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पहले तो सब अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले दोस्तों को मेरी चूत और मम्मों का उछल-उछल कर सलाम! मैं आपके सामने अपनी 34-28-36 की फिगर का एक नायाब धमाका एक ऐसी स्टोरी के माध्यम से करने जा रही हूँ जो आपकी पेंटी को गीला कर देगी।
बात गर्मियों के मौसम की है.. जब मैं अपने आपको खीरे मूली से ठंडा करती थी। मेरा एक फ्रेंड था राज.. जो मेरे लिए अपने मन में सेक्स की भावना रखता था। मुझे यह बात पता थी क्योंकि वो हमेशा मुझे भूखी-नंगी नज़रों से देखता था।
वो बहुत स्मार्ट भी था और थोड़ा हैण्डसम भी था.. और मुझे भी पता नहीं क्यों उसका मुझपे ऐसी नज़रों से देख़ना अच्छा लगता था, मैं उसके सामने जितना एक्सपोज़ कर पाती थी.. करती थी पर वो मुझे कभी छूता नहीं था और उसके सामने मेरी सारी कोशिशें बेकार रह जाती थीं। जबकि मेरी नर्म चिकनी चूत की गर्मी को किसी के लंड की बहुत ज़रूरत थी।
मैंने एक प्लान बनाने का सोचा और मुझे पता था कि अगले हफ्ते मेरे घर वाले सब बाहर जा रहे हैं और मेरे एग्जाम की वजह से मुझे कोई नहीं ले जाएगा। मैंने राज को स्कूल में बोल दिया था कि अगले हफ्ते 2 दिन फ्री रहना.. तुम और मैं मेरे घर पर पढ़ाई करेंगे।
पर मुझे उसका जवाब सुन कर लगा कि वो शायद ही आएगा। फिर भी मुझे कुछ तो करना था इसलिए मैंने अपनी सहेली मिन्टी को भी बोल दिया- तू पढ़ाई के बहाने मेरे घर आ जाना और हम मज़े करेंगे और ब्लू फिल्म्स देखेंगे।
आख़िर वो दिन आ ही गया और घर से मम्मी-पापा.. दीदी.. सब दो दिन के लिए दिल्ली चले गए। अब मैं घर पर अकेली थी.. तो मैंने राज को फोन किया। वो बोला- ठीक है.. मैं आ रहा हूँ। मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
मैं पागल हो रही थी, तो मैं जल्दी से नहा कर नंगी ही बैठ गई और चैन नहीं पड़ा तो मैं पूरे घर में नंगी ही घूमने लगी। फिर मैंने सोचा एक बार कुछ पहन ही लेती हूँ। मैंने अपने कमरे में जाकर पेंटी और इनर पहन लिया, नीचे पापा का बॉक्सर पहन लिया और ऊपर एक टाइट टी-शर्ट पहन कर राज का वेट करने लगी।
कुछ देर बाद घन्टी बजी.. तो मैं खुश हो गई और गेट खोला तो देखा गेट पर मिन्टी थी, मैंने देखा कि उसके हाथ में डिल्डो और ब्लू-फिल्म्स की सीडी थी। वो मुझे ऊपर से नीचे तक देख कर मेरे मम्मों पर हाथ फेरते हुए बोली- आज क्या बात है?
