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अब तक आपने पढ़ा.. डॉक्टर सचिन ने मेरी बीवी नेहा को जबरदस्त चोदा था और अब मैं नेहा की मालिश कर रहा था। अब आगे..
मैंने मालिश करते हुए उससे पूछा- कल रात की चुदाई कैसी रही? नेहा बोली- तुम चादर के अन्दर से देख तो रहे थे। मैंने कहा- मुझको क्या मालूम?
वो बोली- तुम्हें सब मालूम है, तुम्हारी जो चादर है न.. वो ऊपर से हिल रही थी। तुम चादर ओढ़ कर जो मुठ मार रहे थे। तुम समझते हो कि वो मुझे दिख नहीं रहा था.. तो तुम बेवकूफ हो, समझे! मैंने कहा- डॉक्टर साहब ने तो नहीं देखा था। वो बोली- मुझे नहीं मालूम। मैंने कहा- मेरी बहुत मन था कि आँखें खोल कर आराम से तुमको चुदते हुए सामने से देखूँ। वो बोली- फिर शुरू हो गया तुम्हारा पागलपन.. अब सो जाओ।
मैंने कहा- बताओ न.. चुदाई कैसी थी? वो बोली- अभी तक मेरी चूत में दर्द है.. आज तक इस तरह तो किसी ने मेरी चूत नहीं ली थी। ‘अरे.. फिर..!’ नेहा बोली- इस डॉक्टर सचिन की तो.. बस पूछो ही मत.. गजब चोदता है।
मैंने नेहा की चूत में उंगली डाली और पूछा- सच में बहुत मजा आया न? वो बोली- पागल हो क्या.. एक बात दस बार पूछते हो। मैंने कहा- अब कब चुदोगी?
नेहा बोली- जैसे मुझ पर तुम्हारे ऊपर डॉक्टर साहब के लंड का नशा चढ़ गया है.. उनको भी मेरी चूत का नशा हो गया है.. अब तो वो अपने आप तुमको फ़ोन करेंगे.. बस सुन लिया, अब सो जाओ.. बाद में देखेंगे।
मेरी बीवी नेहा ने सही कहा था.. डॉक्टर साहब को नेहा की चूत का नशा पूरी तरह हो चुका था। एक दिन मेरे मोबाइल पर डॉक्टर साहब का फ़ोन आया, वैसे तो वो मुझको कभी फ़ोन नहीं करते थे।
आज बोले- मानव क्या प्रोग्राम है.. मूवी देखने चलना है? मैंने कहा- नेहा से पूछ लेता हूँ। सचिन बोले- पूछ कर बता न यार?
मैंने नेहा से फ़ोन करके पूछा- डॉक्टर साहब का फ़ोन आया है कि मूवी देखने चलना है? नेहा बोली- मैं उनसे बात कर लूँगी.. जो कुछ तय होगा.. तुमको बता दूँगी। मैंने कहा- ठीक है।
मैंने चुपके से नेहा का फ़ोन अपनी जेब में डाल लिया और कहा- मैं थोड़ी देर में आता हूँ।
मैं जानता था कि नेहा फ़ोन देखेगी.. अगर उसका फ़ोन नहीं मिलेगा तो फिर वो मेरे फ़ोन से फ़ोन करेगी और मेरे फ़ोन में कॉल रिकर्डिंग हो जाती थी.. तो मुझको मालूम चल जाएगा कि उसकी और डॉक्टर की क्या बात हुई।
एक घंटे के बाद मैं लौट कर आया.. तो मेरे घर में घुसते ही नेहा बोली- अरे क्या तुम मेरा फ़ोन ले गए थे? मैंने कहा- सॉरी.. गलती हो गई, तुम्हारी बात हो गई? वो बोली- हाँ हो गई.. रात को चलने की कह रहे थे।
मैंने कहा- ठीक है.. आज? नेहा बोली- आज का नहीं.. कल रात की कह रहे हैं.. कल सैटरडे है इसलिए बोला है.. कि टिकट ले लेंगे। मैंने कहा- बच्चे? नेहा बोली- तुम बच्चों को मम्मी के यहाँ छोड़ आना।
मैं समझ गया कि दूसरी चुदाई का प्रोग्राम बन गया लगता है। मैं अपना फ़ोन लेकर बाहर निकल गया और कॉल रिकॉर्डिंग चैक करनी शुरू की.. तो मुझको उन दोनों की कॉल रिकार्डिंग मिल गई। मैंने कॉल रिकार्डिंग सुनी।
पहले घंटी गई.. डॉक्टर साहब ने फ़ोन उठाया। नेहा ने कहा- हैलो.. डॉक्टर साहब का जवाब आया- जी मेमसाहब। नेहा बोली- ये मूवी का प्रोग्राम क्यों बनाया? डॉक्टर साहब बोले- ऐसे ही.. नेहा बोली- ऐसे ही मतलब?
