This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
आपने अब तक पढ़ा.. सरला भाभी मेरे तगड़े लंड से एक बार चुद चुकी थीं। हालांकि भाभी की चूत की प्यास अभी खत्म नहीं हुई थी। अब आगे..
‘वाह भाभी.. क्या मस्त गदराई.. चुदासी चिकनी-चिकनी गोरी-गोरी जवानी है। जिस तरह आप अपने चूतड़ उठा कर झड़ रही थीं ना.. वाह सच में आपको झड़ते देख कर बहुत मज़ा आ रहा था।’ ‘हाय राम.. साले.. चोदू सांड.. ऐसे मस्त जोरदार धक्के मार कर बजा दी.. इस चुदासी चूत की। झड़ती नहीं तो और क्या करती.. इसको तो झड़ना ही था।’
सरला भाभी ने मुस्कराते हुए अपनी बांहें मेरे गले में डाल कर ऊपर उठ कर मेरे होंठों को चूम लिया। ‘तू फ़िक्र मत कर मेरे राजा.. तेरे लंड का पानी मैं अभी निकालती हूँ।’
सरला भाभी ने अपने चूतड़ पीछे को किए.. तो लौड़ा चूत के बाहर आ गया।
‘ओह छोड़ो ना भाभी.. अब आप क्या करोगी.. अब मैं ही आपको घोड़ी बना कर आपकी चूत की चुदाई करके कुछ करता हूँ।’
मैंने भाभी को टेबल से नीचे उतार कर टेबल पर आगे झुका दिया और पीछे से अपना रस में भीगा लंड उनकी झड़ी हुई चूत में घोड़े की तरह घुसा दिया। फिर दोनों हाथों से उनकी सख्त चूचियों को पकड़ कर कर मसल दिया।
‘हाय रे.. मार डाला मेरे चोदू राजा.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी.. आ.. हां.. हां.. ई.. हां मार दे.. मसल दे चूचियों को.. मार दे धक्के.. बहुत मज़ा आ रहा है।’ सरला भाभी मस्ती में लहरा रही थीं।
‘हां.. भाभी.. हां.. ले.. आपके मस्त गोरे-गोरे चिकने-चिकने चूतड़ क्या डांस कर रहे हैं.. आपकी चूत भी क्या चप-चप कर रही है.. आह्ह.. और चूतड़.. आह्ह.. क्या धप-धप कर रहे हैं भाभी अहह.. उह्ह में बहुत मज़ा आ रहा है।’
मैं भाभी को करीब दस मिनट तक चोदता रहा। मैं एक हाथ से सरला भाभी की चूत का दाना मींजे जा रहा था।
‘हां.. हां.. वाह.. राजा.. वाह.. अब मेरी चूत फिर से गर्म और मस्त हो रही है। चोद राजा जल्दी से.. फ़िर निकाल दे इसका पानी.. आह्ह..’
मैं भी पूरे जोश में था और पूरी रफ़्तार से चुदाई कर रहा था। जैसे ही सरला भाभी अकड़ने लगीं और चिल्ला कर झड़ने लगीं.. मैंने भी उसकी चूत की जड़ में लंड पेल कर पिचकारी मार दी। हम दोनों साथ-साथ झड़ गए।
‘वाह भाभी वाह.. आज तो सच में आपकी चूत चोद कर मज़ा आ गया। नयना बहुत दिन से कह रही थी.. कि मैं आपकी चुदाई कर डालूँ।’ मैंने अपने सामने खड़ी सरला भाभी को चूमते हुए कहा।
सरला की आँख चमक रही थीं। वो बहुत खुश नज़र आ रही थीं- ओह.. हां सच में.. यही तो हुआ आज.. जब नयना ने मुझसे कहा कि तुम उसको यहाँ पर लाकर चोद कर दो बार झड़ा दिया.. तो मैं सोच रही थी कि वो यह सब मुझे चिढ़ाने के लिए कह रही है। पर अब मुझे मालूम हुआ कि तेरे जैसा मस्त चोदू सांड अपने मस्त मोटे तगड़े लंड को चुदासी चूत में घुसा कर चोदता है.. चूसता है.. दबाता है.. तो दो बार क्या मैं तो जितनी बार चाहूँ चूत का रस निकलवा सकती हूँ। यह मेरी जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई और चूत का झड़ना था मेरे राजा।
‘ओह.. हां.. भाभी सच में.. बस अब आप मैं.. और नयना खूब मज़ा करेंगे.. ऑफिस में भी.. और यहां घर में भी’ मेरे हाथ उनकी चूची और चूतड़ों पर चल रहे थे। ‘हाय राम.. साले बदमाश.. देख अब अंधेरा हो गया है.. अब मुझे जाना चाहिए।’ सरला भाभी कमल से अलग हो कर अपना पेटीकोट और ब्लाउज पहनने लगीं।
मेरी निगाहें अपनी मस्त गदराई जवानी पर देख कर भाभी मुस्करा रही थीं।
‘हाय राम.. अब ऐसे क्यों देख रहा है बदमाश.. अब तो सब कुछ दबा-दबा कर.. मसल-मसल कर चूस-चूस कर लूट चुका है.. जालिम राजा।’ ‘क्या भाभी अब कहाँ जा रही हो.. चलो ना बैठ कर बात करेंगे.. बहुत अच्छा लग रहा है।’ ‘हां मेरे राजा.. तू नीचे आ जा.. हम वहाँ बैठ कर खूब बात करेंगे.. आज बाबू भी नहीं है.. बाहर गया है, हमारे पास बहुत टाइम है। ‘हाय सच में..!’
