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बी डी एस एम सेक्स की बहुत शौकीन हूँ मैं … एक बार मैं अपने सहेली के घर गयी तो उसने मुझे गर्म कर दिया। वो मेरी चूत चाटने ही वाली थी कि उसका पति आ गया।
दोस्तो, मैं सिमरन फिर से अपनी एक फंतासी और गर्म बी डी एस एम सेक्स की कहानी बताने आ गई हूं।
आप जानते ही हैं कि मैंने कितने ही ठरकी मर्दों के साथ सेक्स किया है। मगर उनमें से किसी की भी हिम्मत नहीं हुई कि वो मेरे बारे में एक रंडी वाली छवि बना सकें।
भले ही उनके लंड मेरी गदरायी सुडौल फिगर को देखकर एकदम से तन जाते हों और उन्होंने मुझे जमकर चोदा हो मगर उसके बदले उनको जो बी डी एस एम सेक्स की सजा मैं देती हूं उसे सोचकर उनके कड़क लंड की हवा भी निकल जाती होगी।
मुझे यह बताने की जरूरत नहीं है कि मुझे मर्दों को तरसाना, तड़पाना और उन पर हुकम चलाना कितना पसंद है। एक ही बार में उनको दर्द और मजे का अहसास दिलाने के बारे में सोचकर ही मेरे अंदर की जंगली औरत जाग जाती है।
हालांकि कई बार मैं अपनी सहेली प्रिया के पति के बारे में सोचती हूं कि वह मुझे डोमीनेट करे। उसके बारे में सोचकर ही मेरी चूत गीली हो जाती है।
अक्सर मैं इस कल्पना का मजा लेती हूं कि प्रिया का पति अपने मोटे लंड से मेरी गांड को चोदते हुए मेरे मोटे चूतड़ मसल रहा है और मैं उसको मेरे पति के सामने मेरी चुदाई न करने की भीख मांग रही हूं।
ऐसे ही एक बार मैं अपनी कल्पना में खोई हुई थी कि मेरी सहेली डेजी ने मुझे कॉल करके डिस्टर्ब कर दिया। उसने बताया कि वो उसके यहां पर नये खुले ब्यूटी पार्लर में एक बार जाना चाहती है। उसे उस ब्यूटी पार्लर के बारे में हमारे क्लब की फ्रेंड्स से पता चला था।
मैं भी पार्लर जाना बहुत पसंद करती हूं। खासकर तब जब मेरा बॉयफ्रेंड मुझे चोदते हुए मेरे बालों को खींच खींचकर उनकी ऐसी तैसी कर देता है। कई बार तो वो मेरे सिर में ही माल गिरा देता है।
डेजी ने मुझे कहा कि मैं उसके घर आ जाऊं और फिर वहां से हम दोनों उस नये ब्यूटी पार्लर में जाएँगी जो कि डेजी के घर के पास ही था।
मैं डेजी के घर पहुंच गयी। हम दोनों बेड पर बैठी थीं और वाइन का मजा लेते हुए एक दूसरे के करीब आ गयी थीं।
कॉलेज के दिनों में हम दोनों ने हॉस्टल में लेस्बियन सेक्स के भी खूब मजे लिये थे। हम हैंडसम लड़कों के बारे में बातें करते हुए एक दूसरे की चूत से चूत रगड़ने का मजा लिया करती थीं।
मैं- मेरी लैगिंग खींचना बंद करो तुम डेजी! तेरा पति कभी भी अंदर आ धमकेगा। हम दोनों को काफी चढ़ गई थी और मैं भी डेजी के साथ मजे करना चाहती थी मगर उसके घर पर नहीं।
डेजी- सिम्मी, तू चिंता मत कर! डोनाल्ड अभी अपने दोस्तों के साथ अपनी नई कार की शेखी बघारने में बिजी है; वो डिनर टाइम से पहले घर नहीं आने वाला।
ये कहते हुए डेजी ने मेरी लैगिंग खींच दी और मुझे बेड पर लिटा दिया। डेजी- मैंने इस चूत को बहुत मिस किया है और अब मैं इसके साथ ऐसे खेलूंगी कि तुम्हारी चीखों में मेरा ही नाम होगा।
मैं- आह्ह … अच्छा लगा कि तुम ऐसा सोच रही हो। डेजी- ओह्ह … बेचारी सिम्मी, तुम्हें कैसा निकम्मा पति मिला है। मैं- मेरा मूड मत खराब करो … अब जल्दी से इसे चाटना शुरू करो।
डेजी ने मेरी पैंटी उतारी ही थी कि दरवाजे की घंटी बज पड़ी। मैं घबराई और एकदम से उठकर अपनी लैगिंग देखने लगी। मैं इसी बीच डेजी के हाथ से पैंटी छीनने लगी।
उसने मुझे नीचे गिरा लिया और मेरे चूचों पर अपनी हथेलियां रख दीं। डेजी- रिलेक्स सिम्मी, यह डोनाल्ड नहीं है। उसके पास तो चाबियां हैं। पता नहीं ये कौन आ गया है इस वक्त!
