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सेक्सी लड़की की चुदाई मैंने अपनी अपनी आँखों से देखी. वो लड़की मेरी बड़ी बहन ही थी. मेरे ख़ास दोस्त ने मेरी बहन को नंगी करके चोदा.
हैलो फ्रेंड्स, मैं आपको सेक्सी लड़की की चुदाई की कहानी के पहले भाग मेरे दोस्त ने मेरी दीदी के कपड़े उतरवा दिए में बता रहा था कि मेरी दीदी ने अपनी पैंटी उतार दी थी और वो मेरे दोस्त से अपनी चुत ढकने के लिए कह रही थीं.
अब आगे सेक्सी लड़की की चुदाई:
मेरे दोस्त रमेश ने एक हाथ नीचे किया और दीदी की चुत पर रख कर चुत को सहला दिया.
फिर दीदी ने अपने एक हाथ से चुत को और एक हाथ से दोनों दूध को ढक लिए और रमेश हट गया. दीदी अब पीछे की ओर घूमी तो उनकी बड़ी सी गांड एकदम नंगी मेरी निगाहों के सामने आ गई थी.
इतनी गदराई हुई गांड थी कि उसकी गांड मारने में बिस्तर की जरूरत ही नहीं पड़ने वाली लग रही थी.
अब रमेश ने कैमरा सम्भाल लिया और अलग-अलग अदाओं में दीदी ने फोटो देना शुरू कर दिया. रमेश को दीदी से कुछ कहना ही नहीं पड़ रहा था, वो खुद अपनी मादक अदाओं के साथ अपनी नंगी जवानी का का फोटो शूट करवा रही थीं.
उसने मेरी दीदी की नंगी गांड, अधनंगी चूचियों, पतली चिकनी कमर … सबकी फोटो अपने कैमरे में कैद कर ली थीं.
खूब सारी फोटो लेने के बाद रमेश ने दीदी से कहा- अब तुम अपने चुचों को आजाद कर दो, मैं उनके नंगे फोटो ले लेता हूं. यह सुनकर दीदी ने कहा- रमेश अब बस करो इतनी फोटो काफी हैं … क्या तू मुझे पोर्न ऐक्ट्रेस समझ रहा है! अब बस करो … मैं कपड़े पहन रही हूं.
दीदी कपड़े लेने को गईं तो रमेश ने उनको पकड़ लिया और बोला- क्या मेरी रंडी … ऐसा क्यों कर रही हो तुम … यार फोटो लेने दो ना. मैंने क्या पूरी नंगी फोटो निकालने के लिए कहा है? दीदी ने रंडी शब्द सुनकर एक बाद हंस कर दिखाया और बोलीं- यार, तुमने मुझे पूरी नंगी तो कर ही दिया है अब मेरी चूचियों की फोटो लेने के लिए भी कह रहे हो.
रमेश ने बोला- प्लीज लेने दे यार … तेरी जैसे सेक्सी जवानी को दुनिया से छिपा कर रखना भी तो पाप होगा. जब लोग तेरी नंगी मदमस्त चूचियों को देखेंगे … तो वो वाह वाह कर उठेंगे. अपनी तारीफ़ सुनकर दीदी मान गईं और बोलीं- चलो ठीक है. मैंने आधी नंगी की फोटो तो खिंचवा ही ली हैं … अब पूरी नंगी दिखने में क्या है … चलो आ जाओ और खींच लो मेरी नंगी चूचियों की फोटो.
उसी समय अचानक लाइट चली गई. बिजली चली जाने से फोटो शूट का काम रुक गया.
रमेश ने कहा- अब रुकना पड़ेगा. दीदी ने कहा- न जाने अब कितनी देर रुकना पड़ेगा!
रमेश ने कहा- जब तक मैं अपने कपड़े भी निकाल लेता हूँ. दीदी ने पूछा- तुम क्यों अपने कपड़े उतार रहे हो?
रमेश ने कहा- अरे यार, मुझे गर्मी लग रही है. दीदी ने कुछ नहीं कहा.
रमेश दीदी के सामने अपने सारे कपड़े निकालने लगा. उसने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए बस अंडरवियर नहीं निकाला.
मैंने ध्यान से देखा कि मेरी दीदी रमेश की अंडरवियर में उसके फूले हुए लंड को को देख रही थीं.
कुछ देर तक जब बिजली नहीं आई तो रमेश ने कहा- बिजली को मारो गोली … मैं कैमरे को नाईट मोड में करके फोटो निकालना शुरू करता हूँ. तुम फोटो के लिए पोज बनाओ.
दीदी बोलीं- तुम ही बताओ मेरी कैसे खींचोगे? रमेश ने कहा- अरे मैं तो सब तरह खींचने को रेडी हूँ … तुम बस खुल कर आ जाओ.
मतलब अब वो दोनों दो-अर्थी बातों का मजा लेने लगे थे.
तभी रमेश मेरी दीदी के पीछे आ गया और उसने मेरी दीदी के दोनों मम्मे थाम लिए.
दीदी बोलीं- रमेश, तेरा कुछ मुझे पीछे से गड़ रहा है. रमेश बोला- हां मेरा खड़ा हो गया है न इसलिए गड़ रहा है.
