This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
मामी Xxx कहानी मेरी मामी के साथ पहली चुदाई की है. मैं पढ़ाई के लिए मामा के पास रहता था. मामा की नयी नयी शादी हुई थी. पढ़ें कि कैसे मैंने मामी को चोदा.
दोस्तो, मैं अर्नव बाँदा, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।
मैंने अन्तर्वासना में बहुत सी कहानियाँ पढ़ी, तो मेरे मन में भी विचार आया कि मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना पर आप सबसे साझा करूँ।
यह अन्तर्वासना में मेरी पहली मामी Xxx कहानी है. आशा करता हूं आप सबको जरूर पसंद आएगी।
सबसे पहले मैं आप सबसे अपना परिचय करा दूँ।
मेरी उम्र 25 साल, कद 5’10 और मेरा लंड लगभग 7″ इंच का है. शुरू से ही सेक्स के प्रति मेरी रूचि कुछ ज्यादा ही रही है और इससे कहीं ज्यादा मेरी किस्मत मुझ पर मेहरबान रही है।
बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं की पढ़ाई के लिए अपने मामा के घर पर रह रहा था।
मामा पेशे से एक वकील थे इसलिए पूरा दिन कोर्ट कचहरी के काम में व्यस्त रहते थे और मैं घर पर अकेला ही रहता था।
दूसरे साल मामा की शादी तय हुई तो मैं भी सबके साथ लड़की देखने गया.
मुझे लड़की इतनी पसंद आयी कि थोड़ी देर के लिए मैं यह भूल ही गया कि लड़की अपने लिए नहीं मामा के लिए देखने आया हूँ।
उनका कद 5’4″ और रंग दूध सा सफ़ेद था। उन्होंने लाइट ब्लू कलर का सूट पहना हुआ था और ऊपर से दुपट्टा डाले थी। उनके चूचे सामान्य आकार के पर तने हुए थे जो उनकी सुंदरता पर चार चाँद लगा रहे थे।
लगभग दो महीने बाद मामा की शादी हो गयी और मामी घर आ गयी। मेरी मामी के साथ अच्छी बनती थी।
सर्दी के दिन थे और मैं रोज की तरह टीवी देखने के लिए मामी के कमरे में ही जाता था और उनके ही डबलबेड पर आराम से लेट कर टीवी देखता था।
एक दिन मैं ऐसे ही टीवी देखते देखते सो गया।
मामी अपना काम ख़त्म करके अपने कमरे में आयीं और बिना मुझे डिस्टर्ब किये दूसरी तरफ जा कर लेट गयी।
नींद में करवट लेकर कब मैं उनकी तरफ चला गया पता ही नहीं चला. जब मेरी नींद खुली तो पूरी रज़ाई मामी के बदन की गर्मी से धधक रही थी और उनकी जिस्म की मादक खुशबू पूरी रज़ाई से आ रही थी।
तब पहली बार मुझे यह अहसास हुआ की एक जवान औरत से ज्यादा गर्म और अच्छा नेचुरल हीटर शायद ही दुनिया में कोई दूसरा हो।
मैंने देखा कि मामी गहरी नींद में है तो मेरे मन में मामी को सोता देख वासना जाग उठी। मैं खिसक कर मामी के और करीब आ गया और अपने पैरों से मामी के पैर छूने की कोशिश करने लगा।
मामी ने साड़ी पहनी हुई थी। मैंने अपने पैरों से मामी की साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर खिसकाने की कोशिश की. पर अंदर से थोड़ा डर भी लग रहा था क्योंकि अभी तक हमारे बीच सब सामान्य ही था … मतलब हम सिर्फ अच्छे दोस्त जैसे ही थे।
जब मुझे लगा की मामी अभी भी गहरी नींद में सो रही हैं तो मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने अपना हाथ उनकी कमर में रख कर टटोलने लगा. और यह सब मैं आँख बंद करके कर रहा था ताकि मामी जग भी जाये तो ऐसा लगे कि मैं नींद में हाथ पैर चला रहा हूँ।
मामी का बदन बहुत ही चिकना और मक्ख़न सा मुलायम था और उस स्पर्श से मेरी साँसें और तेज़ हो चली थी और लंड तनकर एकदम लोहे का रॉड बन गया था। पर उस दिन मेरी इस से ज्यादा कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई इसलिए मैं उठकर गया और दूसरे कमरे में जाकर मुठ मार कर सो गया।
अगले दिन वापस जब मैं टीवी देख रहा था तो मामी के आते ही सोने का नाटक करने लगा और आधे घंटे बाद जब मुझे लगा कि अब मामी सो गई तो मैंने फिर से अपनी हरकतें शुरु कर दी।
आज मामी ने गाउन पहना हुआ था. मैंने उनका गाउन धीरे-धीरे ऊपर की तरफ खिसका दिया. उन्होंने आज अंदर से भी कुछ नहीं पहना था.