बोले- मतलब.. आपके और मानव के साथ मूवी नहीं देख सकते क्या? बोली- ठीक है.. मानव और बच्चों के साथ चले जाओ। डॉक्टर साहब बोले- मुझे बच्चों की मम्मी के साथ जाना है.. और आपके पति को ले चलना.. इसलिए जरूरी है क्योंकि आपको अकेले रात में पिक्चर ले नहीं चल सकते ना।
नेहा ने कहा- पिक्चर ही चलना है.. तो चले चलेंगे.. पिक्चर के अलावा और तो कोई प्रोग्राम नहीं है न? डॉक्टर साहब बोले- क्या सब कुछ खोल कर बताऊँ? बोली- हाँ बताओ। तो डॉक्टर साहब बोले- बात ये है कि उस दिन जिस तरह तुमने चिपक-चिपक कर इतने प्यार से अपनी प्यारी-प्यारी सी चिकनी-चिकनी चूत दी थी न.. बस फिर से फिर तुम्हारी लेने का मन कर रहा था। नेहा बोली- शर्म नहीं आती ऐसे बात करते हुए.. कौन कहेगा कि तुम इतने बड़े डॉक्टर हो।
डॉक्टर साहब बोले- आगे प्रोग्राम ये है कि आप बच्चों को अपनी मम्मी के यहाँ छोड़ दीजिएगा और आपके मानव जी को दारू पिला कर सुला देंगे। नेहा बोली- तुमने बस इतना ही बोला है। ‘क्या तुम्हारा मन ‘उसका’ नहीं है.. तो रहने दो।’ नेहा बोली- बस तुम्हारी तो नाक पर गुस्सा धरा रहता है।
डॉक्टर साहब बोले- तुम्हारे घर ही रुकूँगा और मानव को सुला देना। नेहा बोली- अरे यार तुमको जो भी करना है कर लेना.. मानव सोए या न सोए उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। ‘क्यों?’ वो बोली- यार वो दारू पी कर भी आधा बेहोश ही रहता है। डॉक्टर साहब बोले- लव यू जानेमन। नेहा बोली- लव यू टू..
मैं समझ गया, मेरा अंदाज सही था डॉक्टर साहब नेहा की फिर चूत से लेना चाहते थे।
दूसरे दिन हम रात को 8.30 बजे घर से निकले।
डॉक्टर साहब ने मुझको एक हजार रूपए के 3 नोट दिए और बोले- मानव जी एक ‘टीचर्स’ की बोतल और 4 बीयर की बोतल ले लीजिए। मैंने कहा- इतनी लेकर क्या होगा? बोले- ले लीजिए।
मैंने दारू ले ली। उन्होंने अपनी कार सुनसान रोड पर डाल दी और मुझसे कहा- गिलास में पैग बना लीजिए और नेहा जी को बीयर दे दीजिए।
जैसे डॉक्टर साहब ने कहा मैंने वैसे ही किया। डॉक्टर साहब ने खुद तो 2 पैग लिए और मुझको 3 पैग पिला दिए। हम तीनों ने डिनर किया और मूवी देखने हॉल में पहुँच गए। मैं जानबूझ कर बीच की सीट पर बैठ गया।
डॉक्टर साहब और नेहा बाद में आए और मेरी प्लानिंग फेल करके अगल-बगल में बैठ गए क्योंकि सीटें खाली थीं। मैं डॉक्टर साहब की बगल में बैठ गया।
अँधेरा होने के बाद डॉक्टर साहब ने नेहा के कंधों पर हाथ रख दिया। नेहा ने भी डॉक्टर साहब का हाथ पकड़ लिया। मैं समझ गया कि इनको थोड़ी देर अकेले छोड़ कर कहीं से देखता हूँ।
मैं कुछ देर बाद वाशरूम के लिए कह कर बाहर आगे चला गया और थोड़ी देर बाद उनकी 2 लाइन पीछे जा कर ठीक पीछे बैठ गया।
मैंने देखा डॉक्टर साहब और नेहा चिपके हुए बैठे थे। डॉक्टर साहब ने नेहा को दो बार किस किया और शायद डॉक्टर साहब नेहा के टॉप में से अन्दर हाथ डाल कर उसके मम्मों को सहलाने लगे थे। क्योंकि नेहा के मम्मे मसले जाने से वो बहुत हिल रही थी।
थोड़ी देर बाद में मैं अपनी जगह से 4 सीट छोड़ कर बैठ गया। अँधेरा होने के कारण उनका ध्यान मेरी तरफ नहीं गया।
