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आज मेरी बीवी कई साल बाद मेरे सामने किसी दूसरे लंड से चुदने वाली थी। इसी को सोच कर मेरा लंड अपनी पूरी औकात में अकड़ा जा रहा था।
अब आगे..
करीब आधे घंटे के बाद वो दोनों रूम में आए।
डॉक्टर साहब बोले- मैं आगे सो जाता हूँ। नेहा बोली- मैं इनको बीच में कर देती हूँ.. आप इनके उधर सो जाइए। मैं इनके दूसरी तरफ सो जाऊँगी। डॉक्टर साहब बोले- यार नेहा, अगर सुलाना है तो अपने पास सुलाओ.. या मैं अपने घर चला जाऊँ। नेहा बोली- मेरे पास सो कर आपको क्या करना है? डॉक्टर साहब बोले- जो काम अधूरा छूटा हुआ है.. वो पूरा करना है।
नेहा मुस्कुराने लगी। डॉक्टर साहब ने नेहा से पूछा- आपके साहब रात को कितनी बार उठते हैं? नेहा बोली- पी के टल्ली हैं.. अब तो उठ चुके.. इनको चढ़ने के बाद कुछ होश नहीं रहता.. कुछ ‘समझे’ आप। डॉक्टर साहब बोले- समझ गया और फिर नेहा को चिपका लिया।
‘क्या समझ लिया?’ नेहा ने डॉक्टर साहब के सीने से चिपकते हुए पूछा। डॉक्टर साहब ने नेहा की चूची मसलते हुए कहा- सब समझ गया। नेहा बोली- अरे ये क्या कर रहे हैं? डॉक्टर साहब बोले- यही तो करना है। नेहा हँस कर बोली- चेंज तो कर लीजिए.. मैं आपको मानव की शॉर्ट्स दे देती हूँ और मैं भी चेंज करके आती हूँ।
नेहा बहुत ही सेक्सी पिंक कलर की ब्रा-पेंटी के ऊपर पिंक कलर की ही नाइटी पहन कर आ गई। डॉक्टर साहब तो उसको देख कर एकदम मस्त हो गए। डॉक्टर साहब बोले- मैडम बिजली कहाँ गिरानी है? नेहा बोली- आप पर गिरानी है।
डॉक्टर साहब ने नेहा को चिपटा लिया और उसे डीप स्मूच करने लगे, नेहा भी खूब डीप स्मूच कर रही थी। दोनों एक-दूसरे से लिपटे हुए थे, डॉक्टर साहब नेहा के शरीर को सहला रहे थे, उसके मम्मों को मसल रहे थे, नेहा भी मजे ले रही थी, वो भी उनका लंड ऊपर से सहला रही थी।
डॉक्टर साहब बोले- यार जब से तुम क्लिनिक आती थीं मुझे तभी से बहुत अच्छी लगती थीं। नेहा बोली- हाँ देख कर ‘लेने’ का मन होता होगा। डॉक्टर साहब बोले- नहीं.. पर अब लेने का मन होने लग गया है। ‘हम्म..’ डॉक्टर साहब बोले- तुम्हारे साहब तो ठीक से ले नहीं पाते होंगे? वो बोली- इनकी मत पूछो यार.. ये तो बस दारू पी के ‘फुस फुस..’ हो जाते हैं।
यह सुन के डॉक्टर साहब को जोश आ गया उन्होंने नेहा के मम्मों को अन्दर से सहलाना शुरू कर दिया। नेहा ने भी उनकी शॉर्ट्स में हाथ डाल कर लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
दोनों काफी गर्म हो गए थे, नेहा और डॉक्टर साहब अब बिल्कुल खुल चुके थे।
नेहा बोली- मतलब आज रात को आप मेरी चूत लिए बिना नहीं छोड़ोगे? डॉक्टर साहब बोले- नहीं मैडम.. बिना चोदे आपको बिल्कुल नहीं छोडूंगा.. मैडम आज तो आपकी चूत को चोदे बिना नींद ही नहीं आएगी। नेहा बोली- रात आपकी ही है.. क्लिनिक नहीं जाना कल? डॉक्टर साहब बोले- कल संडे है मैडम।
डॉक्टर साहब ने नेहा को फिर से चिपटा लिया। नेहा बोली- ठीक है जैसा करना हो वैसे कर लेना.. पहले थोड़ा मेहनत तो कर लो। वो जैतून का तेल ले आई।