डेजी ने अपने कपड़े ठीक किये और बाहर चली गयी। मैं आराम से सिर टिकाकर पीछे लेट गयी और मेरी आंखें जैसे भारी सी होने लगीं। वह कमरा काफी ठंडा और शांत था। चमेली के तेल की खुशबू आ रही थी।
वहां पर आलम काफी मदहोशी भरा हो गया था क्योंकि शराब भी अपना असर दिखा रही थी।
मगर तभी मेरे चेहरे पर किसी की गर्म सांसें लगती हुई महसूस हुईं और दिल जोर से धड़कने लगा।
जब मैं पूरी तरह से होश में आई तब मुझे मालूम चला कि एक आदमी मेरे होंठों पर किस कर रहा है और उसका तना हुआ लंड मेरी चूत के गीले होंठों पर रगड़ रहा है।
मैंने उसके चहरे को पीछे हटाया और कमरे में यहां वहां देखा। डोनाल्ड- शांत हो जाओ, वो यहां नहीं है। मुझे नहीं पता कि वो तुम्हें इस हालत में छोड़कर कहां गई है।
वो अभी भी मेरी चूत पर लंड को रगड़ रहा था। उसके लंड से प्रीकम निकलना शुरू हो गया था और मेरी चूत के होंठों पर चिकनाहट छोड़ रहा था।
मैं- ये क्या कर रहे हो डोनाल्ड तुम? और वो कमीनी डेजी कहां है? डोनाल्ड- रिलेक्स हो जाओ सिमरन, मुझे नहीं पता कि डेजी कहां है। अगर वो यहां होती तो मैं तुम्हारे साथ ये हरकतें कैसे कर सकता था।
मैं- क्या दरवाजे की बेल तुमने बजाई थी? डोनाल्ड- जब मेरे पास चाबियां हैं तो मैं दरवाजे की घंटी क्यों बजाऊंगा? मैं- मुझे नहीं पता कि यहां ये हो क्या रहा है … इससे पहले कि डेजी देख ले तुम अपने लंड को अपनी पैंट के अंदर कर लो।
डोनाल्ड- मैंने उसकी चाबियां टेबल पर पड़ी देखी थीं। तो हम उसके आने से पहले अपना ये काम खत्म कर सकते हैं। उसने आंख मारते हुए कहा.
वो घुटनों के बल था और लंड को रगड़े जा रहा था। मुझे उसका लंड अच्छा लगा लेकिन उसने जिस तरह मेरी हालत का फायदा उठाया मुझे वो अच्छा नहीं लगा।
मैंने उसके गर्म लंड को अपनी ठंडी हथेली में पकड़ लिया- सोते हुए मेरी चूत के साथ छेड़छाड़ करने वाले ठरकी मर्दों के लिए मेरे पास अपने तरीके हैं। तुम सच में इस वक्त आगे बढ़ना चाहते हो?
डोनाल्ड- इस चूत का स्वाद चखे बिना मैं और कहां जा सकता हूं? तुम कैसे करना चाहती हो?
