Adla Badli, Sanyog Ya Saajish – Episode 8

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प्रिये पाठकों, आपके लिए मेरी इस इंडियन सेक्स कहानी का आठवा एपिसोड पेश है, अब आगे पढ़िए..

शाम को छह बजे हम जंगल से निकले. लौटते में हमने रास्ते में कही डिनर किया और फिर होटल की तरफ लौटने लगे. सभी लोग दिन भर चल चल कर थक गये थे.

पायल ने डीपू को कहा “होटल पहुंच कर प्लीज मेरी मसाज कर देना बहुत दर्द हो रहा हैं. मैं भी तुम्हारी मसाज कर दूंगी”.

डीपू बोला “तुमने सुबह ही मुझको पुरे दिन अपने से दूर रहने को कहा था भूल गयी. उस शर्त के अनुसार अब मैं तुम्हारी मसाज नहीं कर सकता. एक काम करो, तुम अपने दोस्त अशोक को ही बोल दो, जैसे फोटो लिए हैं वैसे मसाज भी कर देगा”.

पायल शरमा गयी.

कल रात को डीपू ने जिस तरह मेरी मसाज की थी, उसकी जरुरत तो मुझे आज थी. मेरे शरीर में भी दिन भर की थकान थी.

मैंने सोचा काश आज भी मुझे कल जैसा मौका मिल जाए.

पायल : “डीपू, तुम मेरी मसाज नहीं करोगे तो मैं मर नहीं जाउंगी. मुझे किस से मसाज करानी हैं, ये तुमसे पूछ कर नहीं कराउंगी. अशोक से मेरी अब अच्छी दोस्ती हो गयी हैं तो वो मेरी मसाज कर भी सकता हैं, समझे. क्यों अशोक सही कहा न?”.

अशोक: “अरे यार, तुम मिया बीवी अपने झगडे में मुझे मत फसाओ प्लीज”.

डीपू: “नहीं, अब तो मैं देखना चाहता हूँ कि पायल ने जो कहा हैं वो कर के दिखाती हैं या नहीं. ये सिर्फ बड़ी बड़ी बातें बोलना जानती हैं”.

पायल: “तुम्हे क्या लगता हैं डीपू, मैं अशोक से मसाज नहीं करवा सकती. पहले तो मैंने यु ही कह दिया था. पर अब तुम देखो. तुम्हारी आँखों के सामने मैं अशोक से मसाज करवाउंगी.”

डीपू: “ठीक हैं, कर के बताओ. फिर मैं भी किसी ओर को मसाज दूंगा.”

पायल: “हा हा, किसे दोगे? प्रतिमा को?”

मैं: “गाइज, तुम क्या बच्चो की तरह झगड़ रहे हो. कैसी बातें कर रहे हो.”

पायल : “नहीं, आई एम सिरियस. ये मर्द लोग पता नहीं क्या समझते हैं अपनी बीवियों को. अशोक, तुम आज मुझे मसाज दे रहे हो बस. चाहिए तो, इसके बदले मैं भी तुम्हे मसाज दे दूंगी. मेरी नाक अब तुम्हारे हाथ में हैं. प्लीज प्लीज प्लीज (दोनों हाथ जोड़ते हुए)”

अशोक : “अच्छा ठीक हैं, देखते हैं.”

पायल : “येस, तुम लोग कपडे चेंज करके हमारे रूम में ही आ जाना. मैं डीपू का चेहरा देखना चाहती हूँ जब अशोक मुझे मसाज देगा”.

अशोक : “पायल, मुझे पहले अपनी होम मिनिस्टर प्रतिमा से इजाजत लेनी होगी”.

पायल : “प्लीज प्रतिमा. अशोक को अलाउ कर दो”.

मैं: “मेरा क्या लेना देना, तुम तीनो को कोई आपत्ति नहीं तो मैं कौन होती हूँ, बीच में बोलने वाली.”

पायल बचे हुए पुरे रास्ते में डीपू को चिढ़ाती रही और वो अपना सा मुँह लेके बैठा रहा.

अब हम होटल पहुंच गए थे. अपने अपने रूम में जाने से पहले पायल ने याद दिलाया कि तुम दोनों तैयार होकर आ जाना हमारे रूम में.

दिन भर की थकान के बाद हम लोग नहाये. अशोक ने अपना नाईट पजामा सूट पहन लिया और मैंने कल रात की तरह ही बटनअप स्लिप शर्ट और शार्ट पहन लिए. आदत के अनुसार मैंने ब्रा नहीं पहना था.