डॉक्टर साहब बोले- इसका क्या करना है? नेहा बोली- मेरी लेनी है.. तो पहले थोड़ा मसाज तो कर दो। डॉक्टर साहब बोले- मैडम, यह आदत कहाँ से लग गई? नेहा बोली- मानव से मालिश के सिवा और क्या करा सकती हूँ.. इसलिए उससे तो मसाज ही करा लेती हूँ.. वो बहुत अच्छी मसाज करता है.. कभी तुम्हारी भी करवाऊँगी।
डॉक्टर साहब हँसने लगे और बोले- इस नाइटी को पहन कर तेल लगवाओगी? नेहा बोली- जी नहीं.. बिल्कुल नहीं.. तुम बस देखो क्या करना है।
डॉक्टर साहब ने नेहा को चिपका लिया और उसकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर करके निकाल दी। अब नेहा का शरीर पिंक ब्रा-पेंटी में जबरदस्त माल लग रहा था। डॉक्टर साहब भी उसकी नंगी जवानी को देख कर पागल हो गए, वो उससे लिपटने चिपटने लगे।
वे बोले- यार तुम्हारे शरीर ने तो बस पागल बना दिया। नेहा बोली- अभी कहाँ बनाया है जी.. अभी तो तुम मेरे शरीर पर ये तेल लगाओ.. फिर कुछ करना।
वो बिस्तर पर आकर लेट गई।
डॉक्टर साहब ने नेहा की जाँघों पर तेल लगाया.. फिर धीरे-धीरे पेट के ऊपर, फिर मम्मों के ऊपर मालिश करने लगे।
नेहा पलट गई.. तो डॉक्टर साहब ने उसकी डोरी वाली ब्रा की डोरी खींच दी। नेहा बोली- ये क्या? डॉक्टर साहब बोले- नहीं खोलूँ? नेहा मुस्कुरा दी।
अब डॉक्टर साहब ने नेहा की पीठ पर धीरे-धीरे मसाज किया और फिर धीरे से पेंटी की डोरी की भी खींच दी। अब उसकी पूरी गांड खुल गई।
डॉक्टर साहब ने गोल-गोल करते हुए गांड पर मसाज की.. नेहा इससे बहुत गर्म हो गई थी। डॉक्टर साहब ने उसको पलट दिया तो सामने से नेहा बिल्कुल नंगी पड़ी थी।
उन्होंने नेहा की चूत में उंगली डाल कर हिलाना शुरू किया, नेहा ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी।
फिर उन्होंने धीरे से नेहा की चूत पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ डाल कर उसकी चूत में अपनी जीभ अन्दर-बाहर करते हुए चूत चुसाई करने लगे। यह हिंदी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
अब नेहा बहुत गरम हो गई थी, वो डॉक्टर साहब से बोली- यार प्लीज छोड़ दो। डॉक्टर साहब बोले- छोड़ने के लिए रोका है या चुदवाने के लिए रोका है जानेमन?
डॉक्टर साहब और जोर से चूत में जीभ को अन्दर-बाहर करने लगे। नेहा भी डॉक्टर साहब के लंड को उनकी शॉर्ट्स में अन्दर हाथ डाल कर हिलाने लगी, डॉक्टर साहब भी गरम हो गए थे, उन दोनों की सांसें जोर-जोर से चल रही थीं।
नेहा ने डॉक्टर साहब की निक्कर खींच दी और डॉक्टर साहब का अंडरवियर भी निकाल फेंका।
डॉक्टर साहब का लंड लम्बा और काफी मोटा था। नेहा उनके नंगे लंड को सहला रही थी। डॉक्टर साहब का लंड उसके मुँह के पास था.. उसने भी डॉक्टर साहब का लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
अब डॉक्टर साहब बुरी तरह पागल हो रहे थे, वो सीधे होकर नेहा के बगल में आ गए।
नेहा बोली- यार तुमने इतना गरमा दिया है.. अब डालो भी। डॉक्टर साहब बोले- डाल भी देंगे मैडम। वो बोली- यार प्लीज जल्दी डालो न..
