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रेखा चुदासी हो रही थी, उसने समीर को कहा की जाने से पहले घर होकर जाना। समीर लगभग 2 बजे आया…
रेखा ने अनिल को ऑफिस फोन किया तो वो ऑफिस में ही था। रेखा ने कह दिया- मैं बाज़ार जाऊँगी, 5 बजे तक आऊंगी। अब रेखा को अनिल के घर आने का कोई डर नहीं था। रेखा ने बरमूडा और टॉप पहना था… नीचे कुछ नहीं था… क्या फायदा समय ख़राब करने का…
समीर ने आते ही चिपटा लिया रेखा को… रेखा उसे सीधे बेड पर ले गई और जल्दी ही दोनों… आज का सेक्स साधारण सेक्स नहीं था ऐसी बेकरारी की गुत्थम गुत्था थी कि अब के बिछड़े कब चुदें या ना चुदें।
रेखा तो समीर का लंड मुह से निकालने को तैयार ही नहीं थी, लगता था कि वो आज इसे अपने मुँह में ही निचोड़ लेगी। और समीर तो उसकी चूत अपने लंड से फाड़ ही देना चाहता था।
दोनों को यह लग रहा था कि इतनी खुलेपन से यह आखिरी मुलाकात हो क्योंकि प्रिया के आने के बाद पता नहीं कैसे क्या हो? रेखा ने समीर से पूछा- अब हम कैसे मिला करेंगे? तो समीर बोला की में दो दिन से यही सोच रहा हूँ और इसकी एक ही तरकीब है की किसी तरह प्रिया और अनिल की सेत्ति९न हो जाए तब प्रिया ही समीर और रेखा को इसमें शामिल करेगी।
रेखा ने पूछा- ये कैसे होगा? तो समीर बोला कि प्रिया को लम्बे लड़के पसंद हैं और वो सिगरेट पसंद नहीं करती और समीर सिगरेट पीता है जबकि अनिल नहीं पीता तो अनिल उसे आकर्षित कर सकता है, बशर्ते वो पहल करे। इसकी जिम्मेदारी रेखा ने ली कि वो अनिल को प्रिया के नजदीक जाने का पूरा मौका दे देगी।
रात को रेखा ने ऐसी पोर्न मूवी लगाई जिसमें पति पत्नी की सहेली से सेक्स करता है और पत्नी ही उसके लिए इसे अरेंज करती है।अनिल मूवी देखते ही रेखा से बोला- अगर मैं भी ऐसा करूँ तो तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं होगा? रेखा हंसते हुए बोली- दिन में कर लेना, मेरी चूत को तो रात में लंड मिलना ही चाहिए…
बेड पर अनिल ने चोदते समय रेखा की सहेली दिव्या का नाम लिया तो रेखा ने भी उसे खूब उकसाया।
दो दिन बाद समीर प्रिया आ गए, प्रिया बहुत खुश होकर गले मिली। समीर ऑफिस जाने की जल्दी मैं था… उसने ऑफिस से दो लड़के बुला रखे थे सामान लगाने के लिए तो रेखा बोली- आप जाओ, मैं और प्रिया संभाल लेंगी।
पहले रेखा ने प्रिया को चाय नाश्ता कराया और फिर उसका घर ठीक करवाया। काम निबटाते निबटाते 3 बज गए। रेखा प्रिया से बोली- तुम फ्रेश होकर नीचे आ जाओ, मैं लंच तैयार करती हूँ।
उसने पुलाव पहले ही बना लिया था। जब तक प्रिया नहाकर आई तब तक रेखा ने भी कपड़े चेंज कर लिए… उसने बरमूडा और टॉप पहना जबकि प्रिया तो सलवार सूट डाल कर आई।
रेखा उसे देखकर हंस दी, बोली- यह तुम्हारा ससुराल नहीं है जहाँ इतनी तमीज से कपड़े पहन कर आई हो… तुम अपने दोस्त के पास हो जो, जैसे अच्छा लगे वैसे करो… यहाँ तो बिना कपड़ों के भी चलेगा! आखिरी लाइन से उसने प्रिया को नापना चाहा।
प्रिया खिलखिला कर हंस दी, बोली- मेरी आपकी खूब पटेगी, मैं तो यह यह सोच कर पहन कर आई थी कि पता नहीं आप क्या पहनती होंगी। रेखा ने उसे अपनी वार्डरोबे से एक शार्ट मिडी दी जिसे प्रिया ने ख़ुशी ख़ुशी पहन लिया।
लंच करके प्रिया और रेखा वहीं सो गये।
