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अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साईट के दोस्तो, मेरा नाम विक्की है। मैं गुजरात में जूनागढ़ सिटी के एक गाँव का रहने वाला हूँ। इस वक्त मेरी उम्र 20 साल है और मैं अन्तर्वासना साईट का एक नियमित पाठक हूँ। यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और यह एक सच्ची घटना पर आधारित है, मेरे जीवन में ये घटना अभी छह महीने पहले ही घटी थी।
बात उन दिनों की है, जब मैं गाँव में पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए शहर आया हुआ था, वहाँ मेरे मामा-मामी रहते हैं। वहाँ मैं डिप्लोमा की पढ़ाई के लिए गया हुआ था, कॉलेज में हॉस्टल ना होने के कारण मैं अपने मामा-मामी के घर पर रहने लगा था।
मेरे मामा-मामी की शादी के दस साल हो गए थे.. पर उनकी एक भी संतान नहीं थी। मेरी मामी की उम्र करीब 30 साल होगी, वो बहुत ही पतली और जवान दिखती थीं। उनका कातिल फिगर देख कर किसी भी लड़के का लंड खड़ा हो सकता है.. उनका नाम अंजलि है।
जब मैं मामा के घर पर गया, तो उन्होंने मेरी अच्छी तरह से खातिरदारी की क्योंकि वो मुझे अपने बेटे की तरह मानते थे।
पहले तो मेरे मन में मामी को चोदने का कोई ख्याल नहीं था, पर जब एक दिन में कॉलेज के लिए घर से निकल रहा था, तब मैंने देखा कि मामी अपने कमरे में कपड़े बदल रही थीं, मैंने देखा कि मामी इस वक्त पूरी तरह से नंगी थीं।
उनका नंगा शरीर देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मामी नंगी अवस्था में बहुत सेक्सी लग रही थीं.. मामी की पतली कमर.. बड़े-बड़े मम्मे और उनकी उठी हुई गांड देख कर कोई भी उसका दीवाना हो सकता था। इस वक्त मामी एक जवान लड़की की तरह दिख रही थीं।
बस इसी समय से मैंने मामी को चोदने का मन में ठान लिया।
मामा के घर का माहौल कुछ ऐसा था कि मामी को चोदने की मेरी मनोकामना जल्द ही पूरी हो सकती थी। मेरे मामा बिज़नेस मैन थे और बिज़नेस के सिलसिले में उन्हें कई दिनों बाहर जाना पड़ता था।
दो दिन बाद मामा को जरूरी काम से जाना पड़ा.. इस बार मेरे घर पर होने की वजह से वो कम से कम बीस दिनों के लिए बाहर चले गए। मैं उस दिन बहुत ही खुश था क्योंकि अब घर में मैं और मेरी सेक्सी मामी ही थे।
उस रात हमने साथ में खाना खाया और फिर हम टीवी देखने लगे। करीब 11 बजे तक टीवी देखने के बाद हम बातें करने लगे। मामी मेरे साथ हमेशा खुल कर ही बातें करती थीं।
वो मुझसे मेरे कॉलेज के बारे में पूछने लगीं- कैसा चल रहा है तुम्हारा कॉलेज? मैंने बताया- बहुत अच्छा.. तो बोलीं- कोई गर्लफ्रेंड बनाई कि नहीं? मैंने कहा- अब तक तो कोई नहीं है।
इस तरह हम दोनों काफी खुल कर बातें करने लगे थे। देर तक बातें करने के बाद मैं अपने कमरे में सोने चला गया और मामी भी अपने कमरे में चली गईं।
मैं कमरे में जाकर सो गया। रात को 3 बजे जब मैं बाथरूम जाने के लिए उठा.. तो मैंने कुछ सीत्कारों की आवाज आती हुई सुनी ‘उह्ह्ह.. आह्ह्ह..’
ये आवाजें मामी के कमरे से आ रही थीं, जब मैंने उनके कमरे की तरफ जाकर देखा, तो मैं दंग ही रह गया। मैंने देखा कि मामी पूरी नंगी होकर एक हाथ से अपनी चुत में कुछ डाल कर आगे-पीछे कर रही थीं और दूसरे हाथ से अपने मम्मों को दबा रही थीं।
जब मैंने गौर से देखा कि जो चीज वो अपनी चुत में डाल रही थीं, वो एक नकली लंड था और उस पर कंडोम लगा हुआ था।
यह देख कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया और मैंने वहाँ खड़े खड़े ही मुठ मार ली। मैं कमरे में अन्दर जाना चाहता था, पर मैं अभी रिस्क लेना नहीं चाहता था।
फिर कुछ देर बाद मामी झड़ गईं और ऐसे ही नंगी अवस्था में सो गईं। मैं भी अपने कमरे जाकर सो गया और मामी को चोदने के सपने देखता रहा।
सवेरे में उठा तो देखा कि मामी नहाकर साड़ी को सेक्सी से अंदाज में पहन कर तैयार हो गई थीं। आज मामी कुछ ज्यादा ही सुन्दर दिख रही थीं, तो मैंने सोचा कि आज मामी को चोद कर ही रहूँगा।
मामी ने मुझे ब्रेकफास्ट के लिए बुलाया, मैं ब्रेकफास्ट लिए टेबल पर गया। मामी ने आज समोसे बनाए थे। जब मामी समोसे देने के लिए झुकीं, तो मैं उनके गोरे मम्मों को देखता ही रह गया।
उन्होंने आज ब्रा नहीं पहनी थी.. तो मम्मे साफ दिख रहे थे। जब मैं उनके मम्मे देख रहा था, तब उन्होंने भी मुझे देख लिया था और वो मुस्कुराने लगी थीं। फिर वो वहां से चली गईं। मैं भी ब्रेकफास्ट करने के बाद अपने कमरे में पढ़ाई करने चला गया।
बाद में जब मैं दोपहर को किचन में गया.. तो मामी खाना बना रही थीं। मैं मामी की हेल्प करने लगा और हम दोनों बातें करने लगे।
मैं मामी को वो रात वाली घटना बताने लगा। मैंने कहा- मामी आपके कमरे से कल जो आवाजें आ रही थीं.. वो क्या था? तो वो शरमाने लगीं और बोलीं- वो मैं अपनी प्यास बुझा रही थी! तो मैंने मौके का फायदा उठाया और बोला- क्या मैं आपकी प्यास बुझा सकता हूँ?
