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दूसरे दिन रानी ने कमल से पूछा, “कमल भैया, मुझे लग रहा है आप मुझे सारी बात साफ़ साफ़ बता नहीं रहे हो। आप जरूर मुझसे कुछ छुपा रहे हो या बताने में झिझक रहे हो। अगर आप चाहते हो की इसे सुलझाने में मैं आपकी कुछ मदद करूँ तो आप को मुझे बिना छुपाये पूरी बात सच सच बतानी ही पड़ेगी। अगर आप मुझसे बेझिझक और खुल्लम खुल्ला साफ़ साफ़ बात नहीं करोगे तो मैं कैसे समझूंगी की बात क्या है?”
कमल: “रानी तुम एकदम सही हो। मैं सच सच और सारी बात बताने से डरता हूँ। अगर मैं सच बताऊंगा तो मुझे ऐसे अश्लील शब्द इस्तेमाल करने पड़ेंगे जो तुम्हें अच्छे ना लगे। क्या तुम अश्लील शब्द सुनने के लिए तैयार हो? और दूसरी बात, मैं सच बताना इस लिए भी नहीं चाहता क्यूंकि अगर मैंने सच बताया तो हो सकता है तुम मुझसे बहुत नाराज हो जाओ, और मुझे ड़र है की सच जान कर कहीं तुम हमारे साथ रिश्ता ही ना तोड़ दो। अगर तुम्हें सच सच सारी बात जाननी है तो तुम मुझे वचन दो की जो मैं कहूंगा उस बात का तुम बुरा नहीं मानोगी और मेरी बात सुनकर मेरी गलतियों को माफ़ कर दोगी।”
रानी कुछ पल सोचने लगी। फिर बोली, “कमल भैया, ऐसी क्या बात है? अब हमारे सम्बन्ध नाजुक नहीं रहे। वह इतने गाढ़ हो चुके हैं की हम चाहते हुए भी इन्हें तोड़ नहीं सकते। अब कोई औपचारिकता वाली बात नहीं रही। मेरे पति राज तो कहते हैं की तुम्हारे लिए वह उनकी जान भी कुर्बान कर सकते हैं। जब देखो वह आपके ही गुण गाते हैं। तब मेरे बुरा मानने वाली बात ही नहीं रही। आप बेझिझक कहो जो कहना है। इस लिए अगर आपको अश्लील शब्द बोलने पड़ेंगे तो मैं सुन लुंगी और मैं वचन देती हूँ की बुरा नहीं मानूंगी। बस? अब तो कहो की बात क्या है।”
तब कमल ने कहा, “तो फिर सुनो रानी, प्लीज मेरी एक बात मान लो। तुम मुझे कमल भैया कह कर मत बुलाओ। भाई बहन के सम्बन्ध में एक मर्यादा होती है। जब हम सेक्स के बारे में बात करते हैं तो हमने वह मर्यादा पार कर ली है। हमारा सम्बन्ध भाई बहन, भाई भाभी की सीमाओं को लाँघ कर कहीं आगे बढ़ चुका है। राज मुझे भले ही भाई कहे, तुम मुझे भाई या भैया मत कहना। तुम मुझे सिर्फ कमल कह कर बुलाना। मैं तुम्हें सिर्फ रानी कह कर बुलाऊंगा। ठीक है? तुम्हें कोई एतराज तो नहीं?
रानी तो वैसे ही राज को कमल कह कर ही अपने पति से चुदवाती थी। उसने फ़ौरन कहा, “नहीं, मुझे कोई एतराज नहीं। अब मैं तुम्हें कमल भैया नहीं, कमल कह कर ही बुलाऊंगी और तुम तो मुझे रानी कह कर बुला ही रहे हो।”
कमल: “और दूसरी बात: अब मैं साधारणतया अश्लील माने जाने वाले शब्द जैसे चूत, लण्ड, चोदना इत्यादि शब्दों का प्रयोग करूंगा क्यूंकि जो मैं बताने जा रहा हूँ उस बात में यही शब्द सही लगते है। और मैं चाहता हूँ की अब तुम भी सारी औपचारिकता छोड़ कर मुझसे भी इसी शब्दों का प्रयोग कर के बात करो। क्या ऐसा कर सकोगी?”