नेहा ने डॉक्टर साहब की जीन्स की ज़िप खोल कर उनका लंड बाहर निकाल लिया और अब वो लंड को सहला रही थी। उसने ऊपर से अपनी चुन्नी डॉक्टर के लंड पर डाल रखी थी।
डॉक्टर साहब ने भी नेहा के कंधे के पीछे से हाथ ले जाकर नेहा के टॉप के अन्दर डाल दिए थे और नेहा नंगे मम्मों को सहला रहे थे। दोनों अंधेरे का फुल फायदा ले रहे थे। किसी का डर भी नहीं था क्योंकि हाल काफी खाली था।
लगभग एक बजे मूवी खत्म हुई। हम लोग 1.20 तक घर पहुँचे।
डॉक्टर साहब बोले- मानव गाड़ी से बोतल और बीयर निकाल लो यार, एक-एक पैग लें फिर मैं अपने घर के लिए चलूँ। नेहा से रहा नहीं गया, वो बोली- इतनी रात में किधर जाएंगे.. यहीं रुक जाइए। डॉक्टर साहब मेरी तरफ देखने लगे तो नेहा मुझसे बोली- तुम बोलो न.. मैंने कहा- हाँ सर.. यहीं रुक जाइए ना। डॉक्टर साहब बोले- ठीक है..
आज हम सब सीधे बेडरूम में ही आ गए। हम सब कमरे में पहुँचे.. मैं वाशरूम में चला गया। बेडरूम का दरवाजा उड़का हुआ था।
डॉक्टर साहब बोले- मुझको क्यों रोका? नेहा बोली- फ़ोन पर तो बहुत प्रोग्राम बना रहे थे.. घर जाना था तो फिर बच्चों को माँ के घर क्यों छोड़ने को बोला? जाओ घर.. मुझको भी नींद आ रही है। डॉक्टर साहब बोले- अरे यार मानव को सुनाने के लिए बोला था.. तुम भी न सीरियस हो जाती हो। मैडम गलती हो गई.. बस सॉरी। बोली- नहीं हम तो पागल है न.. कि तुम्हारे लिए परेशान रहते हैं।
मैं वाशरूम से बेडरूम में पहुँचा तो नेहा ने कहा- गिलास ले आओ और अगर तुम लोगों को खाना है.. तो सलाद भी काट लो। डॉक्टर साहब बोले- अरे यार 3-4 पापड़ भी भून लीजिएगा। ‘डॉक्टर साहब बोले हैं तो भून कर लेते आइएगा।’
मैं समझ गया कि ये दोनों अकेले रहना चाहते हैं। मैं कमरे से बाहर आ गया। मेरी बीवी भी अब चुदासी हो उठी थी और उसको डॉक्टर साहब का लंड लेने की तड़फ होने लगी थी। इधर मेरा मन भी अपनी बीवी को चुदते देखने के लिए मचलने लगा था।
मैंने किचन से गिलास लिए.. सलाद काटा और रूम में आ गया।
अभी हम लोगों ने एक-एक पैग दारू ली ही होगी कि डॉक्टर साहब बोले- अरे नेहा जी की बीयर भी उनके गिलास में डाल कर दे दीजिए। नेहा बोली- नहीं यार। डॉक्टर साहब बोले- क्यों नहीं यार.. पीलो न। वो बोली- तुम दोनों पियो।
डॉक्टर साहब बोले- मुझको आपके साथ पीना है.. आप पिएंगी कि नहीं? नेहा मुझसे बोली- मेरे लिए गिलास के लिए उठ कर नहीं जाओगे? मैंने नशे में झूमते हुए कहा- अब तुम जाओ यार। डॉक्टर साहब बोले- अरे ले आइए।
डॉक्टर साहब और नेहा के बिल्कुल पास-पास बैठ गए और मैंने ऐसा नाटक किया कि मुझको चढ़ रही है। मैं वहीं आधा लेट गया। नेहा बिना मेरी तरफ देखे डॉक्टर साहब से बिल्कुल चिपक गई और बोली- तुम्हारे बहुत ज्यादा नाटक हैं। डॉक्टर साहब धीरे से मेरी तरफ इशारा करके बोले- जग रहा है? नेहा बोली- तुम क्यों परेशान हो.. मैं इसको ठीक से जानती हूँ.. दारू पीकर आधा बेहोश रहता है.. जग रहा है तो जागने दो.. तुमको एंजॉय करना है तो करो।
