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आज से 2 साल पुरानी बात है.. जब मैं 18 साल का था और मैं चंडीगढ़ से राजस्थान अपने घर गया था।
मेरे घर के सामने एक खूबसूरत लड़की नीतू (बदला हुआ नाम) रहती है। तब वो पूरी जवान हो चुकी थी। मैं उससे एक साल बाद मिलने वाला था तो खुश भी बहुत था। उसके घर पर उसकी मॉम और उसका एक छोटा भाई और दो बहनें रहती थीं। नीतू के पापा दूसरे शहर में नौकरी कते थे.. वो साल में एक-दो बार ही घर आ पाते थे। नीतू के छोटे भाई बहन भी स्कूल जाते थे और उसकी मॉम भी दिन में अधिकतर उसकी दादी के घर पर ही रहती थीं।
नीतू की दादी का घर थोड़ा दूर था.. तो वो सुबह दस बजे घर से निकल जाती थीं और शाम को ही वापस आती थीं। नीतू पूरे दिन घर पर अकेली ही रहती थी।
मैं सुबह 5 बजे अपने घर पहुँच गया और सामान अन्दर रख कर नहाने चला गया। नहाने के बाद मैंने नाश्ता किया और अन्दर जाकर सो गया। मैं बहुत लंबा सफ़र करके आया था तो बहुत थक गया था।
दोपहर के 12 बजे मेरी आँख खुली तो मैं घर से बाहर आया और देखा नीतू घर के बाहर झाड़ू लगा रही थी। उसने ब्लैक कलर का टॉप और ब्लू कलर का जींस पहना हुआ था। उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। उसका फिगर 32-28-30 का होगा।
मैं उससे मिलने चला गया और उसके आगे जाकर खड़ा हो गया। तब उसने ऊपर देखा और हैरत से मुझसे कहा- अरे तुम कब आए? मैंने कहा- सुबह 5 बजे। तो उसने कहा- तो इतनी देर से कहाँ थे? मैंने कहा- मैं सो रहा था। उसने कहा- ठीक है.. तुम अन्दर जाकर बैठो.. मैं अभी झाड़ू लगा कर आती हूँ।
मैं अन्दर जाकर बैठ गया.. वो झाड़ू लगाने के बाद मेरे पास आई और बोली- क्या लोगे.. कॉफी या चाय? मैंने मना कर दिया.. तो उसने कहा- इतने दिनों बाद आए हो कुछ तो लेना पड़ेगा.. नहीं तो मैं नाराज़ हो जाऊँगी। मैंने कहा- चल ठीक है कॉफी ही ले लूँगा।
वो अन्दर गई और कॉफी बना कर ले आई, हम दोनों ने कॉफी पी। तभी उसका भाई स्कूल से घर आ गया।
मैं वहाँ से अपने फ्रेंड से मिलने निकल गया। मेरे फ्रेंड के पास ब्लू-मूवीज की डीवीडी थीं.. तो हम दोनों ने उन डीवीडी को देखना शुरू किया। मैं ब्लू फिल्म देखते हुए नीतू के कामुक जिस्म के बारे में सोचने लगा। तभी मुझे एक आइडिया आया.. मैं मूवी देखने के बाद अपने घर पर चला गया और खाना खाकर सो गया।
सुबह उठा तो 9 बज चुके थे। मैं नहा कर कुछ खाने बैठ गया.. थोड़ा हल्का सा नाश्ता किया.. तब तक 10 बज चुके थे। फिर मैं अपने फ्रेंड के घर गया और मूवी देखने लगा और 11 बजते ही मैंने ब्लू मूवी की डीवीडी फ्रेंड से ले ली और अपनी अंडरवियर में डाल लीं। डीवीडी मेरे लंड से चिपकी हुई थी।
इधर से मैं सीधा नीतू के घर चला गया। नीतू इस वक्त घर पर अकेली थी और टीवी देख रही थी। मुझे देखते ही उसने अन्दर आने को बोला। मैं अन्दर गया और डीवीडी को थोड़ा ऊपर किया ताकि बैठने में आसानी हो।
नीतू ने मुझे यह करते हुए देख लिया और पूछा- यह क्या है? मैंने कहा- डीवीडी है। उसने कहा- किस की? तो मैंने कहा- मूवी है। उसने वो डीवीडी मांगी तो मैंने कहा- यह डीवीडी तुम्हारे देखने के लिए नहीं है।
फिर भी उसने ज़बरदस्ती करके वो डीवीडी ले ली और डीवीडी प्लेयर में डाल कर स्टार्ट कर ली।
जैसे ही फिल्म में आगे सेक्स करते हुए लड़का और लड़की आए.. तो उसने मेरी फिल्म को पॉज करते हुए मेरी तरफ देखा और कहा- तुम यह सब कब से देख रहे हो? मैंने कहा- तीन साल से। उसने कहा- कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किया है? मैंने कहा- अभी तक मौका नहीं मिला।
उसने मूवीज फिर से प्ले की और देखने लगी और मेरा लंड भी बिल्कुल सख्त हो गया था। वो चुदाई देखते देखते गरम हो गई थी और धीरे से वो मेरे पास आई और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ कर दबाने लगी।