मैंने उसको एक प्यारी सी स्माइल दी और उसी पल मैंने उसकी गोटियों को अपने हाथों में जोर से भींच लिया। उसके मुंह से निकली एक जोर की चीख ने उसे यह बता दिया कि मेरा क्या मतलब था।
डोनाल्ड- हां, कर साली रंडी … जो करना है कर ले। मैं चाहता हूं कि तुम मेरी आंखों में देखते हुए मेरे लंड से चुदो। मैंने उसके लंड को अपनी ओर खींचा और उसे तहजीब सिखाने के लिए उसकी गोटियों पर जोर का थप्पड़ मार दिया।
मैं- मालकिन कहो मुझे! हरामी!! ज्यादा ताव में आने की जरूरत नहीं है। जब तक तुम तमीज नहीं सीख जाते ये चूत तुम्हें नहीं मिलने वाली। डोनाल्ड- सॉरी मालकिन। वो वाइन के आधे खत्म हो चुके गिलास की ओर बढ़ा और मैंन फिर से उसके लंड पर थप्पड़ मार दिया।
डोनाल्ड- ऊह्ह … मेरी गोटियां … तुम्हारे इस जुल्म को बर्दाश्त करने के लिए मुझे पी लेने दो मालकिन। जब मुझे सजा मिले तो पूरा मजा आना चाहिए।
मैं- बेड पर लेट जाओ। मैंने तुम्हें एक तरोताजा ड्रिंक देती हूं। शायद तुम इसको संभाल भी न पाओ। वो बेड पर लेट गया और मुझे नंगी होते हुए देखने लगा।
मेरे मोटे चूचे देखकर उसके लंड में और ज्यादा तनाव आ गया।
उसका ध्यान बंटाने के लिए मैंने अपनी निप्पलों के साथ खेलना शुरू कर दिया और अपने होंठों को कामुक अंदाज में काटने लगी।
मैं- मेरा गर्म ड्रिंक पीने के लिए तैयार है मेरे कुत्ते? मैं उठी और बेड पर लेटे हुए डोनाल्ड के तने हुए लंड पर बैठ गयी। मैंने अपनी गांड को उसके लंड पर टिका दिया।
उसका लंड बहुत ही गर्म और टाइट था।
फिर मैंने अपना बायां चूचा उसके मुंह में दे दिया और उसे चूसने को कहा। उसने वैसा ही किया और मेरे निप्पलों को बेसब्री से चूसने लगा। फिर इस तरह से मैंने दायां चूचा भी उससे चुसवाया।
मैं- कुछ नहीं निकल रहा है क्या? उसने बड़े ही भोलेपन से अपनी गर्दन ना में हिलायी और मुस्कराने लगा। फिर मैं उसकी तरफ घूमी और अपनी गांड को उसके मुंह पर रगड़ने लगी।
उसने भी मेरी चूत गांड को चाटने के लिए अपनी जीभ निकाली और वो मेरे जाल में फंस गया। तभी मैंने अपनी पेशाब की नली पर जोर डाला और सारा पेशाब उसके मुंह में गिराने लगी।
उसके घर आने के बाद से मैंने पेशाब नहीं किया था और अब काफी मात्रा में वो पेशाब रूपी पानी मेरे शरीर से निकल रहा था। इसमें से काफी सारा उसके मुंह में गया और जब उसको इसका स्वाद अच्छा नहीं लगा तो उसने अपने होंठों को भींच लिया।
मैंने उसके लंड पर थप्पड़ मारा और उसका मुंह खुलवाया। वो मेरे गर्म मूत को मुंह में गिरने से रोकने के लिए इधर उधर गर्दन पटकने लगा।
मैं- अगर तुम्हें अपनी मालकिन का पेशाब पसंद नहीं है तो उसकी चूत का स्वाद कैसे चखोगे?
फिर बेशर्म होकर उसने भी मुंह खोल दिया और मेरे सारे पेशाब को पी गया। मैं- मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाटो! यदि तुम एक पल के लिए भी रुके तो मैं तुम्हारे लंड और गोटियों को तोड़ दूंगी।
डोनाल्ड ने सोचा कि यह तो बहुत मस्त तोहफा है। मगर जब नाक दबी होने से उसकी सांसें रुकने लगी तो वो मुंह को यहां वहां घुमाने लगा।
उसकी नाक मेरी गांड की दरार में झुरझुरी पैदा कर रही थी। जब मैं उसको सांस देने खातिर ऊपर उठी तो मैंने पाया कि वो काफी गर्म हो चुका था।
डोनाल्ड- ओह्ह … बहुत अच्छा लगा मालकिन! मुझे अब चूत नहीं चाहिए। सांस रोकने वाली इस गांड चटाई को फिर से शुरू करते हैं!
