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उस रात कमल ने अपनी बीबी कुमुद को चिढ़ाया और कहा, “मेरा दोस्त राज तुझ पर फ़िदा है, ऐसा लगता है। उसे तेरी पतली कमर, सुआकार गाँड़ और करारी चूँचियाँ बहुत पसंद है। मैंने देखा है की जब तू चलती है तो वह तुझे पीछे से ताकता ही रहता है और तेरी गाँड़ हिलाती हुई चाल पर वह फ़िदा लगता है। बेचारा दूसरे कमरे में सोते हुए भी शायद तुम्हारे ही सपने देख रहा होगा।”
जब कमल की बीबी कुमुद ने यह सूना तो वह कमल पर आग बबूला हो गयी और बोली, “तुम्हें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं यह पता ही नहीं है। वह तुम्हारा गहरा दोस्त है और मैं तुम्हारी बीबी। राज ने कभी भी आज तक गलत अंदाज से मुझे छुआ नहीं है। वह एक आदमी है। आदमी की नजर औरत के शरीर पर स्वाभाविक पड़ ही जाती है। पर इसका मतलब यह नहीं की वह बुरा है। तुम्हारी नजर में ही कुछ गड़बड़ है।” यह कह कर कुमुद रिसिया गयी।
कमल ने उसे शांत करने की कोशिश की पर वह न मानी। आखिर में कमल थक हार कर करवट बदल कर बिस्तर में खिसक कर कुमुद से थोड़ी दूर लेट गया।
कमल की बात सुन कर कुमुद को चैन नहीं पड़ रहा था। वह शयन कक्ष से दरवाजा खोल कर बाहर निकली।
बाहर के कमरे में लेटा हुआ राज अंदर के कमरे से आ रही आवाजें सुन कर यह समझ गया था, की कमल भैया और कुमुद के बिच कुछ कहा सुनी हो रही थी, पर कुछ स्पष्ट नहीं सुनाई पड़ रहा था। एकाध बार उसने अपने नाम का जिक्र होते हुए सूना जरूर था।
राज ने जब देखा की कुमुद बाहर आ गयी थी और वह दुखी और नाराज लग रही थी, तो वह भाग कर कुमुद के पास गया उसकी आँखें नम हो रही थी। राज ने कुमुद से सम्मान और प्यार से पूछा की क्या बात थी।
जैसे ही राज ने कुमुद से थोड़ी सी सहानुभूति जताई की कुमुद की आँखों में से गंगा जमुना बहने लगी। कुमुद राज से लिपट कर और उसके कंधे पर सर रख कर रोने लगी।
राज ने अपनी बाहें फैलायीं तो अनायास ही कमल की बीबी कुमुद राज की बाहों में समा गयी। वह बोल नहीं पा रही थी।
राज थोड़ी देर उसकी भाभी के सर पर हाथ फिराता रहा। कमल सारा नजारा अंदर से देख रहा था।
अपने भाई समान दोस्त की बीबी को देखते ही राज के दिल में कुछ अजीब सी हलचल होने लगती थी। उसको कुमुद की पतली कमर और उसपर भी तने हुए कर्रारे स्तन मंडल और नोकीली और सुरम्य नाक बड़ी लुभावनी लगती थी।
राज का एक हाथ कुमुद के कधों पर था और इधर उधर जाने के लिए बेकरार हो रहा था।
कमल सोने का ढोंग करके बिस्तर पर पड़ा पड़ा सारा नजारा देख रहा था। राज ने कुमुद से पूछा की क्या हुआ था।
कुमुद थोड़ी सहम कर राज से बोली, “आपके दोस्त मुझसे आजकल लड़ते हैं और बड़ी उटपटांग बातें करते हैं। लगता है जैसे वह मुझसे संतुष्ट नहीं है।”
राज ने जवाब में कहा, “कमल भैया आपसे संतुष्ट नहीं है? कमाल है! आप के जितनी सुन्दर और सभ्य बीबी पाकर तो कोई भी अपने आप को भाग्यशाली समझेगा। रानी भी सुन्दर है पर आपके मुकाबले नहीं। मैं तो कमल भैया की ईर्ष्या करता हूँ की उसे आपके जितनी सेक्सी पत्नी मिली”
राज के मुंहसे अनायास ही “सेक्सी” शब्द निकल गया। कमल बड़ा हैरान हो गया यह सुन कर की उसका प्यारा दोस्त राज जिसको अब तक वह बच्चा समझता था, वह उसी की बीबी को सेक्सी कह रहा था!