फिर उसने मेरे पैंट का बटन खोला और मेरे पैन्ट की जिप भी खोल दी, उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया.. मुझे एकदम से झटका लगा क्योंकि मेरा लंड आज तक किसी ने नहीं पकड़ा था।
उसने मेरे लंड को पकड़ कर बाहर निकाला और बोली- बाप रे तुम्हारा इतना बड़ा लंड है..! मैंने कहा- हाँ!
मैं उसके मम्मों को दबाने लगा। उसके चूचे थोड़े सख्त थे.. मैं जब भी ज़ोर से दबाता.. तो वो चीख पड़ती। मुझे उसके बूब्स दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं खड़ा हो गया और उसने मेरा पैन्ट उतार दिया और मैंने भी उसका टॉप उतार दिया। उसने अन्दर सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी। मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और वो सिसकारियां लेने लगी।
उसने मुझे रुकने को बोला.. तो मैं रुक गया। उसने मुझसे बोला- प्लीज़ थोड़ा धीरे दबाओ.. मुझे दर्द होता है।
मैं उसके चूचे धीरे-धीरे दबाने लगा और वो मादक सिसकारियाँ लेने लगी, उसके मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें आ रही थीं। 2 मिनट बाद मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसके चूचे लाल हो चुके थे, मैंने देखा कि उसके चूचुकों का रंग भी लाइट कॉफी जैसा था। मैंने उसके एक चूचे को हाथ से दबाया वो बहुत सॉफ्ट था। मैं उसके मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा और वो मेरे सिर को अपने चूचे पर दबाने लगी। उसके मुँह से लगातार ‘अयाया.. अया..’ की आवाजें आने लगीं।
मैं अपने दूसरे हाथ से उसके दूसरे मम्मे को भी दबाने लगा और वो सिसकारियां लेने लगी। दो मिनट उसके मम्मों को चूसा और फिर मैंने उसकी पैंट का बटन ओपन करके जिप को खोला और उसकी पैंट को उतार दिया। उसने अन्दर भी सफ़ेद रंग की पैंटी पहनी हुई थी। उसकी पैन्टी पूरी गीली हो चुकी थी।
मैंने उसकी पैन्टी उतारी तो देखा उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे। ऐसा लग रहा था कि उसने 2-3 दिन पहले ही चूत की सफाई की हो। उसकी झांटों के बीच में उसकी गुलाबी चूत एकदम साफ रोती हुई दिख रही थी।
मैंने उसकी चूत को टच किया.. तो वो एकदम से उछल पड़ी। मैंने पूछा- क्या हुआ..? तो उसने कहा- बहुत गुदगुदी हो रही है।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत पर अपना हाथ फेरने लगा, वो मजे से हँसने लगी। फिर मैंने उसकी चूत पर चूमा और अपनी जीभ से चाटने लगा।
वो एकदम तड़फ उठी.. मादक सिसकारियां लेने लगी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
मैं उसकी चूत को चूसने लगा, उसकी चूत को मैंने कुछ मिनट तक चूसा और तभी एकदम से अकड़कर उसकी चूत झड़ गई, मैंने उसकी चूत का पानी पी लिया, उसकी चूत का पानी थोड़ा नमकीन था।
अब मैंने उसको लंड चूसने को बोला, वो झुक गई और मेरे लंड को हाथ से साफ करने लगी और फिर उसने लंड को मुँह में ले लिया, उसके मुँह में लौड़ा जाते ही मेरे पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
कुछ मिनट बाद मैंने उसके मुँह से मेरा लंड निकाला और उसकी चूत के छेद पर लगा दिया। मैंने उससे कहा- अन्दर पेल दूँ? उसने कहा- अभी एक मिनट रूको।
वो उठी और एक बड़ी प्लास्टिक का कैरी बैग लेकर आई, मेरी खोपड़ी घूम गई कि ये क्या करने वाली है। उसने उसे फाड़ कर खोला और बिस्तर पर बिछा दिया और उस पर चूत पसार कर लेट गई, मैं उसके ऊपर लेट गया। उसकी बॉडी एकदम गरम थी और बहुत सॉफ्ट भी थी।
उसने मेरे लंड को हाथ से सही ठिकाने पर लगा के मुझे कसकर पकड़ लिया, अब उसने कहा- थोड़ा धीरे करना.. मैंने कहा- ओके..