मैंने मन ही मन में सोचा आज तो लॉटरी लग गयी. मैंने मामी की तरफ फिर से देखा और हिम्मत करके उनकी गोरी जाँघों पर अपना हाथ फिराने लगा और धीरे-धीरे अपना हाथ उनकी चूत पर ले गया।
उनकी चूत पर बिल्कुल हल्के हल्के बाल थे और चूत किसी गर्म भट्टी की तरह सुलग रही थी. मैंने थोड़ी और हिम्मत की और मामी की चूत पर अपनी उंगली फिराने लगा और मामी की चूत को धीरे-धीरे सहलाये जा रहा था।
चूत से थोड़ा थोड़ा चिपचिपा सा पानी रिस रहा था जिससे मेरी अन्तर्वासना और भड़क उठी और मैं जोश में आकर एक हाथ से अपना लंड और दूसरे हाथ से मामी की चूत को सहलाता रहा. कुछ देर बाद मामी थोड़ा कसमसाई और चूत पानी से सराबोर हो गयी।
चूँकि उस वक़्त मुझे औरत की चूत के बारे में न तो इतनी जानकारी थी और न ही इतना तज़ुर्बा कि औरतों के चरम सुख में क्या और कैसे होता है. इसलिये यह भी समझ नहीं पाया कि मामी की चूत इतनी ज्यादा पानी-पानी कैसे हो गयी. मुझे तो बस उनकी चूत से खेलने में मज़ा आ रहा था।
मामी का पानी निकालने के बाद जब मेरा भी पानी निकल गया तो मैं भी आराम से सो गया।
इतना सब होने के बाद मुझे डर भी था कि कहीं मामी को पता तो नहीं चल गया? और पता चल गया तो मामी ने मामा से कुछ बोल दिया तो मेरी तो वाट लग जाएगी। लेकिन मामी ने न तो मुझसे कुछ कहा और न ही मामा ने कुछ बोला तो यह तो पक्का हो गया कि मैं सुरक्षित हूँ।
पर अब मामी के बात करने का तरीका और उनका मुझसे बर्ताव कुछ बदला बदला सा लग रहा था।
जैसा कि मैंने आपको बताया था कि मामा पेशे से वकील थे तो किसी केस के सिलसिले में उन्हें दो दिन के लिए बाहर जाना था।
अब तो मैं और मामी दो दिन और तीन रातें साथ ही रहने वाले थे क्योंकि मामा बोल के गये थे कि तुम अपना बिस्तर ऊपर ही लगा लेना। मैं दो दिन के लिए काम से बाहर जा रहा हूँ। अगर कुछ सामान की जरूरत पड़े तो बाजार से ला देना।
मुझे मामा की बातें सुन कर मन में ऐसा लग रहा था जैसे मामा यह बोल रहे हैं कि 2 दिन के लिए मामी सिर्फ तुम्हारी है इसलिए अच्छे से ख्याल रखना।
दिन तो जैसे तैसे निकल ही गया.
रात को मैं और मामी खाना खा के ऊपर मामी के कमरे में आ गये और मैं अपना बिस्तर लगाने लगा. मामी ने मुझे बिस्तर लगाते देखा तो बोला- तुम वहाँ क्यूँ सो रहे हो? बेड पर ही सो जाओ। एक तरफ तुम सो जाना और एक तरफ मैं सो जाऊँगी।
मैं तो जैसे इसी के इंतज़ार में था और बिना देरी किये तुरंत बेड पर आ गया।
मैं बोला- मामी, आप सो जाओ. मैं थोड़ी देर टीवी देखूँगा. तो मामी बोली- कोई बात नहीं, आज साथ में टीवी देखते हैं। तुम्हें जो पसंद हो लगा लो.
मुझे तो हॉलीवुड फिल्में पसंद हैं तो मैंने एक इंग्लिश मूवी लगा दी। उसमें रोमांटिक सीन्स की भरमार थी।
मूवी देखते देखते उन्होंने पूछा- कभी किसी के साथ कुछ किये भी हो या सिर्फ रोमांटिक फिल्मों को देख देख कर ही मन बहला लेते हो? मामी ने Xxx बात की तो मैंने जवाब में कहा- कभी ऐसा मौका ही नहीं मिला. अगर कभी चान्स मिला तो इस मूवी से बेहतर कर सकता हूँ।
मेरे इतना कहते ही वो तपाक से बोली- उस दिन क्या कर रहे थे? मौके का फायदा? और मुस्कुरा दीं।
मैं वो तो वो तो … कहता रह गया और ज्यादा कुछ नहीं बोल पाया। मामी बोली- उस दिन जो अधूरा मौका छोड़ दिया था उसे पूरा करने की हिम्मत है?