हम लोग पायल-डीपू के रूम पर पहुंचे. दरवाजा डीपू ने खोला. पायल बेड पर आराम से पाँव पसार कर हमारा ही इंतज़ार कर रही थी.

पायल ने नूडल स्ट्रैप वाला टैंक टॉप पहन रखा था. उसके सीने के उभार से टॉप के अंदर तीखे तीखे निप्पल साफ़ नजर आ रहे थे.

मेरी तरह उसको भी शायद रात को ब्रा पहनने की आदत नहीं थी.

पायल: “अशोक, जरा डीपू से पूछो तो उसकी तबियत तो ठीक हैं न”

अशोक: “कम ऑन गाइज, तुम लोग अभी भी वही अटके हो. मुझे लगा वो सब मजाक था.”

पायल: “नहीं मैं सीरियस हूँ, चलो इधर आओ”.

अशोक: “अरे डीपू, आ जाओ ना, कर दो पायल की मसाज. ख़त्म करो.”

डीपू: “मैं ठीक हूँ, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं अगर तुम पायल को मसाज दोगे तो. मैं भी तो पास में बैठा हूँ, आगे बढ़ो.”

अशोक: “वो तो ठीक हैं पर मुझे मसाज करना नहीं आता. अगर कुछ गलत नस दब गयी तो लेने के देने पड़ जायेंगे.”

पायल: “डीपू को बहुत अच्छी मसाज करनी आती हैं, वो बता देगा तुम्हे कहा से और कैसे पकड़ना हैं.”

डीपू: “मगर मैं तो तुम्हे हाथ भी नहीं लगा सकता फिर कैसे बताऊ कि कैसे मसाज करते हैं.”

पायल: “अरे मुझे हाथ नहीं लगा सकते तो क्या हुआ, प्रतिमा तो है. तुम उसको मसाज करके बताओ और अशोक वैसे ही तुम्हे फॉलो करेगा.”

मैं: “मुझे बीच में खींचने की कोशिश भी मत करो. तुम आपस में निपटाओ.”

डीपू: “फिर मैं डेमो दे नहीं सकता, अशोक कर नहीं पायेगा, तो प्रोग्राम कैंसिल”

पायल: “अरे मेरा शरीर दर्द से फटा जा रहा हैं. कुछ तो रहम करो. प्रतिमा प्लीज मान जाओ ना. मसाज ही तो हैं. स्पा में जाकर भी तो लोग अनजाने लोगो से मसाज लेते ही हैं.”

मैं: “पर वहा तो लड़किया भी होती हैं मसाज देने के लिए”.

पायल : “इसका मतलब तुम्हे डीपू पर भरोसा नहीं. अरे यार हम सब दोस्त हैं, कम ऑन.”

मैं: “अरे यार, बात भरोसे की नही हैं. बस मुझे ठीक नहीं लगता”.

पायल : “डीपू बहुत अच्छी मसाज करता हैं, तुम्हारे दिन भर की थकान मिट जाएगी. लगता हैं अशोक यहाँ हैं इस वजह से तुम शरमा रही हो.”

अशोक: “प्रतिमा तुम मेरी वजह से मत हिचकिचाओ. तुम अभी हमारे रूम में बोल रही थी कि तुम थक गयी हो और तुम्हारी बॉडी में दर्द हो रहा हैं. इसमें कोई बुराई नहीं हैं. मैं बोल रहा हूँ, इट्स ओके. बाकी तुम्हारी मर्जी.”

पायल : “चलो अब इतना नाटक मत करो, इधर आके लेट जाओ.”

उन सब के दबाव में आके मैं तैयार हो गयी.

दिल से तो मैं भी यही चाहती थी, थकान के बाद डीपू के हाथ की मसाज, ओर क्या चाहिए.

मैं पायल के पास जाकर बेड पर लेट गयी. अशोक पायल के पाँवों के पास जाकर बैठ गया और डीपू मेरे पाँवों के पास.

डीपू ने कल रात की तरह मेरे पंजो को अपने हाथों में लिया और अशोक को बताने लगा कैसे करना हैं.

जैसे ही उसने मेरा पाँव दबाया मेरी तो सिसकी निकल गयी. मुझे बहुत आराम मिला.

डीपू समझाता जा रहा था और दोनों साथ साथ एक दूसरे की बीवियों को पाँव की मसाज दे रहे थे.