अब डॉक्टर साहब भी निशिन्त हो गए और उन्होंने भी नेहा को अपने से चिपका लिया। फिर डॉक्टर साहब बोले- मैं एक मिनट में आता हूँ।
वो जल्दी से बाहर गए और नेहा के लिए बहुत सुन्दर रेड कलर का ब्रा-पेंटी और एक बेबी डॉल ड्रेस ले आए। ये ड्रेस एक झीनी से फ्रॉक नुमा थी, जो मुश्किल से चूतड़ों के थोड़ा नीचे आधी जाँघों तक आती है। नेहा बोली- ये क्या है? बोले- जानेमन तुम्हारे लिए ली है.. पहन लो। नेहा हँस कर बोली- अभी बदल कर आती हूँ।
डॉक्टर साहब ने नेहा को खींच लिया। बोले- आती हूँ का क्या मतलब है.. अब भी शर्म आ रही है.. लाओ मैं पहना देता हूँ। नेहा बोली- हाँ पहनानी भी तुमको ही है.. और उतारनी भी भी तुम्हीं को है। डॉक्टर साहब ने कहा- जी हाँ..
उन्होंने नेहा का टॉप उतार दिया और नेहा ने खुद ही अपनी जीन्स खोल दी। डॉक्टर साहब ने नेहा की ब्रा का हुक भी खोल दिया और नेहा की जीन्स उतरवाने लगे। नेहा ऊपर से नंगी हो गई उसकी चूचियां जलवा बिखेरने लगीं।
फिर डॉक्टर साहब ने नेहा की पेंटी को भी निकाल दिया। अब नेहा पूरी न्यूड हो गई थी। डॉक्टर साहब ने नेहा को खुद से चिपका लिया और उसके मम्मों को सहलाने लगे। डॉक्टर साहब बोले- सच में तुम तो पूरी बम हो बम। नेहा बोली- और तुम एटम बम हो मेरे जानू।
नेहा ने मेरी तरफ नज़र डाली और बोली- इसको देखो.. साले ने इतनी पी ली है कि इसको नींद ही नहीं आ रही। डॉक्टर साहब थोड़ा हिचके कि मैं जाग रहा हूँ। नेहा बोली- दारू पी ली है.. थोड़ी देर में सो जाएगा। डॉक्टर मेरी तरफ देखने लगा।
नेहा डॉक्टर साहब से बोली- तुम तो पहनाओ यार.. हम ऐसे ही नंगे खड़े हैं। डॉक्टर साहब नेहा को ब्रा-पेंटी पहनाने लगे। ऊपर पिंक कलर का बेबी डॉल जो नेहा की आधी जाँघों तक था और डार्क रेड कलर की ब्रा-पेंटी में नेहा के मम्मे और चूत ढकी थी। ब्रा-पेंटी के ऊपर छोटी सी पिंक कलर की बेबी डॉल ड्रेस में नेहा बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंने ऐसा शो किया कि मैंने बहुत दारू पी ली है, मैंने नेहा से टुन्नी में कहा- तुम और डॉक्टर साहब नहीं सोएंगे क्या? नेहा हँसते हुए बोली- अरे अभी डॉक्टर साहब को मेरा पूरा चैकअप करना है। अब वो ठीक से मेरा पूरा चैकअप करेंगे तो टाइम तो लगेगा ही न.. तुम सो जाओ। डॉक्टर साहब अपना लंड सहला रहे थे।
नेहा ने डॉक्टर साहब का हाथ लंड से खींचते हुए अपने मम्मों पर रख दिया और बोली- डॉक्टर चैकअप कर लीजिए और डॉक्टर साहब आज जरा ठीक से चैकअप कर कीजिएगा। मैं भी बोला- हाँ सर.. जरा अच्छे से चैकअप कर लीजिए इसका। डॉक्टर साहब बोले- हाँ.. मैं चैक कर रहा हूँ.. आप सो जाओ।
अब डॉक्टर साहब नेहा के मम्मों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगे। नेहा नशीली आवाज में बोली- डॉक्टर साहब इधर सब ठीक है न? डॉक्टर साहब मस्ती में बोले- हाँ बिल्कुल मस्त हैं। अब जरा पीछे का हिस्सा भी चैक कर लूँ। वो नेहा की गांड दबाने लगे।
नेहा बोली- ये भी ठीक है? डॉक्टर साहब बोले- हाँ फुल टाइट है। डॉक्टर साहब ने अपनी उंगली नेहा की पेंटी में घुसा दी। नेहा बोली- अब सब चैक अप यहीं करेंगे कि बिस्तर पर भी चलेंगे?