अब तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था, बस लॉन्ग ड्राइव पर जाना बाकी था।
मामी के इतना बोलते ही मैं मामी के करीब आ गया और अपने होंठ मामी के होंठों पर रख दिए और धीरे-धीरे मामी के रसीले होंठ चूमने लगा। अब मामी पूरी तरह से खुल गयी थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी।
उनके होंठ इतने मुलायम थे की आज भी उनका एहसास अपने होंठों पर कर सकता हूँ।
इसके बाद मैंने उनका गाउन उतार दिया। मामी के चूचे ज्यादा बड़े नहीं पर बेहद खूबसूरत थे.
मैंने बिना देरी किये एक चूचे को अपने मुँह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो मामी बोली- आराम से करो, अभी तो पूरी रात पड़ी है खा ही जाओगे क्या?
मैं दूसरा हाथ मामी की चूत पर ले गया तो महसूस किया कि इस बार मामी की चूत बिलकुल साफ़ सुथरी और पहले से काफी गीली थी. मैंने चूत को बड़े प्यार से सहलाया.
मामी बोली- अपने कपड़े भी तो उतारो या सब कुछ बस तुम ही करोगे? मैंने फटाफट अपने कपड़े उतार कर इधर उधर फेंक दिये क्योंकि मैं इतनी जल्दी में था कि मेरे लिए एक पल भी रुकना मुमकिन नहीं था।
कपड़े उतारते ही मामी ने मेरा लंड पकड़ कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया जिससे मेरा लंड तनकर पूरे आकार में आ गया।
जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं अपना लंड को मामी की चूत में डालने की कोशिश करने लगा। लंड का सुपारा इतना फूला हुआ था कि बार-बार चूत से फिसल रहा था।
मामी ने कहा- रुको … मुझे करने दो।
तब मामी ने अपनी चूत चौड़ी की और बोली- अब डालो! बड़ी मुश्किल से लंड 2 इंच ही अंदर गया होगा तो मामी की आह निकल गयी और वे बोली- ज़रा आराम से करो, दर्द होता है।
मैं बोला- तुम तो रोज चुदवाती हो, फिर भी दर्द हो रहा है? मामी बोली- तुम्हारा इनसे थोड़ा बड़ा है इसलिए दर्द हुआ।
मैं इतने जोश में था कि मुझसे रहा नहीं गया और मैं 2-3 मिनट में ही ढेर हो गया।
लगभग 10 मिनट बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया तो मैं मामी से बोला- मुझे पीछे से यानि डॉगी पोजीशन में करना है. तो मामी ने एक कातिल मुस्कान दी और आगे की तरफ झुक गयी और अपनी गांड मेरी तरफ कर दी.
दोस्तो … क्या नज़ारा था वो! मामी की गांड बिलकुल गोरी और चिकनी थी। जिसकी दरार के बीच एक छोटा सा गुलाबी छेद … मन तो कर रहा था कि उसी छेद मे अपना लंड डाल दूँ!
पर सोचा इतनी प्यारी सी गांड है … इसे फिर कभी बड़ी तसल्ली से चोदूंगा.
फिर मैंने अपना लंड मामी की चूत टिकाया और धीरे धीरे पूरा लंड मामी की चूत में उतार दिया और पूरी दम से चोदने लगा. हर झटके के साथ मामी की आह निकल रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी।
इस बार मैं लगभग 20 मिनट तक चोदता रहा और इस दौरान मामी 2 बार झड़ चुकी थी जो मामी ने बाद में मुझे खुद बाताया था।
उस रात हमने 3 बार चुदाई की और एक दूसरे से लिपट कर नंगे ही सो गए।
सुबह उठा तो मामी रसोई में नाश्ता बना रही थी. मैंने जाकर मामी को पीछे से कसकर पकड़ लिया तो उन्होंने कहा- ब्रश कर लो, नाश्ता तैयार है. और आँख मार कर बोली- अच्छे से खा पी लो … आज काफी मेहनत करनी है.
उस चुदाई के बाद मेरी तो जैसे ज़िन्दगी ही बदल गयी थी, अब तो लगभग हर दिन मैं मामी की चूत चोदता और चूत का पक्का खिलाड़ी बन गया। उसके बाद मैंने मामी की बहन को भी चोदा वो मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगा।
दोस्तो, आपको मेरी मामी Xxx कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं। मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000