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दोस्तो, मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम का नियमित पाठक हूँ, मैंने लगभग सारी सेक्स स्टोरीज पढ़ी हैं। इसी से प्रेरित हो कर आज मैंने भी अपनी पहली आपबीती लिखी है।
मेरा नाम मन्नू जाट है, मैं हरियाणा के पानीपत शहर के पास के एक गांव में रहता हूँ। मेरे लिंग का आकार काफी मोटा और लम्बा है।
यह कहानी मेरी और मेरी पहली गर्लफ्रेंड ज्योति के बीच घटी एक सच्ची घटना है। इस कहानी में सिर्फ नाम काल्पनिक हैं, कहानी बिल्कुल असली है।
मैं कॉलेज में आने से पहले अपने गाँव में पढ़ा करता था और मेरी कक्षा में एक लड़की पढ़ती थी.. जिसका नाम ज्योति था। उसकी फिगर ऐसी थी कि देखते ही किसी का भी लंड सलामी देने लग जाए।
मैं स्कूल के दिनों से ही उसे चोदने के सपने देखा करता था और मैंने उसके नाम पर बहुत बार मुठ मारी है। मैं ज्योति पर स्कूल के दिनों से ही मरता था.. पर उससे बात करने में भी गांड फटती थी।
जैसे तैसे मेरा स्कूल पूरा हो गया और मैंने पानीपत के एक स्नातक कॉलेज में दाखिला ले लिया। कॉलेज के पहले दिन जैसे ही मैं क्लास में घुसा, मेरी आँखें फटी की फ़टी रह गईं.. क्योंकि ज्योति ने भी उसी कॉलेज में दाखिला लिया था। मुझे देखते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
धीरे धीरे हमारा प्रथम सेमेस्टर खत्म हो गया और इसी दौरान मेरी और ज्योति की भी दोस्ती गहरी हो गई थी। एक दिन मैंने ज्योति को हिम्मत करके दिल की बात बोल ही दी। तब मुझे पता चला कि ज्योति भी मुझसे प्यार करती थी, मैंने क्लास में ही उसे जोर से सीने से लगा लिया।
अगले दिन मैंने ज्योति को बोला- चलो मूवी देखने चलते हैं। वो भी झट तैयार हो गई और हमने पीवीआर में जाना निश्चित किया।
तब सिनेमा में पीके लगी हुई थी और सिनेमाघर में भीड़ भी ज्यादा नहीं थी। हमने कार्नर वाली सीट ले ली.. फ़िल्म के चालू होने के कुछ देर बाद ही मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और हाथ पर एक किस कर दिया।
जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने धीरे-धीरे उसके चूचे दबाने चालू कर दिए। उसने फिर हल्का सा विरोध किया लेकिन बाद में उसे भी अच्छा लगने लगा, मैंने सोचा कि बेटा मन्नू यही अच्छा मौका है.. चोद ले साली को।
मैंने ज्योति से कहा- चलो यार कहीं और चलते हैं.. यहाँ प्रॉब्लम हो सकती है। वो भी गर्म हो गई थी.. तो बोली- ठीक है।
मैं उसे बाइक पर बैठाकर कई जगह ले गया लेकिन साली किस्मत ही गांडू थी कि कोई कमरा ही नहीं मिल रहा था। मैंने मेरे एक दोस्त से बोला- भाई कोई सेफ कमरा दिलवा दे। उसने मुझे बस स्टैंड के पास वाले होटल का पता दिया.. जो उसके दोस्त का था।
मैं ज्योति को लेकर उस होटल में पहुंच गया और दो घण्टे के लिए कमरा बुक कर लिया, वेटर हमें कमरे तक छोड़ गया। कमरे में घुसते ही मैंने उसको अपनी बाँहों में कैद कर लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसने थोड़ा सा दिखावटी विरोध किया लेकिन कुछ ही मिनटों में वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया।
अब मैं जोर-जोर से उसे किस कर रहा था और वो भी पूरे मजे लेकर साथ दे रही थी।
कुछ ही पलों में मैंने उसकी शर्ट उतार दी। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी और वो बहुत खूबसूरत लग रही थी, हरयाणवी में बोलूँ तो एकदम गंडासा लग रही थी।
मैं उसे फ्रेंच किस करते-करते उसके चूचे दबा रहा था। उसकी चूचियां एकदम सख्त हो उठी थीं.. उन्हें दबाने में बहुत मजा आ रहा था।
फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी और चूचियों को मुँह में भर लिया। मैं कभी इस चूची को चूसता तो कभी दूसरी वाली को चूसता। चूची चुसाई के साथ ही मैं उसके चूचक भी मसल देता और वो चिहुंक उठती। फिर मैंने उसकी पेंट भी उतार दी और उसकी गुलाबी रंग की छोटी सी पैंटी मेरे सामने आ गई। उसकी पेंटी उसके कामरस से गीली हो गई थी।
मैंने बिना देर किए उसकी पेंटी भी उतार फेंकी, अब वो पूरी तरह मेरे सामने नंगी पड़ी थी।
फिर उसने भी बिना देर किए मुझे नंगा कर दिया। मैंने उसे लौड़ा मुँह में लेने के लिए बोला.. तो उसने मना कर दिया। लेकिन थोड़ा जोर देने पर उसने अपने मुँह में मेरा लौड़ा ले लिया।
दोस्तो, उस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ। मैंने पहले किसी लड़की को नहीं चोदा था और वो भी पहली बार चुदने वाली थी।
फिर मैंने भी 69 में होकर उसकी मुलायम चूत को मुँह में भर लिया और कुछ देर तक उसकी चूत चाटता रहा और इसके चूचे दबाता रहा। वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और एक हल्का सा झटका लगा दिया, तो लंड फिसल गया। मैंने फिर से लंड को अच्छी तरह सैट किया और एक जोर का झटका मार दिया.. तो उसकी चीख निकल गई, वो चिल्ला पड़ी- मर गई री माँ..