डिनर का प्रोग्राम समीर ने किसी होटल में रखा था, चारों लोग डिनर लेने होटल पहुँचे। रेखा ने हंसते हुए अनिल से कहा- मेरी सहेली का ध्यान तुम रखोगे, यह आज से तुम्हारी जिम्मेदारी है कि प्रिया को कोई परेशानी न हो। यह कहते हुए उसने समीर को चुपके से आँख मार दी थी।
समीर भी बोला- हाँ भाई अनिल, मेरी बीवी का ध्यान तुम ही रखना क्योंकि रेखा तो मेरी दोस्त है, पता नहीं प्रिया का ठीक से ध्यान रखेगी या नहीं? सब हंस पड़े पर अब अनिल प्रिया के ज्यादा नजदीक हो गया, डिनर में भी वो बार बार प्रिया से पूछ रहा था।
रात को ऊपर नीचे खूब घमासान हुआ…
अगले दिन समीर ने रेखा को बताया कि उसने प्रिया की चुदाई के समय अनिल का नाम लिया तो प्रिया को कोई ऐतराज नहीं था और इधर अनिल ने जब दिव्या का नाम लिया तो रेखा बोली- अब दिव्या की क्या जरूरत, अब तो घर में ही प्रिया मौजूद है। यह सुनकर अनिल की चुदाई की रफ़्तार और तेज हो गई थी।
शाम को जब समीर और अनिल घर आ गए तो डिनर के बाद रेखा ने समीर को कॉफ़ी पे बुला लिया… और यह भी कह दिया कि ड्रेस की फॉर्मेलिटी न करें, जैसे बैठे हों, वैसे ही आ जाएँ।
खुद रेखा ने फ्रॉक और अनिल ने शॉर्ट्स और टी शर्ट पहन रखी थी। समीर और रेखा आये तो मजे की बात यह कि उन्होंने भी ऐसी ही ड्रेस पहनी थी। प्रिया ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उसके निप्पल महसूस हो रहे थे।
अंदर किचन में प्रिया ने रेखा को बताया कि वो तो अभी कपड़े बदल रही थी सोने के लिए तो अंदर कुछ नहीं पहना है! पर समीर जबरदस्ती ऐसे ही ले आये। रेखा बोली- तो क्या हुआ, मैं तो घर पर अंदर कभी कुछ नहीं पहनती। प्रिया खिलखिलाई और उसने रेखा की फ्रॉक उठा दी। रेखा बोली- ले ढंग से ही देख ले! और कह कर उसने हंसते हुए अपनी फ्रॉक उठाकर अपनी चिकनी चूत के दर्शन करा दिए।
काफी लेकर दोनों बाहर आई… समीर और अनिल आमने सामने सोफे पर बैठे थे। रेखा ने काफी सर्व की और समीर के बगल में बैठ गई कि मैं तो अपने फ्रेंड के पास बैठूंगी। प्रिया मुस्कुरा कर अनिल के बराबर बैठ गई।
रेखा ने देखा अनिल का खड़ा हो गया था और वो पैर पर पैर रख कर उसे छिपाने की कोशिश कर रहा था। प्रिया की चिकनी टांगें अनिल से छू रही थीं जो उसे बैचेन कर रहीं थीं।
रेखा समझ गई कि आज उसकी जोरदार चुदाई होगी और अनिल के मन में प्रिया ही होगी। उसने धीरे से समीर से कहा- तुम्हें कुछ कुछ नहीं हो रहा? तो समीर बोला- बस बम फूटने ही वाला है। रेखा हंस पड़ी।
प्रिया ने पूछा- क्या हुआ? तो रेखा ने कह दिया- कुछ नहीं! दोस्तों की बात है।
उस रात की बस पूछो मत, अनिल तो दीवाना हो रहा था प्रिया का, उसने तो रेखा से कह भी दिया कि कैसे भी करो, मेरे को प्रिया की दिलवा दो। रेखा बोली- ऐसे कैसे हो सकता है? एक तो वो तुम्हारे बॉस की बीवी और दूसरे अभी में उससे खुली भी नहीं हूँ।
पर अनिल जिद पर अड़ गया कि तुम समीर को पटा लो, वो पट गया तो प्रिया को मैं पटा लूँगा। आज अनिल के धक्कों में इतना जोर था कि अगर प्रिया होती तो उसकी तो फट ही जाती।
और उधर समीर भी प्रिया को छेड़ रहा था कि प्रिया के चिकने बदन को देख कर अनिल का तम्बू खड़ा हो गया था। इस पर प्रिया बोली- जैसे तुम्हारा तो खड़ा था ही नहीं?
