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मेरा नाम वैभव है.. मैं देवास का रहने वाला हूँ। सबसे पहले मैं अपनी स्टोरी के बारे में आप लोगों को बता दूँ कि इस चुदाई की कहानी में और मैं मेरी बुआ की लड़की है, उसका नाम रोशनी है.. उसकी उम्र 24 साल की है।
बात कुछ 4 साल पहले की है, मैं छुट्टियों में बुआ के यहाँ जयपुर गया हुआ था। तब मुझे नहीं पता था कि मेरी बहन सेक्स मामलों में इतनी आगे है। मुझे यह जरूर पता था कि उसका किसी से अफेयर चल रहा है.. पर वो सेक्स भी करती होगी.. यह मैंने कभी नहीं सोचा था।
जब हम कोई मूवी देखते या साथ में बैठ कर बातें करते हुए पास में बैठे होते.. तो वो मेरे हाथ को पकड़ कर उन पर अपनी उंगलियां घुमाती रहती थी। वो कभी मेरे पैर पर अपने पैर से गुदगुदी करती थी.. या मेरी जांघों पर हाथ रख देती। मैंने कभी इन बातों को सेक्स या किसी और नज़र से नहीं देखा था।
एक बार की बात है.. मेरी बुआ की तबियत ठीक नहीं थी और मेरी माँ, बुआ और फूफाजी घर में नहीं थे, वे सभी उनके इलाज के लिए बाहर गए हुए थे। उस दौरान घर में हम 4 लोग थे, मेरे बड़े भैया.. बुआ के लड़के किसन भैया, रोशनी और मैं ही थे। मेरे दोनों बड़े भैया दिन में किसी काम से बाहर गए थे.. हम दोनों ही घर में अकेले थे।
हम दोनों टीवी पर मूवी देख रहे थे.. तभी रोशनी ने मेरे गाल पर हाथ रखा तो मैं उसकी तरफ देखने लगा। उसके बाद तो मानो पता ही नहीं चल सका कि कब हम दोनों एक-दूसरे को देखते-देखते करीब आ गए और हमने एक-दूसरे के होंठों पर होंठ लगा कर किस कर लिया।
अब मैं घबरा गया और उठ कर बाहर चला गया। रोशनी मेरे पास आई और उसने मुझे प्रपोज़ किया.. मेरे भी दिमाग में वो किस अभी तक घूम रहा था.. तो मैंने भी ‘हाँ’ कह दी।
अब हम दोनों फिर से लिपकिस करने लगे। थोड़ी देर बाद भैया आ गए.. तो हम सामान्य हो कर बर्ताव करने लगे। थोड़े दिन बाद हम सभी अपने घर देवास वापस आ गए।
फिर कुछ समय बाद देवास में ही मेरी सबसे बड़ी बुआ की लड़की रहती हैं.. उनके घर बच्चा हुआ.. तो उन्होंने रोशनी को मदद के लिए बुलाया।
उस वक्त मैं भी उनके घर गया था। इधर मैं और रोशनी सामान्य तरह से ही मिले। इसके बाद मैं दीदी के घर से वापस अपने घर आ गया।
फिर जिन बड़ी दीदी को बच्चा हुआ था.. अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई तो उन्हें दूसरी शहर में एडमिट किया गया। सब लोग वहाँ अस्पताल में चले गए और रोशनी उनके घर पर अकेली रह गई। तब मेरी माँ ने मुझे उनके घर में सोने के लिए भेज दिया क्योंकि रोशनी अकेली थी।
अब मैंने रोशनी को चोदने का मन बना लिया था इसलिए मैंने दीदी के घर जाते वक्त बाजार से कंडोम खरीद लिए थे। मैं उसके पास आ गया। मुझे अब तक नहीं पता था कि रोशनी सेक्स करने देगी या नहीं.. इस डर से मैंने उसे कंडोम के बारे में बताया ही नहीं था।
लेकिन तब भी पता नहीं क्यों.. हम दोनों तो जैसे ख़ुशी से रह नहीं पा रहे थे। हम दोनों ने साथ में खाना खाया, फिर सोने चले गए। हम दोनों एक ही रजाई में लेट कर आपस में बातें कर रहे थे।
तभी रोशनी ने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया और मैं उसकी आँखों में देखने लगा। मैं धीरे-धीरे उसके करीब आ गया, उसकी सांसों की गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी। फिर मैं उसे होंठों पर किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मैं धीरे-धीरे उसकी गर्दन की तरफ बढ़ा और वहाँ किस करने लगा। मैं उसे किस करते-करते उसके कंधों तक आ गया। मैंने उसे पीछे घूमने को कहा और उसकी पीठ पर गर्दन की जगह से उसके बालों को अलग किया और वहाँ भी अच्छे से किस किया।
कुछ ही देर में मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी पूरी पीठ पर चुम्बन करने लगा। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी चूची दबाने लगा, उसको अपनी तरफ घुमा कर उसके पिंक निप्पलों को चूसने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था तो मैं बहुत देर तक उसके निप्पलों को चूसता रहा, वो भी मजा ले रही थी।
मैं धीरे-धीरे किस करते हुए उसके पेट तक आया और उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। वो हल्की सी कांपी.. पर मैं उसकी जांघों को चूमने लगा और इसके बाद उसकी पैंटी भी उतार दी।
अब मेरे सामने उसकी बुर खुली पड़ी थी। पहले तो मैंने उसकी बुर पर छोटा सा किस किया और उंगली डाल कर हिलाने लगा। बुर में उंगली जाते ही उसके मुँह से आवाजें निकलना शुरू हो गई- आह्ह.. ऊह्ह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत मजा आ रहा है यार.. प्लीज इसे अपने होंठों से भी चूमो न यार..