उसने आँखें बंद कर लीं.. मैं धीरे से धक्का देने लगा.. पर मेरा लंड उसकी चूत में नहीं जा पा रहा था, उसकी चूत बहुत टाईट थी। मैं उसके होंठों को चूसने लगा और लौड़ा निशाने पर फंसा कर एक ज़ोर का झटका दिया.. तो मेरा लंड लगभग आधा उसकी चूत के अन्दर जा चुका था।
वो दर्द से उछलने लगी और मुझे धक्का देने लगी लेकिन मैंने उसे जोर से जकड़ा हुआ था और लगातार किस करे जा रहा था। जबकि वो मुझे अपने से अलग करने की कोशिश कर रही थी।
मैंने उसे कसके पकड़ लिया था, उसके नाखून मेरी बॉडी पर गड़ रहे थे.. जिससे मुझे जलन हो रही थी.. पर तब भी मैंने उसे नहीं छोड़ा और न ही उसके होंठों से अपने होंठों को हटाया।
उसकी सारी मेहनत बेकार जा रही थी और उसकी आंखों से पानी निकल रहा था, उसकी पूरी बॉडी पसीना-पसीना होने लगी थी, वो दर्द से तड़फते हुए घूर-घूर कर मुझे देख रही थी.. पर कुछ बोल नहीं पा रही थी।
तभी मैंने एक और ज़ोर का झटका दिया और अब वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से धकेलने लगी। भी मेरा लंड पूरी तरह से उसकी चूत में अन्दर तक नहीं गया था.. तो मैंने एक और झटका दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया। ऐसा लग रहा था जैसे उसकी टाईट चूत में जैसे कोई लकड़ी का डंडा ठूंस दिया हो.. उसकी चूत ऐसे बंद हो गई थी।
वो मुझे धक्का देने लग गई.. पर मैंने उसे नहीं छोड़ा और कुछ मिनट बाद वो थोड़ी शांत हुई। मैं उसे लगातार किस कर रहा था। थोड़ी देर बाद वो एकदम शांत हो गई। मैंने किस करना बंद किया और उसके मुँह से अपना मुँह अलग कर दिया।
उसने मुझसे कहा- साले इतना ज़ोर से क्यों डाला.. मुझे कितना दर्द हो रहा था.. पता है? मैंने कहा- सॉरी डियर.. पर क्या करता लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था। उसने कहा- ठीक है.. पर अबकी बार बिल्कुल धीरे-धीरे करना। मैंने कहा- ठीक है।
फिर उसने कहा- अभी लंड बाहर निकालो। मैंने कहा- क्यों? तो उसने कहा- मुझे अपनी चूत देखनी है।
मैंने लंड को बाहर निकाला.. तो देखा वो खून से लथपथ था और उसकी चूत से अब भी खून निकल रहा था।
मैं रूमाल से उसकी चूत साफ करने लगा। फिर उसने मेरे लंड को भी रूमाल से साफ किया और उसे चूसने लगी। उसने कहा- थोड़ी देर रूको.. मुझे दर्द हो रहा है।
वो लेट गई.. कुछ मिनट बाद वो उठी पर अब तक मेरा लंड सो चुका था। उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा.. तो मेरा लंड उठ गया, उसने लौड़ा चूसना शुरू किया.. जिससे मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया।
वो चित्त लेट गई.. तो फिर मैंने उसकी चूत को गीला किया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया। उसने फिर से मेरे लंड को पकड़ कर चूत के छेद पर रखा।
मैंने धीरे-धीरे धक्का दिया और मेरा लंड चूत में घुसने लगा। उसने मुझे कसके पकड़ लिया और आँखें बंद कर लीं। उसे अभी भी दर्द हो रहा था.. मैं उसे किस करने लगा.. तो वो भी मुझे किस करने लगी।
मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत में पूरा लंड पेल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा। अब वो मुझे कसके पकड़ कर किस करने लगी। उसके आँख से अब भी पानी निकल रहा था.. पर वो दर्द सहन कर रही थी।
