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दोस्तो, मेरा नाम बिट्टू है और मैं 24 साल का गोरा स्मार्ट और सेक्सी लड़का हूँ। मेरा लंड औसत लंड से लम्बा है और मैंने अब तक जिस भी लड़की को चोदा है.. वो मेरे लंड की आशिक हो गई हैं।
मेरा यह पर्सनल सेक्स एक्सपीरियेन्स तब का है.. जब मैं 12 वीं क्लास में था और 19 साल का था। इस समय तक मैंने कभी सेक्स नहीं किया था.. पर सेक्स के बारे में सब कुछ पता था। चूंकि चुदाई को याद करके लंड हिलाने का नया-नया शौक था.. तो रोज़ रात को बिस्तर पर मुठ मार लेता था।
मैं अपने घर में इकलौता लड़का हूँ, मेरे घर पर सब सरकारी जॉब वाले हैं। इस वजह से लगभग सभी लोग रोज सुबह से ही अपने अपने जॉब पर चले जाते थे। मैं उस वक़्त घर पर ही रहता था क्योंकि 12 वीं में केवल एग्जाम देने का फ़ार्म भरा था। मेरे घर पर उस वक़्त काम करने संध्या आती थी।
संध्या एकदम जवान सेक्सी और मस्त फिगर की साँवली सी लड़की थी, उसके शरीर की सबसे ख़ास और आकर्षक चीज़ थी उसके चूचे! उसके चूचे इतने सेक्सी थे कि मन करता था कि बस इसके मम्मों को जीभ से इतना चाटूँ.. इतना चाटूँ कि पूरे निप्पल बाहर निकाल लूँ।
उसकी हाइट थोड़ी छोटी सी थी और उसकी गांड और चूचे बड़े होने के कारण वो बहुत ही सेक्सी लगती थी। मेरा मन करता था कि किसी तरह एक बार इसकी बुर चोदने को मिल जाए.. तो बस जिन्दगी धन्य हो जाए। उसे देख यहाँ तक मन होता था कि साली की बुर को हमेशा ही चोदता रहूँ।
वो सलवार-सूट भी इतना टाइट पहन कर आती थी कि उसके निप्पल अलग ही उभरे हुए नज़र आते थे। उसे देखकर मैं बाथरूम में जाकर मुठ मार लेता था।
संध्या मुझसे उम्र में 2 साल बड़ी थी और उसकी सगाई हो चुकी थी। मैं यही सोचता था कि यार वो बड़ा खुशनसीब बंदा होगा.. जिससे इसकी शादी होने वाली है। वो रोज़ इतकी बुर के मज़े लेगा और इसको बेहिसाब चोदेगा।
कभी-कभी संध्या ऐसा सूट पहन कर आती थी कि अन्दर पहनी हुई ब्रा साफ नज़र आती थी.. जिससे मेरा लंड तुरंत टावर की तरह खड़ा हो जाता था। पर संध्या को चोदना मेरे लिए एक पहेली सा था। आख़िर कैसे बोलता उसको कि मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
संध्या जब बर्तन मांजती थी.. तो अपना दुपट्टा निकाल कर तार पर टाँग देती थी। उसके ठीक सामने की दीवार के होल से मैं उसे रोज़ देखता रहता था और उसके सेक्सी मम्मों को देखकर वहीं पर लंड को सहलाया करता था।
कभी-कभी तो मुझे उसके निप्पल भी दिख जाते थे। उस वक्त तो मेरा लंड एकदम लाल हो जाता था।
एक दिन वो मेरे रूम में पोंछा लगाने आई.. तब मैं उसे देख भी रहा था और सोने का नाटक भी कर रहा था। मैं चड्डी में था और सीधा सोया हुआ था और मेरा लंड तना हुआ था। मैं जानबूझ कर उसके सामने अंजान बनकर सोने का नाटक करता रहा। साथ ही मैंने उसको मेरा लंड दिखाने का नाटक भी किया ताकि मैं उसके चेहरे के भाव देख सकूं।
यकीन मानना दोस्तो, मेरा लंड देखकर उसने मुँह पर हाथ रखा और मुस्कुराने लगी और अपनी बुर पर हल्के-हल्के से हाथ फेरने लगी। मैं उसे देख रहा था और एकदम से जागकर कहा- क्या देख रही हो आप? वो पूरे सेक्सी मूड में आ चुकी थी.. क्योंकि उसको मेरा लंड भा गया था।
मेरे घर में उस वक़्त कोई नहीं था, वो बोली- जो तुममें देखने लायक है वही देख रही हूँ। ऐसा कह कर वो मेरे सामने ही अपनी बुर को सहलाने लगी।
उस वक़्त की फीलिंग मैं क्या बताऊँ दोस्तो.. मेरा लंड तो फनफनाने लगा था। मैंने संध्या से कहा- अगर आपको देखना ही है.. तो अच्छे से देख लो।
ऐसा कहकर मैंने उसके सामने ही चड्डी से अपना लंड निकाला और उसी के सामने मुठ मारने लगा। यह देख कर उसका भी जोश सातवें आसमान पर आ गया था। वो मेरे पास आई और मेरे लंड हाथ में लेकर बोली- आह्ह.. बिट्टू.. कितना बड़ा और प्यारा लंड है तुम्हारा..! मैंने आप से तुम पर आते हुए उससे कहा- तुम भी पूरी सेक्सी माल हो।
मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसकी सेक्सी अंडरवियर में हाथ डाल दिया। उसकी बुर एकदम गर्म हो रही थी और मेरा लंड उसके हाथ में था। उसकी बुर में मेरा हाथ लगा हुआ था।
फिर धीरे से मैंने उसकी कुर्ती निकाल दी, उसने उस दिन वाइट कलर की ब्रा पहनी हुई थी। मुझे अपना सपना हक़ीक़त में बदलते हुए देखकर बहुत ही खुशी हो रही थी।