डॉक्टर साहब ने नेहा के एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और एक हाथ से उसकी गांड को दबाने लगे। डॉक्टर साहब कहने लगे- यार तुम फुल माल हो.. क्या मस्त गांड है.. क्या मम्मे हैं तुमने तो मुझे पागल ही कर दिया। नेहा बोली- तुम्हारा डंडा भी बहुत मोटा और लंबा है जी। डॉक्टर साहब बोले- पसंद आया? नेहा बोली- डंडा जब इतनी लंबा मोटा हो तो पसन्द तो आएगा ही न जी।
डॉक्टर साहब ने नेहा की टांगें फैला दीं और लंड के सुपारे को चूत में घुसा दिया। नेहा जोर से चिल्लाई- उउउइ माँ.. ऊई माँ निकालो.. बहुत मोटा है। डॉक्टर साहब बोले- क्यों तुम्हारे साहब का मोटा नहीं है? वो बोली- तुम्हारा डंडा है.. उनकी तो डंडी है..
यह कह कर नेहा हँसने लगी और बोली- दर्द हो रहा है। डॉक्टर साहब बोले- तुम इतनी जोर से चिल्लाईं कि तुम्हारे साहब उठ जाते? तो बोली- अरे वो दारू पीकर नहीं उठते और उठ भी जाते तो क्या कर लेते जी?
यह सुन कर अब डॉक्टर साहब ने झटके मारने शुरू कर दिए। नेहा ‘सी सी.. ऊई.. माँ मर गई..आह्ह..’ की आवाज कर रही थी।
डॉक्टर साहब ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी। नेहा दर्द से कराहते हुए बोली- निकालो यार.. मेरी फट जाएगी यार.. जल्दी से निकालो दर्द हो रहा है। डॉक्टर साहब बोले- क्या फट जाएगी? वो बोली- मेरी चूत फट जाएगी।
डॉक्टर साहब बोले- अब धीरे-धीरे इसको लेने की आदत पड़ जाएगी क्योंकि अब तुमको आज के बाद बिना चोदे रहना तो संभव नहीं है। नेहा बोली- मुझको भी पूरा बिगाड़ दोगे।
कमरे में चूत में लंड के धक्कों के कारण ‘फट.. फट..’ की आवाजें गूंज रही थीं।
कुछ देर इसी तरह से चोदने के बाद डॉक्टर साहब ने अपने लंड को चूत में से निकाल लिया और नेहा को घोड़ी बना दिया। अब डॉक्टर साहब ने पीछे से अपने लंड को नेहा की उठी हुई चूत में डाल दिया और दे झटके पर झटका.. दे झटके पे झटका ठोकर मारने लगे।
डॉक्टर साहब नेहा की गोरी गांड पर चांटा मार रहे थे.. तो नेहा बोली- यार मेरी गांड लाल हो जाएगी।
डॉक्टर साहब फुल जोश में थे। उन्होंने नेहा के नीचे से हाथ डाल कर नेहा के मम्मों को पकड़ लिया और मसलने लगे। नेहा की सीत्कार निकल गई।
डॉक्टर साहब ने कहा- मज़ा आ रहा है जानेमन? नेहा बोली- बिल्कुल पागल बना रखा है सचिन.. बहुत मजा आ रहा है। डॉक्टर साहब बोले- यार इतना चिपक कर चूत दे रही हो.. मेरी आदत पड़ गई तो दिक्कत हो जाएगी।
नेहा अब बिल्कुल खुल चुकी थी, वो बोली- हाँ बहुत सीधे हो ना जैसे.. आज के बाद तो चूत लोगे ही नहीं। डॉक्टर साहब हँसने लगे और जोर से बोले- मतलब? नेहा बोली- ज्यादा बनो मत.. जो तुम्हारा ये मोटा लंड है न.. मेरे पेट में अन्दर बच्चेदानी तक लग रहा है।
डॉक्टर साहब की चुदाई की ‘फट.. फट..’ इतनी जोर से कमरे में गूंज रही थी कि मुझे मजा आ रहा था।