मसाज के दौरान पायल और मैं दोनों मजे लेते हुए सिसकिया निकाल रहे थे. पायल तो कुछ ज्यादा ही जोर से बोल रही थी “आह ह हा हा हा , मजा आ गया अशोक, क्या मसाज हैं सब दर्द निकल रहा हैं. तुम तो डीपू से भी ज्यादा अच्छा करते हो”.

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मैं मन ही मन हसने लगी, मझे पता था मसाज हो या चूदाई दोनों में डीपू ज्यादा अच्छा था. शायद बाहर का खाना घर के खाने से स्वादिष्ट ही लगता हैं.

पायल: “पाँव अब ठीक लग रहे हैं, चलो अब कमर और पीठ की भी मसाज भी कर दो.”

अशोक ने पाँव छोड़ा और पायल पलट कर सो गयी और गर्दन मेरी तरफ मोड़ कर मुझे देखने लगी. पायल की मोटी गांड का उभार उसके पाजामे में साफ़ दिख रहा था. मैं हेड रेस्ट के सहारे पीठ लगा कर बैठ गयी.

पायल : “अरे प्रतिमा उल्टी लेटो ना मेरी तरह”.

मैं: “पांव की मसाज तक ठीक था पर कमर और पीठ कुछ ज्यादा नहीं हो जाएगा?”

पायल : “अरे कुछ ज्यादा नहीं हो जायेगा, मेरी पीठ और कमर में बहुत दर्द हैं. जैसे पाँव हैं वैसे पीठ और कमर भी हैं. चल आजा लेट जा. अशोक तूम बोलो ना. ये सिर्फ तुम्हारी बात ही मानती हैं”.

अशोक: “प्रतिमा, तुम्हारी पीठ में दर्द हैं तो लेट जाओ, इस बहाने मैं भी सीख जाऊंगा कैसे मसाज करते हैं. आगे कभी काम आएगा.”

मेरे पति ने आगे हाथ बढ़ाया, और मेरा हाथ पकड़ खिंच कर लेटने को कहा. मैं भी वैसे चाहती थी पीठ की मसाज हो जाये तो मजा आ जाये पर भाव नहीं खाती तो पति को अहसास कैसे दिलाती कि मैं पतिव्रता हूँ.

मैं लेटने वाली थी कि डीपू ने रोका.

डीपू: “तुम्हारा बटन वाला शर्ट हैं तो ऊपर आसानी से खिसकेगा नहीं. हो सके तो बटन खोल कर शर्ट ढीला कर दो.

मैंने भोली बनने का नाटक करते हुए पूछा “एक बटन खोल दूं?”

पायल : “अरे सारे बटन खोल दो, वैसे भी उलटी ही तो लेटना हैं. इतना क्या शर्माती हो तुम”.

मैं शर्ट के नीचे के सिर्फ दो बटन खोल कर लेट गयी. पर पायल के टोकने पर मैंने हाथ नीचे डाल कर बाकी के दो बटन भी खोल कर शर्ट नीचे से पूरा खोल दिया. अब मेरे मम्मे बिना कपड़ो के नीचे दबे थे.

दोनों मर्द अब एक ही बिस्तर पर एक दूसरे की बीवियों की नंगी पीठ और कमर की मसाज कर रहे थे.

थोड़ी देर बाद पायल बोली “थोड़ा ओर जोर लगाओ अशोक, दर्द पूरा नहीं जा रहा”.

डीपू: “अशोक एक काम करो, पायल की जांघो पर बैठ कर पीठ की मसाज करो, ज्यादा अच्छे से जोर लगेगा”.

अशोक: “मगर पायल मेरा वजन सहन कर पाएगी?”

डीपू: “अरे जांघो में वैसे भी ज्यादा जान होती हैं. पायल हट्टी कट्टी हैं. वैसे प्रतिमा जैसी दुबली पतली भी जांघो पर वजन सह सकती हैं.”

अशोक: “तुम पायल पर बैठ कर बताओ, किस जगह, कैसे बैठना हैं, कि उसको वजन ना लगे”.

पायल: “मुझे छूना भी मत, आज के दिन की कसम हैं.”

अशोक: “अरे तुम प्रतिमा पर बैठ कर बताओ”.

डीपू अब मेरी जांघो पर आकर बैठ बताने लगा कि अशोक को क्या करना हैं.

अशोक बताये अनुसार पायल की जांघो पर बैठ जाता है. पायल और मुझे दोनों को जांघो के दबने की मसाज से बहुत सुकून मिला.

मैंने डीपू के नरम पड़े लंड को अपनी गांड पर महसूस किया.