मैंने उसकी पीठ से अपनी छाती चिपका दी और उसके गले पर होते हुए उसकी ज़ुल्फों को हटाते हुए पहले उसके गले को पीछे से खूब चाटा और जी भरके किस किया। वो भी आहें भर रही थी- आआहह.. उह.. इसस्स्स.. यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं पीछे से उसके मम्मों को ब्रा से निकालते हुए निप्पलों को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा। सामने शीशा लगा हुआ था और उसके एक्सप्रेशन बहुत ही सेक्सी और मदहोश कर देने वाले थे।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारी गांड इतनी बड़ी क्यों है?? वो बोली- मुझे सेक्स करने को नहीं मिलता तो मैं रोज़ रात को लंबे वाले भुट्टे या लंबी और मोटी मूली अपनी गांड में डालती हूँ। मेरी तमन्ना है बिट्टू कि तुम जल्दी से मेरी गांड में अपना मूसल डाल दो प्लीज़।
मैंने उसको गोदी में उठाया और फिर बिस्तर पर पटक दिया। इसके बाद उसके पूरे कपड़े उतार दिए और संध्या इतनी उतावली हो रही थी कि मेरी बनियान उसने फाड़ डाली।
हम दोनों पूरे नंगे हो गए और वो बिस्तर पर लेफ्ट करवट वाली पोज़िशन में लेट गई। मैं भी उसकी पीठ से अपनी छाती चिपका कर लेट गया और उसकी सीधी वाली टाँग को अपने सीधे हाथ से ऊपर उठाया और उसकी गांड पर अपना लंड रख दिया।
वो बोली- आआहह बिट्टू.. थोड़ा आराम से.. मैंने कहा- हाँ डोंट वरी।
फिर आराम से मैं अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा। मेरा लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था.. जिस वजह से उसको बेहिसाब दर्द हो रहा था।
मैंने आहिस्ता-आहिस्ता अपने लंड को उसकी गांड में डालना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मैंने पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और डालने के बाद धीरे से अन्दर-बाहर करने लगा।
उसके मुँह से आवाज़ निकली- आहह.. उउऊहह.. इस्स.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… बिट्टू आई लव यू.. और करो.. आआहह.. और करो..
मैं जमकर संध्या की गांड मार रहा था। कुछ मिनट तक मैं टिका रहा फिर उसकी गांड में ही झड़ गया। वो बोली- बिट्टू अब मेरी बुर मारो ना प्लीज़..
तब मैंने लंड फिर से खड़ा होने तक उसको बिस्तर पर सीधा पीठ के बल लेटा दिया और उसकी टाँगें चौड़ी कीं और उसकी बुर को अपनी जीभ से चाटने लगा। हाय क्या मस्त बुर थी।
वो तड़पने लगी.. छटपटाने लगी और मदहोश होकर कमर मटकाने लगी। मैंने उसकी बुर को कुछ मिनट तक लगातार जी भरके चूसा और चाटा।
अब तक मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया था। मैं अब उसके ऊपर देसी स्टाइल में चढ़ गया और धीरे-धीरे से अपने लंड को उसकी बुर में पेलने लगा। वो दर्द से चीखने लगी.. क्योंकि वो फर्स्ट टाइम चुद रही थी। उसकी बुर एकदम टाइट थी।
जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी बुर में डाल कर धक्का मारा.. वैसे ही वो चीख पड़ी ‘आआहह..’ मैंने उसके मुँह पर अपना हाथ रखा और पूरा लंड उसकी बुर में पेल दिया।
उसकी बुर से खून निकल पड़ा और वो बहुत जोर से चीखने लगी। लेकिन मैं उसके मुँह को चूमते हुए उसके मम्मों को सहलाने लगा।
फिर कुछ देर बाद बुर की लंड से दोस्ती हो गई और उसकी बुर में मेरा लंड आराम से आने-जाने लगा।
बस अब क्या था.. मैंने जमकर उसकी चुदाई की। काफी देर तक अलग-अलग पोज़िशन्स में मैंने उसको खूब चोदा। कभी उसे घोड़ी बनाकर चोदा, तो कभी कुर्सी पर बैठा कर चोदा.. तो कभी सीधे लेटकर उसको अपने लंड पर बैठाकर जी भरके चोदा।
संध्या खुश गई और मुझे पकड़ कर उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी।
हम दोनों ने एक-दूसरे की जीभ को जीभ लगा कर कम से कम 10 मिनट तक चूसा। उस दिन बहुत मज़ा आया।
कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने बुर से खींच कर अपना लंड उसको पकड़ा दिया। वो मेरे लंड को हिलाने लगी और सारी मलाई निकल कर नीचे गिर गई।
कुछ देर बाद हम दोनों ने एक-दूसरे के मुँह में जीभ से जीभ टच करते हुए सेक्सी किस ली। इसके बाद मैंने उसको अपने हाथों से चड्डी और ब्रा पहनाई। उसकी पजामी और कुर्ती उठाई और वो भी उसको पहनाई।
फिर वो जाने लगी.. तब लास्ट में मैंने उसका हाथ पकड़ा और एक बार फिर जीभ वाली किस की। उसने जाते हुए बड़े प्यार से कहा- बाय अमन.. आज लेट हो गई हूँ.. आई लव यू।
दोस्तो आपको मेरी ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. कमेंट्स ज़रूर कीजिएगा, धन्यवाद।
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