अगले दिन दोनों के ऑफिस जाने के बाद रेखा अचानक ऊपर पहुँच गई… प्रिया नहाने जा रही थी और उसने केवल टॉवल लपेट रखा था। रेखा को अचानक आया देख वो सकपका गई, बोली- आप बैठो, मैं अभी नहाकर आई। रेखा ने हंसते हुए उसका तौलिया खींच दिया… अब तो प्रिया भी बदमाशी पर आ गई और जोर जबरदस्ती करते हुए रेखा की नाइटी भी उतार दी।
अब दोनों बिना कपड़ों के पूरी नंगी थी… रेखा ने प्रिया को चिपटा लिया और उसके होंठ चूम लिए। दोनों ही एक दूसरी से कम नहीं थीं, दोनों के भरे हुए मम्मे, चिकनी चूत और कसा हुआ बदन था।
अब जब कपड़े उतर ही गए तो प्रिया बोली- चलो साथ ही नहा लेती हैं। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
नहाते में एक दूसरे की चूत में शावर से पानी डालते हुए या मम्मों पर साबुन लगाते हुए दोनों ने खूब मजे लिए। दोनों शावर के नीचे एक दूसरी से चूत और मम्मे सटा कर लिपट कर नहाईं।
टॉवल में ही नीचे आते में रेखा ने प्रिया से कहा- कुछ हल्का सा पहन ले, आज तुझे एक मजेदार चीज दिखाऊँगी। दोनों ने ही तय करके मिनी स्कर्ट पहनी, स्कर्ट क्या थी बस कमर के नीचे दिखाने भर को कुछ था और जब नीचे कुछ पहना न हो तब क्या ढकना और क्या छिपाना।
रेखा ने फ्रिज से फ्रूट बियर निकाली जिसमें उसने पहले से ही थोड़ी सी व्हिस्की मिला रखी थी। साथ में पॉपकॉर्न… और जा पहुंची लॉबी में और चला दी एक पोर्न जिसमें एक लड़की अपनी सहेली के साथ लेस्बियन संबध बनाती है और एक दिन सहेली की गैर हाजरी में उसके पति से सेक्स करती है।
मूवी इतनी हॉट थी और दोनों सोफे पर चिपक कर बैठी थीं कि कब उनकी उंगलियाँ एक दूसरी की चूत को कुरेदने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और कब उनके होंठ मिल गए पता ही नहीं चला। होश जब आया तो दोनों के कपड़े उतरे हुए थे और बियर की बोतल ही वो एक दूसरे की चूत में कर रही थीं।
कुछ तो व्हिस्की का असर, कुछ पोर्न मूवी की गर्मी, कुल मिलकर दोनों ने सोफे से शुरू किया। सेक्स रेखा के बेड पर ख़त्म किया। रेखा ने प्रिया से पूछा- समीर का मोटा है या पतला? तो प्रिया बोली- तुझे दिखला दूँगी पर पहले तू मुझे अनिल का दिखा!
रेखा ने उससे कहा- आज रात को मैं जीने का दरवाजा खुला छोड़ दूँगी और बाहर की लाइट बंद कर दूँगी, हाँ कमरे की खुली रखूंगी। तू खुद आकर देख लेना, हम तो नंगे ही सोते हैं।
पर यह बात दोनों ने ईमानदारी से तय की कि समीर और अनिल को इस बारे में कुछ पता नहीं चलेगा।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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