पायल :”अरे तेल के साथ मसाज करो, हाथ ओर अच्छे से चलेंगे”.

डीपू मेरे ऊपर से उतर कर तेल ले आया और अशोक को थमा दिया.

डीपू: “पायल, इस तेल के दाग तुम्हारे नए टैंक टॉप को लग जायेंगे, इसलिए पहले उसे उतार दो.”

पायल: “मैं लेटी हुई हूँ, तुम उतार दो.”

डीपू : “मुझे तो कसम हैं न, तुम्हे हाथ नहीं लगा सकता.”

पायल: “मैंने तुम्हे नहीं, अशोक को बोला हैं, समझे.”

अशोक थोड़ा झिझका और मेरी तरफ देखने लगा. पायल ने मेरी तरफ वाला शरीर का हिस्सा थोड़ा ऊपर उठाया. मैंने ही अपना हाथ लंबा करते हुए उसके टॉप को उसके मम्मे से ऊपर कर दिया.

इससे उसका एक मोटा गोरा मम्मा बाहर आ गया. पहली बार उसका मम्मा मैंने इतने करीब से देखा. जरूर बाकी दोनों लोगो ने भी देख ही लिया होगा.

मैंने उसका टॉप उस तरफ से उठा कर उसके सर से निकाल दिया. पायल ने दूसरी तरफ से भी अपना शरीर ऊपर उठाया तो अशोक ने आगे झुकते हुए उसके दूसरे हाथ से भी टॉप निकाल दिया.

अशोक को जरूर दूसरा मम्मा भी दिखा होगा. उसने टॉप बिस्तर के साइड में रख दिया. पायल ने मुंह मेरी तरफ घुमाया, मैं अब भी उसकी बेशर्मी पर उसे घूर रही थी.

पायल: “तुम क्या देख रही हो, निकालो ना अपनी शर्ट, तुम्हे तेल से मालिश नहीं करवानी क्या?”

मैं: “मेरी जितनी मालिश हुई काफी हैं, मुझे तेल नहीं लगवाना.”

पायल: “अरे ऐसे कैसे, चलो उतारो इसे.”

ये कहते हुए उसने लेटे लेटे ही अपना हाथ लम्बा कर मेरी शर्ट का कालर पकड़ मेरे एक कंधे से नीचे उतार दिया. उस तरफ से मेरी पीठ और कन्धा थोड़ा बहुत नंगा हो गया. डीपू ने उसको रोका.

डीपू : “ये क्या खींचा तानी कर रहे हो तुम. चलो छोडो शर्ट.”

ये कहते हुए डीपू ने मेरा कालर पकड़ा, मुझे लगा वो फिर से सीधा कर रहा होगा पर उसने दोनों तरफ से मेरा शर्ट नीचे खिसकाना शुरू कर दिया और मैं उसको रुकने को कहने लगी, पर तब तक उसने मेरा पूरा शर्ट निकाल कर बिस्तर के साइड में रख दिया. मैं भी अब पायल की तरह टॉपलेस उल्टी बिस्तर पर लेटी थी.

अशोक ने पायल की पीठ पर तेल डाला और तेल डीपू को पास किया. उसने भी तेल की बुँदे मेरी पीठ पर डाली.

वो शायद स्पेशल मालिश का तेल था तो उसकी बूंदें पड़ते ही ऐसा लगा जैसे आइस क्यूब रख दी हो. दोनों मर्द अब पीठ और कमर की तेल मालिश करने लगे.

मालिश के वक्त मजे में पायल इस तरह चीख रही थी जैसे मालिश नहीं करवा रही, चुदवा रही हो. “आ अ ह हा हा, जोर से करो अशोक, ओर जोर से , मजा आ रहा हैं. आ हा, ऐसे , वाह, आ हा हा , उम्म उम्म , आ हा हा”.

उसकी आवाजे सुन कर वहा का माहौल गरम होने लगा था, क्यों कि डीपू का नरम पड़ा लंड अब कड़क हो चूका था और उसके आगे पीछे होने के साथ ही मेरी गांड में कपड़ो सहित घुस रहा था और मुझे चोद रहा था.

मुझे पूरा यकीन था पायल का भी यही हाल होगा. उसकी तो गांड की दरार भी चौड़ी थी तो वो ओर भी अच्छे से चुदवा रही होगी.

अब आगे ये मालिश क्या नया रंग लाएगी, वो तो अगले एपिसोड में ही पता चलेगा. मेरी इंडियन सेक्स कहानी आगे जारी रहेगी.

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