डॉक्टर साहब वास्तव में घोड़े की तरह नेहा की चूत चोद रहे थे.. वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
काफी देर तक पीछे से चोदने के बाद डॉक्टर साहब ने लंड निकाला और नेहा की गांड पर ही झड़ गए, वो नेहा के ऊपर नंगे ही गिर गए। दोनों बहुत देर तक ऐसे ही पड़े रहे, फिर वे उठे और बोले- कपड़े पहन लूँ? नेहा बोली- तुमने चोद-चोद कर मेरा दम निकाल दिया है.. उठने की हिम्मत ही नहीं हो रही है। वो कम्बल अपने ऊपर खींच कर लेट गई और डॉक्टर साहब से बोली- आओ न सचिन।
उसके मुँह से डॉक्टर साहब का नाम सुन कर मैं समझ गया कि एक ही चुदाई में ये डॉक्टर साहब से सचिन हो गया।
नेहा बोली- आओ न सचिन मेरे साथ ऐसे ही लेट जाओ न.. कपड़े थोड़ी देर बाद पहन लेंगे। डॉक्टर साहब बोले- अरे यार तुम्हारे साहब जग गए तो तुम्हारा तलाक हो जाएगा। नेहा हँसने लगी और बोली- अरे यार वो अभी नहीं जगने वाला.. और जग भी गया तो क्या वो कुछ करने लायक है?
डॉक्टर साहब हँसने लगे। नेहा डॉक्टर साहब से बोली- तुमने यार सच मैं आज मेरी ऐसे ली न.. मेरा पूरा शरीर तोड़ के रख दिया। डॉक्टर साहब बोले- यार नेहा सच में तुम्हारी चूत ले कर न.. नशा सा हो गया है सच्ची। नेहा बोली- दो दिन बाद सब भूल जाओगे।
डॉक्टर साहब ने नेहा को बिल्कुल चिपटा लिया और बोले- मेरी जान तुम्हारी चूत का नशा तुमसे दूर नहीं जाने देगा।
नेहा ने भी डॉक्टर साहब को अपने सीने से चिपका लिया। डॉक्टर साहब बोले- यार मेरे कारण तुम्हारी लाइफ न डिस्टर्ब हो जाए। नेहा बोली- यार तुम मानव के बारे में इतना क्यों सोचते हो। अगली बार आओगे तो तुम्हारे दिमाग से उसका डर निकल जाएगा। आओ चिपक कर सो जाओ मेरे पास!
नेहा ने डॉक्टर साहब को खींच कर चिपटा लिया.. दोनों नंगे ही सो गए।
मैं उनकी चुदाई देख कर अब तक झड़ चुका था। मैं थोड़ी देर बाद उठा तो देखा कि वो दोनों कम्बल में नंगे ही सो रहे थे। यह देख कर मैंने भी वाशरूम में जाकर लंड को धोया और सो गया।
सुबह जब मैं उठा तो डॉक्टर साहब जा चुके थे और नेहा सो रही थी।
मैं नेहा के पास जा कर चिपक गया और उसको उठाते हुए पूछने लगा- मजा आया? वो बोली- अरे यार बहुत देर तक चोदता है, चोद-चोद कर मेरी चूत फुला दी। मैंने कहा- मजा नहीं आया क्या? वो बोली- जब इतनी अच्छी चुदाई होगी.. तो किसको मजा नहीं आएगा मेरे ‘फुस.. फुस..’ अब उठो और मेरे शरीर में तेल लगाओ.. मेरा पूरा शरीर टूट रहा है।
मैंने कहा- मैं तेल लगाने के लिए हूँ? वो बोली- अरे यार और तुम क्या कर सकते हो.. अब तेल लगाओगे कि बक बक करते रहोगे।
मैंने नेहा को तेल लगाया और फिर वो बहुत देर सोती रही।
आपको मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी कैसे लगी। आप मेरी [email protected] पर जरूर बताएं। मेरी FB कि आईडी भी यही है.. या आप अपनी राय याहू मैसेंजर भी पर बता सकते हो। कहानी जारी है।
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