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अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा लंड उठा कर नमस्कार.. मैं अन्तर्वासना का पिछले सात साल से नियमित पाठक हूँ। मैं पहली बार हिंदी सेक्स स्टोरी लिख रहा हूँ। मेरा नाम सचिन शिंदे है, मैं औरंगाबाद (महाराष्ट्र) का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में कुछ खास नहीं हूँ.. पर ठीक-ठाक हूँ। मेरी उम्र 23 साल है।
मेरी सेक्स स्टोरी अभी एक महीना पहले की है। मैं एक बार ऑफिस के काम से रात को दस बजे देवगिरी एक्सप्रेस ट्रेन से मुंबई जा रहा था, ठंड का मौसम शुरू हो गया था।
थोड़ी देर बाद मेरे बाजू में एक 26-27 साल की औरत मेरे सामने वाली सीट पर आ बैठी। मैंने उसे देखा तो उसने मुझे देख कर स्माइल दी.. मैं भी थोड़ा हंसकर, अपना सर झुका कर मोबाइल में खेलते हुए बैठ गया।
गाड़ी स्टेशन छोड़कर निकल चुकी थी.. ठंडी हवा चल रही थी.. मैंने तो जैकेट पहन रखी थी, पर उन्हें हल्की-हल्की ठंड लग रही थी। मैंने थोड़ा गौर किया तो वो मुझे घूर-घूर कर देख रही थीं। मैंने थोड़ा नजरअंदाज किया.. पर वो तब भी मुझे घूर रही थीं।
मैंने उनसे पूछा- क्या बात है आंटी.. आप बहुत परेशान लग रही हो? तो उन्होंने कहा तो कुछ नहीं, उल्टे तुनक कर पूछा- मैं तुम्हें आंटी नजर आ रही हूँ क्या? मैंने सकपकाते हुए कहा- नहीं..
अब मैं चुप हो गया और थोड़ी देर बाद उनकी तरफ देखा और ‘सॉरी’ बोला। उन्होंने सेक्सी स्माइल देकर कहा- कोई बात नहीं। ऐसे ही हमारे बीच कुछ देर इधर-उधर की बातें चलती रहीं।
अब रात के 12 बज चुके थे और कुछ देर बाद मनमाड़ स्टेशन पर गाड़ी रूक गई। मैं चाय लेने के लिए गाड़ी से नीचे उतरा और चाय ली। मैंने उनसे पूछा.. तो उन्होंने भी ‘हाँ’ में सर हिला दिया, तो मैंने दो चाय ले लीं और मैं गाड़ी में अपनी सीट पर आकर बैठ गया। हम दोनों चाय पीने लगे और बातें करने लगे।
मैंने उनसे नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम सपना बताया।
मैंने ध्यान से उनको निहारा तो क्या मस्त माल जैसी दिख रही थीं। उनका 34-30-36 का फिगर देख कर तो मैं पागल हो रहा था। मेरा नागोबा डोलने लगा था.. मैं उसे पटाने बहुत कोशिश कर रहा था।
मेरी ओर देख कर वो कुछ सोच रही थीं.. तो मैंने उनसे पूछा- क्या सोच रही हो? उन्होंने ‘कुछ नहीं’ कहकर बात टाल दी। फिर मैंने उनसे पूछा- आप कहाँ जा रही हो?
उन्होंने बताया- मैं घूमने जा रही हूँ। मैंने पूछा- अकेले ही? उन्होंने कहा- हाँ..