उसकी बात सुन कर मुझे भी जोश गया और मैंने बहन की बुर चाटना शुरू कर दी। उसकी बुर पर बाल बहुत अधिक थे। मैं उसकी बुर को अपनी मस्ती से चूसता रहा और उसके दाने को भी होंठों से दबा कर खींचता रहा, वो सीत्कार करती हुई मचल रही थी।
थोड़ी देर बाद वो एकदम से अकड़ गई और झड़ गई, अब मैंने बुर को चाटना बंद कर दिया।
कुछ पल बाद हम दोनों फिर से किस करने लगे और उसने मेरे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड के साथ खेलने लगी। मैंने सोचा अब इसे चोदा जाए.. तो मैंने फिर से उसके बोबे दबाना शुरू कर दिए और उसे नीचे लेटा कर खुद उसके ऊपर चढ़ गया। उसने भी अपनी बुर चोदन के लिए खोल दी।
मैं अपने लंड को उसकी बुर पर रगड़ने लगा.. उसे बहुत मजा आ रहा था। वो मेरे बालों को जोर से पकड़ कर मस्ती भरी आवाजें निकालने लगी- आह्ह.. ओह्ह.. ये क्या कर रहे हो..उफ़..’
मैं लंड को बुर पर रगड़ता रहा और उसकी कामुक आवाजें निकलती रहीं। पर जैसे ही मैंने लंड को उसकी बुर में ठेला.. वो एकदम से चिहुंक गई और उसने मुझे लंड नहीं डालने दिया। उसे प्रेग्नेंट होने का डर था।
मैं भी बेवकूफ था.. उसको ये न लगे कि मैंने पहले से ही उसे चोदने की तैयारी करके रखी थी। इस चक्कर में ये नहीं बताया था कि मैं कंडोम लाया हूँ। उसको परेशान देख कर मैं उसकी बुर में ऊपर से ही लंड रगड़ कर ही झड़ गया। फिर उंगली से चोद कर उसको भी दुबारा झड़ा दिया।
फिर इस रात हम दोनों सो गए। जब हम सुबह उठे और वो मुझे चाय देकर नहाने चली गई। उसके बाद मैं भी नहा कर कॉलेज जाने लगा।
कॉलेज जाते वक्त उसने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया और हम फिर से एक-दूसरे को किस करने लगे। किस करते-करते मैंने उसकी सलवार खोल दी और उसकी बुर में उंगली करने लगा।
अब मैंने सोच लिया था कि अबकी बार इसे चोद ही दूंगा। अब मैंने उसे कंडोम के बारे में बता दिया। शुरू में तो उसने नाराज़ होने का नाटक किया.. फिर वो भी खुश हो गई।
उसने झट से मेरी ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे कंडोम पहनाने लगी। हम दोनों नंगे होकर बिस्तर पर लेट गए और मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया। उस दिन हमने 4 बार बुर चोदन का खेल खेला। इस तरह हम 3 दिन तक घर में अकेले रहे और बिल्कुल पति-पत्नी की तरह रहे। मैंने अपने हाथों से उसकी बुर के बाल साफ किए और बॉडी मसाज भी किया।
यह मेरी बहन की चुदाई कहानी थी, आपको कैसी लगी प्लीज़ मुझे मेल कीजिएगा। [email protected]
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