मैं ख़ुशी से उछल पड़ा.. और सरला भाभी को उनके चूतड़ों से पकड़ कर अपनी बांहों में उठा लिया। ‘वाह.. वाह.. भाभी मज़ा आ गया।’ मैंने उनके पेट और कमर पर चूम लिया। सरला भाभी मस्ती में सिसिया गईं- ‘हाय राजा.. उठ ना.. सीई.. अब तो छोड़ दे.. नीचे उतार।’
मैंने सरला भाभी को नीचे खड़ा कर दिया और वे नीचे अपने घर चली गईं।
आज सरला भाभी वाकयी बहुत खुश थीं, मैं भी बहुत खुश था। मैं जल्दी से फ्रेश होकर खुशबू लगा कर नीचे आ गया। सरला अभी भी पेटीकोट ब्लाउज में थीं और रसोई में खाना बना रही थीं, वो मुझे बदमाशी वाली मुस्कान से देख रही थीं।
‘क्या भाभी.. क्या बदमाशी सोच रही हैं?’ मैंने उन्हें पीछे से अपनी बांहों में ले लिया और प्यार से उनकी गर्दन कंधों पर चूमने लगा। मेरा हाथ उनकी नंगी कमर पर.. पेट पर और चूचियों पर चल रहा था, मेरा लंड उनके चूतड़ों से रगड़ रहा था।
सरला भाभी को इस सबमें खूब मज़ा आ रहा था- मैं सोच रही थी.. नयना क्या कहेगी.. जब उसको पता चलेगा कि मैंने तुझे पटा कर कर चोद डाला। सरला भाभी मेरे छूने का मज़ा लेते हुए मुस्कराते हुए कह रही थीं।
‘यह तो बहुत आसान है.. वो बहुत खुश होएगी.. क्योंकि उसने खुद तुझे मेरे को पटाने और चोदने को कहा था।’ मैंने भाभी को चूमते हुए कहा। ‘हम्म..’
‘अब आप बताओ भाभी कि आप अब नयना को क्या करेंगी.. अब तो आपने मुझे पटा कर चोद भी डाला?’ ‘ओह.. मैं उसकी टाँगें उठा कर पूरी खोल उसकी कसी चूत चोदूँगी।’
सरला भाभी अपनी बात पर हँस रही थीं और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा कर फिर बोलीं- अब चूत को जरा फिर से गर्म कर दे राजा.. आज बहुत मज़ा आ रहा है.. मेरा दिल बहुत खुश है।
‘मुझको क्या करेंगी.. जब मैं नयना को बोलूंगा कि भाभी ने मुझे पटा कर दो बार चोद डाला और दो बार पानी निकाल दिया।’ मैंने हँस कर भाभी की को चूत उनके पेटीकोट के ऊपर से ही रगड़ते हुए पूछा।
सरला भाभी मस्ती में नाच रही थीं- हाय.. सी.. ई.. उई.. मैं तेरी खड़ी जवानी का रस इतना चूसूंगी कि तू भी तड़फेगा मेरी चूत को चोदने के लिए। जैसे तू नयना की जवानी चूस कर उसको इतना गर्म कर देता है कि वो चुदाई के लिए तड़फ उठती है। मैं भी चुदाई के लिए आग में जल उठी थी और तुझसे चिल्ला-चिल्ला कर कह रही थी कि अपना लौड़ा अब तो घुसा दे राजा और मुझ प्यासी को चोद डाल। उसी की वजह से मेरा इतनी जल्दी निकल भी गया था राजा!