वो छटपटाते हुए मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.. पर मेरी मजबूत पकड़ के सामने उसकी एक ना चली, उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे। मेरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ दो इंच तक अन्दर फंस चुका था। मैंने उसके होंठों पर होंठ रख कर उसका मुँह बन्द कर दिया और कुछ देर तक उसके ऊपर ही पड़ा रहा।
कुछ देर बाद मैंने लगातार दो झटके मारे और मेरा तना हुआ लम्बा लौड़ा उसकी चूत में पूरा समा गया। उसकी चूत से खून बहने लगा, मैं कुछ देर के लिए रुक गया, इस बीच मैं कभी उसके चूचे मुँह में लेता.. कभी उसके होंठों को चूसता।
कुछ ही पलों बाद उसका दर्द गायब हो चुका था और फिर मैं भी धीरे-धीरे झटके मारने लगा। जल्द ही चुदाई का आलम हम दोनों को मजा देने लगा। इसके बाद उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा और उसने मुझे कस कर बाँहों में भर लिया। मुझे पता चल गया था कि उसकी पानी निकल गया है।
मैंने भी अपने झटके तेज कर दिए और उसकी चूत के ऊपर ही ढेर हो गया, मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा और वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी। फिर मैंने कपड़े पहने और खाना आर्डर किया।
खाना खाने के बाद मैंने उसे फिर से किस करना चालू कर दिया। अबकी बार उसका पूरा साथ मिल रहा था। हम दोनों एक-दूसरे को किस करते हुए मस्ती कर रहे थे। दो मिनट के अन्दर ही हम दोनों चुदासे हो उठे थे। मैंने ज्योति को घुटनों के बल बैठ कर लौड़ा चूसने के लिए बोला।
इस बार उसने बिना झिझक के मेरा पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया। फिर मैं भी बिस्तर पर लेट गया और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरा लौड़ा चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
अबकी बार उसे गर्म करने के लिए कोई खास मेहनत नहीं करने पड़ी। वो अपने आप अपनी टाँगें खोल कर लेट गई। मैं कुछ देर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ता रहा।
ज्योति से बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था। वो मुझसे बोली- जल्दी से पेलो ना यार.. अब नहीं रुका जाता.. मन्नू चोद दे साले। मैंने भी देर ना करते हुए अपना लौड़ा धीरे-धीरे उसकी चूत में उतार दिया और झटके मारने लगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
वो भी मस्ती में अपने चूतड़ उठा-उठा कर चुदवा रही थी। फिर मैं बिस्तर पर लेट गया और उसे ऊपर आने को बोला। वो ऊपर आकर मेरे लौड़े पर बैठ गई और मेरा पूरा लौड़ा उसकी गर्म चूत में घुसता चला गया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ वो उछल-उछल कर चुदने लगी.. लेकिन जल्दी ही निढाल हो गई। उसका पानी निकल गया था।
मैंने उसे घोड़ी बनने को बोला और उसकी चूत में लंड उतार दिया। इस पोजीशन में चूत चुदाई करने में मुझे ज्यादा मजा आ रहा था।
मैं उसे देर तक चोदता रहा। अब मेरा भी आने वाला था और मैंने जोर-जोर से झटके मारने चालू कर दिए। कुछ ही झटकों के बाद मेरा भी छूट गया और मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा।
हम दोनों बाथरूम में घुस गए और खूब नहाए और फिर जल्दी से कपड़े पहन कर होटल से बाहर आ गए। उसने बताया- मन्नू यार दर्द हो रहा है.. मुझे चलने में भी परेशानी हो रही है। मैंने मेडिकल स्टोर से उसके लिए एक आईपिल और एक पेन किलर लेकर दी।
फिर मैंने उसे वापिस बस स्टैंड पर छोड़ा और मैं भी अपने घर चला गया।
इसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा।
अगर आपकी अच्छी प्रतिक्रिया मिली.. तो उसकी चुदाई की बाकी की कहानियाँ भी जल्दी ही भेजूंगा। [email protected]
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