मैं चुप हो गया तो उन्होंने मुझसे पूछा- आप कहाँ जा रहे हो? मैंने भी उनसे कहा- घूमने जा रहा हूँ। उन्होंने हंस कर बोला- अकेले ही जा रहे हो क्या? मैंने बोला- हाँ.. आप भी अकेली हो ना, तो भगवान ने मुझे आपकी सुरक्षा के लिए भेजा है। ‘भगवान को मेरी इतनी चिंता क्यों हुई?’ उन्होंने मजाकिया अंदाज में पूछा तो मेरी हिम्मत बढ़ गई। ‘आप हो ही इतनी सुंदर कि भगवान को भी आपकी इतनी फ़िक्र हो गई है।’ मेरे जवाब से वो शरमा कर हंसने लगीं।
फिर क्या था.. हम दोनों और घुलमिल कर इधर-उधर की बातें करने लगे। अब मुझे कहाँ नींद आने वाली थी.. सामने शहद रखा हो.. तो किसे नींद आएगी। उनके साथ बातों में कब सुबह हो गई.. मालूम ही नहीं चला।
हम दोनों कल्याण स्टेशन पर उतर गए। उनकी आँखों में वासना जगी साफ़ दिख रही थी। मैंने उनसे चाय पीने के लिए चलने को कहा और वो तुरंत मान गईं।
हम दोनों फ्रेश हो गए और चाय-नाश्ता किया। उन्होंने मुझसे पूछा- कहाँ जाने वाले हो? मैं बोला- आप जहाँ बोलें.. वहाँ! वो मुस्कुराने लगीं.. उन्होंने मुझसे कहा- मैं आपसे एक सच बात कहना चाहती हूँ। मैंने बोला- कहो! तो उनकी बात सुनकर तो हैरान हो गया। उन्होंने कहा- मैं मुम्बई में घूमने नहीं आई हूँ! इतना कह कर वो रोने लगीं। मैंने उन्हें चुप कराया और पूछा- क्या बात है.. बोलो ना?
तो उन्होंने मुझे अपनी आपबीती सुनाई- मेरी शादी को पांच साल हो गए हैं.. पर मुझे मेरे पति ने कभी प्यार नहीं किया.. वो सिर्फ पैसा कमाने में लगे रहते हैं। फिर मैंने पूछा- आप यहाँ किस काम से आई हो? उन्होंने बताया- मैं यहाँ एक कॉलबॉय से बात करने के बाद उससे मिलने आई हूँ।
अब मुझे सब कुछ समझ में आ गया था। उन्होंने भी मुझसे खुल कर कहा- क्या आप मेरे साथ सेक्स कर सकते हो? मैंने कहा- आपको कुछ ऐतराज नहीं हो.. तो मैं कर सकता हूँ। उधर से मुंडी ‘हाँ’ में हिली तो फिर नेक काम को देरी क्यों होती भला!
मैंने एक होटल में रूम बुक किया और हम दोनों ने साथ में नहाना आदि किया।
वो नहा कर नंगी ही मेरे सामने आईं.. तो क्या मस्त आइटम दिख रही थीं वो! मेरा तो दिमाग काम नहीं कर रहा था। वो मेरी तरफ बड़े सेक्सी निगाहों से देखने लगीं।
मैंने उन्हें नंगी ही उठा कर बिस्तर पर पटक दिया.. बाद में उनके हर अंग को चूमना शुरू किया.. वो सिसकारियां लेने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैं उनके होंठों को चूमने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थीं.. मुझे तो उनके साथ जन्नत का मजा आ रहा था। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं और मुझे चूत चाटने को कहने लगीं।
मैंने उनकी गुलाबी नंगी चूत को देखा, तो उनकी सफाचट चिकनी चूत देख कर पागल हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
इसके बाद मैंने उन्हें पैर उठाकर चोदने की मुद्रा में करके उनकी चूत में लंड पेल दिया। मेरा मोटा और लंबा लंड घुसते ही उनकी चीख निकल गई।
मुझे उनकी चीख से ऐसा लग रहा था कि वो बहुत दिनों से चुदी नहीं थीं।
हम दोनों ने जमकर चुदाई की.. इस धमाधम चुदाई में उन्होंने 3 बार पानी छोड़ा थ़ा।
बाद में दोपहर में मैं वोदका लाया.. उन्हें भी पिलाई और इसके बाद हम दोनों नें धुआंधार कई बार चुदाई की।
कुछ देर आराम करने के बाद मैं अपने किसी काम से चला गया। बाद में जब मैं उस होटल में गया.. तो मालूम हुआ कि वो रूम चेकआऊट करके वो चली गईं।
उसके बाद वो दोबारा कभी नहीं मिलीं।
मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. जरूर बताना और मेल जरूर करना। [email protected]
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