एक ही चीज़ चाहिए सब लड़कों को-1

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कैसे हो दोस्तो, मैं यश हॉटशॉट एक बार फिर से एक सच्ची और सेक्सी स्टोरी लेकर आया हूँ।

सेक्सी भाभियों और लड़कियों को मेरा प्यार और बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी पिछली हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ी ‘पंजाबन भाभी को जन्म दिन पर चूत चुदाई का तोहफा‘ इस कहानी के बाद बहुत सारे लोगों ने मुझे मेल भी किए। धन्यवाद।

जैसा कि मैंने कहा था कि पिंकी की चुदाई करने से जैसे मेरा लक खुल गया था। पिंकी की चुदाई के बाद उसकी सहेली को भी चोदा और सबसे प्यारी और सेक्सी प्रीत और नेहा भाभी की भी जम कर चुदाई की।

जब मैंने 12वीं क्लास पास कर ली थी, अभी रिजल्ट आना बाकी था। मेरा एक दोस्त सुमित जॉब करता था। एक दिन सुमित से मेरी बात हुई तो सुमित बोला- यश तेरी 12 वीं क्लियर हो गई? मैंने कहा- नहीं यार अभी नहीं, रिजल्ट आना बाकी है।

सुमित बोला- अच्छा ये बता.. जॉब करेगा? मैंने कहा- मिल जाएगी अभी? सुमित बोला- मैं बात कर लूंगा.. तू बता? मैंने कहा- ठीक है। सुमित बोला- घर में पूछ कर बता दियो। मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैंने घर में मम्मी से पूछा, तो मम्मी ने ‘हाँ’ बोल दी और मैंने सुमित को कॉल करके बोल दिया।

जब उससे जॉब के लिए बात हुई तो सुमित बोला- तू एक काम कर.. कल 12 बजे घर पर आ जइयो.. ठीक है। मैंने कहा- ठीक है। मैं सुमित के घर गया।

दोस्तो, आपको बता दूँ कि सुमित मेरा स्कूल से ही फ्रेंड था.. पर वो 10वीं पास करने के बाद ही जॉब करने लगा था। उसके घर में वो और उसके पापा ही रहते थे.. उसका घर बड़ा भी था।

जैसे ही मैं सुमित के घर गया तो मैंने बेल बजाई.. दरवाजा खुला तो देखा कि एक मस्त सेक्सी लड़की खड़ी थी। मालूम हुआ कि इसका नाम सुमन था और उसका फिगर 32-28-34 का था वो एक मस्त थी। वो नीले रंग की जींस पहने हुई थी और पिंक रंग का टॉप पहना हुआ था। उसने बालों को खुला और एक साइड में कर रखा था।

मेरा तो मन किया कि अभी पटक कर इसकी चुदाई कर दूँ। बहुत ही मस्त माल थी यार.. वो मुझे देख रही थी और मैं भी उसको देख रहा था।

इतनी देर में सुमित की आवाज आई- कौन है सुमन? फिर उस लड़की ने मुझसे पूछा- किससे मिलना है आपको? मैंने कहा- सुमित से.. वो जोर से कहते हुए अन्दर गई- भैया, आपसे कोई मिलने आया है।

सुमित बाहर आया और हम दोनों घर के अन्दर आ गए। सुमित का घर बड़ा और सुन्दर भी था और ऊपर 2 फ्लोर भी बने थे। मैं और सुमित एक सोफे पर बैठे और-बात करने लगे।

सुमित बोला- क्या पियेगा? मैंने कहा- कुछ नहीं यार। सुमित बोला- ऐसे ही कुछ नहीं। इतने में उसने सुमन को आवाज दी और बोला- सुमन नीचे आना।

थोड़ी देर में ही सुमन नीचे आई और बोली- बोलो क्या है? तो सुमित ने कहा- सुमन 2 कप चाय बना दो और अगर तुमको पीना है तो तुम अपनी भी बना लो। मैंने पूछा- कौन है ये? तो सुमित बोला- किरायेदार है।

मैंने कहा- अच्छा जी.. इतनी मस्त किरायेदार.. तेरी तो मौज है यार। सुमित बोला- हाँ ये तो है। सुमित और मैं दोनों ही खुल कर बात किया करते थे।

‘ये यहाँ पर कितने टाइम से है?’ ‘कोई 8-9 महीने ही हुए हैं।’ फिर मैंने कहा- कुछ किया? सुमित हँसने लगा और बोला- नहीं..

मैंने कहा- बस बना ले मामू.. अब जल्दी बता किया कुछ.. या नहीं। सुमित बोला- हाँ किया है.. 3-4 बार, सच बताऊँ बहुत ही सेक्सी और कसा हुआ माल है यार.. और अभी भी बहुत टाइट है। मैंने कहा- अच्छा तो तूने ही पहले किया है या और किसी ने भी?