दीदी- क्या खड़ा हो गया है? रमेश ने दीदी का एक हाथ अपने लंड पर रख दिया और बोला- ये खड़ा हो गया है.
दीदी ने लंड को टटोला और बोलीं- ये क्यों खड़ा हो गया? रमेश ने दीदी के मम्मे दबाते हुए कहा- तुम्हारे इन मस्त और रसीले मम्मों को दबाने से खड़ा हो गया है.
दीदी ने पूछा- इसका कोई नाम तो होगा. रमेश ने कहा- वैसे तो इसे लंड कहते हैं लेकिन तुम इसे कोई भी नाम दे सकती हो.
दीदी ने लंड को हिलाया और बोलीं- इसका नाम इसके काम के बाद रखूँगी. रमेश ने ये सुनते ही दीदी को अपनी तरफ पलटा लिया और दूध मसलते हुए होंठ चूमते हुए बोला- तो अब इसका काम ही खत्म कर लेते हैं तब तक लाइट भी आ जाएगी.
दीदी ने अपने दूध से रमेश के हाथ को हटा दिया. अब रमेश के सामने दीदी के दोनों दूध आजाद होकर कड़क होने लगे.
रमेश ने बड़ी आसानी से दीदी को पटा लिया था. वो मेरी दीदी के बदन के साथ खेलने लगा और मेरी दीदी चुदने के लिए गर्म होने लगीं.
मुझे अंधेरे में नंगी दीदी की उछलती चूचियों की झलक मिल रही थी मगर साफ़ नहीं दिख रहा था. बस मुझे ये लग रहा था कि अभी खिड़की से कूद कर अन्दर चला जाऊं और अपना लंड दीदी के मम्मों के बीच रख कर लंड का माल दीदी को पिला दूं.
दीदी ने कहा- अभी तुम पहले फोटो लेना शुरू करो. नामकरण का काम बाद में कर लेंगे. रमेश ने कहा- ठीक है
दीदी ने एक हाथ से अपनी चुत ढक ली और एक हाथ दोनों मम्मों के निप्पल ढक लिए.
रमेश ने चार पांच फोटो ले लीं, उसने फोटो खींचने के बाद कहा- अब घूम जाओ.
दीदी घूम गईं.
रमेश ने दीदी की चुत देख कर कहा- अब अपनी चुत को भी आजाद कर दो.
दीदी ने बोला- नहीं यार, ऐसा नहीं कर सकती. रमेश- कर दो ना यार प्लीज … कर दो ना. मेरी खातिर तुम इतना भी नहीं कर सकतीं?
मेरी दीदी रमेश को मना कर रही थीं, पर रमेश ने दीदी को मना ही लिया.
दीदी- ठीक है … अब मेरी अधनंगी हालत की फोटो तो खींच ही ली … पूरी नंगी की भी खींच ले … मेरा क्या घिस जाएगा. वो सामने चुत खोल कर कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गईं.
दीदी का इस तरह का पोज देख कर रमेश का लंड खड़ा हो गया. मेरी दीदी भी एकटक नजरों से उसके खड़े लंड को देख रही थीं.
मैं ये सीन खिड़की से देख रहा था तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया.
फिर रमेश ने बड़ी स्टाइल से दीदी की नंगी चुत की एक दो फोटो ले लिए कुछ पोज उसने दीदी से खुद की चुत में उंगली करवाते हुए और दूध मसलवाते हुए ले लिए उसने मेरी दीदी की रंडी की तरह फोटो ले ली थीं.
इसके बाद रमेश बोला- अब तुम बिस्तर पर अपने पैर फैला कर लेट जाओ. दीदी ने वैसे ही किया.
दीदी जब लेट गईं, तब उनकी दोनों चूचियां एकदम कड़क हो चुकी थीं और लेटने पर भी ऊपर की तरफ तनी हुई खड़ी थीं.
तभी रमेश बिना कुछ कहे और बिना कुछ सोचे समझे दीदी के ऊपर चढ़ गया और उसने अपने अंडरवियर को आधी उतार दी. रमेश का लम्बा लंड फड़फड़ा रहा था.
रमेश ने मेरी दीदी की चूचियों को मसलते हुए और अपना लंड दीदी की चुत पर रगड़ते हुए कहा- तुम बहुत हॉट आइटम हो यार … फोटो शूट के समय ही मेरा तुमको चोदने के मूड बन गया था. तुम्हारी बड़ी बड़ी चूचियां और फूली हुई गांड ने मेरा लंड खड़ा कर दिया है.
मैं समझ गया कि इस मादरचोद का पहले से प्लान था कि किसी भी तरह से ये मेरी दीदी की चुदाई कर सके.
मगर इस वक्त मुझे भी अपनी दीदी की नंगी जवानी चुदाई करने लायक लग रही थी तो मैंने भी उन दोनों की चुदाई को देखने का मन बना लिया.
रमेश मेरी दीदी के बड़े-बड़े मम्मों को चूसने लगा और दबाने लगा. दीदी भी आहें भरते हुए मजा लेने लगी थीं.