रानी असमंजस में पड़ गयी। थोड़ा रुकने के बाद रानी बोली, ” मैं और राज, हम पति पत्नी तो ऐसे स्पष्ट शब्दों में ही बात करते हैं। भला आप के साथ मैं ऐसे शब्द कैसे प्रयोग कर सकती हूँ? पर जब आप कहते हैं की बात समझने और समझाने के लिए यह जरुरी है तो फिर ठीक है। मुझे ऐसे शब्द सुनने में कोई आपत्ति नहीं है और अगर आपको कोई हर्ज नहीं है तो फिर ऐसा ही सही। मैं भी वही शब्द इस्तेमाल करने की कोशिश करुँगी।”
कमल: :फिर वही आप? मुझे तुम कहो; आप नहीं। यह बहुत जरुरी है।”
रानी: “ठीक है ठीक है यह भी मान लिया बस? कमल अब मैं भी तुमसे साफ़ साफ़ बात करुँगी और स्पष्ट अश्लील कहे जाने वाले शब्दों का ही प्रयोग करने की पूरी कोशिश करुँगी। तुम भी बुरा मत मानना।”
जब कमल ने रानी से यह सूना तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ा।
फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोला, “रानी तो सुनो, अब मैं तुम्हें सारी बात स्पष्ट और खुल्लम खुल्ले शब्दों में बताने जा रहा हूँ। सच बात यह है की मेरा लण्ड बड़ा और मोटा है। जब की कुमुद की चूत का छिद्र छोटा है। इस कारण मैं जब कुमुद को चोदता हूँ तो उसे तकलीफ होती है। मुझे भी कुमुद को तकलीफ होती है तो अच्छा नहीं लगता। दुसरा शादी के इतने सालों के बाद हम दोनों को शायद एक दूसरे को चोदने में उतना मझा नहीं आता। इसलिए मैं कुमुद को चोदते हुए कोई और औरत की अपने मन ही मन में कल्पना करता रहता था। ऐसा करने से मुझे बड़ा आनंद मिलता था और मैं और कुमुद हम दोनों ही खुश रहते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था।”
कमल थोड़ी देर चुप रहा तो रानी ने सोचा की शायद फ़ोन का कनेक्शन कट गया था। उसने “हेलो, हेलो” बोला तो कमल ने कहा, “मैं लाइन पर ही हूँ।”
तब रानी बोली, “तो कमल, इसमें चिंता की कौनसी बात है? अक्सर कई कपल एक दूसरे से सेक्स करते समय, सॉरी यार, चोदते समय किसी और का नाम लेकर या उनको चोदते हैं ऐसा सोच कर आनन्द लेते हैं। इसमें झगड़े की बात क्या है?” (रानी कैसे बताती की वह खुद भी ऐसा ही कर रही थी?)
कमल की आवाज थोड़ी गंभीर हो गयी। कमल ने कहा, “पर सुनो तो सही। सारी समस्या तो अब आएगी। एक रात मैं और कुमुद हम दोनों बड़े अच्छे मूड में थे और कुमुद भी चुदवाने के लिए बड़ी बेबाक हो रही थी। मैं कुमुद को उसके ऊपर चढ़ कर चोदने लगा। कुमुद भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। अचानक जोश ही जोश में मेरे मुंह से तुम्हारा नाम निकल गया। मैंने मेरी बीबी से पूछा, “रानी डार्लिंग, कैसा लग रहा है? तकलीफ तो नहीं हो रही है ना? ऐसे ही कुछ बोल गया।”
कमल की बात सुन कर कुछ पलों के लिए रानी फ़ोन पर ही स्तंभित हो गयी। उसने सोचा की कमल शायद बोलने में गड़बड़ कर गया। उसने पूछा, “क्या कहा? कमल, तुम ने किसका नाम लिया?”