सुमित बोला- मैंने ही सील तोड़ी है बहुत रो रही थी यार.. और करते टाइम मेरे लंड की हालत ख़राब कर दी थी। मैंने सुमित को आँख मारी।

सुमित बोला- तुझे भी चाहिए तो बता? मैंने कहा- नेकी और पूछ-पूछ? बोला- ठीक है, कुछ काम करता हूँ।

मैंने पूछा- कौन-कौन है इसके घर में? तो सुमित बोला- ये है.. और इसके पापा इसका भाई और मम्मी हैं। मैंने कहा- क्या करती है? बोला- अभी 12 वीं में गई है।

मैंने कहा- यार फिर तो अभी कुछ हो सकता है.. तो जल्दी बता। सुमित बोला- देखता हूँ.. मानती है या नहीं। एक काम कर तू उसके पास किसी बहाने से जा। मैंने कहा- ठीक है।

सुमन रसोई में थी और मुझे देख कर सीधी खड़ी हो गई।

मैंने कहा- हैलो.. सुमन भी बोली- हैलो.. मैंने कहा- बहुत सुन्दर नाम है आपका! सुमन बोली- थैंक्यू..

मैंने कहा- सुमन, चाय में चीनी कम डालना, मुझे कम चीनी वाली चाय अच्छी लगती है। सुमन बोली- ठीक है। फिर मैं बोला- एक बात कहूँ.. बुरा तो नहीं मानोगी? सुमन बोली- कहिए.. नहीं मानूंगी बुरा। मैंने कहा- आप बहुत ही सुन्दर हो।

तो इतना सुनते ही सुमन का चेहरा शर्म से लाल हो गया। मैंने कहा- आप तो बहुत शर्मा रही हो.. शर्माओ मत.. आप मुझे अपना दोस्त ही समझो। ‘हम्म..’

मैंने कहा- आप क्या करती हो सुमन? बोली- पढ़ाई करती हूँ। मैंने कहा- कौन की क्लास में? तो सुमन बोली- अभी 12वीं में गई हूँ।

मैंने कहा- आपसे बात करने में अच्छा लगा। फिर इतना कह कर मैं चला आया और सुमित के पास आ गया।

बोला- भाई बहुत प्यारी है.. यार मन तो कर रहा है कि अभी चोद दूँ.. पर कोई नहीं। इतने में सुमन आई और चाय जैसे ही मुझे देने लगी।

मैंने उसके हाथ को पकड़ कर सहला दिया.. और चाय ले ली। वो बोली- भैया मैं जा रही हूँ। वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी।

जब वो पीछे मुड़ी उसकी मस्त उभरी हुई गाण्ड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। हम दोनों ने चाय पी और मैं बोला- एक काम कर तू न.. जैसे तैसे करके इसे मेरा नंबर दे दे.. फिर मैं देखता हूँ।

फिर सुमित जॉब के बारे में बताने लगा और बोला- मैंने तो कितनी ही चूतों तो अपने घर पर ही लाकर चोदी हैं। मैंने कहा- फिर यार मेरी भी कोई सैटिंग करवा दियो। सुमित बोला- ठीक है।

मैं बोला- यार सुमित एक बात और पूछनी है.. किसी की चुदाई करनी हो तो तेरे पास ला सकता हूँ क्या? सुमित बोला- हाँ.. पर मुझे पहले ही बता दियो ओके.. मैंने कहा- ठीक है।

कुछ देर बात हुई और फिर से उसने सुमन को बुला लिया। सुमन मुझे देख रही थी और मैं सुमन को.. फिर मैं घर चला आया।

दोस्तो, तुमको एक बात बताना तो भूल ही गया कि 12 वीं क्लास के पेपर देने से पहले ही पिंकी हमारे यहाँ से रूम खाली करके चली गई थी। उसके बाद उसका कॉल भी नहीं आया था।

मैंने पिंकी और उसकी बहन को कई बार अपने दोस्त के रूम में भी चोदा था और पार्क में भी। उसके साथ का सब और कभी बताऊँगा। मुझे पिंकी के जाने का दुख हुआ.. पर क्या कर सकता था।

शाम को मेरे पास किसी अनजान नंबर से कॉल आई, किसी लड़की की आवाज थी। उसने बोला- हैलो.. क्या मेरी बात यश से हो सकती है? मैंने कहा- मैं यश ही बोल रहा हूँ। आप कौन?

वो बात को थोड़ा घुमाने लगी। बोली- आज आप कहाँ-कहाँ गए थे.. याद कर लो। मुझे याद आया कि यह तो सुमन लग रही है।

मैंने कहा- आप सुमन हो न? सुमन बोली- क्या बात है.. आपने तो बड़ी जल्दी पहचान लिया। फिर सुमन से कुछ देर बात हुई तो मैंने पूछा- आपको मेरा नंबर कहाँ से मिला जी? तो सुमन बोली- सुमित भैया ने दिया है।

मुझे लगा कि सुमित ने शायद बात कर ली होगी। फिर कुछ दिन ऐसे ही बात करते-करते हम अब खुल गए थे। कुछ सेक्सी बातें करने लगे। मैंने कहा- तुम प्यार को मानती हो? तो सुमन बोली- यार ये सब न बेकार चीज़ होती है.. लास्ट में क्या है.. एक ही चीज़ चाहिए सब लड़कों को! मैंने कहा- क्या चाहिए होता है? तो बोली- ये तो आपको भी पता होगा। मैंने कहा- आप ही बता दो।