कुछ देर बाद रमेश दीदी के ऊपर बैठ गया और उसने मेरी दीदी के दोनों मम्मों के बीच अपना लंड रख दिया.
दीदी ने भी उसके लंड को बड़े प्यार से हाथ से सहलाया और अपने दोनों मम्मों के बीच लंड रखवा कर मम्मों को दबाने लगीं.
रमेश मेरी दीदी के मम्मों को चोदने लगा. दीदी के बड़े मम्मे रमेश के लंड को रगड़कर उससे खेल रही थीं. जब लंड आगे को जाता, तो दीदी अपनी जीभ से लंड का सुपारा चाट लेतीं.
थोड़ी देर के बाद रमेश ने दीदी के दोनों दूध पर चांटे मारे और उन्हें लाल कर दिए. इससे दीदी को मजा आने लगा और वो सीत्कार भरते हुए रमेश से बोलीं- आह मजा आ गया … और दो थप्पड़ मारो.
रमेश ने दीदी के दोनों मम्मों पर तीन तीन थप्पड़ मारे.
कुछ देर बाद रमेश ने दीदी के पैर फैला दिए और उनकी सफाचट चुत को चाटने लगा.
ऊपर दीदी अपने हाथों से मम्मों को मसल रही थीं और गर्म आवाजें निकाल रही थीं- आआह … आआइ ईई उउफ्फ रमेश साले आग लगा दी आह और जोर से चुत चाटो.
कुछ देर बाद रमेश दीदी के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड दीदी की चुत पर रख कर घिसने लगा. दीदी भी चुदास से भर गई थीं तो अपनी गांड उठा कर लंड चुत में लेने को मचल रही थीं.
तभी रमेश ने एक तेज झटका मार दिया तो उसका आधा लंड चुत में घुस गया.
एकदम से साढ़े चार इंच लंड कसी हुई चुत में घुसा तो दीदी की गांड फट गई और वो चिल्ला पड़ीं- आआहई मर गई मम्मी रे … आह मेरी फट गई … उउफ्फ निकाल ले साले.
मगर रमेश ने लंड निकालने की जगह दूसरा झटका दे मारा. इस बार उसका पूरा लंड चुत में घुस गया था.
दीदी- आआह आउउच रमेश … मैं मर जाऊंगी … आह छोड़ दे कमीने. रमेश- आह साली, रंडी बन गई है तू और अब तेरी सील फट गई है तू मस्त औरत बन गई है.
ये कह कर रमेश मेरी दीदी को धकापेल चोदने लगा.
दीदी- आआह साले बेदर्दी धीरे चोद हरामी … मार दिया कुत्ते ने उफ्फ!
कुछ देर के दर्द के बाद दीदी को मजा आने लगा और वो रमेश का साथ देने लगीं.
अब तो दीदी खुद के हाथों से रमेश की गांड पकड़ने लगी थीं- आह चोद दे आह साले … मस्त अन्दर तक पेल रहा है … आह कितने दिनों से मेरी चुदने की इच्छा आज पूरी हुई है.
दीदी की कामुक आवाजें सुनकर मुझे भी दीदी को चोदने का बहुत मन कर रहा था.
थोड़ी देर के बाद दीदी ने रमेश को बोला- अब ऐसे ही पेलता रहेगा क्या … दूसरी पोजीशन ले ना! रमेश ने कहा- ठीक है डार्लिंग … अब तुम कुतिया की स्टाइल में हो जाओ.
मैं ये सब देख सुनकर अब तक दो बार खिड़की के पास मुठ मार चुका था.
कुछ देर के बाद रमेश मेरी दीदी को कुतिया की पोजीशन में चोदने लगा.
बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद रमेश ने अपने लंड का रस दीदी की चुत में ही छोड़ दिया और वो दोनों बिस्तर पर एक दूसरे को पकड़कर लेट गए.
दीदी ने कहा- रमेश आई लव यू डार्लिंग … मुझे तुमने संतुष्ट कर दिया. रमेश ने भी दीदी से कहा- आई लव यू जानू. अब मेरे लंड का नाम भी रख दो.
दीदी ने हंसते हुए रमेश के लंड का नाम छोटू पहलवान रख दिया.
कुछ देर बाद दीदी ने रमेश से कहा- एक बार फिर से अपने छोटू पहलवान को मेरी चुत में डालो.
रमेश ने दीदी को एक बार फिर चोद दिया.
इस बार दीदी ने रमेश से कहा- मुझे छोटू पहलवान का रस पीना है. तो रमेश ने झड़ने से पहले अपना लंड चुत से निकाला और मेरी दीदी के मुँह में दे दिया. दीदी ने गन्ने की तरह से लंड को चूस लिया और लंड का सारा रस खा गईं.
कुछ देर बाद चुदाई समारोह समाप्त हो गया और रमेश अपने कपड़े पहन कर चला गया.
अब उन दोनों के साथ अक्सर चुदाई का खेल चलने लगा था.
छह महीने बाद दीदी की शादी हो गई.
दोस्तो, आपको सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी कैसी लगी … प्लीज़ मुझे मेल करके बताएं. [email protected] धन्यवाद.
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