कमल सोच रहा था की कहीं उस की बीबी कुमुद राज के मुंह से सेक्सी शब्द सुन कर तिलमिला ना उठे। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं।
उलटा कुमुद राज की आँखों में आँखें डाल कर पूछने लगी, “मजाक मत करो राज। मैं कोई सुन्दर नहीं हूँ। अगर मैं सुन्दर होती और तुम्हारे भैया को पसंद होती, तो वह मुझसे इस तरह की उटपटांग बाते न करते।”
कुमुद को इतना करीब पाकर राज की हालत खराब हो रही थी। उसके पजामे में उसका लण्ड फर्राटे मार रहा था। वह अपने आप को बड़ी मुश्किल से रोक पा रहा था।
राज के दिमाग में खून का बहाव एकदम तेज हो रहा था। लगता था कहीं उत्तेजना में उसके बदन में खून की धमनियां फट न जाएँ।
बड़ी मुश्किल से अपने आप को सम्हालते हुए राज ने पूछा “कैसी बातें?”.
तो कुमुद बोली, “वह हर रात तुम्हारे बारे में…..” बोल कर वह शर्मा गयी और बोली, “जाने दो मैं क्या कहूं? मुझे शर्म आती है।” और कुमुद थोड़ी देर चुप हो गयी।
कमरे में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया। राज और कुमुद की गहरी साँसों की आवाज कमल को साफ़ सुनाई दे रही थी। राज के पजामे में उसका लण्ड खड़ा हो गया था।
कुमुद जब राज से लिपट कर खड़ी थी तब राज का लण्ड कुमुद के पाँव के बिच ठोकर मार रहा था। कमल की बीबी कुमुद ने राज के लण्ड को अपने पॉंव के बिच ठोकर मारते हुए महसूस किया, तो वह बोल पड़ी, “अरे राज भैया, तुम भी…..? यह … क्या है?” यह कह कर कुमुद राज से थोड़ा हट कर खड़ी हुई।
राज बेचारा क्या बोलता? ना तो उससे रहा जा रहा था, ना उससे सहा जा रहा था। वह लज्जा से तार तार हो रहा था। उसका भेद खुल गया था। उसके लिए तो अब एक ही रास्ता था।
वह एक दम करुणा भरी आवाज में कुमुद से क्षमा मांगते हुए बोला, “भाभी, मुझे माफ़ कर दीजिये। मैं पहले से ही कुछ नर्वस था। आपको देखकर, आपकी सुंदरता से मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गया। मैंने फिल्मों में तो सुन्दर लडकियां देखि हैं, पर साक्षात् आपके जितनी सुन्दर लड़की आपके अलावा नहीं देखि। प्लीज आप माफ़ कर दीजिये। आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।”
जब एक औरत अपनी सुंदरता की इतनी भूरी भूरी प्रशंसा सुनती है, तो उसे प्रशंसा करने वाले के दोष नहीं दीखते।
कमल की बीबी कुमुद अपनी प्रशंसा सुनकर आधा शर्म से और आधा सहानुभूति से राज की और देख कर बोली, “ठीक है बहुत हो गया। मेरी जूठी तारीफ़ करके अब तुम मेरी टांग खींचना बंद करो। मैंने माफ़ किया। बस? ”
राज ने कहा, “तो फिर ज़रा हंस भी दो भाभी।”
सुन कर कुमुद हंस पड़ी और राज को कमर में नकली घूँसा मारते हुए बोली, “तुम भी ना, तुम्हारे दोस्त से कम नहीं हो। मुझे लगता है तुम्हारे भाई तुम्हारे बारे में सच ही कह रहे थे।”
बिस्तर पर लेटा हुआ कमल अपनी बीबी और अपने दोस्त राज के बिच की बातें सुन रहा था।
इस हादसे के बाद राज और कुमुद में थोड़ी और पटने लगी। राज कमल और कुमुद के साथ दो दिन और रुका।
जाने से एक दिन पहले शाम को जब सब एक साथ बैठे थे, तो कुमुद ने अपने पति कमल से राज के सामने ही बातों बातों में कहा, “कमल, तुम्हारा दोस्त राज, तुमसे कहीं ज्यादा सयाना है।”
कमल जोर से हंसा और बोल पड़ा, “अच्छा? तुझे भी राज पसंद है? मेरा दोस्त है ही ऐसा। अगर वाकई में तुम्हें राज इतना पसंद है तो चल, आज रात राज को हमारे साथ ही सोने के लिए बुला लेते हैं। हम सब मिलकर मौज करेंगे।”
कमल की बात सुन कर राज का मुंह खुला का खुला ही रह गया। कुमुद गुस्से से तिलमिला उठी और कमरे से झाड़ू निकाल कर जोर जोर से चिल्ला कर कमल से कहने लगी, “तुम समझते क्या हो अपने आपको? जो मन में आये सो बोल देते हो?”.