तो सुमन बोली- सबके सब सेक्स करने के बाद लड़की को पूछते ही नहीं है। मैंने कहा- किसने किया ऐसा? तो बोली- ऐसा कुछ भी नहीं है। वो मेरी फ्रेंड है न.. उसका बॉय फ्रेंड भी ऐसा ही है।

मैंने कहा- एक बार आप मुझे भी आजमा लो.. फिर देखते है कौन किसको छोड़ता है। सुमन हँसने लगी.. बोली- ठीक है.. देखते हैं वैसे तो अभी तक मैंने इसलिए किसी को अपना बॉयफ्रेंड नहीं बनाया है और सच बोलूं तो आप मुझे अच्छे लगे।

फिर एक दिन सुमित की कॉल मेरे पास आई। सुमित बोला- यश, जॉब के लिए बात हो गई है। तुझे एक हफ्ते बाद से आना है.. ठीक है? मैंने कहा- ठीक है।

फिर सुमित पूछने लगा- तेरी और सुमन की स्टोरी कहाँ तक पहुँची? मैं बोला- बस जल्दी ही सब कुछ मिलेगा। ‘फिर तू एक काम कर.. परसों तू मेरे रूम पर आ जा.. और मुझे उस दिन थोड़ा काम है और मुझे कहीं जाना भी है। तू परसों तक उसे देख ले और वैसे भी वो घर पर अकेली होती है।’

मैंने कहा- ठीक है.. परसों आता हूँ।

फिर कुछ देर में सुमन की कॉल आई और पूछने लगी- क्या कर रहे हो? मैंने कहा- कुछ नहीं.. यार एक बात सच बताना.. आपको डांस आता है। सुमन बोली- हाँ.. मैंने कहा- मुझे भी सिखा दोगी? तो सुमन बोली- ठीक है.. पर तुमको रोज आना होगा। मैंने कहा- ठीक है।

‘घर आ जाना..’ मैंने कहा- मैं परसों से आता हूँ। सुमन बोली- ठीक है।

फिर मैंने अगले दिन सुमित से बात की- यार सुमन तो परसों बुला रही है। सुमित बोला- तो आ जा। मैंने कहा- ठीक है.. पर मैं कल से ही उसके पास जाना चाहता हूँ तो मुझे तेरे रूम की चाभी चाहिए। सुमित बोला- ठीक है मैं चाभी सुमन के पास दे दिया करूँगा ओके। मैंने कहा- थैंक्स यार।

फिर सुमित बोला- आखिर क्या बोला है तूने? मैंने कहा- मैंने उसे मुझे डांस सिखाने को बोला है। सुमित बोला- तू सही है भाई!

फिर कुछ देर बात करके मैंने कॉल काट दी। अब मैंने सोचा कि सुबह तो कोई नहीं होगा और सुमन तो स्कूल होगी और उसकी स्कूल की छुट्टी 12:30 बजे होती है तो मैं 2 बजे तक जाऊंगा।

मैं 2 बजे तक उसके घर पहुँच गया। और 1st फ्लोर वाली बेल बजाई। इतने में ऊपर सुमन आई और मुझे देख कर हँसने लगी। मैंने कहा- खोलो।

वो नीचे आई और दरवाजा खोला और मैं अन्दर आ गया। सुमन दरवाजे को लॉक कर रही थी और मैं पीछे से उसका फिगर देख रहा था.. एकदम मस्त चूतड़ थे यार.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मन तो किया कि अभी पीछे से ही उसको चोद दूँ।

सुमन ने बैगनी रंग का एकदम टाइट सूट पहना हुआ था, टाइट होने से सुमन का फिगर साफ़ दिख रहा था। सुमन ने बालों को भी खुला रखा था।

दरवाजा लॉक करके वो पीछे मुड़ी तो मुझे देखने लगी और बोली- आपका देखना हो गया हो.. तो चलें। मैंने मुस्कुराते हुए कहा- कुछ देखा ही कहाँ हैं अभी जी। तो सुमन बोली- अच्छा.. क्या देखना है आपको? मैंने बोला- सब कुछ। सुमन बोली- अच्छा जी.. वो तो नहीं हो पाएगा जी.. चलो अब ऊपर चलो।

मैंने कहा- नीचे ही रहते हैं न। फिर सुमन बोली- पर नीचे की चाभी नहीं है। मैंने कहा- ठीक है चलो फिर।

जैसे ही सुमन सीढ़ियों में ऊपर चढ़ रही थी.. उसकी गाण्ड इधर-उधर हो रही थी। अब आगे की कहानी में सुमन को कैसे पटाया और उसकी चुदाई की ये सब आपको लिखूंगा।

आपके ईमेल के इन्तजार में आपका यश। [email protected] कहानी जारी है।

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