सरला भाभी ने अपना पेटीकोट ऊपर उठा कर अपनी जाँघों चूत और चूतड़ों को नंगा कर दिया। मैंने उंगली भाभी की चूत में घुसा दी.. वो मस्ती में सिसिया उठीं- आह.. सी.. ईईई.. ‘ओह हां.. सच में.. फिर तो मज़ा आ जाएगा।’ मैं अपना लंड बाहर निकाल कर उसको भाभी के गोरे-गोरे चूतड़ों के बीच में रगड़ने लगा।
सरला भाभी ने एक हाथ अपनी जाँघों के बीच से घुसा लंड को पकड़ कर खींचा और अपनी जाँघों के बीच में दबा लिया। अब वो लंड के टोपा को अपनी चूत पर रगड़ने लगीं।
मैंने भी उंगली से उनके दाने को रगड़ दिया। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
‘उह्ह.. उह.. हां.. हां.. राजा.. हां.. रगड़ दे.. मसल दे.. उफ़.. बहुत मज़ा आ रहा है.. साले बदमाश तूने तो मुझे एकदम बरबाद कर डाला है राजा.. तेरा चूमना.. चूसना.. छूना.. मसलना.. आह्ह.. इस सब मैं तो जैसे जादू है.. तेरा लंड तो किसी भी औरत की चूत में आग लगा सकता है।’
सरला भाभी मेरे लंड को जाँघों के बीच दबा कर रगड़ने लगीं- क्यों राजा.. मज़ा आ रहा है ना?
वाकयी मुझे भाभी की इस मस्ती भरी हरकत में बहुत मज़ा आ रहा था- भाभी मुझे सब औरतों का तो नहीं पता.. पर मुझे इतना मालूम है कि आपको दबा कर.. चूस कर.. मसल कर.. मुझे बहुत मज़ा आया है। अब तो आपकी इस मस्तानी चुदासी गीली-गीली चूत में लंड फिर से घुसाने का मन हो रहा है।
‘हाय राम.. तो चल ना मेरे राजा.. घुसा ले मेरी इस चुदासी चूत में.. पर अबकी बार जैसे मैं घुसवाना चाहूँ.. तुझे वैसे ही घुसेड़ना होगा।’ ‘ठीक है भाभी.. अब तो आपका कहा ही मानना पड़ेगा.. मेरा लंड आपकी मस्त चूत में घुसने के लिए इतना मचल जो रहा है।’
सरला भाभी हँस कर मुझे खींचते हुए फिर से बेडरूम में ले गईं और उन्होंने अपना पेटीकोट ब्लाउज उतार दिया। भाभी पूरी नंगी हो गईं। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए।
अब भाभी ने मुझे बिस्तर पर बैठा कर टाँगें आगे फैलाने को कहा और खुद अपने घुटनों पर मेरी जाँघों के ऊपर अपने चूतड़ टिकाते हुए बोलीं- चल मेरे चोदू सांड.. अपने मस्त लंड को सीधा पकड़ कर रख.. अब मैं इसको धीरे से अपनी गीली चुदासी गर्म-गर्म चूत में घुसाती हूँ।
सरला भाभी ने अपनी चमकती चूत के होंठों को अपने हाथ से खोला और धीरे से पत्थर जैसे कड़क लंड पर बैठ गईं। मेरा पूरा लंड भाभी की चूत के अन्दर घुसता चला गया। भाभी ने अपने होंठों को दाँतों में दबा लिया और आगे को खिसक कर अपनी टाँगें मेरी कमर में लपेट लीं।
अब भाभी अपनी एड़ियां मेरे चूतड़ों के बीच में दबाने लगीं, उन्होंने मेरी टाँगें भी अपनी कमर में लपेट कर मुझे अपनी एड़ियां उनकी कमर में दबाने को कहा।
‘हाय भाभी.. यह क्या कर रही हो। इस आसान में तो आपकी चूत बहुत कस रही है.. चूत मेरे लंड को अन्दर खींच रही है।
मैंने भाभी को चूमते हुए कहा और दोनों हाथ से उनके चूतड़ों को पकड़ लिया।
‘यही तो मज़ा है इस आसान का मेरे राजा.. बिना धक्कों के मस्त चुदाई का मज़ा आता है। बस लंड को खूब तगड़ा होना चाहिए और चूत खूब गर्म चुदासी और गीली होनी चाहिए। यह राजाओं का आसान कहलाता है.. कामसूत्र का आसन है राजा।’
सरला भाभी धीरे-धीरे अपने चूतड़ों को हिला रही थीं।
मुझे इस आसन में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे मुँह से ‘हां..हां.. चूस ले भाभी मेरे लंड को खा ले.. अपनी.. चूत से भाभी.. आह्ह.. बहुत मज़ा आ रहा है।’
भाभी की रुई सी मुलायम चूचियां मेरे सीने में दबी थीं, मेरे हाथ उनके चूतड़ों पर थे और होंठ एक-दूसरे से चिपक गए थे।
हम दोनों इस तरह करीब दस मिनट तक बैठे चुदाई का मज़ा लेते रहे.. फिर साथ-साथ ही झड़ गए। थोड़ी देर बाद ना चाहते हुए भी हम अलग हुए और चूम कर अलग हो कर एक-दूसरे की बांहों में सो गए।
दोस्तो, मुझे आशा है आपको यह दो ऑफिस की सहेलियों और एक चोदू यार की हिंदी सेक्स कहानी पसंद आई होगी। आप अपने विचार नीचे दी गई आईडी पर जरूर लिखें। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000