साली को कुतिया की तरह!’
‘ठीक है, लेकिन ध्यान से वह देख न ले…’ कबीर वापस रूम में आ गया। मैं बेड पर बैठी थी, कबीर ने आते ही मुझको धीरे से तकिये पर गिरा दिया और दूसरा तकिया मेरी कमर के नीचे रखते हुए जालीदार छोटी सी लाल थोंग पेंटी को खीच दिया, पैर ऊपर करते हुए मैंने उसका भरपूर सहयोग दिया।
मेरी ब्रा भी उतारते हुए उसने अपने भी कपड़े उतार दिए, अब हम जन्मजात नंगे थे। मेरी टांगें ऊपर करके बेड के पास बैठ कर उसने अपना मुँह मेरी गोरी गुलाबी चुत पर लगा दिया।
‘आआह्ह ह्हह… कबीर! जोर जोर से चूस मेरी चुत… तू मेरा प्यारा स्टूडेंट है।’ मैंने सिसकारी लेते हुए और टांगें उचकाई और उसके सर पर अपना हाथ रख दिया। उसकी जीभ मेरी गर्म चुत में घुसी हुई थी।
फिर उसने मेरे बड़े बड़े संतरे अपने मुँह में लेकर चूसने शुरू कर दिए और हाथ की उंगली मेरी गर्म गर्म चुत में डाल दी। ‘आआह्ह्ह्ह… कबीर अब रुक मत, जल्दी चोद दे मुझे! मेरी चुत प्यासी हो रही है।’ मुझे अपनी चुत ऐसे लग रही थी जैसे गर्म ज्वालामुखी दहक रहा हो।
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, कुछ समय लंड चूसने के बाद मैं उठ गई और अपने गोल गोल मम्मे उसके मुँह पर रगड़ने लगी, उसने मेरी कठोर चूची मुँह में लेकर चूसनी शुरू कर दी, बोली- अब और मत तड़पाओ… अब मेरी चुत में अपना लंड डाल दो।
उसने भी देरी नहीं की और मुझको घोड़ी बना कर मेरी चुत में अपना मोटा लंड पेल दिया। मैं तड़प उठी ‘उह्ह्ह हाह ह्ह्ह अह्ह ह्ह्ह्ह’ और बोली- इस लोहे के सरिए को बाहर निकालो… मैं मर गई…! तुम आजकल के लड़के देखने में छोटे हो लेकिन तुम्हारा लंड फौलाद है आआहह्ह… धीरे धीरे…
उसने देर नहीं की और अपना पूरा लंड बाहर खींच कर फ़िर से मेरी नंगी चुत में पेल दिया और कमर को कस कर पकड़ लिया और जोर जोर से चुत चोदने लगा।
पहले तो मैं तड़प रही थी, पर अब मुझको मजा आ रहा था और मेरे मुँह से ‘उह्ह… अह्ह्ह… जोर से चोदो… फाड़ दो… फुद्दी को… ओउछ्ह्ह… मर गई आह ओह्ह्ह…!’ निकल रहा था।
मुझे ऐसा करते देख वह और जोर से धक्के मारने लगा। फिर मैंने उसे जोर से पकड़ लिया और अपनी बुण्ड उठा उठा कर उसका साथ देने लगी, वो पूरे उत्साह के साथ अपनी टीचर को चोद रहा था। करीब 10 मिनट बाद मैं झड़ गई, मेरी चुत से पानी निकला और उसके टट्टों को भिगो दिया।
उसने फिर मुझको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और मेरी टाँगें ऊपर करके मेरी पानी से नहाई हुई चुत में अपना लंड डाल दिया। अब मुझको पूरा मजा आ रहा था और मैं बोल रही थी- आज फुद्दी चुदाई का पूरा मजा आया है।
फिर उसने पूरी ताकत के साथ धक्के मारने शुरू कर दिए तो मुझे लगा कि अब वह भी झड़ने वाला है, उसके मुँह से भी अब ‘अह्ह्हह उह्ह ह्ह’ की आवाज आ रही थी। फिर एक गर्म पिचकारी मेरी चुत में पड़ी और उसका सारा माल मेरी चुत के अन्दर ही निकल गया।
‘मैडम! चूसो इसको।’ उसने अपना लंड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया। जो माल उस लंड पर लगा था, मैंने चाट कर पूरा साफ कर दिया।
मैं अपने शौहर की बेरुखी के कारण पहली बार उनके दो दोस्तों से चुदी थी। फिर ऐसा चस्का लगा कि मेरी चुत नए नए लंड लेने को मचलने लगती थी जिसकी वजह से मैं अंसल प्लाजा के पार्क में दो अनजान लड़कों से और एक बिहारी ऑटो वाले से चुदवा चुकी थी, कॉलेज में मुझे रोशन और कई स्टूडेंट्स ने चोदा था।
मेरी चुत नए लंड को देखकर फुरफ़ुराने लगती थी। इस वक्त मुझे अपने पति के दोस्त असलम की काल का इंतज़ार है, उसने मुझे किसी होटल में ले जा कर मेरी चुत चुदाई करने को कहा था।
तो यह थी मेरी सहेली जीनत की अम्मी की चुत चुदाई की कई घटनाएं जो उन्होंने मुझे सुनाई थी। आपको कैसी लगी? [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000