मैंने उससे कहा- राज आ रहा है। तो वो बोली- तुझे अकेले मज़ा नहीं लेने दूँगी.. मैं भी साथ चुदूँगी।
तो मैं उसे मना नहीं कर पाई। उसका 36-30-38 का फिगर तो मुझसे भी ज्यादा अच्छा था, मैंने कहा- ठीक है।
उसने जीन्स ब्रा और एक कट स्लीव्स का ढीला सा टॉप पहना हुआ था।
हम दोनों ने प्लेयर में सीडी लगाई और सोफे पर एक-दूसरे के ऊपर लेट कर बुरी तरह चूमा-चाटी चालू कर दी।
इतने में घर की फिर से बेल बजी.. तो मैं समझ गई कि राज ही होगा। मैंने मिन्टी को कहा- डीवीडी प्लेयर ऑफ कर दे.. पर सीडी मत निकालना और सोफे पर ढंग से बैठ जा।
अब मैंने गेट खोला तो देखा राज खड़ा था, वो आज बहुत मस्त लग रहा था। मैंने उसे अन्दर बुलाया और बिठाया।
वो मिन्टी को वहाँ देख कर परेशान सा हो गया.. पर फिर हम तीनों साथ में पढ़ने लगे। मैंने मिन्टी को देखा और कहा- थोड़ी देर टीवी देखते हैं।
हम तीनों सोफे पर बैठ गए और टीवी ऑन कर दिया। मिन्टी ने डीवीडी प्लेयर ऑन किया और हम बैठे-बैठे बातें कर रहे थे। हम दोनों ने राज को बीच में बिठा लिया था इससे राज को भी मज़ा आ रहा था।
इतने में मिन्टी ने रिमोट से टीवी मोड की जगह डीवीडी मोड सिलेक्ट कर दिया और ब्लू-फिल्म चालू हो गई।
राज देख कर चौंक कर रह गया.. पर वो कुछ नहीं बोला और थोड़ा शर्मा गया।
मूवी में 4 लड़के एक लड़की को बुरी तरह चोद रहे थे। हम तीनों कामुकता से देखने लगे। अब ये सब देख कर राज भी पागल हो रहा था।
मैं उठी और राज की गोद में बैठ गई.. जैसे वो भी सोफा हो। मेरे पैर उसके पैर पर.. मेरी गांड उसके लंड पर और मेरी कमर उसके सीने पर थी, उसका सर मेरे कंधों पर टिका था।
वो कुछ नहीं बोला.. पर उसका लंड मेरी गांड के आगे चूत के एकदम पास खड़ा हो रहा था। अब उसने मुझे पीछे से चूमना चालू कर दिया और पागलों की तरह अपनी जीभ निकाल कर मेरे गले.. कंधे.. सबको चाटने लगा।
मिन्टी ये सब देख कर उठी और अपनी जीन्स और टॉप उतार कर और अपने आपको मसलने लगी।
राज ने आगे से अपना हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाला और मेरे बोबे मसलने लगा। तब तक मिन्टी ने अपनी ब्रा भी उतार दी मैंने देखा कि वो साली तो बिना पैन्टी के ही आई थी।
अब मिन्टी मेरे ऊपर चढ़ गई और उसने अपने चूचे मेरे मुँह में डाल दिए और अपने हाथ मेरी कमर से ले जाकर बॉक्सर के अन्दर मेरी चूत में उंगली करने लगी।
राज सोफे पर बैठा हुआ था और मैं भी उस पर लेटी हुई सी थी, मिन्टी मेरे दूधों से चिपकी हुई बैठी थी, हम तीनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चाट चूम रहे थे।
फिर मिन्टी ने अपने पैर राज की कमर पर कस कर लपेट लिए और मैं दोनों के बीच में फंस सी गई। कमरे का पंखा चल रहा था.. फ़िर भी हम तीनों पसीने से तर-बतर हो चुके थे, पहले ही गर्मी का मौसम था और इस पर हम बहुत अधिक गर्म हो चुके थे।
राज मुझे पीछे से चाट रहा था और मेरे मम्मों को दबा रहा था। मिन्टी मेरी चूत के बाल और चूत को सहला रही थी। मैं भी मिन्टी के मम्मों को चूस रही थी।
तभी मैंने अपने हाथ राज की पैन्ट पर रखा और उसके लंड को सहलाने लगी.. उसे मज़ा आने लगा। मैं और मिन्टी ‘अया.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह हाय..’ कर रहे थे।
अब राज और जोश में आ गया और उसने हम दोनों को उठा कर सोफे पर पटक दिया। हम दोनों ने उसकी टी-शर्ट उतारी और उसकी पैन्ट खोल कर उसके अंडरवियर से ही लंड निकाल लिया।