डॉक्टर साहब बोले- अरे ये तो गीली हो रही है। नेहा बोली- आपने ही तो की है। डॉक्टर साहब नेह को चूमने लगे। वो हँसने लगी- चलें अब बिस्तर पर? ‘ओके..’
नेहा बोली- जानू तुम भी चेंज कर लो.. तुम्हारे लिए नया शॉर्ट्स और टी-शर्ट लाई हूँ यहाँ रुकना हो तो पहन लो। डॉक्टर साहब बोले- बड़ा ध्यान रखती हो? नेहा बोली- रखना पड़ता है डॉक्टर साहब। वे दोनों हँसने लगे।
डॉक्टर साहब बोले- तुम भी मस्त हो यार… पति आधा जगा हुआ है और तुम मस्ती कर रही हो। नेहा बोली- वो आधा जगा हो.. या पूरा जगा हो.. तुम उस फुस-फुस की क्यों टेंशन ले रहे हो मेरी जान.. डॉक्टर साहब बोले- ये फुस-फुस क्या है यार? नेहा बोली- फुस फुस मतलब वो तो मुझको नंगा देख कर और मेरे बगल में लेट कर मुझसे चिपकते ही झड़ जाता है। ‘ऐसा क्या?’ नेहा बोली- हाँ लेकिन मेरी मालिश अच्छी करता है.. मेरा फुस फुस।
डॉक्टर साहब ने नेहा के मम्मों को दोनों हाथों से मसलना चालू कर दिए। नेहा और डॉक्टर साहब बेड पर आ गए क्योंकि मैं फैल कर सोया था। नेहा बोली- थोड़ा किनारे होकर सोओगे? मैंने कोई रियेक्ट नहीं किया.. तो बोली- ओ फुस फुस.. किनारे हो कर सोओ.. हम कहाँ सोएंगे?
डॉक्टर साहब नेहा से बोले- सोना है क्या? नेहा ने डॉक्टर साहब को खींच लिया और बोली- जानू.. कुछ करने के लिए भी बिस्तर की जरूरत होती है न मेरी जान.. कि खड़े-खड़े ही सब काम करना है?
डॉक्टर साहब बोले- नहीं मैडम बिस्तर पर पूरी टांगें फैला कर लूंगा जानेमन। वो बोली- मुझको नहीं देनी टांगें फैला फैला कर.. मेरी गांड भारी हो जाती है। डॉक्टर साहब बोले- तो भारी गांड अच्छी लगती है न।
अब नेहा और डॉक्टर साहब बिस्तर पर आकर दोनों एक-दूसरे से लिपट गए। नेहा बोली- इतनी जल्दी तुमसे बहुत अटैचमेंट हो गया यार। डॉक्टर साहब बोले- मैं भी अगर तुमको गुड मॉर्निंग नहीं करता.. तो मेरा दिन शुरू नहीं होता। नेहा बोली- तुम्हारी क्लिनिक पर तो सुन्दर-सुन्दर कन्याएं आती हैं.. फिर मुझ पर कैसे दिल आ गया?
डॉक्टर साहब बोले- कुछ बात तो है.. तुम न यार बहुत सेक्सी हो। नेहा बोली- बस इसलिए? वो बोले- नहीं यार पूरा पैकेज हो.. मेरा ध्यान रखती हो यार.. मेरी मम्मी की डेथ तो बचपन में हो गई थी.. इस तरह से किसी ने ध्यान नहीं दिया कि सुबह शाम पूछे कि कुछ खाया कि नहीं.. दवा ली कि नहीं.. आई रियली लव यू यार। नेहा बोली- लव यू टू मेरे जानू.. तुम भी तो मेरा ध्यान रखते हो।
डॉक्टर साहब ने नेहा को स्मूच करना चालू कर दिया। वे दोनों एक-दूसरे के अन्दर घुसे जा रहे थे और एक-दूसरे को डीप स्मूच कर रहे थे। साथ ही एक हाथ से डॉक्टर साहब नेहा के मम्मों को मसल रहे थे।
नेहा डॉक्टर साहब के गले में किस करने लगी। वो बोले- कुछ होता है यार.. नेहा बोली- कुछ करना ही तो है जान..