वह कमल के पीछे झाड़ू ले कर मारने के लिए दौड़ पड़ी। कमल भाग कर घर के बाहर की और दौड़ पड़ा।
राज एकदम बिच में आया और कुमुद के हाथ से झाड़ू लेकर कोने में फेंक दिया और कमल के पीछे भागती हुई कुमुद को रोका और अपनी बाहों में खिंच कर दबा कर उसे शांत करने लगा।
उस दिन की तरह राज का लण्ड फिर से एकदम खड़ा होकर कमल की बीबी कुमुद के बदन को टॉच रहा था।
इस बार तो दोनों के बदन के हिलने से और राज का कुमुद को अपने काफी करीब दबाने से शक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी की राज का लण्ड कुमुद ने जरूर अनुभव किया था। पर इस बार कुमुद इस बारे में कुछ नहीं बोली और राज की बाहों में कमल को कोसती रही।
राज कमल की और मुड़ा और बोला, “हद है भैया। आप जो कुछ मन में आता है वह बोलते जा रहे हो। ज़रा अपने आप पर नियत्रण रखो। ऐसा बोलोगे तो फिर मैं तुम्हारे घर नहीं आऊंगा।”
कमल ने कहा, “भाई मैं तो जो मन में आता है वह बोल देता हूँ। मुझे माफ़ कर दे पर ऐसे कभी मत कहना की तू मुझसे दूर हो जाएगा।“
कमल और राज गले लग गए। दोनों की आँखें आंसुओं से नम हो गयी।
कुमुद भी उनके पास आयी और उन दोनों से लिपट कर बोली, “यह तो इमोशनल अत्याचार हो गया। अब बस भी करो। तुम दोनों सगे भाई ना होते हुए भी एक दूसरे को इतना चाहते हो, की एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हो। यह अद्भुत है। भगवान आप दोनों की जोड़ी सलामत रखे।”
अगले दिन राज को वापस जाना था। उस रात राज, कमल और कुमुद तीनों बिस्तर पर लेटे हुए देर रात तक बातें करते रहे। कुमुद राज और कमल के बिच में लेटी हुई थी।
उस रात बातें करते हुए पता नहीं कितनी बार राज और कुमुद में शारीरिक स्पर्श हुआ होगा। देर रात तक बातें चलती रहीं। फिर राज अपने कमरे में सोने के लिए चला गया।
दूसरे दिन राज वापस अहमदावाद चला गया।
जब भी उनकी फोन पर बातचीत होती तो कमल रानी के बारे में पूछता और राज कुमुद के बारे में।
एक दिन राज कुछ ज्यादा ही दुखी था। कमल से फ़ोन पर बात करते करते वह बोल पड़ा, “भैया, अब तो जिंदगी बोझ बन गयी हो ऐसा लगता है। शादी के शुरू में तो मेरी और रानी की खूब जमी। हमने खूब मजे किये। पर अब तो सेक्स का जोश धीरे धीरे कम हो गया है। इस लिए नहीं की हमें सेक्स करना अच्छा नहीं लगता, पर इस लिए की सारी नवीनता ख़त्म हो गयी है। मुझसे ज्यादा रानी पर इस का असर दिखाई देने लगा है। क्या बताऊँ? मेरी सेक्स करने की इच्छा को वह अक्सर “थक गयी हूँ।” कह कर टाल देती है या फिर टाँगे फैला कर कहती “चलो जल्दी निपटाओ, मुझे नींद आ रही है। मुझे बड़ा दुःख होता है पर क्या करूँ? मेरी समझ में नहीं आता की क्या किया जाय।”
तब अचानक कमल को वह लेख याद आया जो उसने कोई ब्लॉग में पढ़ा था।
कमल ने कहा, “राज मेरे पास एक फॉर्मूला है। अगर तुझे पसंद आता है तो अमल कर।” कमल ने फिर उसका प्लान जो उस ब्लॉग के लेख पर आधारित था, राज को विस्तार से बताया।
जिसे सुनकर राज खिल उठा। राज ने कहा, “भाई, तुम्हारे प्लान में दम है। तुम कहो तो मैं इसे आज से ही अमल करना शुरू कर देता हूँ।”
कमल ने कहा, “राज यह पहला सोपान है। इस प्रोग्राम के तीन सोपान है। दुसरा और तीसरा बाद में बताऊंगा।”
राज ने कमल को विश्वास दिलाया की वह उसे एकदम अमल करना शुरू कर देगा और कमल को बताता रहेगा की असर कैसा रहा।
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