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मेरा नाम प्रीति कौर है, मैं चण्डीगढ़ में रहती हूँ। मेरे पति विदेश में रहते हैं और कभी-कभी भारत आते हैं। मेरा फिगर बिल्कुल किसी मॉडल की तरह मस्त है। मेरे बोबे 34 इंच साइज़ के बड़े और सख्त हैं। मैं बहुत गोरी भी हूँ। मैं कहीं बाल नहीं रखती.. सिवाय सर और फुद्दी पर या यूं कहूँ तो फुद्दी पर अच्छा खासा जंगल सजा रखा है। फुद्दी पर झांटें सजा कर रखना हब्शी लंड वाले मर्दों को उत्तेजित करता है।
मैं काफी पार्टियों में जाती हूँ, मेरा नियम है कि पार्टी में पेंटी पहन कर नहीं जाती हूँ और यदि पेंटी पहननी ही पड़े तो नेट वाली पेंटी पहनती हूँ.. ताकि मैं अपनी फुद्दी ठरकी मर्दों को दिखा सकूँ।
मेरे पति के दोस्तों में केवल उनकी ही शादी हुई है, बाकी सब कुंवारे हैं इसलिए सभी मुझे ठरकी निगाहों से घूरते रहते हैं। मैं भी उन्हें कभी कभी उकसाती रहती हूँ।
यह बात तब की है.. जब मेरा 21 वां बर्थडे था, मैं अपने कमरे में लेटी हुई थी, रात के करीब साढ़े बारह बज रहे थे। मेरी अभी अभी अपने पति से बात हुई थी।
तभी दरवाजे की घंटी बजी तो मैं दरवाजा खोलने नीचे गई। मैंने अन्दर से ही पूछा- कौन है? तो दूसरी तरफ मेरे पति के दोस्त नवीन थे।
नवीन की आवाज सुनकर मैंने दरवाजा खोल दिया, वो अन्दर आया उसके हाथ में बड़ा सा टेडी और एक केक था, उसने मुझसे बोला- हैप्पी बर्थडे भाभी.. तो मैंने भी मुस्कुरा कर ‘थैंक्स’ कहा।
उसने कहा- भाभी मैं आपके लिए केक लाया हूँ.. इसे काटिए। मैंने बोला- इसकी क्या जरूरत है। वो बोला- आपका बर्थडे है.. काटिए ना प्लीज..
मैंने केक काटा और उसे खिलाया और फिर उसने मुझे खिलाया। उसके बाद उसने बड़ा सा टेडी मुझे दिया और कहा- ये आपके लिए! मैंने मुस्कुरा कर उसे ‘थैंक्स’ कहा।
फिर वो कहने लगा- मेरा रिटर्न गिफ्ट कहाँ है? मैंने बोला- बोलो क्या गिफ्ट चाहिए तुम्हें? तो वो हँसते हुए खुल कर कह दिया- भाभी आप इतनी खूबसूरत हो और जवान भी.. बस मैं आपको चोदना चाहता हूँ। मैंने तनिक चौंकी फिर मैंने कहा- यह संभव नहीं है.. मैं आपके दोस्त की बीवी हूँ।
इतना कहते ही वो मेरे ऊपर बिल्कुल टूट पड़ा और जोर-जोर से चूमने लगा। मैं उससे छुड़ाने का नाटक करने लगी लेकिन वो पागलों की तरह मुझे चूमे जा रहा था, थोड़ी देर में उसने मेरे कपड़े फाड़ना शुरू कर दिए।
मैं खुद को बचाने का नाटक करने लगी, वो बोलने लगा- अरे भाभी, जवानी बचा कर क्या करोगी.. उसने यह कहते हुए मेरे ऊपर के कपड़े फाड़ दिए। मैं खुद को बचाने का सिर्फ दिखावा कर रही थी.. आज मेरा मन भी चुदने का हो रहा था।
इसके बाद उसने मेरी ब्रा को फाड़ दिया और मेरे बोबों को देखकर बोलने लगा- अरे वाह.. यहाँ तो पूरी जन्नत छुपी हुई है। अब वो मेरे करीब आते हुए मेरी पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर अपनी उंगली से मेरी फुद्दी सहलाने लगा। मैं छुड़ाने का नाटक करने लगी.. जिसकी वजह से उसका जोश और दोगुना हो गया।
उसने झट से मेरी पेंटी भी फाड़ दी और मेरी फुद्दी में उंगली करने लगा। मैं कराहते हुए बोली- यह क्या कर रहे हो.. आपको शर्म नहीं आती। तो वो बोला- अरे भाभी काहे की शर्म.. आपकी जवानी के रस के लिए कोई कुछ भी कर ले।