कमल ने जवाब में कहा, “तूम ने मुझे वचन दिया है की तुम गुस्सा नहीं करोगी, तो मैं तुन्हें कह रहा हूँ की अक्सर मैं तुम्हारे बारे में ही सोचता था और कल्पना करता था की मैं कुमुद को नहीं तुम्हें चोद रहा हूँ। जब कुमुद ने तुम्हारा नाम सूना तो मुझ पर आग बबूला हो गयी और दहाड़ कर बोली, ‘यह रानी बिच में कहाँ से आ गयी? क्या तुम्हारे रानी के साथ कुछ शारीरक सम्बन्ध है, या फिर तुम मुझे रानी सोच कर चोद रहे हो?” मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था। मैं चुप रहा। बस तब से ही मेरी बीबी कुमुद मुझसे बात नहीं करती और मुझे रात को अपने पास फटकने नहीं देती। अब तुम्ही बताओ मैं क्या करूँ? रानी प्लीज, मेरी गलती के लिए मुझे माफ़ करना और मुझसे सम्बन्ध मत तोड़ना।”
कमल की बात सुनकर राज की बीबी रानी के पॉंव के निचे से तो जैसे जमीन ही खिसक गयी। कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था, यह सुनकर रानी एकदम गरम भी हो गयी।
रानी ने महसूस किया की कमल की बात सुनकर उसकी चूत से पानी रिस ने लगा था। रानी खुद अपने पति राज को कमल कह कर उनसे चुदवा रही थी, तो उधर कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था।
रानी ने नहीं सोचा था की ऐसा भी कुछ हो सकता है। पर जब वह खुद ही दोषी थी तो रानी कमल को कैसे दोष दे सकती थी? रानी के पास इसका कोई जवाब नहीं था। इसका मतलब साफ़ था की रानी और कमल एक दूसरे को चोदना चाहते थे।
काफी समय तक रानी एकदम चुप रही। उधर कमल परेशान हो रहा था की कहीं रानी ने फ़ोन काट तो नहीं दिया। कमल ने फ़ोन पर “हेलो, हेलो” कहा तो रानी ने कहा, “मैं सुन रही हूँ।”
कमल ने कहा, “देखो रानी मुझसे यह बड़ी गलती हो गयी। पर अब तुम्ही उसे सुधार सकती हो। प्लीज तुम मुझसे सम्बन्ध मत काटना। तुमने पहले ही वचन दिया है।”
रानी ने दबे हुए स्वर में कमल से कहा, “यह तो गजब हो गया। अब तो आप दोनों के बिच में मैं आ गयी। बात बड़ी गंभीर हो गयी है। मुझे थोड़ा सोचने का वक्त चाहिए। अब बुरा क्या मानें? जो होना था सो तो हो ही गया। सम्बन्ध तोड़ने की तो कोई बात ही नहीं है, पर यह क्या हो गया?”
कमल ने कहा, “तुम ना सिर्फ औरत के मन को बल्कि पुरुषके मनके भावों को भी अच्छी तरह समझती हो। इसीलिए तो इस बारे में मैंने तुमसे बात करना ठीक समझा, और जो मेरे मन में था तुम्हें साफ़ साफ़ बता दिया। अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगा तो मैं वचन देता हूँ की आगे कभी ऐसा नहीं करूंगा। मैंने तुमसे यह सारी बातें इसलिए की क्यूंकि मैंने तुम्हारे जैसी समझदार और परिपक्व औरत नहीं देखि। मैंने महसूस किया है की तुम रिश्तों की बारीकियों को भली भाँती समझती हो।“
राज की बीबी रानी कमल के मुंह से अपनी भूरी भूरी प्रशंशा सुन कर कुछ सकुचाई और बोली, “वह तो सब ठीक है पर कमल, तुम ने तो एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी। खैर, जो होना था सो हो गया। सोचना यह है की इसे ठीक कैसे किया जाए। अब मेरे ख़याल से इसका एक ही इलाज है की मैं और राज इसके बारे में कुमुद से शान्ति से बात करें। पर फ़ोन पर नहीं। हमें आमने सामने बात करनी पड़ेगी। अगर तुम और कुमुद हमारे यहां अहमदाबाद आ सको तो अच्छा रहेगा। अब कुछ ही दिनों में नवरात्र का पर्व आ रहा है। अगर आप उन दिनों में आओ तो हम साथ में गरबा का मजा भी ले सकते हैं।”
कमल ने कहा, “अगर मैं कुमुद से कहूंगा तो पता नहीं, कुमुद मेरी बात मानेगी या नहीं। अगर राज कुमुद से बात करेगा तो ज्यादा अच्छा रहेगा। बेहतर यही है की तुम राज से अब यह सारी कहानी सुनाओ और उसे कहो की कुमुद को मेरे साथ अहमदाबाद आने के लिए मनाये। अब राज से यह बात छुपाने का कोई फायदा नहीं है।”
रानी ने शर्माते हुए कमल से कहा, “कमल तुम मेरी प्रॉब्लम समझो। मैं मेरे पति से कैसे कहूं की कमल अपनी बीबी कुमुद को चोदते हुए मेरा नाम लेता है? वह क्या सोचेंगे? क्या मैं यह कहूं की कमल मुझसे …. करना चाहता है कमल माफ़ करना पर मैं अभी ऐसा कुछ सोचने से भी डरती हूँ। मैं तुम्हारे साथ हम दोनों के बारे में कैसे ऐसे शब्द का प्रयोग करूँ?”