मैं दोबारा से डोनाल्ड के मुंह पर बैठ गयी और गांड को उसके चेहरे पर रगड़ने लगी। मैंने पूछा- कैसा लग रहा है? तो उसने अंगूठा ऊपर करके इशारा किया।
वो मस्ती से मेरी इस सजा को इन्जॉय करता रहा और मैंने फिर उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया। मैंने अपनी लार में उसके प्रीकम को मिला दिया और उसके लंड को चुपड़ते हुए चूसने लगी।
जब मैं उसके लंड को मस्ती में चूस रही थी तो उसने मेरे चूतडों को और जोर से पकड़ लिया और मुंह को ज्यादा जोर से गांड में घुसाने लगा। जब तक मुझे पता लग पाता उसने मेरे मुंह में अपना गर्म माल गिरा दिया।
मुझे उसके माल का कुछ हिस्सा निगलना पड़ा क्योंकि वह मेरे गले तक पहुंच गया था।
मैंने झुंझलाकर उसके लंड पर एक जोर का थप्पड़ मारा- रंडी की औलाद! क्या तुम थोड़ी देर इसे रोक नहीं सकते थे? क्या यही जोश था कि तुम मुझे चोदने के लिए इतने उतावले थे?
डोनाल्ड- सॉरी मालकिन, मुझे शीघ्रपतन की समस्या है। मगर मुझे हैरानी हुई कि मैंने इतने समय तक रोक लिया। उसको प्रसन्नता हो रही थी कि वो इतने लंबे समय तक भी अब वीर्य को रोक सकता है.
मैं- हां, तुम बस मेरी चूत पर लंड ही रगड़ पाए। अच्छा हुआ कि मैंने तुम्हें चोदने नहीं दिया वरना तुम मुझे निराश ही करते।
इतने में ही दरवाजे की घंटी बजी और अबकी बार डोनाल्ड की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। स्थिति कैसे एकदम से बदल गई थी।
उसके बाद मैंने डेजी से सुना कि वो अपने ऊपर वाले माले के पड़ोसियों के पास गयी थी। वो एक बुजुर्ग महिला की घर के किसी काम में मदद के लिए गई थी। इत्तेफाक से डोनाल्ड उसके जाते ही घर में आ गया होगा।
उस दिन फिर हम पार्लर गए। मगर उसको शक हो गया कि दरवाजा खोलने में इतना टाइम कैसे लगा दिया मैंने!
साथ ही डोनाल्ड को भी गद्दा बदलने की इतनी जल्दी क्यों थी … ये सब सवाल उसके शक को बढ़ा रहे थे।
इस घटना के कुछ दिन बाद, मैंने पाया कि डेजी को मेरी बात पर संदेह नहीं था बल्कि उसे तो उस बात का डर था कि कैसे उसने अपने पति की तारीफ मेरे सामने की हुई थी। वो कहती थी कि उसका पति उसको बिस्तर में बहुत देर तक चोदता है।
उधर डोनाल्ड ने भी मेरे मैसेज का रिप्लाई नहीं किया जिसमें मैंने उससे मिलने के लिए पूछा था। मैंने उसके मांसल लंड की तारीफ भी की।
मेरे अंदर की शासिका उस वक्त खुश हो जाती है जब इस तरह मस्ती भरी घटना के अगले दिन मर्द मेरे मैसेज का रिप्लाई नहीं करते।
तो दोस्तो, ये थी मेरी बीडीएसएम सेक्स स्टोरी। आपको इसमें मजा आया होगा. तो मुझसे इस बारे में बात करें, मुझे कॉल करें। मैं भरोसा दिलाती हूं कि आपको बहुत मजा आएगा और मुझसे बात करने पर आपको कोई पछतावा नहीं होगा।
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