जब मैंने उसका अंडरवियर उतारा तो मैं दंग रह गई। उसका लंड खीरे जैसा लम्बा और मोटा था। हम दोनों खुशी से उसकी गोटियों को सहलाने और चूसने लगे।
उसने अपना लंड मिन्टी के मुँह के अन्दर डाल दिया और मुझे उठा कर सोफे पर पटक कर बेरहमी से मेरे कपड़े खींचते हुए उतारने लगा। यह हिंदी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
उसने मेरे बॉक्सर को खींच कर उतार फेंका और मेरी पेंटी को मुँह से उतारने लगा, मेरे टॉप को पूरी तरह ऊपर से खींच कर फाड़ दिया। उसका लंड मिन्टी के मुँह को भी बहुत ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था। कुछ ही पलों में उसके सामने मैं पूरी नंगी हो गई थी।
वो मिन्टी के मुख चोदन के कारण झड़ने वाला था। उसने मिन्टी के सर को ज़ोर से अपने लंड पर दबा लिया और एक ‘आह्ह..’ करते हुए झड़ गया।
मिन्टी के मुँह में उसका पूरा माल आ गया और वो साली उस माल को निगल भी गई।
फिर राज ने मुझे उठाया और मुझे चित्त लिटा कर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, उसके मोटे लंड से मुझे बहुत दर्द हुआ। अभी मैं कुछ कह पाती कि तभी उसने एक तेज धक्का मार दिया। मैं चिल्ला उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मेरी चूत से खून निकलने लगा जबकि उसका लंड अभी 2 इंच ही घुसा था।
उसने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा, मैं ‘उईहही.. आआहह.. माँआ..’ करके चिल्लाने लगी। अगले ही पल उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर था।
शायद उसको भी दर्द हुआ और वो मुझे लेकर मेरे ऊपर सोफे पर लेट गया, उसका लंड मेरी चूत के अन्दर ही था। मिन्टी ये सब देख कर अपना डिल्डो अन्दर डाल कर ‘अयायाह.. अया..’ चिल्लाने लगी और राज के बाजू में लेट कर अपने मम्मों को उसकी कमर से रगड़ने लगी।
राज उठा और मिन्टी को आगे खड़ा करके उसकी चूत चाटने लगा। जबकि मिन्टी अपने मुँह में डिल्डो को अन्दर बाहर कर रही थी। राज का लंड मेरी चूत में था और उसने ज़ोर से लंड को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
मुझे बहुत चोदा.. मैं भी बहुत मज़े से चूत चुदवा रही थी। वो काफी देर तक मुझे चोदने के बाद मेरी चूत में अन्दर ही झड़ गया।
कुछ देर आराम करने के बाद राज उठ कर मिन्टी को चोदने के लिए आगे बढ़ा, उसने मिन्टी को भी काफी देर तक चोदा। जब मिन्टी चुद रही थी तो मैं मिन्टी के मम्मों को चाट रही थी। उसने मिन्टी के अन्दर भी अपना सारा माल झाड़ दिया।
अब हम तीनों एक साथ बाथरूम में जा कर नहाने लगे। इधर राज हम दोनों के मम्मों को चाट रहा था.. चूस रहा था। हम दोनों उसके लंड से खेल रही थीं।
ठंडा पानी हमारा मज़ा और बढ़ा रहा था। हम तीनों लोगों ने 4 घंटे तक खूब चोदम चोदी की, साथ में ब्लू-फिल्म भी देखते रहे।
फिर वो दोनों अगले दिन फिर से आने की कह कर चले गए। अगले दिन मिन्टी और मैं एक-दूसरे से साथ में एक घंटे नंगे मज़े से खेले और फिर राज और उसके साथ उसके तीन दोस्त भी आ गए।
उन चारों ने हम दोनों को खूब चोदा.. कभी मुँह में लंड डाल कर.. कभी चूत में डाल कर खूब चुदाई हुई। हम सभी ने बहुत मज़े किए और मेरा राज से चुदवाने का सपना भी पूरा हो गया।
आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. बताइएगा। [email protected]
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