कमल ने कहा, “अरे मेरी भोली प्यारी रानी, अब तो सब जान ही गए हैं की मेरे मन में तुम्हें चोदने का विचार आ ही गया है। अब कोई भी शब्दों का प्रयोग करो क्या फर्क पड़ता है? तुम अब राज को खुल्लम खुला कह सकती हो की कमल के मन में तुम्हें चोदने का विचार आगया है।”
रानी यह सुनकर सकपका गयी और बोली, “नहीं बाबा नहीं। यह मैं नहीं कर सकुंगी। अगर मैंने ऐसा कहा और राज ने अगर मुझे पूछा की मैं क्या चाहती हूँ तो मैं क्या बताउंगी? बेहतर यही है की तुम मेरे पति राज से बात करो और उसे सब बताओ। मैं नहीं जानती की तुम राज को कैसे बताओगे की तुम अपनी बीबी को चोदते हुए यह सोच रहे थे की तुम अपनी बीबी को नहीं मुझे चोद रहे थे, और तुम्हारे यह सब बताने के बाद राज क्या सोचेगा। खैर तुम्हारे और राज के सम्बन्ध ऐसे हैं की शायद राज और तुम दोनों यह मामला मिलकर सुलझा सकते हो। पर मुझे नहीं पता की क्या होगा। अब राज से क्या बात करनी है या नहीं करनी है यह सब तुम जानो। अब राज से बात करने की जिम्मेवारी तुम्हारी है।”
रानी की बात सुन कर कमल का कमल खिल गया। वह समझ गया की अब रानी को कमल से चुदवाने वाली बात कहने या सुनने से कोई परहेज नहीं रहा था। अब उसके लिए चुनौती बस रानी को हकीकत में चुदवाने के लिए तैयार करने की थी।
राज तो सारी बात पहले से ही जानता था। रानी ने अपने पति राज से कमल से हुई सारी बातें बतायी।
रानी ने यह कहा की कमल कुमुद को किसी और स्त्री का नाम लेकर चोद रहा था। रानी ने यह छुपाया की कमल वास्तव में रानी का नाम लेकर कुमुद को चोदता था।
राज ने कमल की बीबी कुमुद से फ़ोन पर बात की, तो कुमुद राज से बात करते हुए फ़ोन पर ही रो पड़ी।
जब राज ने पूछा की क्या बात थी तो कुमुद कुछ भी बोल न सकी। राज के काफी आग्रह करने पर कुमुद ने सिर्फ इतना ही बताया की बात बड़ी नाजुक थी और फ़ोन पर बात करना ठीक नहीं।
राज ने कुमुद को काफी ढाढस दी और कहा की कुमुद और कमल दोनों अहमदाबाद आएं। राज कमल से बात करेगा और सारा मामला सुलझ जाएगा।
कुछ समझा बुझाने के बाद कुमुद अपने पति के साथ अहमदाबाद जाने के लिए राजी हो गयी। कमल और कुमुद का रेल गाडी का टिकट हो गया तो कमल ने राज को फ़ोन करके बता दिया।
रात को जब राज और रानी सेक्स के मूड में थे, तो राज ने रानी से कहा, “खुश हो जाओ। तुम्हें कल्पना में चोदने वाला तुम्हारा लवर आ रहा है। मैं उसे लाने के लिए सुबह स्टेशन जाऊंगा। उसका स्वागत करने के लिए तुम तैयार रहना। अब तो कल्पना और वास्तविकता में फर्क मिटाने का वक्त आ गया है।”
रानी पहले तो शर्मायी पर फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोली, “छोडो भी, तुम ज्यादा सयाने मत बनो। कल्पना और वास्तविकता में बड़ा अंतर होता है। तैयार तो मैं होउंगी ही क्यूंकि आपका प्रिय दोस्त जो आ रहा है। और फिर तुम्हारी प्यारी कुमुद भी तो आ रही है? क्यों मैंने गलत कहा?” अब शर्मा ने की बारी राज की थी। वह चुप हो गया।”
जैसे ही राज ने सुबह कुमुद को ट्रैन से उतरते हुए देखा, तो उसकी जान हथेली में आगयी। कुमुद ने ट्रैन में से उतरने के पहले अपना मेकअप अच्छी तरह से किया था।
उसकी पतली कमर और उसके सुआकार कूल्हे जीन्स में बड़े आकर्षक लग रहे थे। उसकी कमर उसके टॉप के निचे काफी खुली हुई थी जो उसकी नाभि की सुंदरता दिखा रही थी। उसके स्तनों का आकर्षक उभार मन को बरबस अपनी और आकर्षित कर लेता था।
कुमुद थोड़ी सी सहमी सहमी महसूस कर रही थी। डिब्बे से निचे उतरते ही जैसे कुमुद ने राज को देखा तो उसका चेहरा खिल उठा। कुमुद की आँखों में एक नयी चमक सी आ गयी।
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