अब मैंने उसे हल्का सा धक्का दिया.. तो वो थोड़ा पीछे की तरफ खिसक गया।
अब उसने वापस मुझे पीछे की तरफ से जोर से पकड़ा और बोला- क्या भाभी थोड़ा मुझसे भी अपनी जवानी बाँट लोगी तो आपका कुछ कम तो हो नहीं जाएगा। इतना कह कर उसने बचे हुए केक में से एक पीस निकाल कर मेरी फुद्दी में ठूंस दिया और बाकी केक मेरे बोबे से लेकर मेरे पेट होते हुए झांटों तक में मल दिया। मैंने उससे कहा- देखो तुम्हें ये नहीं करना चाहिए। तो वो बोला- अब तो आपकी फुद्दी को भी देख लिया है.. तो मार के तो रहूँगा ही.. ये तो पक्का है।
यह बोल कर वो मेरे बोबे पर लगा केक चाटने लगा। उसने दोनों बोबों के ऊपर लगा केक चाटा और धीरे-धीरे पेट की तरफ बढ़ा। वो मेरे सपाट पेट को भी पूरा चाटते हुए नीचे चूत की ओर आ गया।
अब उसने मेरी झांटों के बालों को चाटना शुरू कर दिया और एक-एक बाल को खींच कर चाटते हुए उन पर लगा हुआ सारा केक चाट लिया।
अब मैं भी गर्म हो चली थी।
इसके बाद उसने मेरी फुद्दी में अपना मुँह डाल कर मेरी फुद्दी के अन्दर का सारा केक चाट लिया और काफी देर तक मेरी फुद्दी को चाटता रहा। मैं एकदम चुदासी हो उठी थी।
उसने मुझे लिटा दिया और उसने अपने सारे कपड़े खोल दिए। चुदाई की पोजीशन में मेरे ऊपर चढ़ कर उसने अपना लंड मेरी फुद्दी के मुहाने पर रखा और एक जोरदार धक्का देकर अपना लंड मेरी चूत में अन्दर तक पेल दिया। मेरी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकल गई।
वो मुझे चोदने लगा और मेरे मुँह से ‘आ आह..’ मत करो जैसी आवाजें निकलने लगीं, वो मेरी चूत में अपने मस्त लंड की ठोकरें लगता हुआ बोलने लगा- साली पहली बार फुद्दी मिली है.. कैसे छोड़ दूँ। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
करीब 5-7 मिनट तक मुझे हचक कर चोदने के बाद वो मेरी फुद्दी में ही झड़ गया। झड़ने के बाद उसने मेरे बगल में लेट कर कुछ देर बाद मुझे चाटना शुरू कर दिया।
उसने मेरे गर्दन, बोबे, बाजू, पेट और नाभि सबको चाटा और एक बार फिर से मुझे चोदना शुरू कर दिया। वो बोलने लगा- काश मेरी शादी तुम्हारी जैसी लड़की से हो जाए।
मैं बोली- यह तुमने ठीक नहीं किया.. मेरे पति को पता चलेगा.. तो क्या होगा? वो बोलने लगा- उसे पता चलेगा तो मैं तुम्हें अपनी बीवी बना लूंगा।
यह कहकर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा.. साथ ही नीचे से उसका लंड मेरी फुद्दी को चोद रहा था।
करीब 15 मिनट और चुदने के बाद मैं झड़ गई और उसके कुछ ही देर बाद वो दुबारा मेरी फुद्दी में झड़ गया। मैंने पहली बार किसी का माल अपनी फुद्दी में लिया था।
अब मैं बाथरूम में गई.. वो भी मेरे साथ आया और उसने मेरी फुद्दी को अच्छे से साफ किया। वो बोला- भाभी अब तो आपकी फुद्दी ले ली है.. अब दुबारा मांगू तो मना मत करना। मैंने बोला- बस मेरे पति को पता नहीं चलना चाहिए।
उसने एक बार फिर से मेरी फुद्दी को चाटा और बोला- भाभी आपकी फुद्दी बहुत लजीज है। मैंने कहा- हाँ वो तो है।
फिर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से चिपक कर सो गए।
यह थी मेरी शादी के बाद पहली गैर मर्द से चुदाई की कहानी। आपके मेल की प्रतीक्षा करूँगी। [email protected]
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