मैंने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाई और वो कामुक सिसकारियां लेने लगी, अब उसको मज़ा आ रहा था और उसने अपने पैर मेरी कमर पर बाँध लिए और मेरी कमर को नीचे से दबाने लगी। अब मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा था, मैंने स्पीड बढ़ाई और वो झड़ गई।
मैं अभी तक नहीं झड़ा था। मैंने और स्पीड बढ़ा दी और अब मैं झड़ने वाला था। मैंने तुरंत लंड बाहर निकाला और उसकी चूत के ऊपर झड़ गया। मेरे लंड से इतना ज़ोर से पानी निकला कि उसके मम्मों तक जा पहुँचा और मैं थक कर उसके पास लेट गया।
मैंने उसके मम्मों पर अपना सर रख दिया और वो मेरे बालों को सहलाने लगी, उसने कहा- बहुत मज़ा आया.. पर दर्द भी बहुत हुआ। मैंने कहा- पहली बार तो दर्द होता ही है।
हम दोनों 30 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे, फिर वो उठी और नहाने के लिए चली गई। मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया, उसने बाथरूम में जाकर पेशाब किया और पेशाब करते वक्त उसकी चूत से थोड़ा खून निकला था।
फिर उसने अपने जिस्म पर पानी डालना शुरु किया तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया, मैं उसके मम्मों को दबाने लगा, वो भी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके मम्मों को चूसने लगा।
कुछ ही मिनट चूसने के बाद मैंने उसकी एक टांग ऊपर करके अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगा कर धीरे-धीरे अन्दर डाल दिया, उसने मुझे कसके पकड़ लिया, मैंने धीरे-धीरे उसको चोदना शुरू किया। मैं उसकी चूत में ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगा, मेरे हर झटके पर वो मुझको अपनी बांहों में जकड़ लेती।
करीबन 5 मिनट के बाद मैंने उसकी चूत में लौड़ा खींच लिया.. वो कुलबुलाने लगी- अरे यार निकाल क्यों लिया.. इतना मजा आ रहा था?
मैंने उसे कुतिया बनने को कहा और वो झट से कुतिया बन गई। फिर मैं भी घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया।
अब मैं उसकी कमर पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से उसे मेरी तरफ खींचने लगा। यह मैं बहुत स्पीड से कर रहा था तो वो 2 मिनट में ही झड़ गई। करीब 5 मिनट उसकी चूत मारने के बाद मैं झड़ने लगा, मैंने लौड़ा बाहर खींच लिया।
फिर वो उठी और नहाने लगी। उसने कहा- आज मैं बहुत थक गई हूँ.. अब कल मिलते हैं।
मैंने कपड़े पहने.. और अपने घर चला आया। फिर मैं रोज़ उसके साथ सेक्स करने जाता। मैंने उसके साथ पूरे एक महीने तक सेक्स किया और इस बीच उसने अपनी एक सहेली को भी मुझसे चुदवाया।
फिर मैं वापस चंडीगढ़ आ गया.. जहाँ मैंने एक चंडीगढ़ वाली आंटी की भी चूत मारी और आंटी की चूत चोदने में मज़ा भी बहुत आया था।
आप सभी को मैं शुक्रिया कहना चाहता हूँ कि आपने टाइम निकाल कर मेरी कहानी पढ़ी। आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ज़रूर बताइएगा। [email protected]
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