तो मामी कुछ न बोलीं.. और मैंने मामी अपने बांहों में ले लिया, पर मामी मुझसे छोड़ने को कह रही थीं। मुझसे रहा नहीं गया और मैं मामी को चुम्बन करने लगा।
कुछ ही देर में मामी भी गर्म हो गई थीं। मैंने किचन में ही मामी की साड़ी को उतारना शुरू कर दिया और हम एक-दूसरे को चुम्बन करने लगे।
अब मैं उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा.. मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं मामी के मम्मों को चाटने लगा, उनके काले-काले निप्पलों को चाटने का मजा ही कुछ और था।
काफी देर तक चूमा चाटी के बाद मैं उनके घाघरे की नाड़ा खोलने लगा। घाघरा उतरा तो दिखा कि मामी ने रेड कलर की पेंटी पहनी थी। मैंने पेंटी को भी उतार दिया। अब वो पूरी तरह से नंगी थीं, मैं उनके पूरे बदन को चूम और चाट रहा था। वो भी पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थीं और उनकी साँसें तेज हो गई थीं।
अगले कुछ पलों में मैं उनकी नाभि को सूंघने लगा.. क्या सुगंध थी दोस्तो.. मजा आ रहा था।
मैंने मामी से नकली लंड के बारे में पूछा, तो कहने लगीं- तेरे मामा के छोटे लंड से मेरी प्यास बुझती नहीं थी.. इसलिए मैं इस नकली लंड का यूज करती हूँ। मैंने कहा- अब आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।
मैंने उनकी एक टाँग को ऊपर उठाया और उनकी गोरी रस भरी चुत को मजे से चाटने लगा। वो ‘आहें..’ भरने लगीं और ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जैसी आवाजें निकालने लगीं। हम दोनों खूब इन्जॉय करने लगे।
फिर मैं उनकी चुत में उंगली करने लगा.. एक के बाद मैं अपनी दो उंगलियां मामी की चुत में अन्दर-बाहर करने लगा। जब मैं ये तेजी से करने लगा तो चुत में से मूत्र की धार बहने लगी और उस धार ने मुझे भिगो दिया। मैं पूरी तरह से मामी के मूत्र से भीग गया था।
अब वो मेरे कपड़े उतारने लगीं और मेरी छाती को चाटने लगीं। फिर मेरे लंड को मुँह में ले लिया। मैंने मामी के मुँह को चुत समझ कर चोदना चालू कर दिया और मैंने भी अपना सारा मूत्र उनके मुँह में खाली कर दिया.. वो मेरा सारा मूत्र पी गईं।
अब मैंने उनको किचन की टेबल पर टिका दिया, फिर थोड़ी सी बर्फ फ्रिज में से लाया और उनके निप्पलों के ऊपर घिसने लगा, इससे मामी को बहुत मजा आ रहा था। फिर मैं थोड़ी बर्फ चुत के आजू-बाजू घिसने लगा। उनकी चुत फिर से गर्म हो गई थी और वो अब चोदने के लिए कहने लगीं।
मैंने मामी की चुत में लंड फंसा दिया और मैंने अपना उनकी चुत में एक झटके से पेल दिया और धक्का मारने लगा। वो चिल्लाने लगीं और कहने लगीं- उह्ह्ह्ह.. धीरे.. आह्ह.. बहुत मजा आ रहा है.. और चोदो.. और तेज.. अह..
मैंने उनको दस मिनट तक भरपूर चोदा। इस चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थीं। अब मैं भी झड़ने वाला था और मैंने अपना वीर्य उनके मुँह में डाल दिया। वो मेरा सारा वीर्य निगल गईं।
फिर हम दोनों ने मिल कर नंगी अवस्था में ही खाना बनाया और फिर बाथरूम में नहाने चले गए। बाथरूम में भी एक बार सेक्स किया और अब तो सारा दिन हम पूरे घर में नंगे घूमने लगे।
इस तरह हमने मामा जी के आने तक ऐसे ही खुल कर सेक्स किया। कभी मामी को किचन में चोदा, कभी बाथरूम में पेला, रात को तो बेडरूम में दो बार चुदाई पक्की थी ही।
इतने दिनों में मैंने मामी को खुश कर दिया था।
दोस्तो, आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें। [email protected]
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