वो उनके कानों में जीभ मारने लगी। डॉक्टर साहब बोले- तुम भी न पूरी खिलाड़ी हो। नेहा बोली- तुम से कम ही हूँ जानू।
डॉक्टर साहब ने नेहा को सब जगह किस करना चालू कर दिया। उन्होंने पहले नेहा के गले पर.. फिर दोनों मम्मों के बीच के कट पर.. उसकी बेबी डॉल ऊपर करके पेट पर नीचे उसकी पेंटी के ऊपर.. चूत पर चूमना शुरू कर दिया था।
नेहा भी गरम होना शुरू हो गई थी।
फिर उन्होंने नेहा की संगमरमरी जाँघों पर किस किया तो नेहा का बदन ऐंठने लगा। नेहा ने डॉक्टर साहब को अपने ऊपर खींच लिया और अपने शरीर से चिपका लिया। अब वे दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे।
तभी नेहा ने धीरे से डॉक्टर साहब के शॉर्ट्स में हाथ घुसेड़ दिया और उनका सख्त होता लंड पकड कर सहलाने में लग गई.. वो थोड़ी देर तक लंड को सहलाती रही।
डॉक्टर साहब बोले- शेर को क्यों जगा रही हो? वो बोली- जगाना तो पड़ेगा डॉक्टर साहब। डॉक्टर साहब बोले- वो तो अपने आप जग जाएगा मेरी जानेमन।
नेहा उठ कर बैठ गई.. उसने जो बेबी डॉल पहनी थी.. डॉक्टर साहब ने उसे उतार दी और बोले- तुम इस ब्रा-पेंटी में गजब की बम लग रही हो। नेहा बोली- इस बम को फोड़ना भी तो तुम्हीं को है। मेरी बीवी नेहा ने डॉक्टर साहब की बनियान उतार दी।
इस सब को देखते हुए ही मेरा लंड लगभग झड़ चुका था.. जबकि यहाँ तो अभी लिपटा-चिपटी ही शुरू हुई थी।
वो दोनों लेट गए, नेहा ने डॉक्टर साहब के सीने पर किस करना शुरू कर दिया, वो चूमते हुए डॉक्टर साहब के नीचे पेट पर आई.. फिर नीचे जा कर उनकी निक्कर को उतारते हुए दोनों टाँगों में से खींच कर निकाल दी।
अब डॉक्टर साहब एक छोटी सी फ्रेंची में थे जिसमें उनका लंड फूल कर कुप्पा हो गया था। नेहा ब्रा-पेंटी में उनके लंड से छेड़खानी कर रही थी, फिर नेहा उनकी फ्रेंची के ऊपर से ही लंड पर अपनी जीभ मारना शुरू कर दी।
डॉक्टर साहब का लंड एकदम से टाइट हो गया था। नेहा ने धीरे से उनकी फ्रेंची नीचे कर दी और एक हाथ से लंड ऊपर करके लंड की गोलियों पर जीभ मारने लगी। डॉक्टर साहब ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगे, डॉक्टर साहब ने नेहा से कहा- मेरी तरफ टाँगें करो न जानू।
नेहा ने अपने पैर डॉक्टर साहब की तरफ कर दीं, डॉक्टर साहब ने नेहा की पेंटी नीचे करके निकाल दी, अब नेहा नीचे पूरी तरह नंगी थी। उन्होंने अपना मुँह नेहा की चूत में घुसा दिया। नेहा उल्टी हो कर डॉक्टर साहब के ऊपर आ गई और वो दोनों 69 पोजीशन में हो गए।
मैं अपनी आँखों को हल्के से खोल कर अपनी बीवी की मदमस्त जवानी को डॉक्टर साहब से चुदने के पहले की तैयारी करते हुए देख रहा था। मेरा लंड तो अब उठने से मना कर चुका था लेकिन मेरी हसरतें अब भी इस बात पर अदि हुई थीं कि बीवी की चूत को चुदते हुए देखना है।
मेरे साथ अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम बने रहिएगा और अपने मेल करना न भूलिएगा। [email protected] कहानी जारी है।
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